याराना का चौथा दौर-4
(Yarana Ka Chautha Daur- Part 4)
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कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि श्लोक और नील ने मिल कर अपनी बीवियों की सुंदर दिखने की आपसी प्रतिस्पर्धा का फायदा उठाते हुए उन्हें उकसाया. बात उनके चूचों का माप लेने से शुरू हुई. अब बारी थी उनके कपड़े उतरवाने की.
रकुल ने अपनी टी शर्ट उतारी और जो दृश्य हमारी नजर के सामने आया वह वास्तव में बड़ा ही उत्तेजक दृश्य था. गुलाब की पत्ते की आकृति में बनी हुई सुर्ख लाल रंग की ब्रा में जब रकुल हमारे सामने खड़ी हुई तो ऐसा लगा कि इससे सुंदर दृश्य और कहीं नहीं हो सकता था।
नील और हम दोनों गुपचुप तरीके से एक दूसरे की तरफ मुस्कुराए।
अगला कदम सीमा ने उठाया और अपनी टीशर्ट उतार कर काले रंग की ब्रा में हमारे सामने खड़ी हो गई। अवश्य इस दृश्य ने नील को बेचैन कर दिया था, सीमा को ब्रा में देख कर उसके होंठ जैसे मारे हवस के एकदम से खुल से गये। उसका हाथ अनायास ही उसके लन्ड पर चला गया था।
गुलाब की पंखुड़ियों जैसी ब्रा में रकुल के गोरे रंग के स्तन जो कि ब्रा से बाहर झांकते हुए लग रहे थे और काले रंग की ब्रा में सीमा के स्तन अपने वास्तविक रंग से और ज्यादा गोरे नजर आ रहे थे।
यह दृश्य हमारी जीत का पहला प्रतीक था। मैंने फीते को लेकर फिर से रकुल के स्तनों का मापन किया। उसके मुलायम और भरे हुए स्तन जब मेरे हाथों में आए तो ऐसा लगा कि मेरा लिंग सुन्न हो गया है। मगर अपनी भावनाओं को काबू रखते हुए मैंने उसके स्तनों को नाप कर उनका आकार एक बार फिर बताया जो था 34 ही।
नील ने टेप लेकर सीमा के स्तनों को मापा जोकि 32 के थे. जैसे ही रकुल ने 32 सुना रकुल खुशी से चिल्लाकर बोली- यस!! मैं जानती थी कि मैं ही जीतने वाली हूं. मेरा अंदाजा कभी गलत नहीं हो सकता था.
उसकी इस खुशी पर सीमा ने नकली रोनी सूरत बनाकर कहा- नो! ये नहीं हो सकता था. ऐसा कैसे हो गया. इसके स्तन मेरे स्तनों से बड़े कैसे हो सकते हैं.
रकुल जोर से चिल्लाने लगी- मैं जीत गई, मैं जीत गई।
इस पर मैंने कहा- अभी तुम्हें केवल एक पॉइंट मिलना है।
सीमा के पास जीतने का एक और मौका है।
रकुल- वो कैसे?
श्लोक- वी हैव टू मेजर योर एस (हमें तुम्हारी गांड का मापन करना पड़ेगा)
रकुल- नहीं, ये नहीं होगा।
सीमा यह सुनकर चहक उठी और खुशी से बोली- यस… यस… यस… माय डियर हस्बैंड!! आई नो माय एस इज़ बिग देन रकुल। (हां मेरे प्रिय पति मुझे पता है कि मेरी गांड रकुल से ज्यादा बड़ी है)
रकुल- नहीं यार, मुझे नहीं नपवाना है।
नील- मान भी जाओ यार रकुल वरना सीमा कहेगी कि उसे जीत का मौका नहीं मिला। और तुम्हारी जीत दुश्मन की हार के बिना अधूरी रह जाएगी।
हालांकि सीमा और रकुल को इतना होश तो था कि उन दोनों के कपड़े उतरते जा रहे हैं लेकिन वह प्रतिस्पर्धा की इस दौड़ में इस बात से अन्जान थीं कि उनके सामने दो जवान मर्द भी हैं. इसलिए उनका ध्यान इस बात पर नहीं जा रहा था कि वो दो भूखे शेरों के सामने अपने आप को शिकार के रूप में प्रस्तुत करने के मार्ग पर चल पड़ी हैं.
पहले तो आनाकानी हुई लेकिन अगले कुछ समय में हमारे समझाने के बाद दोनों रूप की परियां हमारे सामने मात्र चड्डी और ब्रा में थी।
दोनों के अर्धनग्न गोरे गुलाबी शरीर को देखकर क्या दृश्य बन रहा था, यह मैं बखान नहीं कर सकता किंतु आप कल्पना जरूर कर सकते हैं यह कितना उत्तेजक दृश्य रहा होगा।
मैंने रकुल के कोमल कूल्हों को चड्डी के ऊपर से मापा और उसका आकार बताया 35″ और नीला ने सीमा के कूल्हों का आकार बताया 34″
यानी कि इस बार भी सीमा हार गई थी और रकुल 2-0 से आगे हो गई थी।
इससे पहले कि सीमा के हालात बिगड़ते, मैंने तीसरा प्वाइंट दोनों पर दाग दिया और कहा- निश्चित रूप से तीसरे खेल में सीमा ही जीतेगी क्योंकि साफ देखा जा सकता है कि सीमा की कमर रकुल से ज्यादा पतली है और सेक्सी महिला वही होती है जिसकी कमर पतली हो।
मैंने रकुल की शानदार कमर में फीता लगाया और उसकी कमर का आकार बताया 27।
इधर नील ने सीमा की मुलायम कमर को स्पर्श करते हुए फीते से मापन लेकर उसका आकार बताया 26।
अतः अब सीमा को भी एक अंक मिल गया था किंतु सीमा अभी भी हार रही थी। इसलिए सीमा का खेल को जारी रखना जरूरी था।
नील- तीन में से दो अंक रकुल को मिले हैं, इसका मतलब रकुल विजयी हुई है जिसका सीधा सा मतलब है कि मेरी बीवी ज्यादा सेक्सी है।
श्लोक- ऐसा कैसे, अभी खेल पूरा खत्म नहीं हुआ है और जब तक खेल पूरा खत्म नहीं होता तब तक हारने वाला हारा नहीं माना जाता और जीतने वाला विजेता नहीं माना जाता।
नील- अब क्या बाकी है?
श्लोक- हम भी हमारी बीवियों के एक अंग हैं। हमारी बीवी हमसे मिलकर ही तो हमारी बीवी बनती हैं, तो यह प्रतिस्पर्धा हमारे बीच जारी रहेगी। हमें भी देखना होगा कि तुझमे और मुझमे कौन ज्यादा बेहतर है।
जब मैंने ये बात कही तो सीमा के चेहरे पर एक आस सी बंध गई क्योंकि वो किसी भी हाल में रकुल से हारना नहीं चाह रही थी. मगर हमारा मकसद तो कुछ और ही था.
बीवियों के कपड़े तो उतारे ही जा चुके थे. अब पतियों के कपड़े उतरवा कर हमें चारों के बीच में उत्तेजना की चिंगारी को भड़काना था. जब सामने औरत ब्रा और पैंटी में हो तो मर्द के लिंग में तनाव आ जाना बहुत ही स्वाभाविक है.
इसी मौके का फायदा मैं और नील उठाना चाह रहे थे कि जैसे हमें उन दोनों के स्तन और गांड को देख कर जो उत्तेजना हो रही थी वैसे ही वो दोनों भी हमारे नंगे जिस्मों को देख कर उत्तेजित होकर खुद ही इस अदला बदली के खेल को अंजाम तक पहुंचा दें.
(हालांकि हमें पता था कि नील का लिंग मेरे लिंग से बड़ा था किंतु हमें तो हमारे खेल को आगे बढ़ाना था और बीवियों की अदला-बदली करनी थी)
श्लोक- जब हमने हमारी बीवियों को अर्धनग्न करके खड़ा ही कर दिया है तो क्यों न खेल पूरा खेला जाए और देखा जाए कि किसका लन्ड बड़ा है! तेरा या मेरा?
नील- वाह, क्या बात है, मैं इसके लिए तैयार हूं।
हम दोनों की बीवियां नशे के सुरूर में नशीली आंखों से हमारी इस प्रतिक्रिया को देख रही थी।
ऐसा नहीं था कि वह इस खेल में रुचि नहीं ले रही थी। उन्हें भी अब इस बात की जिज्ञासा थी कि आगे क्या होने वाला है और दोनों चाहती थीं कि इस खेल में वह ही जीते।
हम दोनों ने लगभग एक समय पर अपनी चड्डी नीचे उतारी तो सीमा और रकुल दोनों ही एकटक नजर से घूरते हुए ललचाई आंखों से एक दूसरे के पतियों का लन्ड ताड़ने लगीं।
सीमा के लिए बड़े ही आश्चर्य की बात थी कि नील का लन्ड काफी ज्यादा बड़ा था। लगभग 10 इंच का लिंग उसके सामने फनफनाता हुआ झूल रहा था।
उसके लन्ड को देखकर वह अपनी हार भूल गई और उसका पूरा ध्यान नील के लन्ड पर जा ठहरा।
वह एकटक नजर से नील के लन्ड पर नजरें जमाए हुए थी।
इधर माना मेरा लन्ड नील से छोटा था किंतु रकुल भी मेरे लिंग पर नजरें जमाए हुई थी और उसकी भी नजर मेरे लिंग से हट नहीं रही थी।
यह भी स्वाभाविक सी बात थी क्योंकि वो दोनों अपने अपने पतियों के लिंग तो रोज ही देखती थीं मगर आज उनके सामने किसी गैर मर्द का लिंग था इसलिए उनका ध्यान इस तरफ आकर्षित होना लाजमी था. ऊपर से बियर का नशा था जो उनको किसी तरह की शर्म महसूस करने से रोक रहा था.
काफी देर तक नील के लम्बे लौड़े को देखने के बाद जब सीमा को जब होश आया तो उसने कहा- ओह … हम फिर हार गए।
नील- अब मान भी लो कि हम विजेता हैं और तुम हारे हुए हो। हम मियां बीवी तुमसे चुदाई के सारे चरणों में शीर्ष पर हैं।
अब सीमा ने भी हार मान ली थी और रकुल खुशी से विनर विनर चिकन डिनर चिल्लाने लगी।
लेकिन अब नील और मेरा आखिरी दांव खेलने का समय था।
अतः मैंने ताली बजाकर सबका ध्यान अपनी और खींचा और कहा- अभी खेल खत्म नहीं हुआ है। आखिरी खेल बाकी है जो कि बाजी को पलट सकता है. यहां पर इस बात का भी ध्यान रखा जाये कि किसी ने कहा है कि हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं। इस खेल का बाजीगर कौन है, वह आखिर में इस खेल के बाद पता चलेगा।
सीमा को फिर से जीत की आस जगी। इस रणभूमि में मर्द पूर्ण रूप से नग्न और महिलाएं अपने अंतर्वस्त्रों अर्थात ब्रा और पेंटी में बैठी हुई थीं और मेरे अगले वक्तव्य का इंतजार कर रही थीं।
फिर मैंने कहा- देखो रकुल और सीमा! सेक्स के खेल में असली विजेता वह है जो कि लंबे समय तक सेक्स कर सके, चाहे वह महिला हो या पुरुष। जो लंबे समय तक इस खेल का आनंद उठाते हैं वही होते हैं सेक्स के खेल के असली विजेता।
नील- मतलब तू कहना चाहता है कि कौन सेक्स में ज्यादा देर तक टिक सकता है? किसका स्टेमिना ज्यादा है?
श्लोक- हां मेरा मतलब यही है।
सीमा चहक उठी क्योंकि उसे पता था कि इस खेल में उसके पति श्लोक से जीतना किसी साधारण व्यक्ति के बस की बात नहीं है। अतः उससे बिना पूछे ही इस खेल के लिए उसकी हामी तैयार थी। वह जोर से चिल्ला उठी- हो जाए यह खेल!
नील- तो रकुल द्वारा सीमा को दो क्षेत्रों में तथा मेरे द्वारा तुम्हें एक क्षेत्र में हराने के बाद इस क्षेत्र में भी तुम्हें हराना पड़ेगा। किंतु ठीक है, मैं व्याकुल हूं तुम्हें चारों खाने चित करने के लिए। जितना बड़ा मेरा लिंग है उतना ही लंबा मेरे सेक्स का समय भी। आज बता ही देते हैं कि कौन ज्यादा देर तक मजे लेता है और कौन ज्यादा देर तक मजे देता है। रकुल क्या तुम इस खेल के लिए तैयार हो? नील ने अपनी रकुल की तरफ देखते हुए जैसे उसको चैलेंज किया.
रकुल- वैसे यह काफी अजीब लग रहा है, लेकिन हां अगर चारों खाने चित करना ही है तो मैं तैयार हूं।
तो तय हुआ कि हम अपनी-अपनी बीवियों के साथ करीब 20 मिनट यानि कि 9:30 बजे तक फ़ॉरप्ले करेंगे ताकि हमारी बीवियां गर्म हो जाएं और हम भी तैयार हो जाएं और उसके बाद 9:30 बजे अपनी अपनी बीवियों की चूत में अपना लन्ड डालकर धक्के देना शुरू करेंगे और देखते हैं कि कौन ज्यादा देर तक टिक सकता है।
हम दोनों की बीवियां जाल में फंस चुकी थी। अतः वह भी इस खेल को अंजाम देने के लिए तत्पर थीं।
हमने अपनी-अपनी बीवियों को अपने करीब किया और चारों एक ही कमरे में एक दूसरे के होंठों को चूसने और चाटने लगे।
काफी देर तक होंठों को चूसने व चाटने के बाद मैंने सीमा की छातियों को ब्रा से आजाद कर दिया और उसके स्तनों को पूर्ण रूप से नग्न कर दिया।
उधर नील ने भी ऐसा ही किया और गुलाब की पंखुड़ियों जैसी ब्रा से रकुल के शानदार गोरे गुलाबी स्तनों को आजाद कर दिया।
अब हम अपनी-अपनी बीवियों के स्तनों को चूसने चाटने लगे। लेकिन हमारी नजरें एक दूसरे की बीवियों के स्तनों पर ही थीं।
नील ने अपने एक हाथ को रकुल की अंडरवियर में घुसा कर उसकी चूत में उंगली की और उसे सहलाना शुरू किया।
इधर मैंने भी ऐसा ही किया।
मैंने सीमा को बेड पर धक्का देकर उसके शरीर को अंडरवियर से आजाद कर दिया और पूर्ण रूप से उसको नग्न कर दिया।
नील ने भी उसी पलंग पर रकुल को धक्का देकर उसे पूर्ण रूप से नग्न कर दिया।
अब हम चारों कमरे में पूर्ण रूप से नग्न थे. एक दूसरे के शरीर का नजरों से मजा ले रहे थे।
सीमा को मैंने कई बार नील के लन्ड को निहारते हुए महसूस किया और इधर रकुल की नजरें भी मुझसे कई बार मिलीं जो कि पहले मेरे लिंग को देखती और उसके बाद मेरी आंखों की तरफ।
हम चारों के मुंह पर एक दूसरे को देखकर हल्की हल्की मुस्कान थी और हम एक दूसरे में खोने लगे थे। एक ही बिस्तर पर हमने अपनी बीवियों को लेटा कर उनकी टांगें ऊपर करके उनकी चूत के साथ जीभ से खेलना शुरू किया और हमारी बीवियां अपनी चूत को हमारे मुंह पर दबाकर हमारे मुख चोदन का स्वागत करने लगीं।
दोनों की बीवियों ने पहल करते हुए घोड़ी बनकर हमारा लिंग मुंह में लिया और उसे चूसने चाटने लगी और पूर्ण रूप से इस आखिरी खेल के लिए हमारे घोड़े को तैयार किया जो कि इस रेस में दौड़ने वाला था।
9:30 बजने ही वाले थे. हमने अपनी बीवियों को पीठ के बल सीधा लिटाया और उनकी टांगें ऊंची करके अपना लन्ड अपनी-अपनी बीवियों की चूत में डाल दिया जो कि अति उत्तेजना और चिकनाई के कारण एक बार में ही अपनी बीवियों की चूत में चला गया।
यह उत्तेजना सामान्य उत्तेजना से काफी बड़ी थी क्योंकि एक ही बिस्तर पर जब दो जोड़े चुदाई करते हैं तो एक दूसरे के सामने उत्तेजना कितने चरम पर होती है यह वह जोड़ा ही समझ सकता है जिसने की बीवियों की अदला-बदली की हो और जिसने ऐसा नहीं किया हो, वह दो जोड़ों की एक बिस्तर पर चुदाई की पोर्न फिल्म देख कर इस उत्तेजना को महसूस कर सकता है।
अब हमने अपनी बीवियों की चूत में धक्के लगाना शुरू किया और हमारी बीवियां हमारे धक्कों का आह… आह… की कामुक सिसकारियों के साथ स्वागत करने लगीं।
रकुल की चूत में धक्के देते देते नील ने कहा- यार, यह तो गलत बात हो गई है।
श्लोक- क्या गलत बात हो गई है?
नील- जैसा कि मेरा लिंग तुमसे बड़ा है तो यह प्रतियोगिता तो मेरी बीवी रकुल के लिए मुश्किल हो गई है क्योंकि उसे तो तुमसे बड़ा लिंग अपनी चूत में काफी देर तक लेना है। इस तरह से तो रकुल जल्दी थक जाएगी। अब रही बात सेक्स के खेल में ज्यादा टिकने की तो वैसे भी हमारे अंक तुमसे कहीं ज्यादा हैं, तो अगर फिर भी इसी खेल से जीत और हार का फैसला होना है तो सीमा को थोड़ी कठिन परीक्षा मिलनी चाहिए क्योंकि यह प्रतियोगिता तो सेक्स के खेल में ज्यादा देर टिकने की है। वे 3 अंक जो हमने मिलकर जीते हैं उनके बदले सीमा की परीक्षा को हम थोड़ी सी कठिन नहीं बना सकते? यही तो बराबर का सौदा होगा और इससे पता भी चलेगा कि सीमा अपने उस लिंग जो कि वह रोजाना लेती है से बड़े लिंग को अधिक देर तक ले पाएगी कि नहीं! यही तो इस खेल की सही कसौटी बनेगी. तुम्हारे लिंग को तो वह रोज ही लेती है, उसको तुम्हारा मुझसे छोटा लिंग लेने में क्या परेशानी हो सकती है! बात तो मुकाबले की तब होगी जब वह मेरे साइज के लिंग को झेल कर दिखा दे कि वह कितनी देर तक मेरे जितने बड़े लिंग को बर्दाश्त कर सकती है. बताओ अगर मैं गलत कह रहा हूं तो? नील ने सीमा के मदहोशी भरे चेहरे की तरफ देख कर कहा.
सीमा को भी अपने लिये यह चुनौती जैसा लगा. उसके चेहरे के भावों से यह पता लग रहा था कि वह नील की इस चुनौती को स्वीकार करके विजयश्री का स्वाद चखने के लिए जैसे तैयार लग रही है. मगर उसको अपने पति (श्लोक) यानि मेरे हुक्म का इंतजार था.
कहानी अंतिम भाग में जारी रहेगी. बीवियों की अदला बदली के इस याराना में जुड़े रहिये अन्तर्वासना के साथ.
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