याराना का चौथा दौर-1
(Yarana Ka Chautha Daur- Part 1)
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दोस्तो, मैं आपका प्यारा राजवीर एक बार फिर से आप सभी पाठकों के बीच में हाजिर हूं. मैंने अब तक तीन कहानियों को पांच भागों में लिखा है जिनमें कि
याराना
भाई-बहन, जीजा-सलहज का याराना
और
याराना का तीसरा दौर
ने आप सब के दिलों को जीता।
जिन पाठकों ने याराना शुरू से नहीं पढ़ी है वे कृपया असली मजा लेने के लिए याराना शुरू से पढ़ें, तभी आप इस कहानी से अच्छे से जुड़ पाएंगे।
यह कहानी सच्ची घटनाओं को थोड़ा तोड़-मरोड़ कर पिरोई गयी है। इस कहानी के पूर्ण रूप से काल्पनिक या वास्तविक होने का मैं दावा नहीं करता हूं। यह कहानी याराना का तीसरा दौर अर्थात् वीना-विक्रम के साथ हम दोनों पति पत्नी अर्थात् राजवीर-रीना की अदला-बदली वाली चुदाई के बाद की कहानी है.
वीना की चुदाई की अगली सुबह जब मैं उठा तब वीना मेरे साथ उनके बेडरूम में पूरी तरह नंगी पड़ी हुई थी। खिड़की से हल्का सा प्रकाश आ रहा था जिसमे मैं वीना के गोरे रंग के चमकते हुए नंगे बदन को देख सकता था। यह दृश्य बिल्कुल उसी तरह था जिस तरह कि वीना और विक्रम ने एक झूठी घटना को मुझे अदला-बदली में शामिल करने के लिए गढ़ा था।
लेकिन जहां उस वक्त में मुझे अपनी आंखें खोलते ही एक घबराहट का अहसास हुआ था वहां उस घबराहट की जगह मन्द मुस्कराहट ने ले ली थी। सुबह उठकर हम चारों यानि विक्रम-वीना और मैं तथा रीना एक साथ नाश्ते की टेबल पर मिले। जहां एक दूसरे ने हमारे इस नए जीवन का स्वागत मुस्कराहट के साथ किया।
उस घटना को करीब एक सप्ताह हो गया था। विक्रम और मैं सुबह ऑफिस जाते और शाम को घर आकर खाना खाकर एक दूसरे की बीवियों के साथ सोते। यानि रीना अपने कॉलेज के दिनों के प्रेमी विक्रम के साथ पति-पत्नी का जीवन जी रही थी और विक्रम जो कि रिश्ते में अब रीना का देवर हो चुका था, वह रोज अपनी भाभी की चुदाई करता। इधर मैं विक्रम की पत्नी वीना की चुदाई करता। इस प्रकार जीवन एक दूसरे की बीवियों के साथ अदला बदली करके मजेदार चल रहा था।
करीब सात दिन बाद रीना ने आज मेरे साथ यानि अपने असली पति के साथ सोने की इच्छा जताई और आज हम दोनों साथ थे।
रीना और मैं अपने बैडरूम में:
राजवीर- आखिर प्रेमी के साथ रहकर भी असली पति की याद आ ही गयी तुम्हें?
रीना- कम से कम मुझे आई तो? तुम तो मुझे भूल ही गये। ऐसे डूब गए वीना की चूत की गहराइयों में कि कभी मेरे बारे में सोचने की जहमत नहीं उठाई।
राजवीर- नहीं यार। मैं तो कब से तुम्हारे पास आने वाला था। मगर सोचा कि बिछड़े प्रेमियों को साथ रहने देकर प्रेम में बाधा न बनूं।
रीना- सच बताऊं तो राज, मुझे प्यार तो है लेकिन विक्रम से नहीं, केवल तुमसे। मैं तुम्हारे बिना बिल्कुल नहीं रह सकती। विक्रम अच्छा है लेकिन कॉलेज के समय जो हुआ वह एक आकर्षण था जोकि तब ही खत्म हो गया था। शादी के बाद विक्रम के बारे में मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा।
मगर उसके बाद फिर जो अदला बदली हुई तो मैं जज्बातों में बह गई। हवस में आकर मैंने सोचा कि क्यों न पुराने प्रेमी के लंड का स्वाद भी लेकर देखा जाये. देखना चाह रही थी कि देवर भाभी जो कभी प्रेमी-प्रेमिका वाले आकर्षण से गुजरे हों अगर उनको एक मौका दिया जाये तो वो किस हद तक चुदाई का मजा ले पाते हैं.
उसकी इस बात पर हम दोनों हंसने लगे।
शुरूआत में रीना और मेरे बीच में आज तक कभी ऐसे खुल कर बातें नहीं होती थी। ये इन तीनों अदला बदली की चुदाई का ही कमाल था कि वह इतनी बोल्ड हो गयी थी। वह अब बेहिचक अपनी इच्छाएं और अपने मन के भाव मेरे साथ शेयर कर लेती थी. लंड और चूत जैसे शब्द तो उसके लिए सामान्य हो गये थे.
रीना- तुम्हारी बात सबसे अलग है राज। प्यार तो मुझे बस तुमसे है। कितना भी चोद ले कोई मुझे, लेकिन मेरे जिस्म को बस जैसे तुम्हारी बांहों का ही इंतजार रहता है। रीना की ये बात सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और उस पर बहुत प्यार आया।
उस पर आ रहे इस प्यार को जाहिर किये बिना ही मैं बोला- चलो माना कि विक्रम के लिए वो प्यार न रहा हो लेकिन श्लोक??? उसके बारे में क्या टिप्पणी करना चाहोगी आप?
वो तो प्यारा भाई है तुम्हारा. ऊपर से उसका वो अंदाज जो चूत को उधेड़ देने वाली चुदाई करके रख देता है, वो तो किसी भी औरत को अपना दीवाना बना सकता है।
रीना- सच कहा राज! श्लोक की चुदाई किसी भी औरत को अपना दीवाना बना दे और चुदाई के मामले में तो मैं उसकी दीवानी हूं। श्लोक भी बहनचोद बनकर अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझता है कि उसे ऐसी कमसिन औरत की जी भर के चुदाई करने का सौभाग्य मिला।
राजवीर- तो फिर बताओ, विक्रम वीना से चुदाई के पहले और तुम्हारे जन्मदिन के पहले जब तुम अहमदाबाद श्लोक के पास थी तो तुमने कैसे कैसे मजे किए?
रीना- ओह हां … मैं तो तुम्हें बता ही नहीं पायी कि वहाँ क्या हो रहा था। श्लोक और सीमा हमारी सोच से काफी आगे बढ़ गए हैं।
मैं- अच्छा? वो कैसे?
रीना- अरे यार, श्लोक और आप दोनों दोस्त हो, तो आप श्लोक से ही जानिए इस बारे में। वो बड़े रोचक ढंग से आपको ये बात बता पाएगा।
मैं- अच्छा। अगर तुम्हें ऐसा लगता है तो यह किस्सा श्लोक से ही सुना जाएगा और वैसे भी अब हम दोनों को ऑफिस के सिलसिले में गोवा जाना है तो रास्ता और समय इन चुदाई की बातों में अच्छा कट जाएगा। चलो अब सोते हैं।
इस तरह बातें करते हुए हम सोने की तैयारी करने लगे। बीते सप्ताह में रीना ने विक्रम से और मैंने वीना से इतनी चुदाई की थी कि हम पति-पत्नी के मन में चुदाई का ख्याल बिल्कुल न था। मुझे नहीं पता कि यह मेरे साथ ही हो रहा था या रीना भी ऐसा ही सोच रही थी.
किंतु सोने से पहले जब रीना ने अपने सारे कपड़े उतारे तो उसकी गोरी पतली कमर पर चमकदार कुल्हे देख कर मेरा लन्ड हिचकोले खाने लगा। दोस्तो, रीना के शरीर का बखान तो मैं सब ही कहानियों में कर चुका हूं. अदा खान सा चेहरा और तमन्ना भाटिया से शरीर वाली रीना को जब मैंने देखा तो उसकी चुदाई का ख्याल मन में आखिरकार जाग ही गया।
जैसे ही सफेद व गुलाबी देह की मालकिन मेरे बिस्तर में आकर गिरी तो उसे चूमे बिना नहीं रहा गया। मैंने अपना मुंह अति आकर्षण पैदा कर रहे कूल्हों में घुसा दिया और उसके कूल्हों को दांतों से काट कर लाल कर दिया। उसने मेरी उत्तेजना को समझते हुए अपनी गांड का छेद मेरे मुंह पर दबा दिया. अतः मैंने उसके उभरे हुए गांड के छेद को अपनी जीभ से ऊपरी भाग तक चोदना शुरू कर दिया।
रीना अपनी गांड को मेरे मुंह पर जोर-जोर से दबाने लगी। हम दोनों इतने उत्तेजित हो गए थे कि एक दूसरे में समाने के लिए बेसुध हो पड़े थे। रीना ने मुझे बिस्तर पर गिरा कर मेरे तने हुए लन्ड को चूसना शुरू कर दिया और अपने थूक से लपेटते हुए उसे चूस-चूस कर उसे चिकना बना दिया।
उसके बाद उसने मुझे पीठ के बल सीधा लेटा दिया और ऐसा करने के बाद मेरी रानी ने मेरे खड़े लिंग को अपनी गांड के छेद के अंदर लेते हुए उसको आहिस्ता से हौले-हौले भीतर लेते हुए बैठ गई और धीरे-धीरे ऊपर नीचे हो कर लपालप … लप-लप की आवाज करते हुए मेरे लिंग का भोज अपनी गांड को कराने लगी।
मेरी हुस्न परी बीवी के गोरे गुलाबी स्तन मेरे सामने उचकते हुए एक अलग ही दृश्य पैदा कर रहे थे। अतः मैंने अपने दोनों हाथों से उन्हें दबाकर मसलना शुरू कर दिया। उसके आकर्षक शरीर ने मुझे इतना दीवाना बनाया कि मैं जाहिल और हवस के प्यासे मर्द की तरह उसके स्तनों को नोंचने लगा। रीना ने सिसकारियां भरते हुए अपने स्तनों को मेरे मुंह पर जोर डालते हुए दबाया और अपना एक स्तन मेरे मुंह में दे दिया।
इसका अर्थ यह था कि अब रीना की जोरदार चुदाई चालू हो गई और तेज पट-पट की आवाज़ कमरे में गूंजने लगी. करीब 15 से 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं रीना की गांड में ही झड़ गया. दोनों बेसुध होकर एक दूसरे की बांहों में गिर गए और पता ही नहीं चला कि कब नींद आ गई।
अगले दिन मैंने श्लोक को मेल किया कि कल बिजनेस मीटिंग के लिए हमें गोवा के लिए निकलना है, इसलिए मैं तुम्हें अहमदाबाद एयरपोर्ट पर मिलूंगा. वहां पर मुझे तुम तैयार मिलना. वहां से हम दोनों 5 दिन के लिए गोवा चलेंगे।
कुछ देर बाद श्लोक ने मेरे मेल के उत्तर में हां करते हुए मुझे गोवा जाने के लिए हरी झंडी दिखा दी।
अगली सुबह मैं अहमदाबाद के लिए निकल गया। करीब सुबह 10 बजे श्लोक और मैं आमने सामने थे। दोनों जीजा-साले पुराने यारों की तरह गले मिले।
श्लोक- क्या यार जीजू, कितना दूर कर दिया मुझे अपने से! बड़े दिन लगे सामान्य जीवन में ढलने के लिए।
हंसते हुए मैंने उसको छेड़ने के इरादे से पूछा- यह मुझसे बिछड़ने का दुख है या अपनी बहन रीना से?
श्लोक- अरे … माना कि याद उनकी भी सताती है लेकिन आप भी मेरे लिए कम नहीं। आप मेरे सबसे अजीज़ दोस्त, सबसे प्यारे साथी और सबसे प्यारे जीजू हो। मुझे आपकी कंपनी की बहुत याद आती है। दोस्त बहुत नए मिल गए लेकिन आप जैसा कोई नहीं है।
मैं (राज)- चलो अच्छा है कि मेरी इतनी कद्र है तुम्हें। खुशी हुई यह जानकर। वैसे श्लोक मुझे भी तुम्हारी काफी याद आती है और साथ ही सीमा की भी। वैसे तुम बुरा मत मानना. तुम्हारी याद पर सीमा की जाँघों की याद ज्यादा भारी है. उसकी लंबी टांगें मुझे सबसे ज्यादा याद आती हैं।
इस पर हम दोनों हँसने लगे। फिर हमने अगली फ्लाइट पकड़ी। दोनों साथ बैठे और याराना के यारों का बातचीत का दौर शुरू हुआ।
श्लोक- और बताइए, कैसी चल रही है हमारे बिना आप दोनों की जिंदगी?
खैर, मैं आपसे नाराज हूं जो आपने रीना दीदी को उनके जन्मदिन पर एकदम से बुला लिया. हमने उनके जन्मदिन का खास इंतजाम किया था जिसे हम पूरा नहीं कर सके।
राज- यार मैं भी पति हूं उसका। मेरा भी हक़ बनता है उसका जन्मदिन मनाने का।
श्लोक- वैसे क्या था वो विशेष प्लान जो कि आपने रीना दीदी के साथ संपन्न करके उनका जन्मदिन खास तरीके से मनाया?
राज- वो कभी बाद में बताऊंगा।
(मैं फिलहाल श्लोक को, विक्रम-वीना के साथ हुआ याराना नहीं बताना चाहता था और श्लोक से उस किस्से की बात निकलवाना चाहता था जिसके बारे में रीना बात कर रही थी)
श्लोक- अच्छा… चलो ठीक है.
राज- यार श्लोक, मैं अबकी बार कुछ बड़ा आयोजन करने के बारे में सोच रहा हूँ।
श्लोक- वाह! सेक्सी जीजू के मन में एक और नया प्लान! आईं एम एक्साइटेड। (मैं उत्साहित हो रहा हूं)
राज- मुझे लगता है कि अब छोटे-छोटे याराना बहुत हुए। अब समय है कि सभी यारों को मिलाकर यारों का याराना बनाया जाए।
श्लोक- ओह… मुझे लगता है आप सबको इकट्ठा करने के बाद सामूहिक चुदाई सम्मेलन आयोजित करना चाहते हैं। क्यूं सही पहचाना न मैंने जीजू?
राज- हम्म्म्म! सही समझे श्लोक … अब हम आठों को मिलकर एक दूसरे से सम्भोग का सुख ले ही लेना चाहिये।
श्लोक- क.. क.. क्या… क्या? आपने आठ कहा?
आपने गलत अंक कहा है या फिर मेरा गणित गलत है?
राज- नहीं मैंने तो कोई गलत अंक नहीं कहा।
श्लोक- तो फिर हम आठ कैसे हुए? आप और रीना दीदी, मैं और सीमा,
आपका दोस्त रणवीर और उनकी बीवी प्रिया. कुल मिला कर हम तो छह ही हुए।
राज- हम्म। ये तो छह ही हुए लेकिन बाकी के दो सदस्य तुम्हारे लिए सरप्राइज़ के रूप में सामने आयेंगे।
श्लोक- क्या बात करते हो जीजू? इतने लोगों का सामूहिक चुदाई के लिए मिलना ही एक बड़ी उत्तेजना का विषय है. उसके ऊपर से आप मुझे सरप्राइज़ और देना चाहते हैं! आखिर कौन है वहा जोड़ा… प्लीज बताइए न!
मैं- श्लोक इस याराना में मैंने सभी चरित्रों के लिए सरप्राइज़ रखा है और उनमें तुम भी शामिल हो. चिंता मत करो. समय आने पर तुम्हें सब पता चल जाएगा और जब पता चलेगा तब तुम्हारी खुशी का ठिकाना नहीं होगा।
(मैं श्लोक से विक्रम और वीना के जोड़े को याराना में सम्मिलित होने की बात को छुपा रहा था और यही उसके लिए सरप्राइज़ था)
श्लोक- चलिए ठीक है। मैं इंतजार का मजा लेता हूं। वैसे कहां आयोजन होगा इस महा-याराना का?
राज- मालदीव कैसी जगह रहेगी? वहाँ हम 4 कमरों का एक कॉटेज बुक करेंगे और लम्बे समय तक एक दूसरे की बीवियों की चूत चुदाई का मजा लेंगे। अलग से चुदाई, अलग-अलग लोगों से चुदाई, सामूहिक चुदाई … बड़ा मजा आएगा!
श्लोक- सच जीजू? मेरा लंड तो इसके बारे में अभी से सोचकर ही खड़ा हो गया। लेकिन सारे सरप्राइज़ केवल आप देंगे तो यह आपके साथ नाइन्साफी है।
मेरे पास भी आपके लिए एक सरप्राइज़ है। आप वहां 4 कमरों वाला नहीं 5 कमरों वाला कॉटेज बुक कीजिए। वह भी समंदर के किसी टापू पर, जहाँ हम लोगों के अलावा और कोई न हो। ताकि दस के दस उस अदला बदली की दुनिया में खो जाएं वहां जाकर।
(ऊंट पहाड़ के नीचे आ गया था। श्लोक द्वारा मुझे उनके अहमदाबाद के उस किस्से की शुरूआत का हिंट मिल गया था)
राज- 5 कमरे? लेकिन क्यों? हम तो आठ ही हैं।
श्लोक- नहीं जीजू, हम 10 लोग होंगे इस महा-याराना में। बाकी के दो का राज मैं आपको बताता हूं। लेकिन फिर आपको बताना होगा कि वो सातवें और आठवें सदस्य का क्या राज़ है!
राज- ठीक है। वादा रहा।
श्लोक- तो सुनिए जीजू। याराना का वो दौर जिससे आप अन्जान हैं। मेरे और सीमा के साथ किसी नए जोड़े की अदला बदली की चुदाई की कहानी से अब मैं पर्दा उठाने जा रहा हूं। आपका लंड अभी खड़ा न कर दिया तो कहना.
राजवीर के शब्दों में- तो मेरे प्यारे दोस्तो, अब समय आ गया है श्लोक के मुंह से याराना के चौथे दौर की पहली घटना सुनने का, जब मेरी बीवी रीना मेरे साले श्लोक के साथ अहमदाबाद में थी. इन भाई-बहन की चुदाई के बीच वो दूसरा जोड़ा कौन था जिसको लेकर मुझे अभी तक भनक भी नहीं लग पाई थी!
भाई-बहन की चुदाई का वो याराना आपको कहानी के अगले भाग में सुनने के लिए मिलेगा. आपका पसंदीदा विषय शुरू होने वाला है. बीवियों की अदला-बदली वाली चुदाई का एक और किस्सा आपके सामने होगा. अबकी बार उस किस्से में मेरे (राजवीर के) साले श्लोक की लंबी चुदाई और सीमा यानि कृति सेनन जैसी सुंदर देह वाली औरत की ठुकाई का कार्यक्रम कहानी के अगले भाग में प्रकाशित होगा.
अपने सन्देशों के माध्यम से उत्साह वर्धन करते रहिए और पढ़ते रहिए अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज़ पर बीवियों की अदला बदली वाली चुदाई का ये याराना।
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