वाइफ़ स्वैपिंग किसकी बीवी किसका पति-4
(Wife Swapping- Kiski Biwi Kiska Pati- Chapter 4)
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हिना ने कह दिया- हाँ, आज से मैं आपकी आधी घर वाली…
सब हंस पड़े उसके इस बेबाक अन्दाज पर!
माही को ऑफिस की जल्दी थी.. उसने अगले दिन रवि और हिना को डिनर पर बुलाया।
अगले दिन शाम को रवि का फोन माही के पास आया कि उसका एक क्लाइंट मुंबई से अचानक आ गया है तो वो आने में लेट हो जाएगा।
माही ने कहा- तो हिना को जल्दी भेज दो.. हम तुम्हारा डिनर पर इंतज़ार करेंगे।
रवि बोला- ड्राईवर उस क्लाइंट को लेने एअरपोर्ट जायेगा तो हिना अकेले कैसे आयेगी?
इस पर माही बोला- ऑफिस से लौटते में मैं हिना को ले लूँगा।
माही आज पहली बार अपने कपड़ों को लेकर जागरुक था, वो जाने से पहले ऑफिस के वाशरूम में ही फ्रेश हुआ और बाजार से मंगवाए वेट टिश्यू से अपने चेहरे और बदन की दुर्गन्ध को मैनेज किया।
वह रेड रोज का एक बुके और बड़ी चॉकलेट लेकर रवि के घर पहुंचा… हिना तैयार थी.. उसे लेकर माही घर की ओर चला।
रास्ते में उसने हिना को बुके और चॉकलेट दी।
हिना बहुत खुश हुई, बोली- रेड रोज का मतलब जानते हैं जीजू?
माही हंस कर बोला- जिस पर दिल आ जाए उससे दोस्ती करने के लिए फर्स्ट गिफ्ट रेड रोज और चॉकलेट होती है।
हिना के गाल यह सुनकर लाल गुलाब हो गए।
माही ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा तो उसने कुछ नहीं कहा।
माही ने गाड़ी एक सुनसान जगह साइड पर की और हिना के हाथ को ऊपर उठकर चूम लिया।
हिना शांत रही।
घर पहुँच कर वो कल की तरह ही खुल कर मजाक कर रही थी।
लगभग 10 बजे रवि आया.. डिनर लेकर दोनों 11 बजे चले गए।
आधे घंटे बाद माही के फोन पर एक मैसेज आया ‘थैंक्स… लव यू!’
माही समझ गया कि यह नंबर हिना का है।
उसने मैसेज डिलीट कर दिया।
अगले दिन उसकी हिना से काफी देर एक दोस्ताना बातें हुईं और यह तय हुआ कि अब दोनों रोज बातें करेंगे पर हिना बोली- अगर आप गलत ना समझें तो प्लीज श्वेता या रवि को ये न मालूम पड़े..
बिना बात का कोई कन्फ़्यूजन वो नहीं चाहती थी।
दो तीन दिन ऐसे ही निकल गए, अब श्वेता रवि से बात करती तो माही से छिपाकर और उधर हिना माही से बात करती तो रवि से छिपाकर…
रवि शाम को माही के आने के बाद घर आया और उसने श्वेता को बताया कि दिल्ली में इस इतवार और सोमवार को एक अन्तराष्ट्रीय इंटीरियर डिजाइनिंग मेला लग रहा है और वो इतवार की सुबह फ्लाइट से दिल्ली जाएगा।
सुनकर श्वेता ने भी माही से जिद की उसे भी इस मेले में जाने दे।
पहले तो माही ने मना कर दिया कि दिल्ली में कहाँ ठहरोगी।
तो श्वेता बोली कि उसकी सहेली कॉल सेंटर में जॉब करती है और अपने पेरेंट्स के साथ ही रहती है। मैं उसी के पास रुक लूंगी।
उसकी जिद के आगे माही ने हाँ कह दी।
रवि बोला- इनका ख्याल में पूरा रख लूँगा और आने जाने की फ्लाइट का टिकट भी करा लूँगा।
उस रात थैंक्स गिविंग के लिए श्वेता ने माही को जमकर सेक्स पार्टी दी।
अगले दिन 11 बजे रवि का फोन आया कि उसने एयर टिकेट्स करा दी हैं और अपने होटल में ही एक रूम बिना नाम के रुकवा दिया है।
दोनों ने यह प्लानिंग की कि ऐसा मौका फिर कब मिलेगा तो श्वेता कुछ न कुछ बहाना बनाकर होटल में ही रुक जाएगी ताकि…
अगले दो दिन श्वेता ने अपनी तैयारी में निकाल दिए।
आधा दिन तो उसको पार्लर में ही लग गया… पूरी वेक्सिंग और पता नहीं क्या क्या..
उसने अपनी चूत को भी ऐसा चमकाया कि रात को जब माही का मुँह उसने जबरदस्ती अपनी चूत में किया तो माही तो पागलों की तरह उसकी चूत को चूसने लगा।
उस रात उसकी चुदाई ऐसी थी कि श्वेता को लगा कि आज उसकी चूत फट जायेगी और वो दिल्ली नहीं जा पायेगी।
चूत तो फटनी थी, पर श्वेता चाहती थी कि दिल्ली में फटे…
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
इतवार सुबह 6 बजे वो और माही एयरपोर्ट पहुँच गए।रवि वहां पहुँच चुका था।
श्वेता ने क्रीम कलर का टॉप और ट्राउजर और हील वाली बेलीज पहने थी, नेल पेंट उसने रेड लगाया था। कुल मिलाकर रवि का लंड खड़ा करने का पूरा इंतजाम था।
प्लेन में रवि ने श्वेता का हाथ कई बार चूमा।
दिल्ली पहुँच कर उन लोगों ने अपने होटल में चेक इन किया और फटाफट एग्ज़िबिशन के लिए निकले।
हालाँकि रवि एक ट्रिप के मूड में था पर टाइम नहीं था इसलिए बस चूमा चाटी के बाद दोनों रूम से बाहर आ गए।
रवि ने श्वेता का नाम अपने गेस्ट की तरह होटल के रजिस्टर में लिखा।
श्वेता को भी खुमारी पूरी चढ़ चुकी थी तो उसने भी सोचा जो होगा देखा जाएगा।
दिन भर दोनों प्रदर्शनी में रहे, शाम को होटल वापस आये तो 7 बज चुके थे।
अब श्वेता को कोई बहाना बनाना था होटल में ही रुकने का!
उधर सुबह एयरपोर्ट से चलते समय रवि ने माही को अपने ऑफिस की चाभी दी जो गलती से उसके साथ आ गई थी।
उसने कहा कि किसी स्टाफ से घर भेज देना।
आज सन्डे की वजह से माही का भी ऑफिस बंद था और वो खाली था, उसने सोचा कि चलो हिना से मुलाकात हो जायेगी।
तो वो खुद ही लौटते में रवि के घर चाभी देने चला गया।
रवि के घर पहुँच कर वहां भी सन्नाटा था क्योंकि ऑफिस बंद था और ड्राईवर भी कार खड़ी करके चला गया था।
डोर बेल बजाने पर पांच मिनट बाद हिना ऊपर टेरेस पर आई और माही को देख कर चौंक गई।
उसने शॉर्ट्स और टॉप पहना था।
वो नीचे गेट खोलने आई और आते में गाउन डाल लिया।
माही ने मोर्निंग विश करके चाभी दी और लौटने लगा तो हिना बोली- आज घर पर कोई काम तो आपको है नहीं, रुकिए चाय पीकर जाइएगा।
गेट बंद करके अंदर आकर माही को उसने लॉन में बिठाया और चाय बनाने के लिए जाने लगी तो माही भी साथ साथ अंदर ही आ गया कि बाहर बैठे बोर ही होऊँगा।
पर उसने अंदर हिना से कहा- तुम शॉर्ट्स में बहुत प्यारी लग रही थीं, क्या मुझसे पर्दा करना है जो गाउन डाल लिया?
हिना ने हंस कर गाउन उतार दिया।
टॉप के अंदर ब्रा ना पहने हनी से उसके निप्पल का उभार अलग ही नजर आ रहा था।
चाय लेकर दोनों अंदर ही बैठ गए।
आज दोनों खाली थे और अकेलापन होने से बदन में कामाग्नि सुलगनी शुरू हो गई थी।
हिना ने पूछ ही लिया कि सन्डे को क्या करते हो।
माही ने बेशर्मी से कह दिया कि सन्डे को जो करता हूँ वो तो आज श्वेता नहीं है तो कैसे होगा, आज तो बोरियत ही होगी।
हिना चुप रही।
माही जाने के लिए खड़ा हुआ.. उसकी शॉर्ट्स में भी उभार आ गया था।
उसने हिना से पूछ लिया- तुम क्या करोगी दिन में?
हिना बोली- कुछ ख़ास नहीं।
माही ने हिना का हाथ पकड़ के कहा- क्यों नहीं आज हम दोनों ‘कुछ नहीं’ की जगह कुछ करें।
हिना बोली- क्या?
अब माही का सब्र टूट चुका था, उसने हिना को होठों से चूम लिया।
हिना भी उससे चिपट गई।
दोनों एक दूसरे को चूमते रहे… कुछ पल बाद माही बोला- आज तुम मेरे साथ रहो, कपड़े पैक कर लो।
हिना कुछ सोचने लगी…
यह कहानी जारी रहेगी।
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