योग के बहाने भोग तक का सफर- 3

(Sex With Friend Xxx Kahani)

सनी वर्मा 2021-05-25 Comments

सेक्स विद फ्रेंड Xxx कहानी में पढ़ें कि पराये मर्द का लंड लेने के बाद पत्नी ने अपने पति को उसके दोस्त की बीवी की चुदाई करने की बात कही. उसके बाद क्या हुआ?

दोस्तो, मैं आपको एक पत्नी की चुदाई की प्यास की कहानी बता रहा था.
सेक्स विद फ्रेंड Xxx कहानी के पिछले भाग
पड़ोसी मर्द के लंड का भोग
में अनीता ने प्रकाश को चकमा देकर अपने किरायेदार रमण से चूत मरवाने की ठान ली थी.

वो प्रकाश की दारू पार्टी वाले दिन रात को चुपके से बाहर गई और फिर रमण की गाड़ी में वापस आ गयी. चुपके से वो बाहर वाले जीने से रमण के कमरे में चली गयी.

रमण के कमरे में अनीता ने रमण से अपनी चूत मरवाई और फिर जल्दी से नीचे आ गयी. तब तक प्रकाश की दारूपार्टी खत्म हो गयी थी. फिर वो रमण की ही गाड़ी में वापस मार्केट की तरफ निकल गयी.

अब आगे सेक्स विद फ्रेंड Xxx कहानी:

अनीता जैसे आई थी, वैसे ही रमण के साथ गाड़ी में लौट गयी और थोड़ी देर में टैक्सी से घर आ गयी।
रमण उसके पीछे पीछे ही आया।

प्रकाश तो नशे में धुत्त था। वो सोफ़े पर ही लेटा रहा.

विजय उसे नमस्ते कह कर चला गया।

अनीता ने शावर लिया। सच में आज रमण ने उसे थका दिया था। उसके मन में तो आया कि अंदर का जीना खोल कर रमण को बुला ले और एक राउंड और हो जाये।

उसने बाहर झाँका तो प्रकाश तो टुन्न था। उसने रमण के फोन पर घंटी बजाई तो उसका फोन व्यस्त था, शायद वो फोन पर अपनी बीवी की चूत चोद रहा होगा उस वक्त!

अनीता ने कपड़े उतारे और नंगी ही बेड पर सो गयी।

अगले दिन न तो प्रकाश घूमने गया न ही अनीता ऊपर योगा करने।
मगर अनीता ने दिन में रमण को फोन करके दवाई मँगवा ली थी। वो बहुत डर रही थी।

अगला दिन ऐसे ही निकल गया. प्रकाश भी घूमने नहीं जा पाया और न ही अनीता ऊपर जा सकी।

अनीता को मन में ग्लानि भी हो रही थी कि प्रकाश इतना प्यार करता है उससे, फिर उसने ऐसा क्यों किया!
उसने रात को प्रकाश को भरपूर प्यार दिया।

मगर कल रात सेक्स के दौरान प्रकाश ने उससे कहा कि क्यों न एक बार किसी कपल से स्वैपिंग की जाये?
वो गंभीर होकर ये बात कर रहा था.

अनीता ने उसे प्यार से समझाया कि जब वो दोनों इतना प्यार करते हैं तो और कोई क्यों?
इस पर प्रकाश बोला कि विजय और उसकी बीवी इसके लिए इच्छुक हैं। अब आगे से एक बार विजय यहाँ आएगा, एक बार मैं उसके घर जाऊंगा।

वो बोला- अगर तुमको कोई दिक्कत न हो तो मैं विजय से बात करूं?
अनीता ने कहा- अभी नहीं, मैं सोचकर बताऊंगी इस बारे में।

फिर ये सब बातें होने के बाद दोनों सो गये.

रात को अनीता की आँख खुली; उसे पेशाब जाना था।

वो प्रकाश का मोबाइल अपने साथ ले गयी।
उसने व्हाट्सएप्प में विजय का अकाउंट चेक किया तो देखा कि विजय की बीवी की नंगी फोटो थीं।
अनीता को अब सारा माजरा समझ आया कि विजय प्रकाश को कैसे उकसा रहा है स्वेपिंग के लिए।

हालांकि विजय स्मार्ट था, पर अनीता को ये अच्छा नहीं लग रहा था कि प्रकाश किसी और औरत के साथ करे।
मगर अब जब वो खुद कर चुकी थी, तो प्रकाश को कैसे मना करती?

सुबह प्रकाश घूमने गया मगर अनीता ऊपर नहीं गयी।

जब अनीता ऊपर नहीं आई तो रमण ने उसे फोन करके नीचे आने की इजाजत मांगी।
अनीता शॉर्ट नाइटी में थी। अब रमण से कोई पर्दा नहीं था उसे.

उसने जीना खोल दिया और रमण के आते ही वो उससे चिपट गयी। उसने अपनी सारी परेशानी रमण को बताई।
रमण बोला- बात तो सही है तुम्हारी, गलती तो हमने की है। मगर हम अपने पार्टनर को मना नहीं कर रहे हैं तो फिर हम गलत नहीं हैं।

बहुत देर तक दोनों बात करते रहे। कश्मकश में अनीता सिगरेट पर सिगरेट फूँक रही थी।

रमण ने उसे समझाया कि आज प्रकाश को विजय के घर जाने दो। उससे कुछ नहीं पूछना। पहली बात तो वो दारूबाजी में कुछ करेगा नहीं. फिर अगर कर भी लेगा तो अच्छा है, इससे तुम्हें भी आत्मग्लानि नहीं होगी।

रमण प्रकाश के आने से पहले चला गया।

प्रकाश आया और आते ही पहले की तरह अनीता को पेल दिया।
उसने हँसते हुए कहा कि अगर तुम्हें अब भी आपत्ति है और स्वैपिंग पसंद नहीं तो रात वाली बात कैन्सल।

अनीता ने उसे चूमते हुए कहा कि वो उससे बहुत प्यार करती है। मगर स्वैपिंग के लिए वो राजी नहीं है. अगर वो चाहे तो वो विजय की बीवी संजना के साथ मजे ले सकता है लेकिन वो विजय के साथ स्वैप नहीं करेगी.

अनीता के कहने पर रात को प्रकाश विजय के घर गया।
ऊपर रमण भी अपने घर गया था एक दिन के लिए, उसे अगली शाम को वापस आना था।

अनीता का किसी काम में मन नहीं लग रहा था।

प्रकाश रात को 11 बजे के करीब आया। आज उसने बहुत कम पी रखी थी।
अनीता ने उसके आते ही पूछा- चोद आए संजना को? मजा आया?

उसके सवाल पर प्रकाश ने बड़ी ईमानदारी से बताया कि चुदाई के अलावा सब कुछ किया, मगर दारू चढ़ गयी थी तो अंदर नहीं किया। अब आगे से नहीं करूंगा।

अनीता जानती थी कि मर्द और कुत्ते में चुदाई को लेकर कोई फर्क नहीं। जब एक बार दिमाग में आ गयी है तो ये करेगा जरूर।
दोनों सो गए।

सुबह तीन बजे अनीता ने महसूस किया कि उसकी चूत में प्रकाश उंगली कर रहा है।
वो उठ गयी।

दोनों नंगे ही सोये थे तो प्रकाश का खड़ा हो गया था। उसने अनीता की चूत में जीभ घुसा दी।
अनीता भी चुदासी हो गयी, वो बोली- सच सच बताना कि तुमने क्या क्या किया संजना के साथ?

प्रकाश ने थोड़ी न-नुकुर के बाद बताना शुरू किया:

वहाँ वाइन संजना ने ही सर्व की थी। शायद वो ऐसा कुछ नहीं करना चाह रही थी। उससे विजय ने जबरदस्ती कराया।
फिर जब एक बार औरत की आग भड़क जाती है तो उसे सही गलत नहीं दिखता।

जब उन दोनों को नशा हो गया तो विजय ने संजना को बुलाया और उसका गाउन खोल दिया.
वो ब्रा-पैंटी में थी।
संजना शर्मा रही थी।

मैंने मना भी किया तो विजय ने अपना लंड बाहर निकाल दिया और संजना से कहा कि चूसो इसे।
संजना ने उसके लंड को चूसना शुरू किया तो विजय ने उसकी ब्रा निकाल दी और मुझसे कहा कि वो उसकी पैंटी निकाल कर उसकी चूत चूसे।

होते होते सभी के कपड़े उतर गए.
अब संजना भी मूड में आ चुकी थी। वो मेरे के लंड के ऊपर बैठ गयी और उसे अपनी चूत में कर लिया।
मैं हालांकि नशे में था मगर हुस्न के जलवे के सामने नशा काफ़ूर हो जाता है।

विजय और मैंने दोनों ने मिलकर संजना को जमकर चोदा।
बाद में संजना ने पूछा कि क्या अनीता भी इस खेल में शामिल होगी तो मैंने कहा कि उसने विजय को सुबह ही मना कर दिया था.
इस पर विजय और संजना दोनों बोले कि कोई बात नहीं लेकिन ये राज हम तीनों में ही रहेगा।

इतना सब सुनकर अनीता को प्रकाश पर गुस्सा नहीं बल्कि प्यार आया और उसकी चूत की आग भड़क गयी। उसने और प्रकाश ने जमकर चुदाई की।

प्रकाश ने उससे ये वादा किया कि भले ही तुम मुझको संजना के पास जाने से मना नहीं कर रही लेकिन मैं विजय के घर दारू पीने नहीं जाऊंगा.

तय हुआ कि पार्टी पहले की तरह यहीं होगी।
सेक्स के बाद दोनों सो गए।

अगले दिन सन्डे था। वो दोनों सुबह देर से उठे।

अनीता का पता नहीं क्यों, अब मन शांत था, उसे कोई आत्मग्लानि नहीं थी।
अब उसका मन प्रकाश और रमण दोनों से चुदाई के मजे लेने का बन चुका था।

रमण शाम तक वापस आ गया था।

प्रकाश ने रात को मूवी और डिनर का बाहर का प्रोग्राम बनाया और रमण को भी अनीता से पूछ कर इन्वाइट कर दिया।

रात को लौटने में देर हो गयी।

इसी बीच एक बार मौका देख कर रमण ने अनीता को चूम लिया।

सुबह प्रकाश घूमने गया और अनीता ऊपर गयी। आज उसने न तो ब्रा पहनी न पैंटी।
आज तो वो चुदवाने गयी थी न कि योगा के लिए।

उसने जाते ही रमण से पूछा- कंडोम लाये?
रमण झेंप कर बोला- सॉरी, ले तो आया था मगर जालंधर में बीवी के पास रह गये।
अनीता बोली- बिना उसके नहीं करेंगे।

रमण ने बहुत खुशामद की मगर अनीता नहीं मानी।
उसका मूड उखड़ गया था. वो नीचे आ गयी।
रमण ने कई बार फोन किया पर उसने नहीं उठाया।

प्रकाश आया तो उसने अनीता को सेक्स के लिए कहा तो अनीता बोली- मेरे सिर में दर्द हो रहा है, आज नहीं।
तो प्रकाश ने किचन में जाकर दोनों के लिए चाय बनाई।

चाय पीते हुए उसने बताया कि कल मंगलवार है तो विजय आज आएगा। अब वे केवल सोमवार को पीया करेंगे।
अनीता बहुत खुश हुई.
उसने प्रकाश को चूमकर कहा कि अब हम हफ्ते में बाकी दिन सेक्स का मजा ले सकेंगे।

अनीता ने इस खुशी में उसे अंदर आने की दावत दी मगर प्रकाश ने कह दिया कि कल ही करेंगे.

दिन में रमण ने फिर अनीता को फोन किया कि कॉन्डोम ले लिए हैं और अनीता के लिए दो नाइट ड्रेस भी ली हैं।

आखिर अनीता मान ही गयी। अनीता ने उसे कहा कि वो शायद रात को उसे एक सरप्राइज़ देगी।

शाम को विजय आया तो अनीता जानबूझकर उसके सामने नहीं गयी। उसने मेड से कह कर उनका सामान लगवा दिया।
प्रकाश को उसने पहले ही बोल दिया था कि वो आज जल्दी सोएगी तो प्रकाश उसे डिस्टर्ब न करे।

अनीता के दिमाग में रात का चुदाई सेशन फाइनल हो चुका था। उसने रमण को बोल दिया था कि आज जरा ऊपर-नीचे ढंग से शेव करके तैयार रहना, कहीं बाहर चलेंगे।
रमण असमंजस में था।

प्रकाश की दारूपार्टी शुरू होते ही अनीता ने खुद भी डिनर कर लिया था और रमण को भी डिनर लेने को बोल दिया था।
आज उसने प्रकाश को कहा था कि आज विजय को जमकर पिलाना, इतना पिलाना कि वो टुन्न हो जाये।

प्रकाश बोला- क्यों, तुम चुदवाने आओगी क्या उससे?
वो बोली- कभी नहीं, वो कहां और मैं कहां?
ये सुनकर प्रकाश भी चढ़ गया था।

इन लोगों की दारूपार्टी चलते चलते एक घंटा हो गया हो गया था और आज चढ़ी ज्यादा थी तो दोनों बहक रहे थे।
अनीता को मालूम था कि प्रकाश तो अब सुबह तक के लिए गया।

उसने प्रकाश को आवाज देकर बुलाया और एक लम्बी किस देकर उसका लंड मसल कर उसको बोला कि खूब एंजॉय करना और विजय को बोलना जाते समय गेट लोक कर जाये। मैं नींद की गोली लेकर सो रही हूँ, मुझे नहीं उठाना।

प्रकाश बोला- और चुदाई?
अनीता हंस कर बोली- विजय की गांड मार लेना।
प्रकाश भी इस बात पर हँसते हुए चला गया।

अनीता ने ड्राइंग रूम का किवाड़ भेड़ दिया और बाहर की लाइट बंद कर दी।
अब उसने अपने प्लान पर काम शुरू किया। उसने धीरे से जीने का गेट खोला और रमण को फोन करके कहा कि नीचे आ जाओ और अपना फोन साइलेंट पर कर लेना और कॉन्डोम लेकर आना।

रमण को समझ में आ गया कि अनीता ने क्या प्लान किया है।

उसने ऊपर सब लॉक किया और जैसा अनीता ने उसको समझाया था उसने बाहर के जीने को की-लॉक से बंद किया जो अंदर बाहर दोनों ओर से खुल सकता था।
इस तरह वो बाहर से भी ऊपर आ सकता था।

रमण ने अनीता के लिए चॉकलेट, नाइट सूट लिए थे. उनको लेकर दबे पाँव वो नीचे आ गया।

अनीता ने जीने का दरवाजा भेड़ तो दिया पर लॉक नहीं किया ताकि आवाज न हो।

रमण को वो चुपचाप बेडरूम में ले आई। रूम लोक करते ही दोनों चिपक गए, उनके होंठ मिल गये.

आज की रात अरमानों की रात थी। अनीता ने अपनी जीभ से रमण की जीभ को खूब चुभलाया।

वो इतनी छोटी ड्रेस पहने हुए थी कि उसका पहनना और न पहनना बराबर था।
रमण ने उसे चूमते हुए उसके मम्मों को मसलना शुरू कर दिया था तो अनीता बोली कि इतनी हड़बड़ाहट क्यों है?

फिर अनीता ने सबसे पहले रमण का लोअर नीचे किया और नीचे बैठ कर उसका लंड ताबड़ तोड़ चूसने लगी।
ऐसा लगता था कि तोड़ मरोड़ कर वो उसकी शेप बिगाड़ देगी।
अनीता बहुत गर्म हो रही थी।

अब रमण की बारी थी। उसने अनीता को बेड पर लिटाया और उसकी पैंटी नीचे खींच कर उसकी मखमली चूत में अपनी जीभ अंदर कर दी।
अनीता की सीत्कारें निकलने लगीं।

रमण ने उसे इशारा किया कि आवाज़ न करे।
मगर अनीता तो बौखला गयी थी।

उसने रमण को ऊपर खींचा और उसके ऊपर चढ़ कर उसका लंड अपनी चूत के मुहाने पर सेट करके एक झटके में अंदर कर लिया।

अब वो ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी।
वो बड़बड़ा रही थी- आहह जानू … मजा आ गया … आह्ह … तेरा लंड … आह्ह … हाय … आह्ह … और जोर से … आह्ह!
रमण को डर लग रहा था कि कहीं आवाज़ें सुनकर प्रकाश न आ जाये।

मगर अनीता ने उसे समझाया कि उसे इतनी चढ़ चुकी है कि अगर वो आ भी गया तो वो संभाल लेगी।
रमण ने नीचे से धक्के बढ़ा दिये।

अब रमण ने उसे बगल से लिटाया और उसकी चूत में लंड पेलना चाहा, मगर अनीता बोली- पहले कॉन्डोम चढ़ा लो।

रमण ने कॉन्डोम चढ़ा कर अनीता को घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी गांड में घुसाना चाहा तो अनीता बिफर गयी.
वो हंसकर बोली- हराम का माल नहीं है कि जहां चाहे घुसेड़ लो! पहले अपनी बीवी की गांड मारना और एक बार मेरे पति से अपनी गांड मरवाना, तब मेरी गांड की सोचना।

रमण ने चुपचाप उसकी चूत की पिलाई शुरू की.
अनीता को भी मजा आ रहा था मगर लंड गहराई में नहीं जा पा रहा था।
अनीता बोली- अच्छे से करो, वर्ना दो दो लंड बाहर तने खड़े हैं।

अब रमण ने अनीता को सीधा किया और उसकी टांगें चौड़ी कर पेल दिया अपना मूसल।
ये शॉट वाकई जबर्दस्त था, अनीता की चीख निकल गयी जो रमण ने अपनी हथेली उसके मुँह पर रख कर रोकी और फिर दनादन पिलाई शुरू की।

अनीता अब सातवें आसमान पर थी। वो नीचे से उचक उचक कर लंड को और गहराई तक पहुंचा रही थी।
एक ज़ोर के झटके से रमण ने अपना माल कॉन्डोम में निकाल दिया।
अनीता का भी हो चुका था।

दोनों निढाल होकर पड़ गए।
अनीता ने उससे पूछा- कॉफी पियोगे?
रमण बोला- पागल हो रही हो क्या? ऐसे में कैसे जाओगी?
अनीता ने घड़ी देखी तो 11 बज रहे थे। इसका मतलब विजय जाने वाला था।

उसने रूम ठीक किया और रमण से कहा कि वो उसे बाहर आने का इशारा करे तब वो आए।
अनीता वही शॉर्ट ड्रेस पहने बाहर गयी तो चौंक गयी. प्रकाश ड्राइंग रूम से बाहर आ रहा था।

वो लड़खड़ा रहा था।
अनीता ने उससे पूछा- विजय चला गया क्या?
प्रकाश बोला- हाँ, अभी लेकर गया है उसका ड्राइवर, आज विजय ने मेरे से ज्यादा पी है.

अनीता सोचने लगी कि अब कैसे रमण को ऊपर पहुंचाए?
उसने प्रकाश से कहा कि उसका मन बीयर पीने को कर रहा है, मगर साथ प्रकाश को व्हिस्की से देना होगा।

प्रकाश बोला- नहीं, आज पहले तुम मेरा लंड चूस दो। साले विजय ने बार बार तेरी चूत दिलाने की बात कह कर मेरा लंड खड़ा कर दिया।
अनीता ने फटाफट रमण को पर्दे के पीछे छिपने का इशारा किया और रूम में जाकर पहले लाइट बंद की.

फिर प्रकाश को बेड पर धक्का देकर उसका लोअर नीचे करके उसका लंड चूसने लगी।
वो बोली- आज तुम्हारा जूस निकाल कर पी लेती हूँ।

अनीता ने जल्दी ही मुँह से ही प्रकाश का माल निकाल दिया।
बाहर रमण ने जीने का गेट खोलना चाहा तो आवाज हुई।

प्रकाश नशे में था, मगर उसे लगा कि कोई आवाज हुई है।
वो अनीता से बोला- देख, क्या आवाज हुई?
अनीता बोली- तुम सो जाओ, मैं देखती हूँ।
प्रकाश नशे में तो था ही इसलिए करवट लेकर लेट गया।

अनीता दबे पाँव बाहर आई तो रमण ने दबोच लिया.
वो बोला- एक ट्रिप और करनी है जान, जल्दी से ले लें?
चुदासी तो अनीता भी हो रही थी मगर वो बोली- फंस गए तो?

रमण वहीं कुर्सी पर नंगा होकर बैठ गया।
अनीता ने भी सारे कपड़े उतारे और रमण के लंड पर बैठ कर उछल उछल कर चुदाई का मजा लिया।
आज जितनी बेशर्म होकर वो चुद रही थी वो उसने कभी नहीं सोचा था कि वो कभी ऐसा भी करेगी.

इधर रमण का लंड खाली नहीं हो रहा था।
अनीता ने नीचे बैठ कर उसका लंड ज़ोर ज़ोर से चूस कर निचोड़ दिया।
रमण ने उससे ये वादा लिया कि अब जब भी प्रकाश की दारूपार्टी होगी वो ऐसे ही सेक्स का मजा लेंगे।

तो दोस्तो, इस तरह से अनीता ने अपने ही घर में एक गैर मर्द से चुदाई करवाई और अपने पति की शराब की लत का फायदा उठाकर पराया लंड लेती रही.

आपको सेक्स विद फ्रेंड Xxx कहानी कैसी लगी मुझे इस ईमेल पर जरूर बताना.
[email protected]

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