पतियों की अदला बदली-2
(Patiyon Ki Adla Badli- Part 2)
This story is part of a series:
-
keyboard_arrow_left पतियों की अदला बदली-1
-
keyboard_arrow_right पतियों की अदला बदली-3
-
View all stories in series
अगर कॉलेज का दोस्त पति के बॉस के रूप में घर आ जाए तो पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं, दोनों तरफ़ आग सी भड़क जाती है, इन्तजार होती है तो बस एक चिंगारी की!
रेखा ने अपने पति के बॉस और अपने कॉलेज के दोस्त समीर का भड़काने में कोई कसर न छोड़ी, उसे मालूम था कि समीर इस छेद से झांकेगा जरूर!
रेखा ने शावर लिया और सिर्फ तौलिया लपेट कर ही अंदर घूमने लगी, उसने छिप कर उस लॉक होल की तरफ देखा जहाँ से अब कोई रोशनी नहीं आ रही थी… मतलब समीर की आँखें उस होल पर टिकी हुई थीं।
अब रेखा को मजा आने लगा… वो ऐसे ही सोफे पर बैठ गई और टांग के ऊपर टांग चढ़ा ली। अब उसकी चिकनी टांगें पूरी नंगी दिख रही थीं… अगर वो थोड़ा तौलिया और ऊपर करती तो शायद चूत भी दिख जाती!
रेखा ने छेद की तरफ पीठ कर के तौलिया आगे से खोला और थोड़ा ऊपर नीचे करके फिर बाँध लिया, इस से उसकी नंगी पीठ पूरी दिख गई।
अब बहुत हो चुका था… रेखा कमरे में गई और टॉप और कैपरी पहन आई और डिनर की तैयारी में जुट गई, तभी अनिल भी आ गया।
अब रेखा ने देखा कि छेद से रोशनी आ रही थी… मतलब समीर अब वहाँ से हट गया था। अनिल ने समीर को फोन किया कि क्या वो चाय दोबारा लेगा तो समीर बोला कि वो जरा बहार जा रहा है, एक घंटे में आ जाएगा।
डिनर के टाइम पर समीर को अनिल ने अंदर से ही बुला लिया।
समीर एक व्हिस्की की बोतल और आइसक्रीम लेकर आया। रेखा ने उससे गुस्सा होते हुआ कहा कि वो अपनी दोस्त के यहाँ है, न कि अनिल के यहाँ!
आज तो समीर डिनर जल्दी लेकर चला गया क्योंकि अनिल को सुबह 5 बजे टूर पर जाना था।
समीर के जाते ही अनिल ने रेखा को भींच लिया और उसका टॉप उतार दिया और ब्रा भी…
रेखा ने बहुत कहा कि मेज तो साफ़ करने दो पर अनिल ने एक बार उसके मम्मे चूसे तभी उसे काम करने दिया और वो भी इस शर्त से कि वो जल्दी ही बेड पर आ जाएगी।
रेखा जानती थी कि समीर का लंड अब उसके हाथों में होगा क्योंकि रेखा ने जीना लॉक ना करके हल्का सा खुला छोड़ दिया था ताकि समीर आराम से उसके जलबे देख सके।
काम निबटा कर उसने इस हैरानी से जीने की खुली किवाड़ को देखा जैसे वो गलती से उसे खुला छोड़ गई हो और ऊपर चढ़ी उसे बंद करने तो उसे तेजी से चलते पावों की आहट सुनाई दी… समीर तेजी से अंदर जा रहा था।
रेखा ने डोर लॉक किया और मुस्कुराते हुए बेडरूम में गई जहाँ अनिल बेड शीट ओढ़े लेता था। वो जानती थी कि अनिल ने क्या पहना होगा।
वो वाशरूम में गई फ्रेश होकर बेड पर आई और कैप्ररी उतारकर अंदर घुस गई, अनिल भी बिना कपड़ों के उसका इंतज़ार कर रहा था। दोनों चिपट गए।
अनिल ने पहले तो उसके मम्मे जम कर चूसे और फिर वो नीचे होकर उसकी चिकनी चूत पर पिल गया… रेखा ने दिन में ही वेक्सिंग कराई थी और चूत की भी शेव की थी।
अनिल को चूत चिकनी ही पसंद थी, इसलिए हर हफ्ते रेखा चूत चिकनी कर लेती थी।
देर तक जम कर चुदाई करने के बाद दोनों चिपट कर सो गए। अनिल ने 4 बजे का अलार्म लगाया था, अलार्म से अनिल और रेखा दोनों ही उठ गए।
रेखा मुस्कुरा पड़ी, वो समझ गई कि यह अलार्म अनिल ने चुदाई के लिए लगाया है, वो बोली- चाय बना लाती हूँ।वाशरूम जाकर जब वो नाइटी पहनने लगी तो अनिल ने मना कर दिया- ऐसे ही जाओ…
रेखा अब उससे कैसे कहती कि अलार्म की आवाज से शायद समीर भी उठ गया हो और जीने से झाँक रहा हो…
उसने एक छोटी सी फ्रॉक डाली और किचन में जाकर चाय का पानी चढ़ाया।
उसे जीने पर आहट सुनाई दी तो उसने जीने पर जाकर गेट खोल दिया और अंदर झाँका समीर सोने का नाटक कर रहा था…
वो पास गई और एक धुप्पल दिया उसके और हंसते हुए बोली- चाय पिओगे?
समीर ने आँख खोल लीं और रेखा को झुका कर चूम लिया और बोला- यू आर सेम स्वीट…
चाय के लिए उसने मना कर दिया।
रेखा नीचे आकर चाय लेकर बेड रूम में गई तो अनिल भी वाश रूम से आ चुका था, उसने आते ही रेखा की फ्रॉक उतार दी और बेड पर पैर फेला कर बैठ गया, रेखा को अपने ऊपर बिठा लिया और अपना लंड उसकी चूत में कर दिया।
रेखा ने पूरा लंड अंदर ले लिया और ऊपर से उछलने लगी, अनिल नीचे से धक्के लगा रहा था।
फिर अनिल ने उसे बेड पर गिराया और टांगें चोड़ी करके अपना मूसल ठोक दिया।
सुबह की चुदाई बहुत मजेदार होती है लंड चूत दोनों फ्रेश होते हैं… और अनिल तो अब दो दिन के लिए जा रहा था तो उसने सोचा कि सारी कसर निकाल कर जाऊँ।
सजन गए परदेस अब डर काहे का
5 बजे अनिल चला गया और रेखा एक बार फिर सो गई।
7 बजे आँख खुली… उसने एक शार्ट नाइटी डाली बिना ब्रा के… और जीना खोल कर ऊपर गई।
समीर शायद वाशरूम में था… उसके बेड के नीचे एक छोटा हैण्ड टॉवल पड़ा था… समीर ने रात में कई बार मुट्ठी मारी होगी।
वाशरूम का गेट खुला… समीर तौलिए से बाल पौंछते हुए बाहर आ रहा था बिल्कुल नंगा… एक कदम उसने बाहर रखा ही था, रेखा को देखते ही वो अंदर झपटा और फिर बड़ा तौलिया लपेट कर हंसते हुए बाहर आया।
रेखा तो हंसते हंसते लोटपोट हो गई।
खैर रेखा समीर का हाथ पकड़ कर उसे नीचे ले आई, चाय बनाने को किचन में घुसी और समीर को अनिल की शॉर्ट्स और टीशर्ट दे दी पहनने को।
पर समीर के लंड के साइज़ ने उसे गीला कर दिया था नीचे!
चाय पीते समय समीर रेखा को देखता ही रहा और रेखा उससे पूछती रही- क्या नजर लगाओगे?
समीर 10 बजे ऑफिस चला गया।
दिन में रेखा की चूत में सुगबुगाहट होती रही एक तो रात और सुबह चुदाई जबरदस्त हुई थी और सबसे बड़ी बात समीर के लंड को देखकर रेखा उसे छूने को बेचैन हो रही थी पर समीर ने अपनी सीमा नहीं तोड़ी थी इसलिए रेखा की भी हिम्मत नहीं पड़ी।
दिन में दो बार अनिल का फोन आया।
शाम को रेखा ने समीर को फोन करके पूछा- क्या खाओगे?
तो समीर बोला- अगर तुम्हें ऐतराज न हो तो डिनर पर बाहर चलें?
इस पर रेखा बोली- आज बाहर नहीं, जब अनिल होगा, तब चलेंगे, पर तुम जल्दी आ जाना।
समीर 7 बजे तक आ गया और सीधे अपने फ्लैट में गया और फ्रेश होकर 8 बजे करीब जीने पर नॉक किया तो रेखा ने उसे नीचे बुलाया।
रेखा ने लॉन्ग स्कर्ट और टॉप पहने था, ब्रा पेंटी सेट उसने मैचिंग का पहना, हाई हील बेलीज पहने थीं।
समीर ने उसकी खूबसूरती और ड्रेस सेन्स की तारीफ की… रेखा ने जूस सर्व किया और फिर डिनर लगा दिया।
दोनों ने साथ साथ डिनर लिया, दोनों चुप थे।
कारण स्पष्ट था कि आग दोनों को लगी थी पर मर्यादा या शर्म कुछ भी कह लें, दोनों को रोके हुई थी।
डिनर के बाद रेखा ने आइसक्रीम सर्व की… दोनों सोफे पर बैठ गए। समीर ने अपनी पहली चम्मच आइस क्रीम रेखा को खिलाई।
रेखा को अब बदमाशी सूझ रही थी उसने अपनी स्पून से आइसक्रीम समीर को खिलाते समय उसके मुख पर मल दी।
समीर ने भी उसके हाथ से कप छीनकर अपने चेहरे से आइसक्रीम उसके चेहरे पर मल दी।
बस इतने ही में उनका सब्र का बाँध टूट गया, दोनों के होंठ मिल गए थे और बदन भी!
रेखा हाँफने लगी और उसने समीर की टीशर्ट उतार दी।
अब समीर ने भी रेखा की स्कर्ट और टॉप उतार दी, दोनों सोफे पर ही लेट गए।
समीर सिर्फ लोअर पहने नीचे था और रेखा येलो ब्रा पेंटी में उसके ऊपर लेटी थी, उसकी जीभ और अपनी जीभ की दोस्ती पकी करा रही थी।
समीर ने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया… अब क्या था… दो मिनट बाद दोनों बेड पर नंगे गुंथे थे।
पहली बार कॉलेज फ्रेंड से सेक्स का मजा कुछ और ही होता है।
समीर रेखा के मम्मों का दीवाना हो रहा था और रेखा उसके लंड को अपनी चूत में करने को बेताब थी।
रेखा पलटी और उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और अपनी चूत समीर के मुँह पर रख दी।
थोड़ी देर बाद रेखा चढ़ गई समीर के ऊपर और उसका लंड अपनी चूत में कर लिया।
पराया लंड मोटा और तना हुआ… रेखा की तो तब चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ जब समीर ने उसे नीचे करके पूरा लंड पेल दिया उसकी चूत में!
दोनों रात भर चुदाई की गिनती तो भूल चुके थे, रात 2 बजे तक इस कमरे के चुदाई के सारे रिकॉर्ड टूट चुके थे, पर जो खतरनाक बात हुई वो यह थी रेखा के गोरे जिस्म पर खासकर के मम्मों पर समीर के वहशीपन वाले सेक्स के कई निशाँ पड़ गए थे।
वो भी क्या करता, रेखा ने भी उसे उकसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, वो किसी माशूका या सुपर रंडी की तरह अपने को चुदवा रही थी।
यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
सुबह समीर तो अपने कमरे में चला गया पर रेखा ने जब अपने को शीशे में देखा तो वो सोच में पड़ गई कि अनिल को क्या कहेगी क्योंकि ये निशाँ तो 2-3 दिन में ही जा पायेंगे और अनिल तो कल आ जायेगा।
और रेखा आज की रात समीर के लंड के मस्ती नहीं मिस करना चाहती थी।
खैर रेखा ने गर्म पानी तरेड़ दिया सभी निशानों पर और सो गई।
सुबह 9 जब वो सोकर उठी तो समीर ऑफिस के लिए तैयार था, उसने फटाफट समीर को नाश्ता दिया और जाते समय समीर ने एक बार फिर रेखा को चिपटाया।
रेखा ने भी उसको मुस्कुराते हुए विदा किया और कहा- शाम को जल्दी आना!
दिन में समीर से उसकी दो तीन बार बात हुई। अब दोनों नार्मल थे और शाम होते होते रेखा का बदन दर्द भी ठीक हो गया था, उसने दिन में एक घंटा बाथ टब में बिताया था।
अनिल का फोन आया कि वो कल तक आएगा।
शाम को रेखा किचन से 7 बजे तक फ्री हो गई… उसने कुछ पकोड़े भी तल लिए… समीर आता ही होगा!
पंद्रह मिनट में समीर आ गए… रेखा ने उसे नीचे ही रोक लिया और चाय लगा दी। चाय पीने के बाद समीर खड़ा हुआ, बोला- नहा कर आता हूँ।
वो ऊपर गया, रेखा ने डोर लॉक नहीं किया और फटाफट अपने कपड़े उतारकर बाथिंग गाउन लपेटा, परफ्यूम स्प्रे किया और टॉवल लेकर ऊपर गई।
समीर बाथरूम में था… दरवाजा लॉक नहीं था… शावर चल रहा था…
रेखा ने बाथरूम का दरवाजा खोला… अंदर समीर नंगा शावर के नीचे था… वो रेखा को देख कर मुस्कुराया।
रेखा ने अपने गाउन उतरा और शावर के नीचे चिपक गई समीर से… ऊपर से रिमझिम पानी… नीचे सुलगते बदन… आग ठंडी होने की जगह भड़क रही थी।
रेखा ने नीचे बैठकर समीर का लंड मुँह में ले लिया और लोलीपॉप की तरह चूसने लगी।
समीर का फव्वारा छूटने को हो रहा था, उसने रेखा को खड़ा किया और पास रखी बाल्टी के ऊपर झुकाया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया।
जोरदार धक्का मुक्की में सारा माल उसने रेखा की पीठ पर निकल दिया।
नहाकर दोनों नीचे आये, रेखा ने उसे कपड़े नहीं पहनने दिए।
कहानी जारी रहेगी।
[email protected]
What did you think of this story??
Comments