मैं तेरी से खुश, तू मेरी से खुश-4

(Mai Teri Se Khush Tu Meri Se Khush- Part 4)

सनी वर्मा 2017-01-22 Comments

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सुबह प्रीति की आँख 5 बजे खुली, रात की चुदाई का नशा उतरा नहीं था, वो नाइटी अपने शरीर पर लटका कर ऊपर गई।
दरवाजा बंद नहीं था, केवल भिड़ा हुआ था, उसने हल्के से दरवाजा खोला, संजीव नंगा ही सो रहा था और सोते में भी उसका लंड खड़ा था।

प्रीति नीचे बैठी और संजीव का लंड मुँह में ले लिया.. संजीव की आँख खुल गई।
प्रीति खड़ी हुई और संजीव के ऊपर ही लेट गई, उसने नाइटी पहने पहने ही संजीव के लंड के ऊपर अपनी चूत रख कर रगड़ना शुरू कर दिया।

अब बारी संजीव की थी, उसने पहले तो प्रीति को फ्रेंच किस दिया, फिर प्रीति को बैठा कर उसकी नाइटी उतार दी और उसके गोरे गोरे मम्मों को मुँह में ले लिया।
समय ज्यादा नहीं था, नशा उतरना जरूरी था।

संजीव ने प्रीति को कुतिया बनाकर पीछे से लंड पेला और कुछ धक्कों के बाद ही प्रीति को नीचे लिटाकर उसके पैर ऊपर उठा दिए.. अपने दोनों हाथों से उसके पैर पकड़े और उन्हें पूरा चौड़ा कर अपना लंड उसकी मखमली चूत में पेल दिया।

प्रीति को मानो जन्नत का मजा आ रहा था।

संजीव जैसे ही छूटने को हुआ उसने अपना लंड प्रीति के मुँह में कर दिया और सारा माल प्रीति के मुँह में छोड़ दिया।
प्रीति ने जिन्दगी में पहली बार वीर्य को मुंह में लिया था… पहले तो उसे घिन सी आई पर फिर उसने भी अपने हाथों से लंड पकड़ कर पूरा चाट दिया।

प्रीति अब संजीव को छोड़कर नीचे आई और फ्रेश होने टॉयलेट में गई.. नहा धोकर दोनों एक घंटे में ही चंडीगढ़ के लिए निकल गए। ड्राईवर की वजह से संजीव आगे बैठा और प्रीति पीछे!

उधर चंडीगढ़ में संजीव के जाने के बाद स्वीटी ने राज को फोन किया कि अगर शाम को जल्दी फ्री हो जाओ तो घर आ जाना, चाय साथ पीयेंगे..
लंच की तो राज ने मना कर दी थी।

चेन्नई वाली पार्टी को राज ने शाम 5 बजे तक विदा कर दिया था और अब वो फ्री था। उसे मालूम था कि स्वीटी क्यों संजीव के साथ नहीं गई है।
उसने स्वीटी को फोन किया कि वो पैक कर ले और आधे घंटे बाद बाहर सड़क पर मिल जाए.. पहले वो मूवी चलेंगे, फिर डिनर बाहर लेंगे और रात रंगीन करेंगे.
मतलब स्वीटी आज रात राज के घर रुकेगी।

स्वीटी बोली- मूवी में टाइम क्यों खराब करें? हाँ डिनर की जगह कुछ भी फास्ट फ़ूड खाने का मन है, बाकी टाइम मस्ती करेंगे।
राज को आईडिया पसंद आया, उसने स्वीटी को 6 बजे करीब पिक किया और बीकानेर वाला में जाकर दोनों ने चाट खाई और दो बर्गर पैक करा लिए… घूम फिर कर 8 बजे दोनों राज के फ्लैट पर पहुंचे।

तभी संजीव का फोन आया, राज ने उसे बधाई दी और प्रीति के साथ डिनर पर जाने की राय दी।
संजीव ने एक फोन तभी स्वीटी को भी किया। जब उसने स्वीटी से पूछा- कहाँ हो?
तो स्वीटी बोली- घर पर ही हूँ, और कहाँ होऊँगी…
इतना कहते कहते स्वीटी राज को बाँहों में चिपक गई थी और राज को एक किस भी दे चुकी थी।

अब राज स्वीटी से बोला- चलो फ्रेश हो लेते हैं।
कहकर राज तो कपड़े उतार कर बाथटब में घुस गया, जिसे उसने सुबह ही भरकर छोड़ दिया था।

पीछे पीछे स्वीटी आ गई, उसने टॉवल लपेटा हुआ था, बाथटब में खूब झाग बना था, स्वीटी टॉवल उतार कर बाथटब में घुस गई।
दो नंगे बदन… बाथटब का ठंडा पानी.. अन्तर्वासना की अग्नि सुलगाने को काफी था।

स्वीटी राज से चिपट गई, राज ने नीचे लेट कर स्वीटी को अपने ऊपर लिटा लिया और झागों से उसके मम्मे रगड़ने लगा।
स्वीटी ने भी नीचे हाथ कर के उसके लंड को मलना शुरू कर दिया।

जब बर्दाश्त की हद हो गई तो स्वीटी पलटी और राज का लंड अपनी चूत में घुसा कर उसके ऊपर बैठ गई और अपने होंठ राज के होंठों से मिला दिए।
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15-20 मिनट चूत चुदाई मस्ती करने के बाद दोनों ने खड़े होकर शावर लिया और टॉवल से बदन पौंछ कर गाउन पहन बाहर आये।
स्वीटी किचन में जाकर कोल्ड ड्रिंक और बर्गर ले आई, राज सोफे पर बैठा था, उसने अपना गाऊन खोल कर स्वीटी को गोदी में बिठा लिया और उसका भी गाउन आगे से खोल दिया।
स्वीटी फिर पलट कर उसकी ओर मुख करके राज की गोदी में ही बैठ गई।

राज ने उसके मम्मे मुँह में ले लिए। राज ने स्वीटी से एक खाली गिलास लाने को कहा, स्वीटी जब गिलास लाई तो राज ने स्वीटी को सोफे पर लिटाया और उसके पैर चौड़े कर के नीचे लटका दिए और कोल्ड ड्रिंक ऊपर से उसकी चूत पर धार बनाकर डाली और नीचे गिलास में इकट्ठी कर ली।

स्वीटी ठंडी ठंडी कोल्ड ड्रिंक से सिहर गई, वो रोमांचित भी थी कि राज क्या कर रहा है।
उसकी चूत और आस पास का हिस्सा कोल्ड ड्रिंक से गीला हो गया था।

राज ने अब भरा गिलास एक ओर रखा और स्वीटी की चूत को चाट कर साफ़ कर दिया।

अब दोनों सोफे पर बैठ गए राज ने स्वीटी की चूत से निकले ड्रिंक के गिलास का सिप लिया और बोला- अब तो इसमें वाइन से भी ज्यादा नशा होगा।

स्वीटी हंस दी, बोली- लाओ, अब मैं भी अपनी ड्रिंक को वाइन में बदल लूं।
वो नीचे बैठी और राज का लंड अपने गिलास में डूबा लिया, फिर चाट कर उसके लंड को साफ़ कर दिया और अपने गिलास का सिप लेकर बोली- अब इसमें भी नशा आ गया।
दोनों हंस पड़े।

खा पीकर अब दोनों को चुदास सूझ रही थी, राज ने स्वीटी का गाउन उतार दिया और अपना भी!
उसने स्वीटी को सोफे पर झुका कर घोड़ी बनाया और पीछे से अपना लंड उसकी गांड में पेलने की कोशिश की, स्वीटी को दर्द हुआ उम्म्ह… अहह… हय… याह… क्योंकि लंड और चूत दोनों सूखे थे।

स्वीटी भाग कर बेड रूम से वैसलीन ले आई और अपनी चूत और राज के लंड पर मल दी। अब राज ने दोबारा लंड घुसाया जो आराम से घुस गया।

राज ने आगे झुककर उसके मम्मे पकड़ लिए, धक्के और मम्मों की मालिश से स्वीटी गर्म हो गई और बोलने लगी- मेरे राज, आज मजा आ रहा है, काश हम जिन्दगी भर ऐसे ही मजे लेते रहें..
राज बोला- हाँ मेरी रानी, आज तुम्हारी चूत फाड़नी ही है, फिर पता नहीं कब मौका मिलेगा।

स्वीटी राज को बेड पर खींच कर ले गई और राज को नीचे लिटाकर उसके ऊपर चढ़ कर उसकी जोर जोर से चुदाई करने लगी।

राज का लंड बेकाबू हो रहा था, उसने स्वीटी को जबर्दस्ती नीचे किया और घमासान तरीके से उसको चोदने लगा।

अब दोनों गन्दी भाषा पर उतर आये थे, राज बोल रहा था- ले और ले… आज तो तेरी चूत का भोंसड़ा बना कर ही छोड़ूंगा। कल संजीव भी कहेगा कि एक दिन मैं ही इतना चौड़ा छेद कैसे हो गया।

स्वीटी बोली- आज मैं तुम्हारे लंड को निचोड़ कर रख दूँगी, देखना प्रीति भी ऐसा मजा नहीं दे पाएगी।

रात को दो बार चुदाई करके दोनों नंगे ही सो गए।

सुबह 8 बजे प्रीति के फोन से राज की आँख खुली, वो चल दी थी गुरूग्राम से!

राज और स्वीटी फटाफट तैयार हुए, राज स्वीटी को घर छोड़ आया और ऑफिस के लिए तैयार होने लगा।

पढ़ियेगा अगली कहानी में कि इन चारों की रासलीला का क्या भविष्य रहा। क्या उन्होंने इस रिलेशनशिप को एक्सेप्ट कर लिया या वो बिखर गए।

कमेंट लिखियेगा कि कैसी लगी आपको मेरी सेक्स कहानी!
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