ग्रुप सेक्स का मजा सैटरडे क्लब में-2

(Group Sex Ka Maza Saturday Club Me- Part 2)

सनी वर्मा 2016-09-20 Comments

This story is part of a series:

अगले दिन हम थोड़ा देर से सोकर उठ।
नीरज शाम को जल्दी आने की कह कर गए।

दोपहर को मैं चेक अप की रिपोर्ट भी ले आई थी और सीमा और रवीना का फोन भी आया था, उन्होंने मुझे नर्वस न होने को समझाया और कहा कि अगर वहाँ तुम्हें कोई परिचित भी मिल जाए तो परेशान न होना क्योंकि सभी अच्छे लोग हैं और इस बात का ख्याल रखते हैं कि कोई बात लीक न हो जाए! और अगर मुझे घबराहट हो तो पहली बार ग्रुप सेक्स के दौरान मैं नीरज के साथ ही कर लूँ!

अब उन्हें कौन समझाए कि मेरी चूत तो नए नए लंडों के लिए तड़फ रही है।

शाम को मैंने नहाकर पूरी बॉडी पर गुलाब का स्प्रे किया ख़ास कर चूत के आसपास और हल्का मेकअप करके तैयार हुई।

नीरज भी बहुत उत्साहित उत्तेजित था।

हम लोग खाना खाकर रात 8 बजे होटल पहुँच गए।
वहाँ एक सुईट बुक था।
हमें कमरे के बाहर ही रवीना मिली और उसने हमें दो मास्क पहनने को दिये।

कमरे में म्यूजिक चल रहा था और सभी ने मास्क पहन रखे थे, किसी किसी ने उतार भी दिया था पर सब लोग हंसी मजाक कर रहे थे।

हमारे घुसते ही सब खड़े हो गए और हमारा गर्म जोशी से स्वागत किया, मुझे और नीरज को सभी ने गले लगाया और सॉफ्ट किस किया।
सभी 30 साल के अन्दर के ही थे।

एक लेडी जो स्कर्ट पहने थी और उसकी हाथों में मंहगी हीरे की अगूंठी थी, उसने मुझे अपने पास बिठाया और ड्रिंक दी।
मैं भी स्कर्ट टॉप में थी तो उसने मेरी जगहों पर हाथ रख कर कहा- ग्लोइंग ब्यूटी…
मुझे उसकी आवाज बहुत अच्छी लगी।

तभी एक और लड़की नीरज के पास गई और उसके गाल मसल कर बोली- हाय हैण्डसम… क्यों शर्माता है… अभी कपड़ों के साथ शर्म भी उतर जाएगी!
सब हंस पड़े…

तभी सीमा ने एनाउंस किया कि अगर सभी कम्फर्ट फील कर रहे हों तो अपने अपने मास्क उतार दें!
मुझे डर सा लगा पर नीरज मेरे पास आया और मेरा और अपना मास्क उतार दिया।

अब सभी ने अपने अपने मास्क उतार दिये थे।
थैंक्स गॉड, हमारी पहचान का कोई नहीं था!

पर सभी सुंदर से थे और बहुत साफ़ सुथरे थे।

अब कमरे में डांस का म्यूजिक चल गया था और रोशनी बहुत धीमी हो गई थी, सभी कपल्स डांस में लग गए, सभी चिपक कर डांस कर रहे थे।

दो मिनट के बाद ही सबने डांस करते करते ही अपने पार्टनर बदल कर लिए।
मैं भी अब किसी और नौजवान की बाँहों में थी और वो ही गोरी सी लड़की नीरज को चूम रही थी।

मेरे पार्टनर ने मुझसे मेरा नाम पूछा और अपना नाम गोपाल बताया।
मैंने हंस कर कहा- मैं तुम्हारी राधा!

सीमा ने मुझे पहले ही बता दिया था कि अपनी पहचान किसी को नहीं बताना।

गोपाल ने मेरी पीठ सहलानी शुरू कर दी थी और मुझे अपने से चिपका लिया था।
घूमते घूमते उसने अपने हाथ मेरे गालों पर रख लिए… मैंने भी अपनी बाहें उसके कन्धों पर रखीं हुई थी।

मैंने नजर घुमा कर देखा तो लगभग सभी जोड़े होंठों से जुड़े हुए थे… गोपाल देर कर रहा था, शायद वो मुझे मानसिक रूप से तैयारी का समय दे रहा था।
उसने धीरे से मेरे होंठों को चूमा, मुझे अच्छा लगा, मैंने भी अपने हाथ उसके सर की पीछे ले जाकर उसे अपनी ओर झुकाया और हमारे लब मिल गए।
उसके मुख से पीपरमेंट की खुशबू आ रही थी।

हम अलग होकर गले लगकर डांस करने लगे।
मेरी निगाहें नीरज को ढूंढ रहीं थीं।

मैंने देखा कि नीरज और वो लड़की डांस फ्लोर से हटकर एक सोफे पर चूमा चाटी कर रहे हैं।
मुझे मालूम था कि नीरज ने अब तक उसके मम्मे मसल लिए होंगे।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

मैंने गोपाल के कान के पास काट लिया, गोपाल सिहर उठा और अब उसने मुझे अपने आगे कर लिया और मेरे गले से अपनी बाहें मेरे आगे लेकर डांस करने लगा।
मैंने आगे से उसको पकड़ा हुआ था।

गोपाल ने धीरे धीरे अपने हाथ ऊपर किया और अब उसके हाथ मेरे मम्मे छू रहे थे। फिर उसने मेरे उभारों को दबाना शुरू कर दिया। मुझे अच्छा लग रहा था और मैं अपने को पीछे धकेल रही थी।

गोपाल ने अचानक अपना एक हाथ मेरे टॉप के अंदर कर के ब्रा के अंदर कर दिया। अब वो मेरे निप्पल बहुत प्यार से दबा रहा था।
मेरा भी एक हाथ पीछे चला गया और उसकी जीन्स के ऊपर से ही मैं उसका लंड दबाने लगी।

धीरे धीरे म्यूजिक बंद हो रहा था और कमरे में लाइट हो गई हम सब अलग होकर ड्रिंक काउंटर पर गए और अपनी अपनी पसंद की ड्रिंक ली।

नीरज मेरे पास आया और मुझे चूमकर बोला- बहुत अच्छा लग रहा है!

अब सीमा ने एनाउंस किया कि सभी लोग ड्रेस चेंज कर लें और बराबर वाले हॉल में आ जाएँ।
लाइट बहुत धीमी कर दी गई और हमने वहीं अपने कपड़े बदल लिए।
अब मैं एक बहुत सेक्सी शॉर्ट्स टॉप में थी… नीरज ने तो केवल बरमूडा पहना।

हम हाथ में हाथ लिए बराबर के हॉल में गए जहाँ बहुत सेक्सी म्यूजिक चल रहा था और पूरे में गद्दे बिछे थे।
सभी कपल्स अपने अपने पार्टनर्स के साथ थे।

अब लेडीज और जेंट्स को आमने सामने खड़ा होना था।
रोशनी बिल्कुल मंदी कर दी गई कुछ भी पहचाना नहीं जा सकता था।

अब सबको यह मौका दिया गया कि अगर वो ग्रुप सेक्स की शुरुआत अपने पसंद के पार्टनर्स के साथ करना चाहें तो वो उन्हें ढूंढ लें।
मेरा दिल तो गोपाल को ही चाह रहा था… सभी लोग अंधेरे में ही एक दूसरे को टटोल रहे थे, मैंने भी दो चार के लंड दबाये और चार छह ने मेरे मम्मे दबाये… एक ने तो चूमा भी!

मुझे एक आवाज आई- कहाँ है मेरी राधा?
मैं भागी उस तरफ और सीधी गई गोपाल की बाँहों में…

गिरते गिरते बची और गोपाल का लंड पकड़ लिया और जोर से दबाया।
मुझे ख़ुशी थी उसे पाने की… हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को चूम रहे थे।

गोपाल मुझे चिपकाये हुए ही एक कोने में ले गया और हम प्यार में लग गए।
चारों ओर वासना और सेक्स का खेल चल रहा था, हमारे बराबर में जो कपल था उसमें आदमी उर लड़की के मम्मे चूस रहा था और दूसरी तरफ वाले कपल में लड़की आदमी का लंड चूस रही थी।

मैं भी नीचे झुकी और गोपाल का लंड अपने मुँह में ले लिया।
मोटा लंड था गोपाल का… चूसने से गोपाल उत्तेजित हो गया था और उसने मेरे बाल खींचने शुरू कर दिये थे।

तभी बराबर वाली लड़की जिसके मम्मे चूसे जा रहे थे, ने सरक कर गोपाल का हाथ पकड़ लिया और दोनों के होंठ मिल गए. पर गोपाल मेरा प्यासा था।

मैंने जैसे ही उसका लंड मुख से निकाला, वो नीचे झुका और मेरी स्कर्ट उठा कर मेरी चूत चूसना शुरू कर दिया।
मैं लेट गई और गोपाल मेरी चूत चूसता रहा।

पता नहीं कहाँ से एक लंड मेरे मुँह में आ गया।
आदमी भी लम्बा था और उसका लंड भी पतला पर लम्बा था।

मैंने हाथ से पकड़ के उसे चूसना शुरू किया, उसकी साथी लड़की मेरे मम्मे चूसने लगी।
मेरे लिए बड़ा सेक्सी अनुभव था कि मेरी चूत, मुँह और मम्में तीनों मजे ले रहे थे।

अब गोपाल ने चूत से अपना मुँह हटाया और अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया।
मैं चीख पड़ी… गोपाल ने एक ही झटके मैं पूरा घुसा दिया था।

गोपाल की रफ़्तार बढ़ती गई और मेरे मजे बढ़ते गए, मेरे मुंह से लंड हट चुका था और लड़की भी चली गई थी।
हमारे साथ वाला कपल भी लेट कर चुदाई कर रहा था।

मैंने देखा तो वो तो रवीना थी।
मैंने उसके मम्मों पर हाथ लगाया और उन्हें मसल दिया… उसके पार्टनर ने मेरे मम्मे पकड़ लिए।

अब गोपाल ने मुझे घोड़ी बनने को कहा और पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाला।

रवीना और उसका पार्टनर सरक कर हमारे पास आ गए, रवीना तो मेरी टांगों के बीच से सरक कर मेरे नीचे आ गई अब उसकी चूत और मेरी चूत ऊपर नीचे थी और उसके पार्टनर ने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया।

गोपाल भी बीच बीच में अपना लंड मेरी चूत से निकाल कर रवीना की चूत मे डालने लगा। एक बार जैसे ही मेरी चूत खाली हुई, मेरे मुँह वाले लंड ने मुझे पलट कर मेरी चूत में अपना लंड घुसेड़ दिया।

इस लंड ने तो मजा दे दिया… लम्बा लंड था और स्पीड तो उसकी बुलेट ट्रेन जैसी थी, दो मिनट के घमासान के बाद उसने अपना सारा माल मेरे अंदर ही छोड़ दिया।

मेरे पास एक हैण्ड टॉवल था, मैंने उससे अपनी चूत साफ़ की।
मेरी चूत की आग अभी लगी हुई थी।

गोपाल रवीना के ऊपर चढ़ा हुआ था।
मैं पलटी खाकर बराबर वाले कपल के पास चली गई जो 69 पोजीशन में चुसाई कर रहे थे।

जब उस आदमी ने बराबर में मुझे देखा तो वो मेरी चूत में उंगली करने लगा.. उसे इतना मजा आया कि वो उस लड़की को छोड़ कर मुझे चूमने लगा।

मैं उसके ऊपर चढ़ कर लेट गई और हमारी जीभ एक दूसरे के मुँह में ही थी।
मैंने अपना हाथ नीचे करके उसका लंड अपनी चूत में कर लिया।

अब वो भी जोश में आ गया और मुझे उठा उठा कर धक्के देने लगा।
दो नंगे बदन, दोनों एक दूसरे से अपरिचित पर चूत और लंड को पहचान जरुरी नहीं होती!

सच जन्नत का मजा आ रहा था।

तभी मैंने अपने ऊपर किसी का हाथ और फिर अपनी गांड पर किसी दूसरे का लंड महसूस किया।
मैं समझ गई कि कोई मेरी गांड मारना चाहता है।

मैं इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी इसलिए मैं झटके से पलट गई और मेरी चूत से पहले वाला लंड निकल गया पर पीछे वाले ने बिना एक सेकंड देर किये मेरी चूत में अपना लंड ठोक दिया।

इसका तो अंदाज़ ही निराला था, इसने मेरी टांगें अपने कंधे पर रखी और मेरे निप्पल चूसते हुए मुझे चोदने लगा।
स्पीड इतनी बढ़ा दी कि मेरी चूत भी वाह वाह करने लगी और मैं और वो दोनों एक साथ आये और निढाल हो कर ऐसे पड़ गए जैसे सुहागरात पर मैं और नीरज!

तभी एक घंटी बजी, मेरे पार्टनर ने कहा- घर जाने का टाइम हो गया। अगले पांच मिनट में अपने अपने कपड़े ढूंढ लो और पहन कर बराबर वाले हॉल में आ जाओ।

मैंने अपने कपड़े ढूंढे और वाशरूम में जाकर अपने को ठीक करके बराबर के कमरे में आ गई।

सभी खुश और आपस में मजाक कर रहे थे।

नीरज मेरे पास आया, उसके पास हमारा कपड़ों वाला बैग था।
फिर रोशनी धीमी हो गई और हम सभी ने कपड़े बदल लिए और होटल से बाहर आ गए।

घर पहुँच कर हम लोगों ने शावर लिया।

बेड पर नीरज मुझे बहुत देर तक चूमता रहा।
हमने ऐसा अनोखा अनुभव जिन्दगी में पहली बार किया था और हम बहुत खुश थे।

अब इंतजार था तो अगले सैटरडे का!

मैं यह अनुभव से कह सकती हूँ कि अगर पति पत्नी दोनों की स्वीकृति हो तो ग्रुप सेक्स या पार्टनर्स बदल कर सेक्स दुनिया की सबसे आनन्ददायक चीज़ है।

दोस्तो, आपको यह कहानी कैसी लगी और आप इस बारे में क्या सोचते हैं, मुझे यानि अपने दोस्त सनी को जरुर बताइयेगा।
[email protected]

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