गर्लफ्रेंड की अदला बदली करके चुदाई की तमन्ना-1
(Desi Sex Kahani: Girlfriend Ki Adla Badli Karke Chudai Ki Tamanna- Part 1)
दोस्तो, मेरी पिछली देसी सेक्स कहानी
मेरी सेक्सी कहानी की फैन के साथ थियेटर में मस्ती
आप लोगों ने पसंद की, उसका शुक्रिया. आज मैं फिर वास्तविक देसी सेक्स कहानी लेकर आपके सामने हूँ… आशा करता हूँ कि आप लोगों लोगों को पसंद आएगी.
निकिता और मेघा के साथ मेरी मस्ती आराम से चल रही थी.
एक दिन मेघा को चोद रहा था, उसी टाइम मेघा बोली- हम लोग किसी डिस्को में चलते हैं, वहां दोनों एक-दूसरे के सामने मस्ती करेंगे.
मैं समझ गया कि मेघा मेरे सामने किसी और से चुदना चाहती है और मुझे भी चोदते देखना चाहती है.
मैं राजी हो गया.
हम लोगों ने सैटरडे इवनिंग का प्रोग्राम बनाया क्योंकि हम दोनों के ही घर वाले बाहर गए हुए थे और सैटरडे को डिस्को में भीड़ भी अच्छी रहती है.
सैटरडे को मैं उसे लेने पहुंचा तो उसने ओवरकोट डाला हुआ हुआ था.
मैंने हैरत से कहा- ऐसे जाओगी तो तो कोई देखेगा भी नहीं.
तो मेघा बोली- ये तो यहाँ से निकलने के लिए पहना है.
मैंने बोला- तो इसके नीचे क्या पहना है… दिखाओ?
उसने ऊपर से कोट उतारा तो मैं देखता ही रह गया. उसने अन्दर बहुत सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी. उसका टॉप बैकलेस था… पूरी बैक शो हो रही थी और चूचे भी बहुत ज्यादा दिखाई दे रहे थे. उसे देखते ही मेरे तो होश उड़ गए. उसने पूरा फ़िल्मी हिरोइनों वाला ड्रेस पहना था, जो बस उसके मम्मों को ढकने की असफल कोशिश कर रहा था, ढक कम रहा था दिख सब कुछ रहा था. नीचे उसने साइड से कट वाला स्कर्ट पहन था, जो दोनों साइड से उसकी जाँघों तक कट वाला था.
मेघा को मेरी कामुक निगाहों से पता चल गया था कि वो बहुत सेक्सी लग रही है.
चूंकि मेरा लंड खड़ा हो गया था तो उसने इठला कर मुझसे पूछा- अच्छी तो लग रही हूँ न!
मैंने उसे पकड़ कर बांहों में ले लिया और उसका हाथ अपने लंड पर रख कर बोला- लो इससे पूछ लो.
वो खिलखिला कर हंस पड़ी.
मैंने कहा- अब अपने लंड को ऐसे खड़े-खड़े तो बाहर ले जा नहीं सकता, इसको बिठाओ.
वो हंसने लगी और मेरा लंड बाहर निकाल कर चूसने लगी. थोड़ी देर में मेरा पानी निकल गया और हम लोग डिस्को आ गए.
वहां बड़ा मस्त मंजर था. वहां जाकर हम लोग आराम से बैठ गए और माहौल को देखने लगे. बहुत सी लड़कियां-लड़के औरतें-मर्द मस्ती कर रहे थे. थोड़ी देर बाद एक 50 साल का आदमी मेघा के पास आकर उससे डांस के लिए बोला, मेघा ने भी ‘हाँ’ कर दी.
मैंने भी पूछा- क्या मैं आपकी पार्टनर के साथ डांस कर सकता हूँ?
तो उसने कहा- वो अगर हाँ कहे तो कर सकते हो.
मैंने उसकी पार्टनर से बोला, तो वो मान गई.
डांस फ्लोर पर हम लोग और बहुत से लोग डांस कर रहे थे. उस आदमी का नाम मनोज था और उसकी वाइफ का नाम सविता था. सविता ने साड़ी पहनी थी और ब्लाउज गहरे गले का पहना हुआ था.
पहले तो मैं देखना चाहता था कि मनोज और मेघा क्या मस्ती करते हैं, तो मैं नार्मल डांस करता रहा. मनोज ने मेघा को बाँहों में भर लिया था और धीरे-धीरे उसकी कमर पैर और पीठ को सहला रहा था. उसका हाथ मेघा के मम्मों के आस-पास घूम रहा था, बीच-बीच में वो मेघा की जांघें भी सहला देता था.
आगे हम चारों की लाइव स्टोरी सुनो.
मनोज- मेघा तुम बहुत सुंदर और सेक्सी हो… मन करता है तुमको चूम लूं.
‘तो कहाँ पर चूमना चाहते हो आप मनोज?’
मनोज- मन तो करता है सब जगह चूम लूं…!
‘हीहीही… आप भी न… मनोज जब आपके हाथ मेरे कमर पर और पीठ पर घूमते हैं तो मुझे करंट सा लगता है. आप मेरे इतने करीब हैं कि आपके साँसें मेरी गर्दन पर मुझे महसूस हो रही हैं… उम्म्म स्स्स्स मुझे मदहोशी सी छा रही है…’
‘उम्म्म उम्म्म्म तुम्हारी ये सुराहीदार गर्दन पर किस करके तो मजा आ गया.’
‘मुझे बहुत अच्छा लग रहा है आपके हाथों और होंठों का एहसास.’
‘तुम्हारे चूतड़ भी बहुत मस्त हैं… इन्हें सहलाने में कितना मजा आ रहा है.’
‘आआह… स्स्स्स… मत कीजिए न… मैं कण्ट्रोल नहीं कर पा रही हूँ.’
‘तुम्हारी जांघें कितनी चिकनी हैं… मुझे तुम्हारे होंठों का रस पीना है.’
‘पी लीजिए ना… सब जगह हाथ घुमा चुके हैं… तो अब पूछ क्या रहे हैं.’
‘मूऊऊउ उम्म्म्म उम्म्मम्म…’
‘आपके नीचे का सामान मेरी जांघों में चुभ रहा है… इसे थोड़ी देर कंट्रोल करके रखिए ना.’
‘मेघा आज रात हमारे साथ चलो… मेरी वाइफ के सोने के बाद मैं तुमसे प्यार करना चाहता हूँ.’
‘ठीक है, मैं अपने ब्वॉयफ्रेंड को थोड़ी ड्रिंक करवा दूंगी और आप मदद के बहाने हमें अपने घर ले चलना.’
‘ठीक है… उम्म्मम्म उतनी देर किस से ही काम चला लेता हूँ.’
‘उम्म्म्म उम्म्मम्म प्लीज् निप्पल मत मसलो… दर्द होता है. घर चल के कर लेना.’
इधर मैं सविता के साथ मस्ती करने लगा था. सविता की धीरे-धीरे पीठ सहलाते हुए उसकी नाभि सहलाने लगा. उसे अच्छा लग रहा था.
उसको अच्छा लग रहा है ये देखते हुए मैंने उसके मम्मों पर हाथ रख के सहला दिया. मैं उसकी गांड को भी सहला रहा था.
सविता भी मस्ती में आ गई थी, वो भी मुझे किस करने लगी. मैंने उसे वहीं पर उसके होंठों पर एक किस किया और उसकी क्लीवेज जो कि बहुत ज्यादा ही गहरी थी, उस पर किस किया. मैं उसकी नाभि सहला रहा था, उसने भी मस्ती में मेरे लंड को पकड़ कर सहलाया.
‘समीर ये तो काफी बड़ा लग रहा है और लगता है ये तुम्हारी पैन्ट में तुम्हें परेशान कर रहा है.’
‘हाँ सविता इसे नरम होंठों से सहलाओ न… तुम्हारे ये बड़े-बड़े दूध से भरे थैले भी बाहर आना चाहते हैं.’
‘हाँ समीर इन्हें कोई पिए तो मजा आ जाए.’
‘तो आज तुम्हारे घर चलें, वहीं पर मस्ती करेंगे… मेघा भी शायद एन्जॉय कर रही है.’
‘ठीक है तो आज हमारे घर पर ही चलो.’
थोड़ी देर मस्ती करने के बाद जैसे तय हुआ था, मैंने नशे में होने का नाटक किया और मेघा को मनोज ने अपने घर चलने के लिए बोला.
तो मेघा ने कहा- हमारी गाड़ी?
सविता ने बोला- मैं ले आऊँगी… आप मेघा को और समीर को हमारी गाड़ी में लेकर चलो.
पर मैंने नशे मैं होने का नाटक किया और अपनी कार में जाकर सो गया, तो मेघा मनोज के साथ उसकी कार में चली गई.
सविता ने कहा- अब उठ जाओ वो लोग कार में चले गए.
‘सविता किसी सुनसान और लम्बे रास्ते से ले कर चलो ताकि रास्ते में थोड़ा मजा कर सकें.’
सविता सुनसान रास्ते पर गाड़ी ले गई और धीरे-धीरे चलाने लगी.
मैंने उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया और पहले उसके होंठ आराम से चूसे.
‘उम्म्म्म उम्म्मम्म मूऊऊ क्या मदभरे होंठ है यार… मजा आ गया चूसने का.’
‘आआआह… समीर आज मेरी प्यास बुझा देना… मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है.’
मैंने पीछे से ब्लाउज का हुक खोल कर उसके मम्मों को आजाद कर दिया और उसके निप्पलों को मसलने लगा.
‘बहुत सॉफ्ट बूब्स हैं यार…’
‘समीर क्यों तड़पा रहे हो… मेरा दूध पियो न जल्दी से…!’
मैंने उसका एक निप्पल मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और दांतों से काटना भी शुरू कर दिया. मैं उसकी चूत को साड़ी के ऊपर से सहला भी रहा था.
‘आआअह… इस्स… काटो मत यार… दर्द हो रहा है… आआह… मेरी चूत में आग लगी है… कुछ करो न…!’
‘तो गाड़ी रोको और उन पेड़ों के झुण्ड में चलो.’
सविता ने गाड़ी रोकी और हम दोनों पेड़ों के झुण्ड में चले गए. हमने गाड़ी से एक पुराना कपड़ा ले लिया ताकि हमारे कपड़े गंदे न हों. वहां पहुँचते ही सविता मुझे किस करने लगी और मेरा लंड पैन्ट से निकाल कर देखने लगी. फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मैंने उसे भी नंगी कर दिया.
अब वो मेरा लंड चूसने लगी. थोड़ी देर बाद हम 69 में आ गए… वो मेरे बॉल्स भी चाट रही थी.
‘आआहअ… सविता आराम से बहुत मजा आ रहा है.’
‘समीर मेरी चूत में तुमने जीभ डाली तो ऐसा लगा जैसे जन्नत में हूँ.’
‘जानू जब लंड जाएगा… तो सोचो कैसा लगेगा.’
‘आआआह… समीर अब नहीं रहा जाता… इसको मेरी चूत में पेल दो न.’
मैंने उसे एक पत्थर पर आधा लेटाया और चूत पर लंड लगा कर धक्का दे मारा… लंड थोड़ा सा अन्दर घुस गया.
‘आआह समीर दर्द हो रहा है… मेरे पति का इतना मोटा लंड नहीं है.’
मैंने उसके चूचे मुँह में लेकर एक जोर का धक्का दिया तो मेरा लंड लगभग आधा अन्दर चला गया.
‘आआआहह… इस्ससss मर गई मैं तो… जानू मेरी बहुत टाइट चूत है… इतने बड़े लंड से नहीं चुदी हूँ… मैंने चूत में किसी इतना मोटा लंड नहीं लिया.’
सविता के चूचे चूसते-चूसते अगले धक्के में मैंने पूरा लंड अन्दर चुत की जड़ तक पेल दिया.
‘आआआआअह… मर गई माँआआ… आआह…’
मैंने सविता के निप्पल को दांतों से पकड़ के खींचा और धक्के लगाने लगा. धीरे-धीरे वो निप्पल के मजे और चूत के दर्द में कहीं खो गई और थोड़ी देर बाद जब दर्द शांत हुआ तो खुद नीचे से धक्के लगाने लगी ‘आयाहह… समीर चोद दो मुझे… और तेज… और तेज चोदो…’
मैं उसके चूचुकों को अपने दांतों से काट रहा था और नीचे से धक्के लगा रहा था. थोड़ी देर में ही सविता ने मुझे कसके जकड़ लिया और वो झड़ गई, पर मैं अभी बाक़ी था.
तभी उसके पति का कॉल आया- किधर हो… इतनी देर कैसे लग गई?
अब आगे क्या होता है वो मैं आपको इस देसी सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूंगा… आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
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देसी सेक्स कहानी जारी है.
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