देवरानी जेठानी ने पति की अदला बदली की
(Family Porn Swap Sex Kahani)
फॅमिली पोर्न स्वैप सेक्स कहानी में मैं अपने देवर से चुदती थी. उसकी शादी हुई तो मुझे लगा कि उसकी बीवी की चूत का मजा मैं अपने पति को दिलवाऊँ. मैंने खेल रचना शुरू कर दिया.
यह कहानी सुनें.
यह कहानी दो कपल के आपस में अदला बदली करके हुई चुदाई की है
दोस्तो, मैं वृत्ति चौधरी आज अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी लेकर आई हूं.
आपको जानकारी के लिए बता देती हूं कि मैं बाड़मेर राजस्थान से हूं.
वैसे तो मैं पिछले तीन-चार साल से अन्तर्वासना और हिंदी सेक्स स्टोरी वेबसाइट पर बहुत सारी कहानी पढ़ रही हूं लेकिन मैंने महसूस किया कि यहां ज्यादातर कहानी काल्पनिक और मनगढ़ंत होती हैं.
इस कारण मैंने सोचा कि मैं भी एक अपनी सच्ची कहानी लेकर आऊं. ताकि आप लोगों को भी पता चले कि वेबसाइट पर जो कहानी काल्पनिक और मनगढ़त कहानी हैं उसमें और सच्ची कहानियों में कितना अंतर होता है.
तो दोस्तो, यह कहानी 2023 के नए साल की है.
यह फॅमिली पोर्न स्वैप सेक्स कहानी मेरी और मेरे पति और मेरे देवर और देवरानी के बीच हुए नए साल पर स्वैपिंग सेक्स की है.
मेरी शादी तो तीन साल पहले यानि 2019 में हो गई थी और मेरे देवर की शादी अभी पिछले साल मई में हुई थी.
सबसे पहले आपको मेरे और हमारे चारों के बारे में बता देती हूं.
मैं वृत्ति चौधरी. मेरी उम्र 23 साल है, मेरे जिस्म का साइज 34″ के बूब्स, कमर 30″ की और गांड 32″ की है.
और मेरा वजन 45 किलो है.
मेरे पति वीरेंद्र चौधरी की उम्र 25 साल है. उनके लंड का साइज 7.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.
पति का वजन लगभग 65 किलो के आसपास है.
अब मैं आपको मेरे देवर नरेश के बारे में बताती हूं.
नरेश की उम्र लगभग मेरे बराबर यानि 23- 24 साल की है. उनके लंड का साइज 7 इंच और 2.5 इंच मोटा है. वजन लगभग 75 किलो है.
मेरी देवरानी सीमा की उम्र 20 साल है. उसके बदन का साइज बूब्स 32″, कमर 28″ की और गांड लगभग 30 इंच है.
देवर देवरानी की शादी अभी 5- 6 महीने पहले हुई है.
उनकी शादी से पहले देवर और मेरा सेक्स हो चुका है.
मेरे पति जब घर पर नहीं होते थे तो मैं और देवर आपस में चुदाई करते थे
यह कहानी में आपको किसी और कहानी में बताऊंगी इसमें ज्यादा लंबी हो जाएगी!
लेकिन मेरे पति इन सब बातों से अनभिज्ञ थे.
जब मेरे देवर नरेश की शादी हो गई तो रात को मैं और मेरे पति घर में ऊपर बने कमरे में सोते थे. उसके पास वाले कमरे में ही देवर और देवरानी सोते थे.
यानि हमारे दोनों कपल के कमरे अगल बगल ही थे.
देवरानी ज्यादा पतली थी और काफी सेक्सी थी.
लेकिन वह संकोच भी ज्यादा करती थी.
अपने देवर से मैं कई बार उनकी चुदाई के बारे में पूछती थी. देवर अच्छी तरीके से बता देते थे कि रात कितनी बार चोदा था, कैसे चोदा था, क्या क्या हुआ था आदि!
इस तरह देवर अपनी चुदाई की कहानी मुझे बताते थे, तब सुनकर बहुत मजा आता था.
वैसे मैं आपको एक बात बता भूल गई कि मेरे पति सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं. वे सुबह स्कूल जाते हैं और वापस शाम को ही घर आते हैं.
और मेरे देवर लकड़ी का काम करते हैं.
वे ज्यादातर राजस्थान से बाहर गुजरात में काम करते हैं.
लेकिन शादी से पहले वे घर पर ही ज्यादा रहते थे, इस कारण हम सेक्स कर पाते थे!
देवर की शादी के बाद जब दोनों कपल रात को जब भी चुदाई करते थे तब आपस में चुदाई की आवाज आती थी यानि थप थप की आवाज सुनाई देती थी.
हमारी चुदाई की आवाज भी देवर और देवरानी को सुनाई देती थी.
वैसे तो मेरे पति चुदाई करने में काफी एक्सपर्ट हैं, उन्का स्टेमिना सांड के जैसा है, घोड़े के जैसा दमदार हथियार है और गधे की तरह फुल स्पीड में पेलते हैं.
तब पलंग भी ऐसी आवाज करता है जैसे रहम की भीख मांग रहा हो … चर्र चर्र आदि की आवाज आती हैं.
लेकिन हमारे घर में कमरे ऊपर की मंजिल पर होने से किसी को भी कोई दिक्कत नहीं होती है, न ही आवाज सुनाई देती है.
इस तरह हम लोग बिंदास होकर चुदाई करते थे.
एक दिन मैंने देवर को कहा था- मुझे आप दोनों की चुदाई देखनी है!
तब उन्होंने खिड़की को थोड़ा सा खुला रख के मुझे अपनी चुदाई दिखाई थी.
मैंने देखा था उस पलंग पर देवरानी सीमा पूरी नंगी लेटी हुई थी.
सीमा के शरीर के ऊपर यानि बूब्स के आसपास देवर का माल यानि वीर्य गिरा हुआ था तथा देवर शायद तीसरा राउंड सेक्स कर रहे थे.
देवरानी के बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे क्योंकि नई नई शादी ही हुई थी तब उनकी!
हालांकि जब हमने स्वेपिंग सेक्स किया था तब तो सीमा के स्तन काफी ज्यादा बड़े हो गए थे और बदन भी काफी ज्यादा भर गया था, गांड भी अच्छी थी यानि उस समय छोटी सी ही थी और देवर जमकर उसकी पेलाई कर रहे थे.
लेकिन मेरे एक मन में एक बात थी कि अगर हम चारों ही एक कमरे में आकर चुदाई करते हैं तो बहुत ज्यादा मजा आयेगा.
मुझे और एक नए जिस्म के साथ, लंड के साथ मजे लेने का मौका मिलेगा.
और मेरे पति को भी नई चूत चोदने का मौका मिलेगा क्योंकि मेरी चूत अब कुछ ढीली हो गई थी, ऐसा कई बार पति कहते थे.
मैं सोचती थी कि क्यों ना हम इस दीवार को गिरा दें ताकि चारों एक ही बिस्तर पर आकर चुदाई करें.
इससे ज्यादा इंटरेस्ट आता है, चुदाई में भी ज्यादा मजा आता है.
और वैसे भी मेरे पति गांड मारने में ज्यादा इंटरेस्टेड होते हैं लेकिन मैं उन्हें कभी भी नहीं देती हूं पीछे!
क्योंकि एक दो बार ट्राई किया था, अंदर गया ही नहीं था, बहुत दर्द कर रहा था.
फिर मैं चुदाई करते कभी-कभी देवरानी के बखान करती थी पति को उत्तेजित करने के लिए!
और देवर को भी एक दो बार कहा था कि हम चारों मिल कर सेक्स कर लें!
तब उन्होंने कहा- सीमा मानेगी या नहीं मानेगी, पता नहीं! मैं तो तैयार हूं!
धीरे-धीरे मैंने ऐसे करते-करते मैंने पति को तैयार कर लिया था.
क्योंकि बहुत सारी सेक्सी बातें करके मैंने अपने पति की देवरानी के प्रति नजर ही बदल दी थी.
अब वे भी दिन में देवरानी के बूब्स और गांड की तरफ देखते थे.
दिन में कई बार वे किसी न किसी बहाने टच भी करते थे.
हालांकि देवरानी ने कुछ भी नहीं कहा था, उसे लगा होगा कि यह अचानक हुआ होगा!
मैं देवरानी सीमा से भी सेक्स की बातें करती थी. उसको भी उसकी चुदाई की बातें पूछती थी.
फिर वह भी मुझसे पूछती थी कि रात को पलंग ज्यादा आवाज कर रहा था … आदि!
इस तरह हम दोनों एक दूसरी को काफी उत्तेजित करती रहती थी.
मैं कई बार उसकी गांड पर थप्पड़ भी मार देती थी, वह भी वापस मार देती थी.
इस तरह हम काफी खुल गई थी एक दूसरी से!
और उधर मेरे देवर भी सीमा को स्वैपिंग सेक्स के लिए उत्तेजित करते थे- क्यों ना हम भी ऐसे स्वैपिंग सेक्स करें!
तो एक दो बार तो उसने मना किया था लेकिन बाद में वह भी मान गई थी.
और मेरे पति भी देवरानी का फिगर देखकर मान गए थे मुझे अपने भाई के लंड से चुदवाने के लिए.
मैं और देवर तो पहले से ही तैयार थे.
लेकिन मैंने पति को कभी भी यह अहसास नहीं होने दिया था कि मेरे और देवर के बीच पहले ही चुदाई का खेल खेला जाता रहा है.
मैंने बताया था कि देवरानी सीमा को मैंने मनाया था.
और देवर को सीमा ने ही मनाया था.
अब स्वैपिंग सेक्स में मुझे भी मजा आने वाला था क्योंकि मेरे पति के नीचे देवरानी लेटी होगी.
मेरे पति ऐसी दमदार चुदाई करते हैं कि देवरानी की चीखें निकाल देंगे.
मैं भी बड़ी मुश्किल से उन्हें झेल पाती हूं.
और सीमा तो पतली और छोटी है, कैसे झेल पायेगी?
देवरानी भी मेरे पति को देखकर थोड़ा डरी हुई थी. इस कारण देवर ने भी बड़ी मुश्किल से देवरानी को मनाया था.
फिर नए साल से पहले दिन हम सब ने प्लान बनाया कि हम एक ही कमरे में आकर सेक्स करेंगे.
फिर नए साल की पूर्व संध्या को 31 दिसंबर को मैं और मेरे पति दोनों कमरे में बैठे थे.
लगभग 9:00 बज रहे थे.
उस समय मैंने साड़ी पहनी हुई थी, मेरे पति पैंट और शर्ट में थे.
शुरुआत में मेरे देवर नरेश हमारे कमरे में आए.
फिर देवरानी भी आग.
सीमा उस समय राजस्थानी वेशभूषा में बहुत ही सुंदर लग रही थी.
गुलाबी वेशभूषा, घूंघट ओढ़े … ऐसा लग रहा था जैसे सुहाग रात मनाने आई है.
वैसे हमारे यहां प्रथा हैं कि कोई भी स्त्री अपने जेठ और सास ससुर के सामने बिना घूंघट नहीं आएगी.
हमारे कमरे में दो पलंग हैं, एक हम सोते हैं.
हमने दोनों पलंग को पास पास लगा लिया था.
हम चारों बैठ गए, आपस में बातें करने लगे.
तभी देवर जी बाहर गए और सीढ़ियों से आने वाले दरवाजे को बंद किया ताकि कोई नीचे से अचानक ऊपर नहीं आ जाए.
उस समय भयंकर सर्दी का मौसम था.
काफी देर की बातों के बाद मैं देवर के पास जाकर बैठ गई और सीमा को मैंने मेरे पति के पास जाने को बोला.
तो वह संकोच के मारे मुंह दूसरी तरफ करके खड़ी हो गई थी!
बाद में मेरे पति हाथ पकड़ कर सीमा को अपने पलंग पर ले गए.
मैं देवर के पास बैठ कर मस्ती करने लगी.
मेरे पति सीमा को अपने पलंग पर बैठाकर उसके बूब्स मसलने लगे थे!
हमारे दोनों पलंग आपस में चिपके हुए थे.
काफी देर बाद देवर ने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
साथ साथ हमने आपस में फोरप्ले करना शुरू किया.
धीरे-धीरे देवर ने मेरी साड़ी, ब्लाउज पेटीकोट उतार दिए.
मैं सिर्फ ब्रा और पेंटी में रह गई थी.
मेरी पेंटी काफी ज्यादा गीली हो गई थी चूत के पानी से!
मैंने भी देवर के पैन्ट और शर्ट उतार दिए.
अब वे सिर्फ चड्डी और बनियान के अंदर थे.
चड्डी के अंदर उनका बहुत मोटा सा मूसल सा लंड का उभार आसानी से दिखाई दे रहा था.
फिर उन्होंने मेरी ब्रा को उतार दिया.
मेरे 34″ के बूब्स एकदम आजाद हो गए जैसे कोई पिंजरे में कैद थे.
और देवर ने उन्हें बस मसलना शुरू किया, मेरे होंठों और गालों पर किस करना शुरू किया.
धीरे-धीरे ऐसे करते-करते मैं काफी उत्तेजित हो गई.
मैंने भी देवर की बनियान उतार दी और चड्डी को भी निकाल कर फेंक दी.
फिर उन्होंने मेरी पैंटी उतार दी और अपनी भाभी की चूत पर जुबान लगाकर चाटने लगे.
मेरे शरीर में अजीब सिहरन दौड़ने लगी.
आज तो मुझे मेरे देवर का लंड कुछ ज्यादा ही लंबा और मोटा दिखाई दे रहा था.
यानि एक बार तो मैं देखकर डर गई थी कि आज यह लंड मेरी चूत फाड़ देगा.
देवर का वजन लगभग 75 किलो के आसपास है.
फिर हम दोनों 69 की पोजिशन में आ गए.
में उनके आंड और लंड चूसने लगी थी और वे मेरी चूत की फांकों को चाटने लगे थे.
मैंने पानी छोड़ दिया तो उन्होंने पूरा पानी पी लिया.
और उन्होंने वीर्य निकलने से थोड़ा पहले लंड मुंह से निकाल कर मेरे पेट पर गिरा दिया.
मेरी देवरानी और मेरे पति पास वाले पलंग पर थे वैसे मैं और सीमा दोनों अगल-बगल में लेटी थी, हम दोनों के सर एक ही दिशा में थे.
तभी मेरी नजर देवरानी पर पड़ी.
अरे … मैं आपको देवरानी का बताना भूल गई कि मेरे पति उसे पकड़ कर अपने पलंग पर लेकर गए थे उसके बाद क्या क्या हुआ था.
वह बहुत ही शरमाई हुई थी, उसका चेहरा एकदम लाल हो गया था क्योंकि वह मेरी तरह खुले विचारों वाली नहीं थी.
मेरे पति ने उसे नंगी कर दिया तथा अपने कपड़े भी खुद ही उतारे थे.
शुरूआत में जब सीमा नंगी हुई तो वह बहुत संकोच कर रही थी, उसे अपनी चूत को हाथों से ढक भी लिया था.
लेकिन अब धीरे धीरे वह खुल रही थी.
मस्ती में सीमा के बाल खुल गए थे जो बहुत लंबे थे जो कमर तक आते थे.
तब वे 69 की पोजिशन में आए थे.
बाद में पति ने देवरानी को सीधा लिटाकर टांगों को अपने कंधे पर ले लिया.
फिर मेरे पति ने सीमा की गांड के नीचे एक तकिया लगाए और उसे चाटने लगे.
और उसके बाद लंड पर ढेर सारा थूक लगाकर अंदर घुसेड़ने की कोशिश करने लगे.
मैं अपनी जगह पर लेटी हुई देवरानी और अपने पति को देख रही थी. मुझे पहले से ही देवरानी की चुदाई ( उसके पति से) देखना पसंद था.
मेरे पति ने सीमा की टांगें कंधे पर लेकर लंड को उसकी चूत के छेद पर सेट करके एक धक्का लगाया, लगभग आधा लंड अंदर गया और सीमा की एकदम चीख निकल गई क्योंकि मेरे पति की चुदाई हर कोई बर्दाश्त नहीं कर सकता था.
फिर उन्होंने दूसरा ही झटका लगाया और पूरा का पूरा लंड सीमा की चूत के अंदर समा गया, सीधा बच्चेदानी से जाकर टकराया.
जेठ जी के लंड की चुदाई से सीमा की शरीर में अजीब सी झनझनाहट होने लगी थी.
मेरे पति उसे पूरे जोश से पेल रहे थे.
आज पलंग आज कुछ ज्यादा चर्रे चर्रे कर रहा था जैसे अभी टूटा.
इस तरह जबरदस्त चुदाई से सीमा की तो मानो जान निकल गई हो.
इधर मेरे देवर ने भी अपना हथियार मेरी चूत पर सेट किया और एक ही झटके में अंदर डाल दिया.
मेरे को चूत को चुदाते हुए काफी लंबा टाइम हो गया था इसलिए मुझे कुछ ज्यादा दर्द नहीं हुआ था.
फिर वह भी पति के जैसे मुझे पलने लगे.
लगभग 10 मिनट की चुदाई के बाद देवर के जब निकलने वाला हुआ, तब उन्होंने बाहर निकाल कर मेरे पेट और बूब्स पर अपना पूरा वीर्य एकदम गर्म लावा डाल दिया और मेरे ऊपर ही लेट गए.
दूसरी तरफ मेरे पति अभी भी देवरानी को पेल रहे थे.
हमारे झड़ने के लगभग 5 मिनट बाद उन्होंने भी अपना वीर्य देवरानी के पेट और बूब्स और मुंह और बाल तक उछाल कर खाली कर दिया और उसके ऊपर लेट गए.
सीमा की सांस ऊपर नीचे हो रही थी क्योंकि घोड़े जैसे स्टैमिना और गधे जैसे लंड से पहली बार उसकी चुदाई हुई थी.
उसके बाद मेरे पति और देवर दोनों ही हमारे दोनों के आसपास लेट गए.
लगभग 10 मिनट के बाद उनके हथियार फिर से तैयार हो गए.
इस बार उन्होंने लेटे-लेटे पीछे से सेक्स करना शुरू किया यानि एक पलंग पर देवरानी और दूसरे पर मैं … हमारे चेहरे आमने सामने थे.
जबरदस्त चुदाई करने के लगभग 10 मिनट के बाद मेरे पति और देवर नीचे लेट गए और हम दोनों उनके लंड के ऊपर बैठकर उछलने लगी, यानि लंड की सवारी करने का मौका मिला.
हम दोनों ने रिवर्स काऊ गर्ल स्टाइल में जम कर चुदाई की.
उसके बाद काफी ज्यादा थक गई थी तो लेट गई.
फिर घड़ी में टाइम देखा तो लगभग 11:00 बज रहे थे.
यानि हमको चुदाई करते हुए लगभग 2 घंटे हो गए.
आज दिन तक इतनी चुदाई कभी नहीं हुई थी.
उसके बाद उन भाइयों ने हम दोनों को घोड़ी बनाया.
यानि इस बार मेरा सर और देवरानी का सर आपस में टकरा रहे थे, हम आमने-सामने थी.
सीमा की गांड के पीछे मेरे पति थे, मेरे पीछे मेरे देवर थे.
घोड़ी स्टाइल में उन दोनों ने हम दोनों को चोदना शुरू किया.
लगभग 10-12 मिनट तक उन्होंने चोदा, काफी मजा आया सबको … जैसे जन्नत की सैर कर ली हो!
इस दौरान मेरे पति ने मेरी देवरानी की गांड भी मारने की सोची.
उन्होंने अपना लंड चूत में से निकाल कर थूक लगाकर सीमा की गांड में पेल दिया.
सीमा ने आज तक कभी भी कांड नहीं चुदवाई थी.
मेरे पति का बड़ा और मोटा लंड जब गांड में घुसा तो उसकी गांड फट सी गई थी, उसकी आंखों में आंसू आ गये, वह रोने लग गई.
लेकिन देवर ने मेरी गांड नहीं मारी थी क्योंकि मैंने मना किया था.
उस रात मेरे पति ने देवरानी की जबरदस्त तरीके से गांड मारी.
सीमा उठने लायक हालत में नहीं थी.
उसके बाद हम काफी थक गए थे और मेरे पति ने सीमा को अपने साथ सुला लिया क्योंकि वह चलने की स्थिति में नहीं थी.
मैं और देवर उनके कमरे में चले गए, काफी देर तक हमने प्यार भरी बातें की.
उसके बाद लगभग 1:00 बजे हम सो गए.
सुबह लगभग 5:00 बजे मेरी नींद खुली तो मैं अपने कमरे में आई.
तब मेरे पति सीमा को पेल रहे थे.
मेरे पति ने बताया कि सुबह भी उन्होंने एक बार गांड मारी और एक बार चूत मारी.
उसके बाद मैं भी देवर के कमरे में जाकर उनको जगा कर उनसे चुद गई.
उधर देवरानी चलने लायक स्थिति में नहीं थी तो मेरे पति ने उसे कपड़े पहनाए और देवर के कमरे में छोड़ गए.
जब मेरे पति सीमा को छोड़ने आए, उस समय देवर मेरे को घोड़ी बनाकर पेल रहे थे.
सीमा हमारे पास आकर एकदम निढाल होकर लेट गई.
फॅमिली पोर्न स्वैप सेक्स के बाद मैं नंगी अपने कमरे में चली गई.
सीमा तीन दिन तक चलने लायक की स्थिति में नहीं रही थी क्योंकि उसकी गांड बहुत ज्यादा सूज गई थी और चूत भी काफी दर्द कर रही थी.
मैंने उसे पेनकिलर गोलियां दी, उसके बाद उसकी हालत सामान्य हुई.
अब जब भी मेरा मन होता है, तब मैं देवर से चुदाई कर लेती हूं.
और पति का जब भी गांड मारने का मन होता है तो वे अपने छोटे भाई की बीवी की जबरदस्त तरीके से गांड मारते हैं.
मेरे पति सीमा को बाथरूम में, छत पर, किचन में आदि कई जगह नंगी करके पेल चुके हैं.
रात को अकसर हम चारों नंगे सोते हैं.
कभी मैं देवर के कमरे में सोती हूं तो कभी देवर हमारे कमरे में चारों एक साथ बेड पर सोते हैं.
उसके बाद देवर वापस काम पर चले गए, तब पति मुझे और देवरानी दोनों को चोदते हैं.
अब जेठ से चुद चुद कर सीमा की चूत भी ढीली हो गई है और गांड का छेद भी काफी बड़ा हो गया है, अब इतना दर्द नहीं करता है.
अगली बार हम दोनों देवरानी जेठानी का एक साथ दो लंड लेने का विचार है.
हालांकि मैंने अभी तक एक बार भी गांड नहीं मरवाई है.
तो दोस्तो, बताना हमारी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी?
काफी कहानियां बिल्कुल ही काल्पनिक होती हैं पर मैंने यह सच्ची कहानी लिखी है.
और यह मेरी पहली कहानी है जिससे मैं इसे ज्यादा रोमांटिक नहीं बना पाई. और त्रुटि हुई है तो माफ करना.
फॅमिली पोर्न स्वैप सेक्स कहानी कैसी लगी?
आप सभी मेरी मेल आईडी पर अपने विचार जरूर साझा करें!
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