दोस्त को जन्मदिन का तोहफ़ा-1

(Dost Ko Janmdin Ka Tohfa- Part 1)

नील काम 2016-08-07 Comments

This story is part of a series:

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार।
मैं नील आपसे पहली बार ही मिल रहा हूँ इसलिए मैं आपको पहले अपने बारे में कुछ बातें बता दूँ।

मैं 30 साल का हट्टा-कट्टा अलमस्त लड़का हूँ। मेरे साथ मेरी पत्नी वैशाली भी है। जो 28 साल की बहुत ही खूबसूरत, सेक्सी और लण्ड की बेहद प्यासी है।
यहाँ पर मैं आपसे मेरी और मेरी पत्नी की सेक्स कहानियाँ साझा करूँगा।

एक बात और बता दूँ कि हमारा एक स्विंगिंग सेक्स का ग्रुप भी है जिसमें हम 8 शादी-शुदा पति-पत्नी हैं.. जो एक-दूसरे के साथ अपने पार्टनर्स की अदल-बदल करके उनके साथ सेक्स का मज़ा लूटते हैं।

वैसे तो हमारी सेक्स यात्रा के बहुत ही चटपटे और उत्तेजक किस्से हैं.. पर आज मैं आपको वो किस्सा बताना चाहूँगा.. जिसके साथ हमारे बीच सेक्स पार्टनर की अदला-बदली का खेल शुरू हुआ।

बात आज से 3 साल पहले की है, तब मेरी और वैशाली की सगाई हो चुकी थी.. पर शादी में कुछ महीने बाकी थे।

मैं और मेरा जिगरी दोस्त बृजेश ज्यादातर हर जगह साथ-साथ ही रहते थे, वैसे भी वो शहर में मेरा रूम पार्टनर भी था और कॉलेज समय से ही मेरा काफी करीबी दोस्त था।

हम दोनों एक-दूसरे से हमारी हर चीज शेयर करते थे। एक-दूसरे से हमारी कोई भी छोटी-बड़ी बात छुपी नहीं रहती थी। चाहे वो बैंक का अकाउंट नंबर हो या नई गर्लफ्रेंड का मोबाइल नंबर हो.. सब कुछ एक-दूसरे को बताते थे।
शर्ट हो.. जीन्स हो.. बाइक हो या अंडरवियर सब कुछ एक-दूसरे का इस्तेमाल कर लिया करते थे।
एक-दूसरे से ज्यादा समय अलग नहीं रह सकते थे। जैसे दो दिल एक जान थे हम!

हमारी ऐसी गहरी दोस्ती की वजह से बृजेश भी वैशाली का काफी अच्छा दोस्त बन चुका था। कई बार मेरी गैर हाजरी में भी वो दोनों मिलते थे और साथ-साथ काफी समय गुजारते थे।
मुझे उन पर पूरा विश्वास भी था कि वो दोनों इसका गलत फायदा नहीं उठायेंगे और ऐसा था भी।

मैंने कई बार छुप-छुप कर उन पर नज़र रखी थी.. उन के बीच कुछ भी उल्टा-सीधा नहीं हुआ.. तो मुझे उन दोनों पर और ही प्यार और विश्वास जम गया।

उस दिन बृजेश का जन्मदिन था।
मैं, वैशाली और बृजेश सुबह से घूमने निकल गए थे। उस दिन शुक्रवार था.. तो छुट्टी ले ली थी। बाद में दो दिन शनिवार और रविवार की छुट्टी तो थी ही।

हम लोग सुबह से घूम रहे थे। शाम को मूवी देखने भी गए और रात को डिनर के लिए होटल में गए।
पूरे दिन में मैंने कई बार बृजेश से पूछा- तुम्हें बर्थ-डे गिफ्ट में क्या चाहिए?
तो वो कहता रहा- आज तो मुझे बेहद कीमती तोहफ़ा चाहिए और वो मैं तुमसे बाद में मांग लूँगा।

मैंने कहा- ठीक है.. जो तुम चाहो.. मैंने तुमसे अपनी हर चीज़ शेयर की है.. तो जो तुम चाहोगे.. मैं तुम्हें दे दूंगा।
पर इस तरह से तो रात होने आई.. दस बजने वाले थे.. हम अपने रूम पर वापस भी आ गए थे।

अभी तक उसने मुझसे कुछ भी नहीं माँगा तो मुझे लगा कि शायद वो मज़ाक ही कर रहा था।
उस दिन वैशाली भी हमारे साथ ही रूम पर आई थी, मैं भरपूर उत्तेजक मूड में था। पहले भी मैं कई बार वैशाली से सेक्स कर चुका था.. आज भी मैंने उसकी चुदाई का प्लान बनाया था।

गर्मी के दिन थे.. तो बृजेश तो रात को छत पर ही सोने वाला था.. वैशाली के घर पर भी कोई नहीं था.. तो मैंने ही उसे रात को हमारे रूम पर ही रूक जाने को मना लिया था.. ताकि रात भर मैं उसकी चुदाई कर सकूँ।

अब मुझे भी अपना मनसूबा पार होते हुए नज़र आ रहा था।
मैं तो नहा-धो कर फ्रेश हो गया था, मेरा लम्बा लण्ड अब बेक़रार हो रहा था।

वैशाली नहाने गई थी।
बृजेश नहाने जाने की तैयारी कर रहा था और मैं नहा कर ही निकला था।

इस वक्त मैं और बृजेश दोनों ही सिर्फ अंडरवियर में थे।

आपको बता दूँ कि मैं बाईसेक्सुअल हूँ और मेरे और बृजेश के बीच में भी सेक्स सम्बन्ध हैं.. पर इसके बारे में फिर कभी बात करूँगा।

तभी बृजेश मेरे पीछे से आ कर मुझसे लिपट गया.. उसने मेरा तौलिया भी उतार दिया। उसने एक हाथ से मुझे जकड़े रखा था और दूसरे हाथ से मेरा लण्ड सहला रहा था.. और मेरी गरदन और पीठ को चूमे जा रहा था। उसका एकदम कड़क लण्ड मेरे कूल्हों से टकरा रहा था।

मैंने उससे पूछा- क्या यही गिफ्ट तुम्हें चाहिए था?
तो उसने कहा- नहीं पगले.. पर क्या तुम अपनी हर चीज़ मुझसे शेयर कर सकते हो?
मैंने कहा- हाँ.. बिल्कुल.. जो तुम्हें चाहिए एक बार माँग कर तो देखो।

तब उसने जो बात कही.. मैं सुन कर दंग ही रह गया।

उसने कहा- तो क्या तुम वैशाली को भी मुझसे शेयर कर सकते हो? एक रात के लिए ही सही.. क्या मुझे बर्थडे गिफ्ट में वैशाली दोगे?

बृजेश की बात सुनकर पहले तो मैं दंग रह गया.. एक पल के लिए गुस्सा भी आया.. पर फिर तुरंत ही मेरे अन्दर की वासना जाग उठी। वैशाली को किसी और से चुदाते हुए देखने की कल्पना से ही मैं और भी ज्यदा उत्तेजित हो गया।

जैसे कि मैं वासना से पूरी तरह कामांध हो चुका था। मैंने पीछे मुड़ कर बृजेश की छाती पर हल्के से अपने दाँतों से काटा और उसके लण्ड से अपना लण्ड बड़ी ही जोर से दबा कर कहा- मैं भी वो गर्मागर्म चुदाई देखना चाहता हूँ। जंगली सांड की तरह चोदना उसे!

मेरी बात सुनकर वो खुश हो गया और मुझे अपनी बाँहों में भर कर मेरी चूचियाँ चाटने लगा.. जो मुझे बेहद पसंद है।

तभी लगा कि शायद वैशाली नहा कर निकल ही रही है.. हम दोनों ही अलग हो गए और अपना-अपना काम करने लगे।
तभी वैशाली बाहर आई और बृजेश नहाने चला गया।

उसने जाते-जाते कहा- मैं अभी फ्रेश हो कर आता हूँ.. मेरी गिफ्ट तैयार रखना।
मैंने कहा- ज़रूर..

अब मुझे इस बात के लिए वैशाली को मनाना था.. हालाँकि मैं जानता ही था कि वैशाली की चूत बहुत ही गर्म है और लण्ड की बेहद प्यासी है।
वो मुझसे पहले भी कई लड़कों का लण्ड ले चुकी थी.. तो बृजेश का लण्ड लेने से इन्कार करने की संभावना ही नहीं थी।

जैसे ही वो नहा कर आई.. मैंने उसे अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उसे चूमने लगा।
उसने कहा- इतनी भी क्या जल्दी है.. बृजेश नहाने ही गया है.. वो देख लेगा।
मैंने कहा- देख लेने दो उसे.. मुझे कोई परवाह नहीं है।

मैं उसे और चूमने लगा.. उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाने लगा, उसकी चूत को सहलाने लगा।

अब वो भी उत्तेजित होने लगी, वो बोली- अरे.. अभी वो नहा कर आ जाएगा.. कहीं उसने हमें इस हालत में देख लिया.. तो वो भी शुरू हो गया तो?
मैंने कहा- हो जाने दो और मजा आएगा।

वो- क्या कह रहे हो.. उससे चुदवाओगे क्या?
मैंने मौका देख कर सीधे-सीधे ही बोल दिया- वो भी यही चाहता है। उसने कहा है कि वो अपने बर्थ-डे गिफ्ट में तुम्हें चोदना चाहता है।

मेरी बात सुनकर वो पहले तो सन्न रह गई.. और मुझसे अलग हो गई।
फिर ही देर में वो शरमाते हुए मुझसे लिपट गई.. और कहा- तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा?
मैंने कहा- डार्लिंग.. तुम्हें तो पता है मुझे चुदी हुई चूत और भी नमकीन लगती है।

‘पर मैं तुम्हारी नजरों के सामने चुद रही होऊँगी.. क्या सहन कर पाओगे?’
‘उसमें सहना क्या है.. कुछ देर बाद मैं भी ज्वाइन कर लूँगा।
‘आह.. तब तो दो-दो लण्ड एक साथ लेने का बड़ा ही अच्छा मौका मिल गया।’

अब तो वैशाली भी मान गई थी।
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मैंने फ़टाक से अल्मारी से गिफ्ट पेपर और रिबन निकाले। कुछ गुलाब कमरे में थे.. तो उसकी पंखुड़ियों को अलग करके कुछ वैशाली की ब्रा में डालीं और कुछ उसकी पैन्टी में डालीं। फिर उसकी छाती से ले कर जांघों तक उसे गिफ्ट पेपर से लपेट कर रिबन से बाँध दिया..
जैसे कि किसी गिफ्ट के बॉक्स को सजाते हैं, मैंने उसी तरह से वैशाली को सजाया और उसे कमरे के बगल वाले कोने में ही खड़ा रहने को कहा।

कुछ देर बाद बृजेश बाथरूम में से फ्रेश हो कर आया, उसने अपने बाल संवारे.. खुशबूदार डिओ लगाया, अपना तौलिया उतारा।

आज उसने वैशाली के फ़ेवरिट नेवी ब्लू कलर की निक्कर पहनी हुई थी, वो बड़ा ही सेक्सी लग रहा था।

तभी मैंने उसके पास जा कर उसे गले से लगाया और उसे जन्मदिन की बधाईयाँ दीं।
उसने कहा- मेरा गिफ्ट?
मैंने कहा- एकदम रेडी है.. आ जरा बैठ तो सही।

मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसे पलंग पर बैठा दिया। फिर मैंने वैशाली को आवाज़ लगाई और वो कमरे में बड़ी अदा से चलते हुए आई।

वैशाली को गिफ्ट पेपर में लिपटी हुई देख कर वो बोला- वाउ.. कितना खूबसूरत और सेक्सी तोहफा है।

दोस्तो, अब इस तोहफे का क्या हुआ.. वो आपको अगले भाग में लिखूँगा, आपके ईमेल का स्वागत है।
कहानी जारी है।
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