ट्रेन में रात को बीवी की चूचियाँ गैर मर्द को दिखाई-2
(Train Me Raat ko Biwi ki Chuchiyan Gair Mard Ko Dikhai- Part 2)
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अब हमारे लौटने का समय आ गया था, सेकेन्ड क्लास की स्लीपर की बर्थ रिजर्व थी हमारी, रात का सफ़र था, शाम साढ़े छः बजे गाड़ी चल कर अगले दिन सुबह 5-6 बजे तह हमारी मंजिल पर पहुँचनी थी।
शुरू में तो हमारी बोगी काफ़ी भरी हुई थी, बिना रिजर्वेशन वाले भी काफ़ी यात्री घुसे हुए थे डिब्बे में… हमें लगा कि यह सफ़र तो काफ़ी उबाऊ कटने वाला है।
लेकिन रात नौ बजे हमारे डिब्बे में काफ़ी शान्ति हो चुकी थी, लगभग सभी यात्री उतर चुके थे, हम दोनों के अलावा केवल दो लोग ही और थे, वे पिता पुत्री लग रहे थे, आदमी 45 साल के करीब होगा, वो मेरी बीवी पर नजर लगाए था, मेरी बीवी ने जीन्स और छोटा सा टॉप, वो भी साइड कट वाला पहना हुआ था, वो जब भी हिलती डुलती तो उसकी कमर नंगी नजर आती थी।
मैंने अपनी बीवी को बताया कि वो आदमी उसे देख रहा है, और कहा कि उसे सताना चिढ़ाना शुरू करे।
मेरी बीवी ऊपर से सामान उतारने के बहाने से उस आदमी के एक्दम सामने खड़ी हुई और अपनी दोनों बाहें ऊपर उठा ली, अब उसकी नंगी कमर उस आदमी के एकदम सामने थी और वो उसे घूर भी रहा था।
फ़िर मेरी बीवी ने नीचे बैठ कर अपना टॉप ठीक करने के बहाने उसे अपनी चूचियों के दर्शन भी करवाए।
अब हम और वे दोनों अपनी अपनी बर्थ को सोने के लिये तैयार करने लगे। उस आदमी ने बीच वाली बर्थ ली तो मेरी बीवी ने भी उसके सामने बीच वाली बर्थ ली ताकि वो उसे अच्छे से अपने बदन का प्रदर्शन करके मजा ले सके।
उस मद्धम रोशनी में मैंने देखा कि वो आदमी मेरी बीवी के बदन और उसकी गोलाइयों का भरपूर नजारा ले रहा था।
तभी मैंने अपनी बीवी को नीचे उतरने को कहा और उसे अपने साथ अपनी बर्थ पर बैठा लिया। आप जानते होंगे कि थ्री टियर में जब सभी बर्थ खुली हों तो आप सीट पर सीधे होकर नहीं बैठ सकते, तो मेरी बीवी उस आदमी के सामने आगे झुक कर ऐसे बैठी कि उसकी वक्षरेखा स्पष्ट रूप से उस आदमी को दिखाई दे।
वो आदमी भी मेरी बीवी की चूचियों की गहरी घाटी में झांकने लगा।
मैंने अपनी बीवी को इशारा किया कि वो थोड़ा और टीज करे! मेरी बीवी फ़िर से अपनी शर्ट ठीक करने के बहाने से अपनी चूचियाँ उसे दिखाने लगी।
वो आदमी समझ चुका था कि मेरी बीवी जानबूझ कर ये सब कर रही है।
वो आदमी ऊपर से उतर कर टॉयलेट की तरफ़ गया तो मैंने अपनी बीवी को उसके पीछे जाने को कहा।
वो चली गई।
वे दोनों आमने सामने वाले टॉयलेट में गए, और जब बाहर निकलने लगे तो मेरी बीवी जानबूझ कर उसके टकराई और अपनी चूचियाँ उसकी बाजू से रगड़ दी।
वो आदमी शायद फ़ट्टु था, उसने तब भी मेरी बीवी को कुछ नहीं कहा और वापिस आ कर अपनी बर्थ पर लेट गया। उसकी बेटी पहले ही नीचे वाली बर्थ पर सो चुकी थी।
अब मैं अपनी बर्थ पर लेट गया, मेरी बीवी मेरे चेहरे के पास बैठी थी, मैंने इस बाजू उसकी कमर के गिर्द डाली और अपने चेहरे से अपनी बीवी की चूचियाँ सहलाने लगा, मेरी बीवी प्यार से मेरे चेहरे पर हाथ फ़िराने लगी।
वो आदमी सामने से सब कुछ देख रहा था।
इतना सब कुछ करने के बाद हम दोनों काफ़ी उत्तेजित हो चुके थे तो मैंने अपनी बीवी को अपनी बगल में लिटा लिया, उसकी पीठ मेरी तरफ़ थी, मेरा लंड उसकी गांड में चुभ रहा था।
मैंने अपनी एक बाजू अपनी बीवी के बदन पर रख ली और उसके बदन को सलहाने लगा।
वो आदमी हमें लगातार देख रहा था।
मैंने अपनी बीवी के टॉप को ऊपर किया और उसकी नाभि से खेलने लगा, एक बार टॉप के अन्दर से उसकी चूचियाँ भी मसल दी।
मेरी बीवी अपना हाथ पीछे लाई और मेरे लंड को सहलाने लगी, उम्म्ह… अहह… हय… याह… कुछ देर बाद मैं ऐसे ही उसके सहलाते सहलाते पैंट में ही झड़ गया और सो गया।
इसके बाद क्या हुआ, मुझे नहीं पता, मेरी बीवी मेरे सोने के बाद अपनी बर्थ पर चली गई होगी।
अगले दिन मैंने उससे पूछा भी लेकिन उसने सिर्फ़ यही कहा कि वो भी अपनी बर्थ पर जाकर सो गई थी।
उम्मीद है कि आपको मेरा यह सेक्स अनुभव पढ़ कर मजा आया होगा, आप अपने कमेंट्स नीचे लिखें।
धन्यवाद।
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