ट्रेन में मिली शादीशुदा लड़की की कामवासना और चुदाई-3

(Train Me Mili Shadishuda Ladki Ki Kamvasna Aur Chudai- Part 3)

आरव सेन 2018-04-08 Comments

मेरी कहानी
ट्रेन में मिली शादीशुदा लड़की की कामवासना और चुदाई-1
ट्रेन में मिली शादीशुदा लड़की की कामवासना और चुदाई-2

में अभी तक आपने पढ़ा कि ट्रेन में मुझे एक भाभी मिली, वो प्यासी थी, उसकी कामवासना उसके काबू से बाहर थी. हम दोनों की सेटिंग हो गयी. ट्रेन की बोगी धीरे धीरे पूरी खाली हो गयी तो हम खुल कर सेक्स का खेल खेलने लगे.

मैं इधर लगातार अपनी कमर को हिलाता जा रहा था, वो भी उधर से ताल में ताल मिलाते हुए कमर को हिला रही थी। मेरा लंड पूरी तेजी से चुत में अंदर बाहर सटासट सटासट अपनी जगह बना के चुत को अपना बनाने की कोशिश में लगा हुआ था।
इधर चुत भी जैसे ही लंड उसके भीतर जाता, वह अपने चुत को दबा देती थी जिससे चुदाई का मजा और भी बढ़ता जा रहा था। उसके दूध भी उसके हिलने से ऊपर नीचे होते तो और भी सेक्सी लगते थे।
कोई बूढ़ा आदमी भी देखे तो भले ही वह खड़ा ना हो पाये लेकिन उसका लंड जरूर खड़ा हो जाये।

हमें हॉट चुदाई करते हुए करीब पन्द्रह मिनट हो गए थे और मैं लगातार उसकी चुदाई करते हुए उसकी चुत का भोसड़ा बनाने पर लगा हुआ था।

जब मुझे लगा कि अब मेरा होने वाला है तो मैं जरा सा रुक गया और उसकी चुचियों को अपने दोनों हाथों से जोर जोर से मसलने और चूसने लगा। अब मैंने उसके चूतड़ों के नीचे दोनों जाँघों को दोनों हाथों से पकड़ा और ले कर खड़ा हो गया। उसका बदन छरहरा था तो उसका वजन भी ज्यादा नहीं था।

पहले तो उसकी समझ में ही नहीं आया कि मैं क्या कर रहा हूँ, जब समझ में आया तो उसने खुद को संभाला और अपने दोनों हाथों को मेरे गले में बांध लिया। अब इस चुदासन में जो भी करना था, मुझे ही करना था, उसे तो बस चुदना था।

वह मेरे होंठों को चूम कर अपने होठों को मेरे कान के पास ले गयी और उसने मुझे कहा- मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई मुझे ऐसे चोदेगा। बस इस पोजीशन में चुदने की ख्वाहिश जरूर थी।
इतना कहते हुए मेरे कान के भीतर अपनी जीभ को घुसाने लगी।
‘उफ्फ्फ्फ़…’ उसने तो मेरी जान ही निकाल दी, उत्तेजना के कारण मेरा बुरा हाल होने लगा, वह मेरे गर्दन को भी हौले से चूमने लगी।

इधर उसने अपना काम शुरू किया तो मैंने भी उसे गोदी में उठाये ही चोदना शुरू कर दिया, मैंने नीचे से पूरी तेजी से धक्के मारना चालू कर दिया। लंड पूरा का पूरा चुत में घुसता, सुपाड़े तक बाहर निकलता फिर तुरन्त ही पूरे जोर से चुत में जा घुसता।
मैं दो या तीन मिनट तक लगातार पूरी तेजी से उसकी चुदाई इसी तरह करता रहा। उसे इस पोजीशन में चुदने का आनंद ज्यादा ही आ रहा था क्योंकि एक तो लंड पूरा घुस के अंदर बाहर हो रहा था और उसकी दोनों चुची भी मेरे सीने से खूब रगड़ खा रही थी।

वह अब कुछ बोल ही नहीं पा रही थी, बस ‘आआ अह्हह्ह ह्ह्ह ह्ह्हह उम्म्मम्म ममम्मी चोद दो… चोद दो… हएएएय फट गयी… चुद गयी और जोर से, और जोर से.. उम्म्म् म्ममम्मी मम्मी उम्म्ममी आआह आआह्ह्ह हह…’ कर रही थी.

जब मैंने उसके कान में अपनी जीभ हिलानी शुरू की और उसकी गर्दन पर अपने होंठ चलाये। नीचे से उसकी चुत की धमाकेदार चुदाई, बीच में उसके चुचियों की जबर्दस्त रगड़ाई और ऊपर में जीभ की उत्तेजित हिलाई… इतनी उत्तेजना वह बर्दाश्त नहीं कर पाई और वह खुद पर काबू ना पा सकी, वह आआआह चिल्लाते हुए मुझसे जोर से लिपट गयी और अपने नाख़ून मेरे पीठ पर गड़ा दिये।
वह अब चर्मोत्कर्ष पर पहुंच चुकी थी और झड़ने लगी थी। मेरे लंड ने भी जब उसकी चुत के पानी को गिरते हुए महसूस किया तो वह भी काबू में न रह पाया। मुझे तो ऐसा लगा जैसे मेरे लंड के ऊपर गर्म पानी डाल दिया गया हो, मैंने भी अपनी वीर्य की पिचकारियों से उसकी चुत भर डाली।

मैं पहले भी मुठ मारता था लेकिन आज से पहले मेरे लंड से इतना वीर्य कभी नहीं निकला था, ना ही वीर्य निकलते वक़्त ऐसा अहसास होता था।
यह तो बहुत अलग़ था… परम आनन्द की अनुभूति।

मैं उसे गोदी में लिये हुए ही सीट पर बैठ गया और उसे गले लगाये हुए ही पीछे पीठ टिका कर आराम से आँखें बंद कर ली और अनुपम पलों में खो गया। ना उसे ही होश था, ना मुझे ही होश था, बस हम एक दूसरे में खो जाना चाहते थे।

लगभग आधे घण्टे तक हम उसी तरह पड़े रहे, ना कोई बोला ना हम दोनों ने कुछ भी बोलने की कोशिश की। मैं थोड़ा हिला तो उसने अपना सिर मेरे कंधे से उठाया, मेरी आँखों में देखा और बिना कुछ कहे ही मेरे होठों को फिर से चूम लिया।
मैंने उसके सिर के ऊपरी भाग पर चूमा और उससे कहा- एक बात पूछूँ?
तो उसने आँख मारते हुए कहा- जब चोदने के लिये नहीं मना किया तो इसके लिये मना करूंगी? जो पूछना है पूछो।

मैंने कहा- हम दोनों पहली बार मिले हैं फिर भी तुम शादीशुदा होते हुए भी चुद गयी, क्यूँ?
तो उसने जवाब दिया- पता नहीं… फिर भी मुझे तुम्हारी बातों में सच्चाई लगी। मेरे दिल ने कहा कि तुम किसी का भी विश्वास नहीं तोड़ सकते हो।
जवाब में सिर्फ मैं मुस्कराया और उसके होंठों को चूमने लगा और उसकी चूचियों पर हाथ लगा कर सहलाने लगा।

उसने अपना फोन चेक किया तो बैटरी फुल चार्ज होने वाली थी और साढ़े दस बज चुके थे। उसने फ़ोन लगाया और कहा- मैं डेढ़ घंटे में स्टेशन पहुंच जाऊँगी।
अभी भी हमारे पास डेढ़ घण्टा बाक़ी था।

मेरा लण्ड फिर से उसकी चुचियों को सहलाते सहलाते खड़ा हो गया था। उसकी नजर लंड पर पड़ी तो हंसने लगी, वह फिर से लण्ड को मुंह में ले गयी। इस बार उसने लंड को हाथ नहीं लगाया बल्कि होठों से ही ऊपर नीचे करने लगी, लंड को आइसक्रीम की तरह सब तरफ से चाटने लगी।

एक हाथ उसने टट्टों पर लगाया तो एक हाथ उसने मेरे छाती पर रख दिया और मेरे छाती को भी मसलने लगी। अब कभी वह लंड को चूसती तो कभी टट्टों को अपने मुंह में भर लेती।
मैं तो आँखें बंद किये हुए बस मजा ले रहा था।

अचानक वह उठी और मेरी जांघों पर आ कर बैठ एक साइड अपनी दोनों टाँगें लटका कर बैठ गयी।

उसने मेरा एक हाथ पकड़ा और अपनी चूत पर ले जा कर रख दिया और मेरे छाती पर मुंह लगा कर के चूसने लगी। इधर मैं उसकी चुत को रगड़ने लगा और वो उधर मेरी हालत खराब करने लगी. बीच बीच में वो हल्के से काट भी लेती थी और कातिलाना मुस्कराहट भी छोड़ती थी, मानो बदला चुका रही हो और कह रही हो- देखो, अब मैं तुम्हारा क्या हाल करती हूँ।

चुत रगड़ते रगड़ते उसकी चूत फिर से पनिया गयी और उसकी सिसकारियाँ फिर से शुरू हो गयी- इस्स स्स्स स्सशस्स उफ़्फ़ फ़फ़ उम्मम्मह मम्मम म्मम्म।
उसकी चूत ने पानी छोड़ते हुए फिर से लंड लंड मांगना शुरु कर दिया।

इस बार मैं उसे सिंगल सीट की तरफ ले गया और उसे एक पैर को सीट पर रखने को कहा उसे खिड़की पर हाथ रखते हुए आगे की ओर झुका दिया। मैंने इस बार लंड को पीछे से लगाया और धक्का दिया, लंड एक ही बार में पूरा चला गया. चूत इतनी देर की चुदाई के बाद खुल चुकी थी।

अब मैं उसके ऊपर हल्का झुक गया, एक हाथ से आगे से उसकी चुत के दाने को रगड़ने लगा तो एक हाथ से उसकी चुचियों को जोर जोर से दबाने लगा। अब मैंने तेजी से पीछे से उसकी चुत की धुआंदार चुदाई में लग गया।
इस बार मैंने उसकी हॉट चूत को चोद चोद कर उसकी चुत को पानी पानी कर दिया। इस बार वह बहुत ही कम समय में लगातार दो बार झड़ गयी थी। इस आसन में चुदते चुदते वह भी और उसकी चुत भी पूरी तरह से थक चुकी थी तो उसने मुझे रोका और कहा- मेरी चुत अब तुम्हारा लंड लेते लेते थक गयी है, अब मेरी चुत तृप्त हो गयी चुदाई से।

मैंने उसे अपना खड़ा लंड दिखाया और कहा- ये तो अभी और चुदाई मांग रहा है!
तो उसने कहा- मेरे मुंह को चोद लो, पर चुत को अब मत चोदो।

मैंने उसे अपने सामने बैठा कर उसके मुंह को ही चोदना शुरू कऱ दिया। इस बार मैंने अपने वीर्य से उसके चेहरे और चुचियों को नहला दिया। उसने मेरे लंड को चाट चाट करके साफ कर दिया और मेरे वीर्य को अपने चुचियों में रगड़ रगड़ कर मल लिया।

हमारे पास अब वक़्त भी अब नहीं था, हम दोनों नंगे ही साथ में बाथरूम गए, उसने अपने चेहरे और चुत को धोया और मेरे लंड को भी पानी से साफ कर दिया।
हम जल्दी से वापिस आये, हमने अपने कपड़े पहने। उसने तुरंत अपना छोटा सा मेकअप बॉक्स निकाला बाल संवारे, काजल और लिपस्टिक लगा लिया।
समय देखा तो बस पन्द्रह मिनट बचे थे भागलपुर आने में… मैंने उसका कम्बल समेट कर बैग में रख दिया।

मैंने उसे अपने बगल में बिठा लिया और पूछा- तुम इतना कुछ अपने पति के साथ भी करती हो?
उसने कहा- नहीं, उनसे थोड़ा शर्माती भी हूँ। इस तरह से उनके साथ चुदाई करूंगी तो वे पता नहीं मेरे बारे में क्या सोचेंगे। तुम्हारे साथ किसी भी चीज की फ़िक्र नहीं है।
मैंने कहा- अब तो कभी मिल भी नहीं पायेंगे?
उसने कहा- पटना में तो मिल ही सकते हैं, वहां कोई मुझे ज्यादा कोई पहचानता भी नहीं है। हम जल्द ही मिलेंगें।

उसने मेरा कांटेक्ट, फेसबुक आईडी वगैरह अपने फ़ोन बुक में सेव कर ली।

मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और कहा:
लग जा गले… फिर ये हंसी रात हो ना हो!
शायद इस जन्म में फिर मुलाकात हो ना हो!!

थोड़ी देर बाद स्टेशन आ गया तो हमने खिड़की से देखा तो उसने बताया कि वहां उसके भैया खड़े हैं।
ट्रेन रुकी तो उसने जल्दी से एक लिप किस दिया और गेट की तरफ निकली।

मैंने भी अपना बैग कंधो पर लटका दिया और उसके बैग को गेट तक पहुंचा दिया जहाँ से वो अपने भैया के साथ चली गयी।

मैं भी घर पहुँच कर अपना हेडफोन लगाया और गाना सुनते हुए गुनगुनाने लगा।
~चलो एक बार फिर से अजनबी बन जायें हम दोनों~

तभी मेरे फ़ोन में मैसेज की रिंगटोन बजी, एक नये नंबर से मैसेज था- ज़नाब चुदाई बड़ी लाज़वाब करते हैं।
मेरे चेहरे पर मुस्कराहट छा गयी।

अगर मोहतरमा के साथ पटना में चुदाई या कहीं और भी किसी के साथ मेरी चुदाई होगी तो जल्द ही वो कहानी भी आपके सामने होगी।
तब तक के लिये आप सभी से विदा लेना चाहूँगा।

पाठको, मेरी मोहतरमा को तो मेरी चुदाई लाजवाब लगी। आपको कैसी लगी, बताना न भूलें।
आप मुझे मेल कर सकते हैं। आपके मेल्स मुझे और भी कहानियां लिखने को प्रेरित करेंगी।
मेरी इमेल आईडी है
aravcena69@gmail. com
आप मुझे इसी आईडी से फेसबुक पर मेसेज भी कर सकते हैं। मेरी पूरी हॉट सेक्स कहानी पढ़ने के लिए शुक्रिया। आपके मेल्स और मेसेज के इंतजार में।

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