शीमेल का लण्ड और मेरी गाण्ड-3
(Shemale Ka Lund aur Meri Gaand-3)
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करीब 15 मिनट तक लौड़ा चूसने के बाद उसने मेरा सिर पूरी ताक़त से अपने लंड के ऊपर दबा दिया.. उसका सुपारा मेरे गले के द्वार पर था.. और ये क्या..
तानिया ने एक ज़ोर का झटका दे कर अपना वीर्य मेरे गले में छोड़ दिया.. उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मैं हिल भी नहीं पाया.. गले के द्वार पर से उसका गरम वीर्यरस मेरे पेट में एक झटके में उतर गया।
पूरा लंड मेरे मुँह में खाली करने के बाद तानिया ने मुझे अलग किया।
यह नजारा देख कर वे सब लड़कियाँ और मम्मियाँ ज़ोर-ज़ोर से हँस रही थीं.. तानिया को बधाई दे रही थीं कि एक लड़ाई उन लोगों ने जीत ली है।
वे लगभग एक साथ कह रही थीं- ऐसा ही या इससे भी बुरा हाल इसकी गाण्ड के छेद का करना..
अब मैं गिड़गिड़ाने लगा.. मना करने लगा.. पर वे सब मानने वाली नहीं थीं.. उन्होंने पूरी तरह से मन बना लिया था।
एक आंटी ने तानिया के लंड को हिला कर फिर से उतना ही बड़ा बना दिया और वो भी एक औरत के हाथों के स्पर्श से 5 मिनट में ही बड़ा हो गया।
अब 2 आंटियाँ उठीं और उन्होंने मुझे सीधा लिटाकर मेरे पैर ऊपर उठा दिए और एक साड़ी से मेरे हाथों के साथ बाँध दिए.. जिससे मेरी गाण्ड का छेद छत की तरफ ऊपर उठ चुका था और पूरा खुला हो गया था।
इतने डर और बेइज्जती के बाद मेरे लंड का उठना तो बिल्कुल ना मुमकिन था।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
चारों आंटियाँ मेरे पास आकर मेरे मुँह पर और गाण्ड पर चाटें मारने लगीं.. मुझे बहुत दर्द हो रहा था.. एक-दो चाटें मेरी गोटियों पर पड़े.. तो मैं बिलबिला उठा।
तानिया अन्दर से एक जलती हुई मोमबत्ती लाई और एक लड़की के हाथ में देकर कहा- जब मैं इसकी गाण्ड मारूँगी.. तब इसके नंगे बदन पर गरम-गरम पिघला हुआ मोम डालना…
तानिया ने एक जैल जैसा कुछ लिया और उसे अपने लंड पर लगा कर.. वो अपना बड़ा सा हथियार हिलाते हुए मेरे गाण्ड के होल पर रगड़ने लगी.. मेरी रूह काँप रही थी… एक तरफ पिघलता मोम और दूसरी तरफ 8 इंच लंबा और 2 इंच चौड़ा लंड मेरी गाण्ड के छेद पर रगड़ मार रहा था।
तभी तानिया ने रगड़ना बंद किया और मेरी गाण्ड पर लंड टिकाकर एक ज़ोर का झटका लगा दिया…
गाण्ड पर चिकनाई ज़्यादा ना होने के कारण सुपारा तो अन्दर चला गया.. पर पूरा लंड नहीं गया.. मेरी चीख निकल पड़ी तो एक आंटी ने अपने हाथ से चीख दबा दी।
तानिया ने मेरी जाँघों की पकड़ मजबूत करके और ज़ोर से धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड मेरी छोटी सी गाण्ड को चीरता हुआ अन्दर चला गया।
मैं दर्द से तड़प उठा.. पर करता भी तो क्या..? मेरी आँखों से आँसू निकलने लगे.. मेरी गाण्ड लगभग फट ही गई होगी.. ऐसा मुझे लग रहा था।
तब मुझे इस बात का अहसास हुआ कि जब हम मर्द लोग औरतों की गाण्ड मारते हैं.. तो उन्हें कैसा महसूस होता होगा।
दो मिनट उसी अवस्था में रखने के बाद तानिया हलके से धक्के मारने लगी और मेरा दर्द धीरे-धीरे बढ़ता ही गया। मैं रो रहा था.. ‘मुझे जाने दो’ की भीख माँग रहा था और वे सब लोग ज़ोर-ज़ोर से हँस रही थीं।
जैसे-जैसे धक्के बढ़ते गए और तानिया के लण्ड पर लगाया हुआ जैल पूरी तरह से मेरी गाण्ड में फैल गया.. मेरा दर्द कम होता गया।
तानिया मुझे बोलने लगी- रोना बंद कर और बोल.. ‘फक मी हार्ड मी मिस्ट्रेस.. फक मी हार्ड..’
मैंने अपना मुँह हिलाकर ‘ना’ का इशारा किया तो 2 चाटें मेरे गालों पर पड़े और दो मेरी गोटियों पर.. उसी के साथ पिघला हुआ मोम भी मेरे जिस्म पर टपकना शुरु हो गया।
मैं आँख बंद करके बोलने लगा- फक मी हार्ड.. फक मी हार्ड।
उन सब लोगों ने मुझे आँखें खोलने को कहा.. वे सब मेरी आँखों में मेरी घिन.. शर्म देखना चाहती थीं।
उस पीड़ा से बचने की वजह से मुझे आँखें भी खोलनी पड़ीं और मैं छत की तरफ देखता रह गया।
मेरी कानों में उन सबके ज़ोर-ज़ोर से हँसने की और ‘कम ऑन तानिया.. फक हिम हार्डर.. फक हिम हार्डर..’ ऐसी आवाजें पड़ रही थीं।
मैं चिल्ला रहा था-आह.. आआआह..उऊहह… आअहह.. मर गया रे..
मैं ऐसे ही चिल्लाता रहा.. पर मेरी आवाज़ उन सबके कहकहों की आवाज़ में दब गई।
लगभग 20 से 30 मिनट तक ज़ोर-ज़ोर से चोदने के बाद तानिया ने फिर से मेरी गाण्ड में अपने गरम वीर्य का फव्वारा छोड़ दिया। वीर्य छूटने के बाद भी उसका लंड मेरी गाण्ड में 5 मिनट तक अन्दर-बाहर होता रहा था। एक हिजड़े की इतना क्षमता देख कर मैं हैरान था।
मेरा जिस्म ढीला पड़ गया था.. जगह-जगह पर मोम के लाल निशान बन गए थे।
फिर तानिया ने लंड बाहर निकाला और आंटियों ने मेरे हाथ खोल दिए.. मेरी गाण्ड का छेद पूरी तरह से फट गया था.. मैं उठ ही नहीं पा रहा था.. पर उन्होंने मुझसे कहा- जल्दी से उठ.. और हम सबके पैर छूकर माफी माँग..
मैं किसी तरह उठा… दर्द के मारे मैं चल नहीं पा रहा था.. पर फिर भी मुझे माफी मांगने का आदेश पूरा करना था.. तब ही मेरी यहाँ से छुट्टी होने वाली थी।
मैं पहले हर मम्मी के सामने गया.. उनके पैर पर माथा रख कर कहा- ग़लती मेरी थी.. मुझे माफ़ कर दीजिए.. आगे से मैं ऐसा कभी नहीं करूँगा..
यही चीज़ मैंने चारों लड़कियों के पैर छूकर भी की.. जिंदगी में पहली बार मेरे से कम उम्र की लड़कियों के मैंने पैर छुए.. सबसे माफ़ी मांगने के बाद मुझे तानिया के पैर छूकर उससे भी माफी मांगने को कहा गया और मैंने वैसा ही किया।
मुझे खुद पर शरम आ रही थी.. मैं आज मेरे दोस्त और उसकी गर्ल-फ्रेंड के सामने नंगा हो चुका था। इधर 8 महिलाओं के सामने मुझे एक हिजड़े ने चोदा था..
फिर उन्होंने मेरे सामने मेरी सारी पिक्स डिलीट कर दीं.. और कहा- हम लोग ये पिक्स रखकर तुम्हें और भी सबक सिखा सकते हैं लेकिन शायद ये सबक तुम्हारी जिंदगी का सबसे बड़ा सबक होगा और तुम आगे से ऐसी हरकत करने से पहले 1000 बार सोचोगे.. जाओ यहाँ से.. अब अपना मुँह काला करो..
एक लड़की मुझे चिढ़ाने के लिए बोली- अरे इसका छेद तो अब बड़ा हो गया होगा ना.. इससे अब सुबह टॉयलेट में जब पेट खाली करने जाएगा तो ज़्यादा तकलीफ़ भी नहीं होगी..
सब हँस पड़ीं।
वे सब बोलीं- आज हमारा दो साल पुराना बदला पूरा हो गया.. आज खिड़की से जैसे ही तुझे दोपहर में घर आते देखा था.. तभी हमने तानिया को फोन करके बुला लिया था और ये सब प्लान बनाया था।
मैंने कपड़े उठाकर जैसे-तैसे पहन लिए और मैं वापस अपने फ्लैट पर आ गया।
मेरी गाण्ड जैसे सूज गई थी.. मैं ठीक से बैठ भी नहीं पा रहा था.. अगले 2 दिन तबियत का हवाला देकर मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली।
लेकिन कहते हैं ना.. कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं होती.. वैसे ही मेरी आदत अब भी वैसे ही है।
दोस्तो, यह मेरी असली कहानी कैसी लगी जरूर बताना।
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