प्यासी मॉम की चुदाई का मजा- 1
(Sex Crazy Mom Story)
सेक्स क्रेज़ी मॅाम स्टोरी में एक रात मैंने अपनी मम्मी को नंगी चूत में उंगली करती देखा. पापा बाहर रहते हैं तो उनकी चूत को लंड नहीं मिल पाता था. तब मैंने मम्मी की मदद करने की सोची.
मेरे प्यारे पाठको, मेरा नाम सैम है.
मेरी पिछली कहानी थी: मौसेरी बहन के साथ पहला सेक्स
यह मेरी नई कहानी मेरे एक दोस्त की है.
उसकी के शब्दों में सेक्स क्रेज़ी मॅाम स्टोरी का आनन्द लीजिये.
मेरा नाम अमित है. मैंने अन्तर्वासना के पटल पर बहुत सी कहानियां पढ़ी हैं.
मेरे पापा दक्षिण भारत के शहर में जॉब करते हैं और वे 6 महीने में एक बार घर आते हैं.
मेरी स्टेप मॉम की उम्र 41 साल है और वह गृहिणी हैं.
वे गोरी हैं, थोड़ी मोटी हैं पर अच्छी दिखती हैं. उनके बूब्स भी काफी बड़े बड़े हैं और वे साड़ी पहनती हैं.
मेरी दो बहनें हैं.
पहली सायली 21 साल की है और संध्या 19 साल की है.
वे दोनों पढ़ाई करती हैं.
दोनों की गांड बहुत बड़ी है और उनके बूब्स जरा सा ही चलने पर बहुत हिलते हैं.
एक रात को अचानक से मेरी नींद खुली.
मुझे प्यास लगी थी तो मैं पानी पीने के लिए बाहर निकला.
उस वक्त मुझे मॉम कमरे से कुछ आवाजें आती सुनाई दे रही थीं.
उनके कमरे की खिड़की खुली थी.
मैंने अन्दर झांक कर देखा तो देखता ही रह गया.
मॉम ने अपनी नाइटी पूरी ऊपर कर रखी थी, वे अपनी चूत में उंगली कर रही थीं.
वे अपनी आंखें बंद करके उंगली चला रही थीं और बुदबुदा रही थीं- आह कोई तो ये आग बुझा दे … आह 6 महीने में एक बार में क्या होता है?
वह दृश्य देखते ही मैं हिल गया और हड़बड़ाहट में पास रखी टेबल पर सजा हुआ पॉट गिर गया.
मैं घबरा गया और अपने कमरे में भाग आया.
मॉम भी उस आवाज से एकदम से डर गयी थीं कि कौन है.
वे बाहर देखने निकलीं और देखते देखते मेरे कमरे में आ गईं.
मैं आंख बंद करके सोने का ड्रामा कर रहा था.
वे मुझे सोता देख कर हल्के स्वर में बोल रही थीं- ये तो सो रहा है, तो आवाज किस की आयी?
फिर वे अचानक से मेरे एकदम पास आकर देखने लगीं कि मैं सच में सो रहा हूँ या नहीं!
उन्होंने मुझे हिला कर चैक किया और वापस चली गईं.
उनके जाने के बाद मैंने सबसे पहले आंखें खोलीं और कुछ देर आस पास देखा.
जब पाया कि सब कुछ सामान्य है तो मैंने Antarvasna3.com साइट खोली और उस पर मॉम सन की चुदाई की कहानी निकाल कर उसे पढ़ना शुरू किया.
दो-तीन कहानियां पढ़कर मैंने अपने लंड को सहलाया तो जल्द ही मेरे लौड़े से पानी निकल गया.
वीर्य निकल जाने से मेरी हालत खराब हो गई और मैं सो गया.
जब मैं सुबह उठा तो बाहर आया.
मॉम मुझे देख कर बोलीं- पहले नहा लो.
थोड़ी देर बाद मॉम मेरे पास आईं और बोलीं- नहीं नहाया?
मैंने मॉम की ओर देखा.
उनके गाल और दूध बहुत मस्त लग रहे थे.
मैंने कहा- पानी डाल दो.
मॉम बाथरूम में मुझे पानी डाल रही थीं.
मैं भी पीछे पीछे घुस गया.
मॉम बार बार ऊपर नीचे हो रही थीं, तो मुझे समझ आया कि इसी तरह बैठे रहने से उनके दूध दिखने लगेंगे.
फिर उनकी गांड मेरी तरफ हो गई.
उनकी गांड देखते हुए मैं सोचता रहा था कि मॉम को पीछे से चोदूँगा.
मैं अभी यह सब सोच ही रहा था कि वे खड़ी हो गईं और बाहर चली गईं.
लंड सहलाते हुए मैं सोचने लगा- ओह यार, आज तो मॉम बहुत मस्त माल लग रही थीं. थोड़ी देर और रुक जातीं, तो पकड़ ही लेता.
मैं मॉम को फिर से बाथरूम में बुलाना चाहता था.
तो मैं बोला- मॉम, मेरे कपड़े तो ला दो!
मॉम- लाती हूँ.
वे थोड़ी देर में आईं और कपड़े देकर चली गईं.
मैंने दरवाजा बंद किया और कपड़े खोल कर मोबाईल पर सेक्स स्टोरी पढ़ने लगा.
मॉम को चोदने की मैंने कई सेक्स कहानियां पढ़ीं.
मुझे मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने मॉम को याद करते हुए मुठ मारी.
मुझे सच में बहुत मज़ा आया.
मैं नहा के वापस कमरे में आ गया.
सारे दिन मॉम मेरी आंखों के सामने ही घूम रही थीं.
मैं मॉम को ही देख रहा था.
मॉम फ़र्श पर पौंछा लगाना शुरू कर चुकी थीं.
वे खूब झुक झुक कर फर्श को साफ कर रही थीं.
जब वे जोर से हाथ घुमातीं तो उनके मम्मों के एकदम खुल कर दीदार होने लगे.
मुझे अब अपनी ही मॉम को चोदने के लिए मूड बनता जा रहा था.
मैं मॉम के दूध देख देख कर पागल हो गया था.
अब मैं समझ गया था कि अगर चूत चाहिए तो मॉम ही बेहतर आइटम रहेंगी.
रात को मॉम सोई हुई थीं, तब उन्हें देख कर जी कर रहा था कि आज उन्हें पकड़ कर चोद ही दूं.
बहनें अपने कमरे में टीवी देख रही थीं.
मॉम को अकेली सोती देख कर मजा आ रहा था.
मैं सोच रहा था कि अगर बहनें सो जाएं तो मॉम को चोदने का चांस बन जाएगा.
कुछ देर बाद मैंने हिम्मत करके मॉम के कंधे पर हाथ रखा, वे सो गई थीं.
अंधेरे की वजह से कुछ दिख नहीं रहा था.
कुछ देर बाद मैं भी मॉम के पास ही सो गया.
मैंने सोचा था कि रात को मॉम को जब गहरी नींद आ जाएगी तो मैं उनके दूध दबा लूंगा.
यही सब सोचते हुए मैं सो गया.
रात को मैं मॉम के पास सो गया था, पर कुछ नहीं कर पाया था.
मेरी नींद भी गहरी लग गई थी.
सुबह मैं जरा देर से उठा क्योंकि कल शाम को दो बार मुठ मारी थी तो थकान ज्यादा आ गई थी.
सुबह मॉम मेरे लिए चाय ले आईं.
वे चाय देकर मेरे सामने बैठ गयी.
मॉम को सामने देख कर लंड खड़ा होने लगा.
मैंने चाय पी ली और मोबाईल पर चैट करने लगा.
मॉम के दूध मस्त दिख रहे थे.
सुबह सुबह से उनके मम्मों की दरार एकदम स्पष्ट दिख रही थी और वे भी लापरवाही से अपने मम्मों की झांकी दिखाने में कोई परहेज नहीं कर रही थीं.
मैं मोबाईल में आंखें गड़ाए होने का नाटक करते हुए मॉम के दूध ही देख रहा था.
अब मैं सोच रहा था कि कब मॉम नहाने जाएं और उनकी नहाते हुए में फिल्म बनाऊं.
करीब 11 बजे मॉम नहाने जाने वाली थीं, मैं उनके जाने से पहले बाथरूम के अन्दर चला गया.
सामने वाली दीवार पर लगे हैंगर पर मैंने अपनी शर्ट और पैंट टांग दी और फोन का कैमरा सैट पर दिया.
फोन और शर्ट दोनों एक ही रंग के थे तो कोई भी आसनी से फोन को नहीं पकड़ सकता था.
थोड़ी देर में मॉम अन्दर चली गईं.
मैं दरवाजे के पास खड़ा रहा.
थोड़ी देर बाद पानी की आवाज आने लगी तो मैं समझ गया कि मॉम नहाने लगी हैं.
मॉम करीब आधे घंटे बाद बाहर आ गईं.
मैं बस अपने फोन को लेना चाहता था.
उनके बाहर निकलते ही मैंने झट से अन्दर जाकर अपना फोन लिया और अपने कमरे में चला गया.
सबसे पहले मैंने वीडियो को सेव किया.
मैंने वीडियो को चालू किया तो देखा कि मॉम बाथरूम में घुस गईं और उन्होंने गेट बंद कर लिया.
मॉम ने साड़ी ब्लाउज पेटीकोट खोल दिया. वे पैंटी और ब्रा में मस्त लग रही थीं.
आज फोन सामने वाली दीवार पर होने के कारण मॉम की पूरी बॉडी मस्त दिख रही थी.
मॉम ने अब ब्रा खोली और दूध पर हाथ फेरा, फिर पैंटी भी खोल दी और मॉम ने चूत पर भी हाथ फेरा.
अब वे नहाने लगीं.
मॉम को नंगी देख कर बहुत मजा आ रहा था.
उनके नग्न दूध और चूत देख कर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया.
आह … मॉम तो बहुत हॉट हैं … कितनी गोरी हैं.
इन्हें चोद कर तो मजा आ जाएगा.
आह मॉम के दूध भी खूब मस्त हैं … आआह साली के ऊपर चढ़ कर चूत चोदूंगा .. ओह यार …
बस यही कहते हुए मैं झड़ गया.
मैंने आगे देखा कि मॉम ने अपने अंगों में साबुन को लगाना शुरू कर दिया था.
वे अपने दूध और कांख को खूब धो रही थीं.
थोड़ी देर मलने के बाद वे पानी से नहा ली.
उसके बाद उन्होंने अपने दोनों दूध दबाए, अपनी आंख बंद कर ली और चूत पर हाथ फेरने लगीं.
फिर मॉम ने चूत में उंगली करनी शुरू कर दी.
मॉम बहुत मस्त तरीके से अपनी चूत में उंगली कर रही थीं … कुछ देर बाद वे झड़ गईं और ढीली पड़ गईं.
मैं समझ गया कि मॉम को रोज लंड चाहिए.
मैंने पूरा वीडियो बार बार देखा.
जब वे मुड़ीं तो उनकी गांड देख कर बहुत ही अच्छा लगा.
अब रात हुई.
मैं उनके बिस्तर पर लेट कर सोने का नाटक करने लगा.
जब वे कमरे में आईं, तो उन्हें मेरा खड़ा हुआ लौड़ा दिखा.
मॉम मेरे लंड के साथ कुछ करेंगी और उनमें या बहनों में से कोई आया तो उनके साथ सेक्स कर लूँगा.
यही सोच कर मैं सोने का नाटक करने लगा.
नींद में यह सब करूंगा तो कोई कुछ नहीं बोलेगा.
मैं एक पतली सी चादर ओढ़ कर सो गया था.
मैंने कच्छा पहन रखा था और मैंने सोने का ड्रामा किया.
पर ड्रामा करते हुए ही कुछ ही देर बाद मुझे नींद आ गई.
जब जागा, तो 4 बज गए थे.
मॉम शायद किचन में थीं.
मैंने अपने लंड को सहला कर खड़ा किया और उसे अपने कच्छे से बाहर निकाल कर सो गया.
थोड़ी ही देर में मॉम आईं.
जब वे चाय रखने लगीं तो उनका ध्यान लंड की ओर गया.
उन्होंने खड़े लंड को देखा, फिर इधर उधर देख कर फिर से लंड को देखा.
फिर वे बाहर चली गईं.
कुछ देर में वापस आकर लंड देखने लगीं.
जब वे जाने लगीं तो उन्होंने मेरे पास पड़ी चादर लंड पर डाल दी और बोलीं- बेटे चाय रख दी है, पी लो!
मैंने उनकी आवाज सुनकर जागने का अभिनय किया और चाय पी ली.
मॉम को लंड अच्छा तो लगा था, वे कई बार देख चुकी थीं.
अब रात को मैं मॉम को चोदने का प्लान बनाने लगा.
रात को मैं फिर से मॉम के पास गया, मॉम के दूध दबाना चाहता था पर कुछ भी नहीं कर पाया.
उस रात को बस चैट करते हुए सो गया.
मैं 2-3 दिन तक रोज ट्राई करता रहा था मगर कुछ भी नहीं पाया.
उस दिन मैं नहाकर तौलिया लपेट कर मॉम के सामने बैठ गया.
वे सामने बैठी थीं.
मेरा तौलिया छोटा था, तो लंड दिख रहा था … सेक्स क्रेज़ी मॅाम मेरे लंड को घूरने लगीं.
मैं भी ढीठ बना उन्हें अपना लंड दिखाता रहा.
अब मैं समझ चुका था कि उन्हें मेरा लंड देखना अच्छा लग रहा है, यदि अच्छा न लगता तो वे मुझे डांट भी सकती थीं.
ऐसे करते हुए करीब 3 दिन और निकल गए.
मेरी बहनें भी वहीं घूमती रहती थीं, उनका घूमना भी एक बड़ी समस्या बन गई थी.
अगर मॉम अकेली मिल जातीं, तो पकड़ कर चोद देता.
2 दिन बाद मुझे मौका मिल ही गया, सायली और संध्या को लेने के लिए मामा जी आ गए.
मामा जी ने अपना नया घर बनाया था इसलिए वे मॉम लेने के लिए आए थे.
मॉम ने कहा- यहां घर पर बच्चों के पापा नहीं हैं. इसलिए तुम अमित की दोनों बहनों को ले जाओ. अमित मेरे पास बना रहेगा.
मामा दोनों बहनों को लेकर चले गए.
अब मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गया था लेकिन इस खुशी में यह नहीं समझ पाया था कि यह भी मॉम के कारण ही हुआ है.
अगले दिन सुबह सुबह मामा जल्दी ही बहनों को लेकर चले गए.
मॉम मुझे चाय देने के लिए आईं तो मैं लेटा हुआ था और मेरा लंड खड़ा हुआ था.
मॉम चाय देकर वहीं बैठ गईं.
मैं- मॉम, मामा जी कहां हैं?
मॉम- वे तो चले गए, उनका ऑफिस जाना जरूरी था तो वे सुबह जल्दी ही निकल गए, तुम तो सो रहे थे!
मैं- बहनें भी गईं क्या साथ में?
मॉम- हां, दोनों गईं. वे दोनों दस दिन के लिए गई हैं. वे दोनों बहुत दिन से नहीं गई थीं न, तो ननिहाल में सबसे मिल लेंगी.
मैं- ओह, चलो ठीक है.
मॉम- दस दिन तो बस हम दोनों ही रहेंगे.
वे मुस्कुराकर बोलीं.
उनकी मुस्कान में गहराई थी … जिसे मैंने समझने का प्रयास किया.
मॉम- चलो तुम चाय पी लो, फिर फ्रेश होकर नहा लो. आज 10 बजे तक काम पूरा कर लेंगे, चाय पीकर अपने इस कमरे को बंद कर आना, हम दोनों नीचे ही सोएंगे!
मैं- हां ठीक है.
अब मैं सोचने लगा कि बहनों के जाने का कुछ फायदा तो हो गया; अब मैं मॉम को आराम से चोद सकता हूं.
मैंने चाय पी ली और आराम करने लगा.
मेरा लौड़ा खड़ा था.
जब मैं फ्रेश होकर निकला तो उस समय मॉम किचन में काम कर रही थीं.
वे अभी भी रात वाली ड्रेस में ही थीं.
मॉम की उठी हुई गांड मस्त दिख रही थी और उनके गहरे गले वाले ब्लाउज में से उनके दूध भी आधे से ज्यादा दिख रहे थे क्योंकि मॉम ने साड़ी का पल्ला यूं ही डाल रखा था.
मैं उनके और नजदीक गया तो वे मुझे देखने लगीं.
उनके दूध देख कर मैं खुश हो गया.
उस वक्त मॉम की गांड मस्त लग रही थी और मैं मॉम की गांड में अपना लंड डालना चाहता था.
मॉम ने मेरे कड़क लंड को देख लिया मगर उन्होंने नजरें घुमा ली और वे अपना काम करने लगीं.
कुछ देर बाद मैं बाहर आ गया और नाश्ता का इंतजार करने लगा.
मॉम कुछ देर बाद नाश्ता बाहर ले आईं. मॉम और मैंने नाश्ता कर लिया.
कुछ देर बाद मॉम ने मुझसे नहाने के लिए कहा.
वे मेरे लिए बाल्टी में पानी ले आईं.
मॉम- जल्दी से कपड़े मुझे दे दे, अभी धोने हैं.
मैं मॉम को देखता ही रह गया.
वे बाथरूम में थीं और मैं अन्दर घुसने लगा तो उनकी गांड से मेरा लंड टच हो गया.
वे लंड लगने से कुछ नहीं बोलीं और चुपचाप बाहर आ गईं.
मैंने कपड़े खोल कर उनको दे दिए … फिर गेट बंद करके अंडरवियर खोला और हाथ बाहर निकाल कर मॉम को पकड़ा दिया.
उन्होंने मेरा अंडरवियर ले लिया.
मेरे अंडरवियर में मेरे लंड का पानी लग गया था.
अन्दर मेरा लंड खड़ा ही था.
मैंने वैसे ही तौलिया लपेटा और बाहर आकर कमरे में हवा लेने लगा.
मॉम मेरे सामने बैठी थीं.
वे नजर बचा कर मेरा लंड देख रही थीं.
दोस्तो, आपको सेक्स क्रेज़ी मॅाम स्टोरी में मजा आ रहा होगा, प्लीज कमेंट्स या मेल से जरूर बताएं.
मैं वादा करता हूँ कि आपको इस सेक्स कहानी के अगले भाग में देसी मॉम की चुदाई का लुत्फ दूंगा.
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सेक्स क्रेज़ी मॅाम स्टोरी का अगला भाग: प्यासी मॉम की चुदाई का मजा- 2
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