सास बहू की रंगरेलियाँ -3
(Sas Bahu Ki Rangreliyan- Part 3)
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नमस्कार.. आदाब.. मेरा नाम मयूरा है.. मैं 38 वर्ष की वैवाहिक जीवन बिताती हुई एक महिला हूँ और मैं मुंबई में रहती हूँ। यह मेरी एक सच्ची कहानी है.. जो मेरी सासू माँ और पति के बारे में है..
मेरे प्यारे दोस्तो.. आपने जो मेरी पहली कहानी पढ़ी थी.. जिसमें आपने हम दोनों सास बहू की रंगरेलियों का आनन्द लिया था।
आप सभी मेरी इस कहानी को अपना बहुत सारा प्यार दिया। आप सभी के खूब सारे ईमेल भी आए.. लेकिन मेरे प्रोफेशन की वजह से मैं बहुत सारे संदेशों को जबाव ही नहीं दे पाई.. तो मैं आप सभी से तहे दिल से माफी मांगती हूँ।
अभी कुछ दिन पहले मैं अमेरिका से वापस आई हूँ.. तो आते ही मैं आगे की कहानी लिख कर आपके सामने पेश कर रही हूँ।
कहानी का पूरा आनन्द लें और अपने सुझाव मेरे ईमेल आईडी पर मेल कर दीजिए।
जैसा कि मैं और मेरी सासू माँजी की बात एक-दूसरे के सामने खुल गई थी.. तो हम दोनों घर में बहुत प्यार से रहने लगे थे। वैसे तो हम दोनों के बीच बड़े अच्छे रिश्ते थे.. लेकिन जब से सासू माँ जी से लेस्बीयन सेक्स का मज़ा उठाया.. तब से सासू माँ बहुत हँसमुख तरह से रहने लगी थीं।
अब हमें जब भी मौका मिलता तो हम दोनों लेस्बो करके बहुत मज़े करते। लेकिन अभी भी ससुर जी के जाने के बाद से माँ जी किसी लण्ड से चुदाई नहीं करवा पाई थीं.. तो अपनी चूत चुदाई की भूख लेस्बीयन सेक्स के द्वारा ही मिटा पाती थीं।
जब माँ जी ने ये सब मुझे बता दिया कि पिछले 6 साल से वो किसी लौड़े से नहीं चुद सकी हैं.. तो मुझे बहुत बुरा लगा और मैं सोचने लगी कि कुछ भी करके मुझे अपनी सासू माँ जी की चूत को ठंडा करवा ही देना है।
उन्होंने मुझसे ये भी कहा था कि जब मैं और मेरे पति बंद कमरे में चुदाई करते थे.. तो माँ जी हमारी चुदाई की आवाजें सुन कर फिंगरिंग करती थीं और खुद शांत हो जाती थीं।
तो मैंने ही ठान लिया कि बाहर ही क्यों जाएँ.. जब घर में ही इतना बड़ा 9 इंच का लण्ड उपलब्ध है.. यह तो वही मिसाल हुई कि बगल में छोरा और शहर में ढिंढोरा.. बाहरी लण्ड से चूत की भूख शान्त करवाने की कोई ज़रूरत ही नहीं है।
तो मैंने धीरे-धीरे माँ जी को फुसलाया कि उनका अपने बेटे के बारे में क्या ख्याल है? यह जानने की कोशिश करने लगी.. तो मुझे उनसे भी थोड़ा नजरिया ठीक मिलने लगा।
एक दिन मैंने मेरे पति और मेरी चुदाई करते समय निकाली हुई वीडियो दिखा दी.. तो माँ जी अपने बेटे से चुदाई करवाने की लालसा रखने लगीं।
मैं एक दिन घर पर अपना लैपटॉप भूल गई.. तो बीच दोपहर में माँजी का कॉल आया और उन्होंने मुझे लैपटॉप का पासवर्ड माँगा.. तो मैंने उन्हें पासवर्ड दे दिया, साथ ही मैंने पूछा- क्या काम करना है?
तो उन्होंने कहा- कुछ नहीं बेटा.. बस तुम दोनों की चुदाई का वीडियो देखने का मन कर रहा था.. उस दिन जब मैंने तेरे पति का लण्ड देखा था.. तो वो बिल्कुल मेरे पति के जैसा ही लण्ड था। तो मैं उस वीडियो में तुम्हारी जगह खुद को महसूस करना चाहती हूँ।
मुझे समझ आ गया कि लण्ड देखते ही माँ जी की काम वासना बढ़ने लगी है।
उसी रात को मैंने पति से बात की कि आप अपनी माँ जी के बारे में क्या सोचते हैं। इस विषय में और अधिक जानने की कोशिश करने ही वाली थी लेकिन मैं डर उठी कि मेरे पति इस बात से मुझ से रूठ ना जाएं.. कि मैं माँ जी के बारे में ऐसे गंदे विचार रखती हूँ।
रात के खाने से पहले मैंने माँजी से पूछा- क्या-क्या देख लिया वीडियो में?
तो उन्होंने कंटीली अदा से कहा- बेटे का बहुत बड़ा और हलब्बी किस्म का लण्ड है.. ठीक तेरे ससुर जी जैसा ही है। आज वीडियो देखते समय चूत में उंगली करते समय बहुत मज़ा आया। मैं उस वीडियो में खुद को चुदते हुए महसूस कर रही थी।
मैंने कहा- आपने मेरे पति का लण्ड तो देख लिया.. पर मुझे भी ससुर का लण्ड दिखा दो न..
इस पर उन्होंने एक वीडियो दिखाया जिसमें मेरे ससुर का लम्बा लण्ड सासू माँ की चुदाई कर रहा था।
मुझे ससुर के द्वारा चुदाई करने का तरीका बहुत ही जोरदार लगा।
उसी रात को जब मेरे पति ने मुझे चोदने के लिए अपने पास खींच लिया.. तो मैं एक प्यार से चुम्मी करते ही फ्रेश होने का बहाना करके बाथरूम में चली गई.. लेकिन बाहर आते ही मैं माँ जी के कमरे में गई और उनसे कहा- आज हम दोनों चुदाई करने वाले हैं.. मैं चुदाई के वक्त थोड़ा सा दरवाजा खुला रखूँगी.. तो आज आप अपने बेटे का लण्ड असल में मेरी चुदाई करते हुए देख लीजिएगा।
इसके बाद मैं नहा कर बाथरूम से निकली और बिना कपड़ों के ही माँ जी को इशारा किया.. अब मैं कमरे में घुस गई।
पति मुझे सामने नंगी देखते ही अपना आपा खो बैठे.. तो मैंने दरवाजा थोड़ा सा खुला छोड़ कर उनके तरफ जाने लगी।
आज वो इस बात से जरा हैरान हो गए कि मैं बाथरूम से नंगी कैसे आ गई।
लेकिन वो कुछ बोलते मैंने उनके मुँह को मेरा मुँह सटा दिया.. मैं फ्रेंच किस करने लगी।
वो जब मेरे दोनों मम्मों को दबाने लगे.. तो मैं ‘आहें’ भरने लगी ‘उईईई.. सस्स्स.. निचोड़ दो जान.. खा जाओ.. ज़रा ज़ोर से मसलो.. ओह यस.. यस.. बेबी.. और ज़ोर से.. और ज़ोर से..’
मैं ये सब जानबूझ कर रही थी ताकि माँ जी को और ज़रा मज़ा आए..
आज मेरे पति तो मानो सातवें आसमान पर थे.. लेकिन मैंने आज ज़रा उन्हें अलग किस्म का मज़ा देने का सोचा था।
उनको हल्के से चूमा करते-करते मैंने उनकी अंडरवियर निकाल दी.. उनके मूसल लण्ड को हाथ में लेकर ज़ोर से हिलाने लगी। मैंने हल्के से उनके लौड़े को अपने मुँह में भर लिया।
मेरे यह करते ही पतिदेव ने अपनी आँखें बंद कर लीं और जोर से सिसकारियाँ भरने लगे। मैंने आज तक एक भी बार पति का लण्ड नहीं चूसा था..
मैं आज पहली बार अपने पति का लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी और धीरे-धीरे माँ जी को भी लौड़ा दिखा रही थी।
वो काम-वासना से बीच-बीच में आँखें बंद कर रही थीं। ऐसा लगता था कि वो ज्यादा चुदासी हो गई हैं क्योंकि वे अपनी चूत पर अपना हाथ फिरा रही थीं।
जब मैं लण्ड चूस रही थी.. तो मैंने उन्हें बिस्तर पर चित्त लिटा दिया.. और मैं दरवाजे की तरफ मुँह करके लण्ड चूसने लगी। बीच-बीच में मैं माँजी को अपने पति का लण्ड दिखा कर.. हिलाकर.. दिखाने लगी।
माँ जी अब बहुत उत्तेजित हो गई थीं।
अचानक वो वहाँ से चली गईं.. मैंने लण्ड चाट-चाट कर उसको झड़ने पर मजबूर कर दिया और लौड़े का पूरा रस पी गई। आज पहली बार मैंने उनका लण्ड अपने मुँह में झड़वा लिया था।
इसके बाद मेरे पति फिर से मेरे मम्मों को निचोड़ने लगे और लण्ड के खड़े होते ही एक ही झटके में पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। मेरी ‘आह..’ निकल पर उन्होंने मेरी ‘आह..’ की कोई परवाह नहीं की व ज़ोर-ज़ोर से मुझे चोदने लगे।
आज मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। उसी वक्त मुझे माँ जी के उनके सेक्स वीडियो की याद आ गई थी.. उसमें ससुर जी माँ जी को अपनी गोद में उठाकर चोद रहे थे.. तो मैंने पति को हल्के से उसी तरह किस करने लगी और बिस्तर पर से उतर कर धीरे से मैंने अपने दोनों पैर उनके कमर के पीछे लेकर गई। उन्होंने हल्के से मुझे उठा कर झेल लिया, अपने लण्ड को मेरी चूत पर सैट कर दिया। मैंने उन्हें धक्का देने को कहा.. इस पोज़िशन में मुझे कोई तकलीफ़ नहीं हो रही थी।
जब चूत में उनका विशाल लण्ड अन्दर तक जाता.. तो मैं उछल जाती और लौड़े के चूत से बाहर निकलते ही मैं एकदम से नीचे को आ जाती.. इस तरह लण्ड मुझे बच्चेदानी पर ठोकर मारता हुआ महसूस हो रहा था।
हम इस पोज़िशन में काफ़ी देर तक चुदाई करते रहे और मैं उन्हें मादक सिसकारियों से उत्तेजित करती रही।
इस चुदाई की दास्तान अभी आगे भी चलेगी क्योंकि अभी मेरी सास की चुदाई होना बाकी है देखना होगा कि पति महोदय अपनी मम्मी को यानि मेरी सास को चोदते हैं या नहीं..
आप सभी अपने जवाब ज़रूर भेजिएगा।
कहानी जारी रहेगी।
[email protected]
इससे आगे की कहानी : सास बहू की रंगरेलियां- 4
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