मेरी बहन निशा की डायरी

(Meri Bahan Nisha Ki Dairy)

ड्यूड कॉन 2016-03-31 Comments

यह कहानी मेरे एक दोस्त रोहित ने भेजी है आप उसी के शब्दों में उसकी कहानी का आनन्द लें..

दोस्तो, मेरा नाम रोहित है और यह मेरी सच्ची कहानी है, मैं पहली बार लिख रहा हूँ.. शायद आपको अच्छी लगे।

मेरी बहन और मैंने कैसे एक-दूसरे के साथ सेक्स करना शुरू किया.. यह मैं आपको बताने जा रहा हूँ।
मेरा शहर नासिक है.. मेरी फैमिली में मेरे डैड.. मॉम.. मेरी बड़ी बहन निशा और मैं.. हम चार लोग ही हैं।

नासिक में हमारा बहुत बड़ा बंगला है जिसमें नीचे दो कमरे.. बड़ा सा हॉल और किचन है.. और ऊपर दो कमरे हैं.. ऊपर के कमरे में मॉम-डैड रहते थे.. जो कि हमेशा लॉक ही रहता था क्योंकि मेरे डैड का ट्रांसफर मुंबई में हो गया था.. तो मॉम कभी नासिक रहती थीं.. तो कभी मुंबई.. लेकिन ज़्यादातर मुंबई में ही रहती थीं।
नीचे का एक बेडरूम मेरा था और एक बेडरूम मेरी बहन का था.. जिसमें बाथरूम अटैच था।

बात साल 2003 की है.. तब मेरी उम्र 18 साल की थी और मेरी बड़ी बहन निशा की 20 साल थी। मैंने 12 वीं के बाद कंप्यूटर ब्रांच में इंजीनियरिंग डिप्लोमा का कोर्स ज्वाइन किया था।
निशा ने अपनी पढ़ाई के बाद आर्ट्स का कोर्स ज्वाइन किया था.. वो अभी फर्स्ट इयर में थी।

मेरी हाइट 6 फीट है.. रंग सावला.. चौड़ी छाती और अच्छा हट्टा-कट्टा होने की वजह से मैं हमेशा से अपनी उम्र से बड़ा दिखता था।
मेरी बहन अन्दर से भी बला की खूबसूरत है.. यह मुझे उसे नंगी देखने के बाद पता चला।

उसकी शक्ल.. जिस्म के कटाव और उसका सुनहरे रंग के बाल.. उसे मलिका शेरावत जैसे बनाते हैं।
हर कोई अपनी कहानी में लड़की की देहयष्टि को लिखने के लिए उसकी फिगर लिखता है लेकिन मुझे साइज़ का पता उस वक़्त नहीं था.. मैं तो बस इतना जानता था कि उसके मम्मे एकदम गोल और काफ़ी भरे हुए हैं।

उसकी कमर का कटाव एकदम उसकी अंडाकार गाण्ड से मिलता हुआ था। उफ.. लफ्जों में बयान करना भी मुश्किल है.. उसकी कमसिन क़ातिल जवानी को।
आज भी जब सोचता हूँ.. तब लण्ड सलामी देने लगता है।

दोस्तो.. मैं आपको बता दूँ कि मेरी बहन मुझसे बहुत प्यार करती है और मेरा ख़याल भी रखती है। बचपन से मुझे बुरी संगत और आदतें लग गई थीं.. जैसे शराब पीना.. सिगरेट पीना और मैंने ब्लू-फिल्म भी देखना शुरू कर दिया था।

मुझे आज भी याद है.. मैंने जब पहली बार मुठ मारी थी.. तब मैं बाथरूम में था और मेरे लंड का साइज़ 4 इंच ही होगा या उससे भी कम होगा। जब मैं पहली बार झड़ा था.. तब मेरे लंड से पारदर्शी पानी (स्पर्म) निकला था।
पहले-पहले ऐसे ही निकलता था.. लेकिन बाद सफेद रंग का गाढ़ा माल निकलने लगा।

जब डैड के ट्रांसफर के बाद मेरी बहन और मैंने साथ में मिल कर उस बंगले में अकेले रहना शुरू किया.. तो पहले 2-3 महीने तो नॉर्मल गुज़रे.. लेकिन मेरी नीयत खराब होने लगी थी.. जब मैंने अपनी बहन की डायरी पढ़ी।
जी हाँ दोस्तो.. एक डायरी जिसने हम दोनों के रिश्तों के मायने बदल दिए।

मेरी बहन निशा को आदत थी कि दिन भर में क्या हुआ.. उसके बारे में लिखने की.. और वही डायरी पढ़ कर बाद में मुझे समझ में आया था कि उसका एक नया-नया ब्वॉयफ्रेण्ड भी बना है। वो हमेशा ही डेली रुटीन के साथ-साथ अपने ब्वॉयफ्रेण्ड के साथ क्या किया.. वो भी लिखती थी।

बहुत सारी चीजें.. जैसे कि वो कहाँ मिलते थे.. कहाँ घूमते थे.. क्या बातें हुईं वग़ैरह.. वग़ैरह..
लेकिन सबसे अधिक चौंकाने वाली बात थी कि वो कैसे-कैसे एक-दूसरे के साथ शारीरिक रिश्ते बनाते थे.. उन बातों को भी वो खुल कर लिखा करती थी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैंने जब पढ़ा.. तब मेरे तो पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गई थी।

पहले तो मैंने उसके ब्वॉयफ्रेण्ड को मारने का प्लान बनाया.. लेकिन दोस्तो, मेरी बहन ने डायरी में एक बात और भी लिखी थी कि उसकी वीरान जिंदगी में उसका ब्वॉयफ्रेण्ड बहार बन कर आया है.. और उसी ने ही मुझको सबसे ज़्यादा प्यार किया है।

दोस्तो, यह बात एक हद तक सच भी थी क्योंकि हमारी जिंदगी में प्यार नाम की कोई चीज़ ही नहीं थी। डैड अपने काम में और मॉम अपनी पार्टीज और दूसरे लोगों में ज़्यादा ही बिज़ी हुआ करते थे। शायद उस पर इसका असर ही हुआ था, शायद इसी वजह से उसने वो प्यार.. घर से बाहर तलाश किया.. और सही भी था।

इसी वजह से मैंने उसके ब्वॉयफ्रेण्ड को ठोकने प्लान चेंज कर दिया.. क्योंकि मैं भी चाहता था कि मेरी बहन खुश रहे। कभी-कभी मुझे लगता था कि वो कुछ सेक्सुअल एक्टिविटी अपने ब्वॉयफ्रेण्ड के साथ करे.. और मैं उसे डायरी में पढ़ सकूँ।

आप तो जानते ही हैं कि खड़े लौड़े के आगे ना दिमाग चलता है.. ना दिल.. बाकी सब तो कहानी है.. और इसी तरह दिन.. हफ्ते.. महीने.. गुजरते गए।
मैं डायरी पढ़ता और अपनी बहन को अपनी कल्पना में ले करके ज़ोर-ज़ोर से मुठ मारता।
तभी से मेरी नीयत मेरी बहन निशा की तरफ खराब होना शुरू हुई।

मैंने एक कदम और बढ़ाया। मैंने उसके दरवाजे में एक बारीक सा होल कर दिया था.. जिसके ज़रिए मैं उसके बेडरूम में क्या चल रहा है.. उसका सीधा प्रसारण देख सकता था।

दोस्तो, मैं आपको कैसे बताऊँ कि जिंदगी में पहली बार आपनी सग़ी बहन को नंगी देखा था.. और बस मैं उसी पल से उसका दीवाना बन गया था।
आज तक मेरी हर मुठ.. हर छूट.. पर उसी की परछाई आती है.. तभी मैं जल्दी झड़ता हूँ.. वरना नहीं..

आगे आगे क्या हुआ.. मैंने वो होल से क्या-क्या देखा और अपनी बहन निशा को कैसे पटाया.. यह सब मैं अगले भाग में जब लिखूंगा जब आपके ईमेल से मुझे लगेगा कि आप सभी को मेरी कहानी पसंद आ रही है।

आप अपना सुझाव दें.. अपनी राय दें.. मेरे ईमेल पर.. मुझे आपके ईमेल का इंतजार रहेगा।
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