मम्मी पापा इतनी रात में करते क्या हैं -3

(Mammi Papa Itni raat me karte kya hain-3)

विशेष 4084 2015-07-01 Comments

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मम्मी- आह… अम्म… थोड़ा धीरे करो ह्ह्ह्ह… उफ्फ्फ्फ़… थोड़ा और नीचे… यहाँ… सुनो… एक बार दाना भी रगड़ दो।

उस समय मुझे नहीं पता था कि दाना क्या होता है लेकिन शायद पापा ने रगड़ा और मॉम ने अपनी टाँगें इकठ्ठी कर ली और शायद पापा का मुँह अपनी जांघों में दबा लिया।
मॉम- ऊऊओ… आह्ह्ह… म्मम्म… हो गई मैं तो… आह्ह ह… निकल गया…!!!

और ऐसा लगा कि मम्मी कांप रही हैं… मम्मी का जो हाथ मेरी तरफ था उससे उन्होंने दुपट्टे रुपी चादर को भी शायद कस के पकड़ रखा था।
ये शब्द आज भी ताज़ा हैं मेरे दिमाग में ‘आह… अम्म… थोड़ा धीरे करो ह्ह्ह्ह… उफ्फ्फ्फ़… थोड़ा और नीचे… यहाँ… सुनो… एक बार दाना भी रगड़ दो। ऊऊओ…आह्ह्ह्ह… म्मम्म… हो गई मैं तो… आह्ह ह… निकल गया…!!!’

और फिर बिस्तर पर हलचल हुई और पापा मम्मी के ऊपर फिर आ गए पर शायद जगह कम होने की वजह से ही वो कह रहे थे- यह अंकित भी तुम्हारे बगल में ही सोयेगा! एक तो तुम करने नहीं देती और करने देती हो तो इसकी वजह से मज़ा नहीं आता… जल्दी जल्दी करना पड़ता है।

पापा बोले- यार, जगह नहीं मिल रही हैं एक बार पकड़ के लगा लो ना !

मम्मी बोली- पहले कंडोम तो पहन लो !
पापा- नहीं यार कंडोम से मज़ा किरकिरा हो जाता है।
मम्मी बोली- अंकित के पापा तुम्हें तो मज़ा ही नहीं आता कभी और मैं हर दूसरे महीने प्रेग्नेंट हो जाती हूँ। अभी दो महीने पहले एबॉर्शन करना पड़ा था तुम्हारी वजह से! अब मैं कोई रिस्क नहीं लूँगी।
मम्मी गुस्से से बोली- तुम क्या चाहते हो कि मैं इतने बड़े लड़के के सामने पेट फ़ुला कर घुमूं?

पापा बोले- अरे कुछ नहीं होगा!
मम्मी ने कहा- नहीं, पहले लगा लो!
पापा बोले- आज मैं नहीं लाया, आज करने दो, कल कंडोम से !

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मम्मी बोली- अब एक हफ्ते नाम न लेना बिल्कुल ! अच्छा जब झड़ने लगना तो निकल लेना उसमें से!
पापा बोले- अच्छा करने तो दो अब !
मम्मी बोली- रुको…!!

और फिर ऐसा लगा कि मम्मी ने अपना हाथ अपनी जांघों के बीच में से ले जाकर पापा का लंड पकड़ के अपनी योनि के मुँह पर लगा लिया… और फिर मम्मी हल्के से बोली- …चलो !

और फिर ऐसा लगा की मम्मी का शरीर कुछ हिला, शायद पापा अपना लिंग मम्मी की चूत में डालने की कोशिश की इस वजह से ऐसा हुआ।

मम्मी- उह्ह.. गया क्या पूरा?
पापा- हाँ गया पूरा का पूरा, इतना चिकना जो कर दिया है तुम्हारी मुनिया को !

मम्मी- थोड़ा धीरे करना… अंकित बिल्कुल साथ लेटा हुआ है।
पापा बोले- चिंता मत करो.. इतनी चिकनी हो गई हो कि अभी निकलवा दोगी मेरा…!!

और फिर बेड पर हल्की हल्की हलचल महसूस होने लगी।
पापा धीरे धीरे धक्के लगाने लगे, जिससे उनको बहुत मज़ा आ रहा था, मम्मी की आँखें बंद थी।
बेड काफी पुराना था और इसी वजह से उसमें से ‘चुर चुर’ की आवाज आ रही थी।

पापा जब धक्के लगा रहे थे तो उनके मुँह से ‘हू हु’ की आवाज निकल रही थी जिससे मुझे महसूस हुआ कि शायद मम्मी की चूत एकदम टाइट थी और पापा को अपना लंड उसमे प्रवेश करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी और टाइट चूत की वजह से ही जब पापा का लंड मम्मी की चूत में जाता तो एक अजीब सी कुच कुच कुच… की आवाज निकल रही थी।

पापा ने आखिर कह ही दिया- इतने साल हो गए हमारी शादी को लेकिन इतने साल बाद भी कितनी टाइट है तुम्हारी, जैसे सुहागरात में थी और मैंने तुम्हारी सील तोड़ी थी।
तब मुझे यह नहीं पता था कि सील तोड़ना क्या होता है।

मम्मी बोली- अच्छा अच्छा अब बातें मत बनाओ, अब करो भी! ए जी मान जाओ अंकित जाग जाएगा… जल्दी करो… बहुत देर हो गई!
और फिर मुझे लगा कि पापा ने जबरदस्ती मम्मी की टांगों को थोड़ा सा फैलाया और धक्के तेज़ कर दिए।

मम्मी बोली- धीरे…! …अहह… उफ़… म्मम्म हाय माँ…!!! यार धीरे करो…
पापा तेज़ सांस लेते हुए- क्यों, मज़ा नहीं आ रहा क्या… लाओ इन चूचों का रस तो पी लूँ कितने कड़े हो चुके है ये !

मम्मी बोली- इतने साल से देख रहे हो ! अभी भी मन नहीं भरा तुम्हारा… कोई भी जगह हो, ये ज़रूर खुलवाते हो… अरे बाबा रुको, मैं ही खोलती हूँ!

पापा बोले- मैं खोल देता हूँ, थोड़ा पीठ ऊपर करो!
और मैंने देखा कि पापा के हाथ मम्मी की पीठ पर उनके ब्रा के हुक को टटोलने लगे।

मम्मी बोली- खोलो न जल्दी… देर पे देर कर रहे हो।
पापा बोले- लो हो गया!
और मम्मी की ब्रा उनके कंधो से होते हुए निकाल दी।

अब एक बार फिर से पापा चूचियों पर टूट पड़े जैसे उन्हें खा डालेंगे। अब एक तरफ पापा मम्मी की चूत को अपने लौड़े से चोद रहे थे वहीं उनके हाथ मम्मी की चूचियों का मर्दन कर रहे थे उन्हें चाट और दांतों से काट भी रहे थे।

पापा किसी छोटे बच्चे की तरह मम्मी के चूचों को चूस रहे थे जिससे चुस्स चुस्स की आवाज लगातार आ रही थी।
मम्मी के हाथ पुनः पापा की पीठ पर चल रहे थे और उन दोनों के होंठ आपस में लिपटे हुए थे। ऐसा करने से उन्हें असीम आनन्द की अनुभूति हो रही थी और उत्तेजना के कारण उनके मुख से सिसकारियाँ निकल जाती थी।

हे भगवान…!!!!!! यह मैं क्या सुन रहा हूँ… मेरे मम्मी पापा मेरे साथ एक ही बेड पर हैं और मेरी ही उपस्थिति में चुदाई का प्रोग्राम चल रहा है और ये लोग यह सोच रहे हैं कि मैं सो रहा हूँ…
लेकिन एक बात माननी पड़ेगी मेरे मम्मी पापा की… कि अभी तक बड़े ही शालीन ढंग से काम चल रहा था…

मम्मी बोली- सुनो ..!! मैं फिर से होने वाली हूँ… अब कर ही रहे हो तो 5-6 झटके थोड़ी जोर से मार दो… या फिर ऐसा करते हैं कि बाथरूम में चलते हैं… वहाँ आराम से करना खड़े होकर! यहाँ तुम्हें मज़ा भी कम आ रहा है, जगह जो कम है।
इतना कह कर वो जोर से खिलखिलाई।
पापा बोले- आज तुम भी मजे ले रही हो खूब ! किसी दिन अकेली हो तो तुम्हें नानी याद दिला दूंगा। तुम्हारा अंग अंग न तोड़ दूं तो कहना!

कहानी अगले भाग में जारी रहेगी।
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