पापा के बॉस ने मम्मी को चोदा

(Cheat mom Sex Story)

कोमल मिश्रा 2023-06-03 Comments

चीट मॅाम सेक्स स्टोरी में मैंने अपनी मम्मी को मेरे पापा के बॉस से अपने ही घर में चुदाई करते देखा. एक बार नहीं, बार बार देखा. अंकल की नजर मेरे जवान बदन पर भी थी.

यह कहानी सुनें.

नमस्कार दोस्तो,
मेरा नाम मोना है और मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ।
मेरी उम्र 20 वर्ष है, मैं एक सामान्य परिवार की लड़की हूं।
मैं अभी कालेज में अपनी पढ़ाई कर रही हूं।

मैं एक खुले विचारों की लड़की हूँ और आजकल के हिसाब से बिल्कुल मॉर्डन हूं। मैं अधिकतर टॉप स्कर्ट या जीन्स टॉप पहनती हूं।

दिमाग के मामले में मेरा दिमाग काफी शातिर है और अपना काम निकलवाने के लिए मैं हर तरह के हथकण्डे अपनाने से पीछे नहीं हटती।

मैं अपने फिगर के बारे में बता दूँ तो मेरा फिगर 34-30-36 का है।
मेरे ऐसे फिगर और फैशनेबल कपड़ों के कारण लोगों की नजर मुझ पर टिकी रहती है।

मेरे घर मैं मम्मी पापा और मैं हम तीन लोग ही रहते हैं।
मैं अपने फैमिली में इकलौती बेटी हूँ।

इकलौती होने के कारण घर में मुझे काफी छूट मिली हुई है जैसे कि मैं अपनी मर्जी के कपड़े पहन सकती हूं, अपनी फ्रेंड्स के साथ बाहर जा सकती हूं।

मेरे पापा बेहद नार्मल और सीधे सादे इंसान हैं.
पापा को अपने काम से फुर्सत नहीं रहती और मम्मी दिन भर घर पर रहती हैं।

मेरे पापा एक बड़ी कंपनी में काम करते हैं और उनकी सैलरी भी काफी अच्छी है।

शुरू से ही मुझे मंहगी चीजों का बड़ा शौक था लेकिन मेरे पापा थोड़े कंजूस टाइप के है जिसकी वजह से वो हमेशा पैसे देने में आनाकानी करते हैं.

जब मैं स्कूल में थी तो तभी मेरा एक बॉयफ्रेंड बन गया।
हालांकि बॉयफ्रेंड होने के बावजूद भी मैंने उसके साथ केवल दो बार ही सेक्स किया था; वो भी दो दो मिनट का सेक्स!

उन दो मिनट की चुदाई में मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे संतुष्ट किया ही नहीं था क्योंकि उसका पतला छोटा सा लंड उस काबिल ही नहीं था जो मेरी चूत तक अच्छे से खोल पाता।

लेकिन ऐसा नहीं था कि मुझे सेक्स पसंद नहीं है।
मैं अपने कमरे में अकेली सोती हूँ और रात में मोबाइल पर पोर्न फिल्म देखना अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ना और फिर अपनी प्यारी सी चूत में उंगली करना मेरा रोज का काम है।

जब से मैं कॉलेज में आई, मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था.
लेकिन ऐसा नहीं था कि लड़के मुझे पसंद नहीं करते थे या लाइन नहीं मारते थे.
बस ऐसा कोई नहीं मिला जो मुझे पसंद आये।

मेरा बदन और चेहरा ऐसा है कि कोई भी मुझे मना नहीं कर सकता.
लेकिन मैं इतनी आसानी से किसी को अपना बदन नहीं सौम्पने वाली थी।

फिर 2021 में मेरे साथ एक ऐसी घटना हुई कि मेरी पूरी लाइफ ही बदल गई।
मुझे कभी नहीं लगा था कि मेरे साथ ऐसा कुछ हो सकता था।

लेकिन दोस्तो, मेरे अंदर का लालच कहे या कुछ और मैंने ऐसा कुछ कर डाला जो शायद मुझे नहीं करना चाहिए था।

आज मैं आप लोगों को इस चीट मॅाम सेक्स स्टोरी में एक एक बात बताऊँगी कि मेरे साथ क्या हुआ.
और क्या मैंने सही किया या गलत?
यह आप कहानी के कमेंट में बताइएगा।

दोस्तो, घर में मेरे पापा बिल्कुल एक नॉर्मल इंसान हैं ना ज्यादा फैशन में रहना न ज्यादा घूमना फिरना।
वहीं उनके बिल्कुल उलट मेरी मम्मी बिल्कुल मेरी तरह फैशनेबल और हॉट टाइप की है।
घर पर हमेशा फैशनेबल गाउन पहनना और बिल्कुल मेकअप में रहना।
उन्हें भी मेरी तरह ही मंहगे सामानों का शौक रहता है।

जब मैं स्कूल में थी तब मेरे पापा के ऑफिस में उनके नए बॉस आये थे।

एक दिन पापा उन्हें घर पर खाने के लिए लेकर आये।
वे मेरे पापा के उम्र के ही है मतलब 50 वर्ष के करीब।
उनका नाम मोहित है।

उनके साथ हमारी फैमिली का मेलजोल बढ़ता चला गया और वे आये दिन हमारे घर आते थे।
मैं उन्हें मोहित अंकल बोलकर बुलाती थी।

वे हमारी फैमिली में इतने घुलमिल गए थे कि पापा घर पर रहें या न रहें, वे हमारे घर आ जाते थे और मम्मी के साथ घण्टों बात किया करते थे।

मोहित अंकल हमेशा मेरे लिए कुछ न कुछ गिफ्ट्स लाते रहते थे जो कि मुझे काफी पसंद आते थे।
वे मम्मी के लिए भी कई बार गिफ्ट लाया करते थे और मम्मी के साथ उनकी काफी अच्छी बनती थी।

धीरे धीरे समय आगे बढ़ता गया और मैं स्कूल से कॉलेज में आ गई।
मैं अब एक जवान लड़की हो गई थी।

इतने सालों तक तो मुझे मोहित अंकल अच्छे ही लगते थे.
लेकिन अब मैं बड़ी हो गई थी और मुझे सही गलत का अच्छे से पता था।

एक दिन मेरे साथ ऐसा कुछ हुआ जिससे मुझे मोहित अंकल के ऊपर शक होने लगा कि कहीं ये मुझ पर गलत निगाह तो नहीं रखते।

हुआ यूं था कि एक दिन दोपहर में मैं घर पर अकेली थी और मम्मी किसी काम से मार्केट गई हुई थी।

मैं सामने वाले कमरे में सोफे पर बैठी हुई अपने कॉलेज का एक एसाइनमेंट बना रही थी।

क्योंकि मैं घर पर हमेशा एक हाफ लोवर और टीशर्ट पहनती हूँ, उसी प्रकार उस दिन भी वही पहनी हुई थी।

अचानक से दरवाजे की घँटी बजी और मैंने दरवाजा खोला।
सामने मोहित अंकल खड़े हुए थे और मैंने मुस्कुराते हुए उन्हें अंदर आने के लिए कहा।

अंदर आकर वो सोफे पर बैठ गए और मै उनके लिए पानी लेकर आई।
मैंने उन्हें बताया कि मम्मी पापा बाहर है और अभी मैं बस घर पर हूं।

वे मुझे बैठने के लिए बोले और पानी पीते हुए मेरा एसाइनमेंट देखने लगे।

मैं उनके बिल्कुल बगल में बैठकर अपना काम करने लगी।

कुछ देर तक वे मेरा एसाइनमेंट देखते रहे फिर मेरी हेल्प करने के लिए अपना एक हाथ बढ़ाया।
उन्हें अपनी हेल्प करते देख मुझे अच्छा लगा। उन्हें इस मामले में काफी जानकारी थी।

कुछ देर सब ऐसा ही चलता रहा और वे मेरी हेल्प करते रहे।

लेकिन कुछ देर बाद मैंने गौर किया कि एक हाथ से वो मेरी मदद कर रहे थे और उनका दूसरा हाथ मेरी एक जांघ पर था और वो अपनी उंगलियों से बहुत गंदे तरीके से मेरी जांघ पर उंगलियां चला रहे थे।

वे कुछ इस प्रकार से उंगली चला रहे थे जैसे वे मुझे उत्तेजित कर रहे हों।
मुझे बहुत गंदा लग रहा था लेकिन मैं कुछ बोल नहीं रही थी।

काफी देर तक उन्होंने मेरी जांघों को सहलाया।
यह बिल्कुल भी नॉर्मल नहीं था क्योंकि उसके द्वारा कभी ऐसा नहीं किया गया था।
उनके छूने से ही पता चल रहा था कि उनकी मानसिकता सही नहीं थी।

कुछ देर में काम खत्म हो गया और मैं वहाँ से हट गई।

उस दिन के बाद से मैंने महसूस किया था कि वे जब भी हमारे घर आते तो मेरी तरफ बड़ी गंदी निगाह से देखते. कभी वे मेरे तने हुए वक्ष को घूरते, कभी वे मेरी जांघ और मेरे कूल्हों को देखते।
इसके साथ ही वे मुझे छूने का मौका तलाश करते रहते।

फिर एक दिन जब मेरा जन्मदिन था तो उन्हें पापा ने खाने के लिए बुलाया।

वे आये और मेरे लिए बेहद ही महंगा मोबाइल फोन लेकर आये।

उस दिन जब मैंने केक काटा तो सभी ने तालियां बजाकर मुझे बधाई दी।
लेकिन मोहित अंकल ने मुझे गिफ्ट दिया और मुझे अपने गले से लगा लिया।

उनका मुझे गले लगाना मेरे लिए कोई आम बात नहीं थी क्योंकि उन्होंने मेरी पीठ को कसकर दबा लिया था जिससे मेरे दूध उनके सीने से चिपक गए थे।

इसके बाद उन्होंने मेरे गाल पर प्यार से चूमा।

देखने में तो सबको ऐसा लगा होगा जैसे एक पिता के उम्र के आदमी ने अपनी बेटी समझकर मुझे प्यार दिया था लेकिन मैं जान गई थी कि उन्होंने मुझे किस निगाह से चूमा था।
क्योंकि उन्होंने मेरे गाल को चूमने के साथ साथ अपनी जीभ से मेरे गाल को चाट लिया था।

उनकी इस हरकत को किसी ने गौर नहीं किया होगा लेकिन मुझे सब महसूस हो गया था।

इसके बाद कुछ दिन और मैंने उन्हें ऐसे आजमाया और मुझे साफ हो गया था कि उनकी गंदी नजर मेरे ऊपर थी।

अब जब भी वे आते तो मैं बहुत कम ही उनके सामने जाती थी।

यह ऐसी बात थी जिसके बारे में मैं किसी को बोल भी नहीं सकती थी क्योंकि मोहित अंकल काफी सालों से हमारे घर आ रहे थे और उन पर सब काफी विश्वास करते थे।

मैं कई बार अकेले में सोचती थी कि मोहित अंकल हमारी फैमिली के ऊपर इतना क्यों मेहरबान रहते हैं।
हमेशा महंगे गिफ्ट लाना पापा की इतनी मदद करना।

मुझे तो कई बार शक होता था कि कही मम्मी का इनके साथ कोई चक्कर तो नहीं है।
क्योंकि जब पापा नहीं होते तब भी ये आ जाते हैं और कई बार तो जब मैं कॉलेज से वापस लौटती तो अंकल और मम्मी घर पर अकेले रहते थे।

फिर मैंने सोचा कि हो सकता है कि यह मेरा वहम हो।
ऐसे ही दिन गुजरते गए और एक दिन मेरा शक यकीन में बदल गया।

हुआ यूं था कि मेरे पापा कंपनी के काम से कुछ दिन के लिए बाहर गए हुए थे।
घर पर मैं और मम्मी बस थे।

उसी समय एक रात की बात है मैं अपने कमरे में सो रही थी।
रात करीब दो बजे मुझे जोर की पेशाब लगी और मेरी नींद खुल गई।

मैं उठी और बाहर बाथरूम में जाकर पेशाब किया।
बाथरूम में अपनी पेंटी पहनते हुए मैंने देखा कि टॉयलेट सीट के अंदर पानी में कुछ तैर रहा है।

मैंने गौर से देखा तो वो एक कंडोम था।
तब मैंने सोचा कि ये कंडोम किसने यूज किया होगा और यहाँ क्यूं फेक दिया।

मैं बाथरूम से बाहर निकली और देखा कि मम्मी के कमरे से कुछ सुगबुगाहट सी हो रही है।
मैं बिल्कुल हल्के कदमों के साथ दरवाजे तक गई और चाबी के छेद से अंदर देखने लगी।

अंदर जो नजारा मैंने देखा उसके बाद मेरे बदन के रोमे खड़े हो गए और सारे शरीर में जैसे करंट की लहर दौड़ गई थी।

कमरे के अंदर मम्मी और मोहित अंकल बिल्कुल नंगे थे।
मम्मी घोड़ी बनी हुई थी और मोहित अंकल बुरी तरह से मम्मी को चोद रहे थे।

उस दिन मेरा शक यकीन में बदल गया कि इन दोनों का चक्कर चल रहा है इसलिए मोहित अंकल हमारे घर पर इतने मेहरबान रहते हैं।

कुछ देर के लिए दरवाजे से हटने के बाद मैं फिर से अंदर देखने लगी।

इस बार मैं गौर से सब देख रही थी।

अंकल मम्मी को घोड़ी बनाये हुए थे और मम्मी को जोर जोर से चोद रहे थे.
मम्मी भी चुदाई का बहुत मजा ले रही थी और उनका साथ दे रही थी।

कुछ देर बाद अंकल ने अपना लंड बाहर निकाला और उनके लंड को देख मैं दंग रह गई कि इतना बड़ा भी लंड होता है।
उनका लंड 7 इंच का था और उन्होंने कंडोम लगाया हुआ था।

मैं समझ गई कि टॉयलेट सीट पर जो कंडोम था ये इनका ही था और ये लोग काफी देर से चुदाई कर रहे हैं।

इसके बाद अंकल ने मम्मी को अपनी गोद में उठा लिया और गोद में उछाल उछाल कर चुदाई करने लगे।

काफी देर तक मैं ये सब देखती रही.

जब वो दोनों झड़ गए और अंकल कपड़े पहनने लगे तो मैं जल्दी से भाग कर अपने कमरे में चली आई।

अगली सुबह मैं जब उठी तो मम्मी सो ही रही थी।
उनके कमरे का दरवाजा खुला हुआ था और मैं अंदर जाकर देखने लगी।

मम्मी बिस्तर पर नाइटी पहने सो रही थी और उनकी पेंटी नीचे फर्श पर पड़ी हुई थी।
फर्श पर जगह जगह चिपचिपा पानी फैला हुआ था जो शायद अंकल का वीर्य था।

उसके बाद अगली रात भी मैंने उन दोनों को चुदाई करते हुए देखा.
और जितने दिन पापा नहीं थे उतने दिन अंकल रात में आते और मेरी मम्मी की चुदाई करते।

मुझे सब पता चल गया था लेकिन मैंने यह चीट मॅाम सेक्स की बात किसी को नहीं बताई।

अब तो जब कभी भी मैं अपने कॉलेज से जल्दी आ जाती तो अंकल मेरे घर पर मिलते.
और आये दिन मुझे टॉयलेट सीट पर कंडोम मिलता.
मैं समझ जाती की आज फिर अंकल ने मेरी मम्मी को चोदा है।

अब दोस्तो, आप लोग सोच रहे होंगे कि यह तो बात थी अंकल और मम्मी की … लेकिन मेरा क्या हुआ?

तो मैं बता दूँ कि उन लोगों के बारे में पता चलने के बाद से मेरे मन में कुछ दिन गुस्सा था.
लेकिन धीरे धीरे मेरा गुस्सा एक लालच में बदल गया.
अब मुझे लगने लगा कि क्यों न मैं अंकल का फायदा उठाकर अपनी जिंदगी में मजा करूं।

दोस्तो, अगली कहानी में आप पढ़ेंगे कि किस तरह से मैंने अंकल को अपने हुस्न के जलवे दिखाकर अपनी इच्छाएं पूरी करवाई.
अंकल मेरे ऊपर बिल्कुल लट्टू हो गये।

अगली कहानी काफी रोचक और मजेदार होने वाली है।
आपको यह चीट मॅाम सेक्स स्टोरी कैसी लगी?
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इससे आगे की चीट मॅाम सेक्स स्टोरी: पापा के बॉस की कामुक दृष्टि मेरी कमसिन जवानी पर- 1

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