भाभी की चचेरी बहन ग्रुप सेक्स में-2

(Bhabhi Ki Chacheri Bahan Group Sex Mein- Part 2)

सनी वर्मा 2016-08-04 Comments

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कावेरी और मैं समलिंगी सेक्स का मज़ा लेकर नीचे आई ही थी कि हमारे आने के पांच मिनट बाद ही विकास भी आ गए।
वो चाट पकोड़ी लाये थे, हम सबने माँ बाबूजी के पास बैठ कर चाट खाई।

विकास ने बाबूजी से पूछ कर पिक्चर का प्रोग्राम बना लिया।
कावेरी तो बहुत खुश हो गई।

हम सब ऊपर आ गए तैयार होने के लिए। विकास के लिए पहला अवसर था कि उसके कमरे में कोई और लड़की हो… वो कुछ असहज हो रहा था या घबरा रहा था कि कहीं उससे फिर कोई जल्दबाजी न हो जाये।

कावेरी यह ताड़ गई… वो बोली- जीजू आप घबराइए नहीं, मैं आपको खा नहीं जाऊँगी, हाँ चख सकती हूँ। और अब तो आप मुझे पिक्चर ले जा रहें हैं तो लाइए आपको चख कर थैंक्स बोल दूँ।

ऐसा कह कर उसने विकास को चूम कर के थैंक्स बोल दिया।
विकास तो मानो जन्नत में आ गया… अब वो भी खुलने लग गया।

मैंने विकास से कहा- हम तो अभी नहाई हैं, तुम नहा कर आओ।

विकास के अन्दर जाते ही हम दोनों तैयार होने लगी, हम दोनों ने ही जीन्स और टॉप पहने… हाँ कावेरी का टॉप उसके मम्मों पर ज्यादा ही टाइट था।

पिक्चर हॉल मैं हमारी कोने की सीट थीं तो कावेरी बोली- जीजू के पास मैं बैठूंगी।
वो विकास की बाँहों में बाहें डाल कर बैठ गई…

मुझे लगा कि यहाँ तो मामला अपने आप ही सेट हो रहा है। मैंने एक आध रोमांटिक सीन पर विकास के लंड पर हाथ रखना चाहा तो कावेरी बदतमीज ने मेरा हाथ हटा दिया कि ठीक से बैठो।
मैं हंस पड़ी।

हम लोग 11 बजे करीब वापिस आये, खाना बना रखा था इसलिए बाहर नहीं खाया था।
कावेरी बोली- एक ही थाली लगा कर ऊपर ही ले आओ, तब तक मैं कपड़े बदल लूँ।

कावेरी विकास के साथ ऊपर चली गई। मुझे लगा कि कहीं कावेरी कुछ गड़बड़ न कर ले…
फिर मैंने सोचा ‘कर ले तो अच्छा ही है… आखिर मैं भी तो यही चाहती हूँ।’
पर सच बताऊँ अब मुझे लग रहा था कि क्या मैं अपने पति को बांट पाऊँगी?
मुझे खाना परोस कर ऊपर आना भारी पड़ रहा था।

मैं फटाफट काम निबटा कर खाना लेकर ऊपर आ गई। विकास तो शॉर्ट्स टी शर्ट में थे और कावेरी बाथरूम में थी।

पर अब तक मैं अपने मन को समझा चुकी थी कि जब मैं सनी के साथ कर सकती हूँ तो विकास को भी मैं क्यों रोकूँ और फिर जो भी हो रहा है, वो मेरी मर्जी से और मेरी आँखों के सामने होगा। अगर विकास भी सनी की तरह अपनी बीवी से छिप कर करे तो…

मुझे लगा कि कहीं कुछ गलत नहीं है। अब मैं खुश थी… मैंने भी अलमारी खोल कर नाइटी निकली।

इतने में कावेरी बाहर आ गई… उसने एक टीशर्ट और ढील बरमूडा पहना था। उसके निप्पल बता रहे थे कि उसने नीचे कुछ नहीं पहना। उसने मेरे हाथ में नाइटी देख कर कहा- ओ नौटंकी… जब तक मैं यहाँ हूँ, कपड़े देख कर पहन… वर्ना ये भी उतार दूँगी।

मैंने कहा- मेरे पास शॉर्ट्स नहीं है!
तो वो बोली- जीजू की लुंगी और टीशर्ट पहन ले।

मुझे शर्म तो आई पर विकास के कहने पर जब पहन कर आई तो खुद को भी अच्छा लग रहा था।

हम लोगों ने खाना खाकर सोने की तैयारी की।
कावेरी बोली- आप दोनों ऊपर सो जाओ, मैं नीचे सो जाऊँगी।
विकास ने मना कर दिया- नहीं, तीनों बिस्तर पर ही सो सकते हैं अगर कावेरी को एतराज नहीं हो तो।

कावेरी तो पक्की बेशर्म निकली, बोली- अगर रात को हम दोनों ने आपके साथ जोर आजमाइश कर ली तो?
सब हंस पड़े।

मैं बीच में होकर दोनों के साथ सोई।

रात को लगभग एक बजे मुझे अपनी चूत पर कोई दबाव महसूस हुआ। विकास का हाथ था।
मेरे जागते ही उसने मेरा मुँह अपनी ओर खींच कर मुझे चूमना शुरू कर दिया। मैं भी गर्म हो रही थी, मैंने चूमने में विकास का साथ दिया मगर फुसफ़ुसा कर बोली- कावेरी जग जाएगी।

मैं विकास की ओर पीठ कर के लेट गई और अपना हाथ कावेरी की टी शर्ट के अन्दर कर लिया।
कावेरी ने कसमसा कर अपने को मुझसे और सटा दिया। मैंने भी उसके मम्मे पकड़ लिए और दबाने शुरू कर दिये।

कावेरी नींद में ही थी और बुदबुदा के बोली- सोने दे…
मैंने अपना हाथ नीचे कर उसके बरमुडे के अन्दर कर दिया और उसका दाना मसलने लगी।

विकास भी समझ रहा था कि मैं कुछ गड़बड़ कर रही हूँ कावेरी के साथ तो उसने भी अपनी उंगली मेरी चूत में कर दी।
जैसे ही उसने मेरी चूत को छुआ तो चूत के चिकनेपन ने उसे दीवाना बना दिया और वो चुदासा होकर अपनी उंगली से चूत को रगड़ने लगा। वो मेरी चूत में उंगली अन्दर बाहर कर रहा था और मैं कावेरी की चूत में।

कावेरी को शायद इस बात की चिंता थी कि विकास जग जायेगा और मैंने उसे गर्म कर दिया था।
वो यह कहते हुए उठी- तू मुझे यहाँ सोने नहीं देगी…
और कमरे में पड़े सोफे पर चादर ओढ़ कर लेट गई।

वो थक भी रही थी और चादर भी उसने मुँह तक ओढ़ रखी थी… मुझे लगा दस मिनट के अन्दर वो खर्राटे भर रही है।

इधर विकास ने अपना लोअर नीचे करके अपना लंड मेरी गांड से टिका रखा था। अब वो मेरी चूत छोड़ कर मेरे मम्मे दबा रहा था। कावेरी के बिस्तर से हटते ही उसने मेरी लुंगी खोल कर अलग कर दी थी। विकास ने मेरे को अपनी ओर करके अपना लंड मेरी चूत में कर दिया।

आज दिन भर चूत की मौज हुई थी तो चूत भी चुदने को चुदासी थी। मैं भी कावेरी की परवाह न करते हुए विकास पर चढ़ गई और उसका लंड अपनी चूत में पूरा कर लिया और जोर जोर से चुदाई करते हुए चुदवाने लगी।

विकास भी नीचे से जोर जोर से धक्के मार रहा था।
पांच मिनट की धक्का मुक्की के बाद हम दोनों का हो गया।

मैंने कावेरी की ओर देखा तो उसकी चादर मुँह से हटी हुई थी पर वो सो रही थी।
कमरे में नाईट बल्ब की धीमी रोशनी थी।
मैंने अपने कपड़े ठीक किये और सो गई।

सुबह सात बजे आँख खुली, विकास तो सो रहा था पर कावेरी नहीं थी।
मैंने नीचे झांक कर देखा तो कावेरी अपने ट्रैक सूट में योग कर रही थी और साथ में उसने बाबूजी को भी लगा रखा था।

मैं फ्रेश होने बाथरूम में गई और जब बाहर आई तो विकास उठ चुका था, मुझे देखते ही उसने मुझे बाँहों में भर लिया और चूम लिया। इतने में ही कावेरी अन्दर आ गई, चाय की ट्रे उसके हाथ में थी, हमें इस हाल में देख कर वो हंसते हुए बोली- सारी रात तो धमाचौकड़ी मचाई है और अभी भी चैन नहीं है।

मुझे तो काटो तो खून नहीं…इसका मतलब कावेरी ने हमारी पूरी रासलीला देखी है?
खैर कावेरी से तो मैं दिन में निबट लूंगी।

हम लोग बिस्तर पर बैठ कर ही चाय पीने लगे।
कावेरी ने अपने ट्रैक सूट के टॉप की ज़िप थोड़ी नीचे कर ली थी और उसकी स्पोर्ट्स ब्रा दिख रही थी। विकास का लोअर उसका तम्बू दिखा रहा था।

मैंने विकास के लंड पर हाथ मारते हुए कहा- जाओ तुम नहा लो।

विकास ने जैसे ही बाथरूम का दरवाजा बंद किया मैंने कावेरी के बाल पकड़ कर कहा- क्यों री बदमाश… तूने क्या क्या देखा?

कावेरी हंस कर बोली- पूर लाइव शो देखा…

कहानी जारी रहेगी।
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