बहन की चुदाई का आँखों देखा हाल

(Behan Ki Chudai Ka Aankhon Dekha Haal)

मेरा नाम यश है, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ. मैं कई दिनों से सोच रहा था कि अपनी एक सेक्स स्टोरी आप सभी दोस्तो को सुनाऊं. इससे पहले मैं आगे बढूँ, पहले में अपने बारे में बता दूँ.

मैं दिखने में बहुत अच्छा हूँ. मेरी उम्र 19 साल की है, पर मेरे दुबले शरीर के कारण कोई भी लड़की मुझे घास नहीं डालती थी. जब मैं स्कूल में था, तभी से ही मैंने मुठ मारना शुरू कर दिया था. इसलिए मेरी सेक्स की भूख दिन ब दिन बढ़ती जा रही थी.

जब लंड ने हरकत करनी शुरू कर दी तो मैंने भी सब जगह घास डालना शुरू कर दी.. पर कहीं पर भी दाल नहीं गली.

इसलिए मैं अपनी बड़ी बहन, जिसका नाम प्रिया था, उस पर डोरे डालना शुरू कर दिया.

मेरी बहन मेरे जैसी ही थी, एकदम गोरा बदन, भरे हुए चूतड़, बहुत ही बड़ी और गोल चूचियां. मतलब ये कि प्रिया दिखने में एकदम काँटा माल लगती थी. मेरे सारे दोस्त उस पर डोरे डालते थे, पर वो सभी के लंड खड़े करवा के किसी को भी घास नहीं डालती थी. अब उसकी शादी को करीबन 5 साल हो गए थे.
मेरा जीजा एकदम हट्टा कट्टा सांड जैसा बहुत ही जबरदस्त बॉडी वाला था. वह बड़ा ही रोमाँटिक भी था. उसकी वजह से दीदी किसी और के बारे में सोचती भी नहीं थीं.

एक दिन जब मैं दीदी के घर गया था तब मैं टीवी देख रहा था और दीदी किचन में खाना बना रही थीं. टीवी वाले कमरे से किचन साफ़ दिखता था और मैं बस दीदी की तरफ ही देख रहा था. मैं उनके चूतड़ और गांड को अपनी कमीनी आँखों से चोद रहा था.

तभी मेरा जीजाजी किचन में आ गया और मैं वापस टीवी देखने लगा.

थोड़ी देर बाद जीजाजी बाहर झाँकने लगे और मुझे टीवी देखता देख वापिस अन्दर चले गए. मुझे लगा कि कुछ तो गड़बड़ है.

मैं उठा और वहां जाकर देखने लगा. जैसे ही मैंने वहां देखा तो मैं दंग रह गया. मेरे जीजा ने मेरी दीदी को अपनी बांहों में भर कर पकड़ा हुआ था और वो उनके होंठ चूसे जा रहा था.
दीदी- अरे.. छोड़ो यार.. यश देख लेगा.
जीजा- अरे वो तो टीवी देख रहा है, चलो अब नाटक मत करो.
दीदी- कल रात की चुदाई के बाद अब मेरी चूत सूज गई है प्लीज़ अभी नहीं रात को करेंगे.. वरना यश देखेगा तो कयामत आ जाएगी.
जीजा- अरे वो भी तो देखे कि उसकी दीदी क्या माल है.. और उसने देख भी लिया तो मेरा लंड देखकर बेहोश हो जाएगा.

दीदी- अरे छोड़ो ना.. वरना मैं रात को नहीं करने दूँगी.
जीजा- तू तो क्या तेरी बहन भी चुदेगी साली.. रांड नखरे दिखाती है.
दीदी- साले बहन के लौड़े सारा दिन लंड चूत में डालने के लिए ही घूमता है, अरे मैं कहां भागी जा रही हूँ.. रात को करेंगे अभी जाओ.
जीजा- तो साली मुँह में लेकर मेरा लौड़ा शांत कर दे.

इस तरह से वे दोनों अपनी चुदास की मस्ती में न जाने क्या क्या बड़बड़ाते हुए एक दूसरे को चूमते चाटते रहे और न ज़ाने क्या क्या बोले जा रहे थे. उनकी हरकतों से मेरा भी लंड खड़ा हो गया था.

तभी मेरे जीजा ने पेंट की ज़िप खोली और अपना 9 इंच का लौड़ा बाहर निकाला. मैं तो देखते ही घबरा गया कि इतना मोटा ओर बड़ा लंड दीदी कैसे अपनी चूत में लेती होंगी. मेरे जीजा ने मेरी दीदी को घुटनों के बल बिठा कर उसके मुँह में अपना लौड़ा दे दिया.
दीदी- वाह मेरे बच्चे.. दिन ब दिन तू तो बढ़ता ही जा रहा है, चल आज तुझे जन्नत की सैर कराती हूँ.
जीजा- ओह चूस मेरी रांड चूस.. इस लंड का पानी निकाल दे.. बहुत ही परेशान करता है.. आह.. जल्दी से चूस.. ह्म्म्म्म..
दीदी- ओह मेरे राजा कैसा मस्त लौड़ा है.. तेरा अगर तू मेरा पति ना होता तो भी मैं तुझसे ही चुदवाती.. आह आह..

दीदी लंड को सहलाते हुए न ज़ाने क्या क्या बोल रही थीं, पर मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा हाथ मेरी पैन्ट में जाकर मेरे लंड को सहलाने लगा.
करीब 10 मिनट के बाद मेरे जीजा ने कहा- ओह जानू, मैं छूटने वाला हूँ.
दीदी- तुम अपना सारा रस मेरे मुँह में छोड़ दो.

मेरे जीजा ने अपना सारा रस मेरी दीदी के मुँह में छोड़ दिया और मेरी दीदी सारा रस बड़े आराम से पी गईं. फिर मेरे जीजा का लंड साफ करके उठ गईं. मेरे जीजा ने मेरी दीदी को किस किया और बोला- ओह आज तो मज़ा आ गया… क्या लंड चूसती हो, पर रात को मैं तुझे जन्नत की सैर कराऊंगा.

इतना सुनते ही मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया और मैं वहां से चला गया और रात का इंतज़ार करने लगा.

रात होने से पहले मैंने दीदी के कमरे में जाकर उधर का मुआयना किया और अपने लिए जगह देखी. मुझे एक ऐसी दरार जैसी जगह दिख गई, जिधर मैं कमरे से बाहर रह कर भी दीदी की चुदाई का खेल देख सकता था. मैंने उधर से बाहर आ कर अपने लिए जगह की व्यवस्था की और रात का इन्तजार करने लगा.

पूरा दिन मैं दीदी के बारे में सोचता रहा और उनको देखता रहा कि दीदी कितनी मस्त माल हैं और आज रात को इन दोनों की चुदाई का नजारा देखने को मिलेगा.

मैंने आज दीदी और जीजा जी को जल्दी ही नमस्ते कहके अपने सोने की जगह आ कर उनको फुल मस्ती करने के लिए छोड़ दिया. दीदी को लगा कि मैं सोने चला गया हूँ, जबकि मैं दूर होकर उनकी बातें सुनने लगा.

जीजा जी ने दीदी को अपनी बांहों में लेकर कहा- रानी आज फुल मस्ती करेंगे.
दीदी ने कहा- मस्ती बाद में, पहले खाना तो खा लो.
जीजा ने अपने बैग को थपथपाते हुए कहा- नहीं.. आज पहले दारू पार्टी करेंगे फिर खाना वगैरह देखेंगे.

दीदी बोलीं- कौन सी लाए हो?
जीजा- ब्लैक डॉग.
दीदी ने कहा- वाह ब्लैक डॉग तो मेरी पसंदीदा है.
दीदी ने बैग उठा लिया तो जीजा ने दीदी को अपनी गोद में उठाया और कमरे को चल दिए.

दीदी बोलीं- अरे रुको तो यार.. मुझे बर्फ और चखना तो ले लेने दो.
जीजा- बर्फ भर ले लो.. बैग में नमकीन काजू हैं.

दीदी ने जीजा की गोद में चढ़े हुए ही फ्रिज से बर्फ की बकट निकाली और जीजा को चूम लिया.
अब वे दोनों कमरे में आ गए.

मैं भाग कर अपनी तयशुदा जगह पर आ गया. कमरे में पहुँच कर जीजा ने दीदी को उतारा और दीदी ने अलमारी से गिलास वगैरह निकाले.

जीजा ने अपने कपड़े उतारे और एकदम नंगा हो गया. उधर दीदी ने गिलास निकाल कर रखे और जीजा को नंगा देखा तो वो खुद भी पूरी नंगी हो गईं.
अब दीदी नंगी होकर एक बड़ा पैग बनाने लगीं. उधर जीजा ने सिगरेट जला ली.
पैग बन गया तो जीजा ने दीदी को अपनी गोद में बिठा लिया.

दीदी ने गिलास उठाया और जीजा के मुँह से लगा कर कहा- लो राजा तुम दारू पियो और मुझे सिगरेट दो.
जीजा के हाथ से सिगरेट दीदी के हाथ में आ गई. जीजा दारू पीने लगा और दीदी ने सिगरेट का कश खींचा. फिर जीजा ने उसी गिलास से दारू का घूँट भरा और दीदी के मुँह से मुँह लगा दिया. मैं देख रहा था कि दोनों में कितना प्यार था. दीदी भी जीजा के मुँह से ही दारू पी रही थीं. अगला घूँट जीजा ने लिया और दीदी के चुचों के ऊपर गिरा दिया. अब वो दीदी के मम्मों पर गिरी हुई दारू को चाटते हुए दीदी की चूचियों को पी रहे थे.

ये सब इतने कामुक ढंग से हो रहा था कि मेरे लंड की तो समझो वाट लग गई थी. मेरा लंड भी अब चुत चुत चिल्ला रहा था. मैंने अपने लंड को मुठियाना शुरू कर दिया.

उधर दीदी अब जीजा की गोद से नीचे बैठ गई थीं और जीजा ने अपनी दोनों टाँगें खोल कर अपना लम्बा मूसल दीदी के मुँह के सामने लहरा दिया. दीदी ने अपनी जीभ को जीजा के लंड के सुपारे पर फेरी और तभी जीजा ने अपने मुँह में भरी दारू अपने लंड पर गिरा दी, जिससे दीदी को लंड के साथ दारू का मजा भी मिलने लगा.

एक मिनट बाद दीदी ने एक काजू खाया और जीजा से सिगरेट मांगी. जीजा ने एक लम्बा कश खींचा और दीदी को सिगरेट पकड़ा दी. अब दीदी ने सिगरेट का सुट्टा खींचा और धुआँ जीजा के लंड पर छोड़ते हुए लंड को अपने मुँह से चचोरने लगीं.

बड़ा ही लंड फाडू सीन था यार.. ऐसा तो अब तक किसी ब्लू फिल्म में भी देखने को नहीं मिला था जिसमें मर्द के द्वारा लंड पर मुँह से दारू गिराई जा रही हो और औरत उस लंड से दारू के साथ सिगरेट का मजा लेते हुए लंड चुसाई का मजा दे रही हो. सच में अद्भुत नजारा था.

कुछ देर बाद दीदी और जीजा दोनों दारू के नशे में टुन्न हो गए और गालियां बकते हुए चुदाई की मस्ती में लीन हो गए. उन दोनों को दीन दुनिया का कोई होश नहीं था और वे दोनों घर में मेरी उपस्थिति को भी भूल चुके थे.
जीजा- आह.. साली रंडी.. चूस मादर चोद.. क्या मस्त लंड चूसती है कुतिया.. तेरी चुत में एकाध बार पूरी बोतल घुसेड़ दूंगा.
दीदी- आह.. भोसड़ी के तेरा लंड ही मेरी चुत की माँ भैन एक कर देता है.. माँ के लौड़े.. साले अब क्या मेरी चुत फाड़ने का इरादा है..

जीजा ने दीदी के दूध दबोचे और बोला- भैन की लौड़ी, अब तेरी चुत में एकाध दोस्त का लंड भी पिलवा दूंगा.. तुझे भी दूसरे लंड का मजा आ जाएगा.
दीदी- साले हरामी, सीधे सीधे क्यों नहीं कहता कि तुझे दूसरी चुत चोदने की चुल्ल हो रही है. पहले दोस्त को बुलाएगा फिर साथ में दोस्त की लुगाई को खुद के लंड के लिए बुला लेगा.. मैं सब समझती हूँ.. तू बहुत ही बड़ा चोदू है कुत्ते!

जीजा हंसते हुए बोला- साली रंडी सब जान जाती है.. चल एकाध बार ग्रुप सेक्स का मजा लेते हैं.
दीदी बोली- मैं एक ही शर्त पर राजी होऊंगी.
जीजा- बोल क्या शर्त?
दीदी- तू मुझे अनजान लौड़े से चुदवाएगा.. तभी मैं राजी होऊंगी.
जीजा- मतलब?
दीदी बोलीं- एक काम कर, गोवा चलने का ट्रिप बना ले. उधर विदेशी लंड और चूत का मजा लेंगे.

जीजा दीदी की बात सुनकर खुश हो गया.. बोला- लेकिन उसकी पहले से सैटिंग करनी पड़ेगी. ऐसा तो है नहीं कि अपने को उधर पहुँचते ही कोई कपल ऐसा मिल जाएगा, जो लंड चुत को साझा करने की इच्छा रखता हो.
दीदी बोली- मेरा तो सिर्फ आइडिया है तू किसी देसी कपल को भी सैट कर सकता है, पर वो हमारे लिए अजनबी होना चाहिए.
जीजा- ओके डार्लिंग अभी चुत चुदाई का मजा लेने दे.
दीदी ने चुत पर हाथ मारा और बोलीं- आ जा मेरे सांड.. तेरे लंड की कब्र खुली पड़ी है.

जीजा ने दीदी को उठा कर चित लिटा दिया और लंड को दीदी की फुद्दी में ठोकते हुए उनके ऊपर चढ़ गया. धकापेल चुदाई चालू हो गई. इधर मैं अब तक दो बार लंड का पानी निकाल चुका था.

उन दोनों की चुदाई खत्म हुई और वे दोनों चिपक कर सो गए. मैंने लंड हिलाता हुआ अपने कमरे में आ गया.

दोस्तो, आपको मेरी ये दीदी की चुदाई की कहानी कैसी लगी.. मुझे मेल जरूर कीजिएगा.
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