पड़ोस की चालू आँटी ने चूत के मजे दिए- 1
(Bad Aunty Pron Story)
बैड आंटी प्रोन स्टोरी में मैं पड़ोस की एक आंटी को पसंद करता था. उन्हें देख कर मैं चुदाई करने की बातें सोचा करता था. मैं उनके घर आता जाता था. एक दिन मैंने क्या देखा?
दोस्तो,
मैं सोनम अपनी एक और कहानी के साथ आप लोगों का स्वागत करती हूं।
अभी तक मैंने जितनी भी कहानियां अन्तर्वासना पर भेजी है उन्हें आप लोगों ने इतना पसंद किया उसके लिए आप सभी का धन्यवाद।
जैसा कि मैंने वादा किया है कि मैं जो भी कहानी भेजूंगी वो बनाई हुई कहानी नहीं होगी बल्कि सत्य घटना पर ही होगी।
मेरे पास बहुत सारे लोग अपनी कहानियां भेजते हैं और बनाई हुई कहानी का वैसे ही पता चल जाता है।
मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि ऐसी कहानी भेजूं जिसे पढ़कर आप लोगों के बदन में हलचल मच जाए और आप लोग अपनी सेक्स लाइफ का भरपूर आनंद ले सके।
तो दोस्तो आज की ये कहानी मेरे एक पाठक ने भेजी है जिनका ओरिजनल नाम मैं नहीं बता सकती लेकिन उनकी कहानी पढ़कर लड़के अपना लंड और लड़कियां अपनी चूत जरूर मसलने लगेंगी।
उनकी कहानी है ही इतनी मजेदार और सेक्सी।
बस आप लोग कहानी को पूरा जरूर पढ़ें तभी आप लोगों को असली मजा मिलेगा।
तो चलते हैं उनकी बैड आंटी प्रोन स्टोरी में!
दोस्तो, मेरा नाम राजन है. ( बदला हुआ नाम)
मेरी उम्र 23 साल की है और मैं अभी बीटेक का स्टूडेंट हूं।
मैं कई सालों से अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ रहा हूं और हमेशा से ही मन करता था कि अपनी भी कहानी आप लोगों के साथ शेयर करूं।
लेकिन समय न मिलने और सही जानकारी न होने के कारण मैं ऐसा नहीं कर पा रहा था।
लेकिन सोनम जी ने मेरी काफी मदद की और अपनी प्रोफाइल से मेरी कहानी अन्तर्वासना पर भेजने के लिए तैयार हुई।
इसके लिए उनका दिल से धन्यवाद।
तो दोस्तों चलते हैं कहानी में और जानते हैं कि कैसे मेरी नई नई जवानी में मुझे एक आंटी का सहारा मिला और कैसे उन आंटी ने मुझे चुदाई के गुण सिखाने के साथ साथ चुदाई का भरपूर मजा दिया।
यह बात है आज से 4 साल पहले की जब मैं 19 साल का था।
उस समय मैं नया नया जवान हुआ था, मन में कई ख्याल रहते थे.
और दोस्तों से पता चलता था कि लड़कियों के बदन में क्या क्या होता है।
मन में तरह तरह से सवाल आते थे कि लड़कियां नंगी कैसी दिखती होंगी, चुदाई कैसे होती होगी? चूत कैसी दिखती होगी।
उस वक्त मेरे बदन में भी काफी बदलाव चल रहा था जैसे मेरी हल्की हल्की मूछें आ रही थी और लंड के चारों तरफ बाल उग रहे थे।
मैं इतना तो जानता था कि चुदाई के बारे में सबके सामने बात नहीं करते हैं क्योंकि ये गंदी चीज होती है।
फिर भी चुदाई और लड़कियों को लेकर मेरे मन में तरह तरह के सवाल थे जिन्हें मैं बस अपने मन में ही सोचा करता था।
मेरे घर में मेरी मम्मी पापा और मैं बस तीन लोग ही रहते थे।
पापा सरकारी कर्मचारी है और हम लोग सरकारी क्वाटर में रहते हैं।
हमारे क्वाटर से बिल्कुल लगा हुआ दूसरा क्वाटर है जिसमें एक अंकल और आंटी रहती थी।
अंकल की उम्र करीब 45 साल और आंटी की उम्र करीब 36 साल थी।
अंकल तो नॉर्मल ही थे लेकिन आंटी जबरदस्त माल थी।
आंटी का नाम मोना था।
उनके बदन के बारे में क्या कहूँ, बस इतना जानिए कि जिसकी भी नजर उन पर पड़ती थी वो दुबारा उनको जरूर देखता था।
बेहद गोरी होने के साथ साथ उनका शरीर बेहद सेक्स था।
बड़े बड़े दूध मोटी मोटी जांघें और बड़ी सी उभरी हुई उनकी गांड।
जब तक वो यहाँ थी, उनका कोई बच्चा नहीं हुआ था।
पड़ोसी होने के कारण हम दोनों परिवारों में बहुत मेल-जोल था।
बस ये समझिए कि एक तरह से हम सब परिवार जैसे ही थे।
मेरा आधा दिन तो उनके घर पर ही बीतता था।
उस वक्त मेरे पास कोई मोबाइल नहीं था और आंटी के पास मोबाइल फोन था।
मोबाइल पर गेम खेलने के चक्कर में मैं स्कूल से आने के बाद उनके पास ही चला जाता था।
उनको भी मेरा साथ अच्छा लगता था और जब मैं नहीं जाता था तो वो खुद मुझे बुला लेती थी।
मेरे घर वालों को भी इसमें कोई दिक्कत नहीं होती थी।
कई बार जब अंकल शहर से बाहर चले जाते थे तो मेरे घर के लोग मुझे रात में आंटी के साथ सोने के लिए भी भेज देते थे।
मैं और मोना आंटी एक ही बिस्तर में सोया करते थे।
मेरे मन में लड़कियों के बारे में कई सवाल तो थे लेकिन मोना आंटी को मैं इस तरह से नहीं सोचता था क्योंकि वो मुझसे बहुत बड़ी थी।
लेकिन धीरे धीरे ऐसा सब हुआ कि हम दोनों करीब आना शुरू हो गए और एक दिन हम दोनों के बीच चुदाई की शुरुआत हो गई।
3 साल तक हम दोनों के बीच बहुत चुदाई हुई.
और फिर अंकल का ट्रांसफर हो गया और वो लोग यहाँ से चले गए।
आगे मैं आप लोगों को बताऊंगा कि कैसे हम लोग इतने करीब आये कि हम लोग चुदाई करने लगे।
मैं रोज ही आंटी के फोन पर गेम खेलने के लिए जाता था।
गेम खेलने के साथ साथ मैं आंटी के काम में भी मदद कर देता था जैसे दुकान से कुछ सामान लाना हुआ या घर का ही कुछ छोटा-मोटा काम।
ऐसे ही मेरी स्कूल की छुट्टियां चल रही थी और मैं सुबह घर पर बैठा हुआ टीवी देख रहा था।
तभी मोना आंटी ने मुझे आवाज लगाई और मैं जल्दी से भागता हुआ उनके घर चला गया।
आंटी ने नाश्ता बनाया था जिसके लिए वे मुझे बुला रही थी।
मैं सोफे पर बैठकर नाश्ता कर रहा था और उनके मोबाइल पर गेम खेल रहा था।
जल्द ही मोना आंटी फर्श पर पोछा लगाने के लिए आई।
उस वक्त आंटी गाउन पहनी हुई थी और गाउन को अपने जांघ तक उठाई हुई थी।
उनकी बेहद गोरी और मोटी मोटी जांघ मुझे दिखाई दे रही थी जिस पर हल्के फुल्के रोम जैसे बाल उगे हुए थे।
जल्द ही आंटी झुककर पोछा लगाने लगी जिससे उनके सीने के सामने से उनके दोनों बड़े बड़े दूध लटककर दिखाई देने लगे।
मेरे अंदर कुछ उत्सुकता बढ़ गई और मैं तिरछी नजर से उनको देखने लगा।
आंटी पोछा लगा रही थी और उनके दोनों दूध जोर जोर से हिल रहे थे।
उन्होंने ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी जिससे उनके दूध बिल्कुल आजाद थे।
आंटी को बिल्कुल भी भनक नहीं थी कि मेरी निगाह उनके दूध पर है और वो अपनी ही धुन में पोछा लगा रही थी।
जल्द ही आंटी पैरों को फैलाकर बैठी जिससे उनके गाउन के बीच से मुझे अंदर तक का सब कुछ दिखाई दे दिया।
उन्होंने काली रंग की पेंटी पहनी हुई थी जो कि उनके गोरे गोरे जांघ के बीच से साफ दिख रही थी।
सच में ये सब देखकर मेरे लंड ने झटके मारना शुरू कर दिया था।
वो पहला दिन था जब मैंने आंटी के बदन को इतने गौर से देखा था।
उस दिन के बाद से मैं अक्सर आंटी के बदन को निहारने लगा था।
जब भी मैं उनके घर पर होता तो आंटी को देखता था।
मुझे कभी उनकी जांघ दिखाई देती थी कभी उनके दूध।
जब आंटी साड़ी पहनी हुई होती थी तो उनकी कमर और नाभि दिखाई देती थी।
कई बार तो ऐसा भी हुआ था कि आंटी मेरे सामने ही कपड़े बदल लेती थी और मैं उन्हें ब्रा पेंटी में देख लेता था।
रात में जब मैं अकेला सोता था तब आंटी के बदन के यही सब हिस्से मुझे याद आते थे और मेरा लंड टाइट हो जाता था।
एक दिन ऐसे ही आंटी को याद करते हुए मैं अपना लंड सहला रहा था.
और मुझे अपना लंड सहलाने से काफी मजा मिल रहा था.
मैं लंड को जोर जोर से हिलाने लगा।
कुछ ही देर में मुझे करंट जैसा झटका लगा और मेरे लंड से गाढ़ा गाढ़ा चिपचिपा पानी निकलने लगा।
वो दिन मैं कभी नहीं भूलता मुझे उस दिन पहली बार इतना मजा मिला था।
बाद में दोस्तों से पता चला कि इसे ही मुट्ठ मारना कहते हैं।
उसके बाद मैं आये दिन ऐसा ही करता था और आंटी को याद करके मुट्ठ मारता था।
मैं जानता था कि ये सब गंदी बात है और किसी को बताना नहीं होता है और मैं रात में सोते हुए ऐसा करता था।
आंटी के घर जाना तो रोज की बात थी.
लेकिन अब मैं बस आंटी के गोरे बदन को देखने के लिए ही जाता था कि मुझे कब क्या दिखाई दे जाये।
लेकिन इतने दिनों में मैंने कभी भी उन्हें नंगी नहीं देखा था.
और मेरे मन में बस ये बात चलती रहती थी कि आंटी नंगी कैसी दिखती होगी।
आंटी की चूत कैसी होगी।
ये सब रोज का काम हो गया था.
लेकिन उसके बाद एक दिन मेरी किस्मत जैसे खुल गई थी।
मैं आंटी के घर पर ही था और मोबाइल गेम खेल रहा था।
आंटी अपने घर के काम में व्यस्त थी और अंकल ड्यूटी गए हुए थे।
काम खत्म करने के बाद आंटी आई और मुझे बोली- तुम यही बैठना, मैं नहाकर आती हूं।
और आंटी नहाने के लिए बाथरूम चली गई।
कुछ देर बाद आंटी की आवाज आई और उन्होंने मुझे बुलाया।
मैं तुरंत उठकर गया और बाथरूम के बाहर खड़ा हो गया।
दरवाजा बंद था और मैं बोला- क्या हुआ आंटी?
आंटी बोली- अंदर आ जा और जरा मेरी पीठ रगड़ दे।
मैंने बाथरूम का दरवाजा खोला और आंटी को देख मेरा लंड टाइट होने लगा।
आंटी ब्रा पेंटी में बैठी हुई थी।
उनकी गोरी पीठ मेरे सामने थी।
आंटी ने मुझे साबुन दिया और पीठ पर लगाने के लिए बोली।
मैं बैठ गया और आंटी की पीठ पर साबुन लगाने लगा।
साबुन लगाने के साथ आंटी ने मुझे स्पंज दिया और पीठ रगड़ने के लिए बोली।
मैं स्पंज से उनकी पीठ रगड़ने लगा।
मुझे उनकी चिकनी पीठ पर हाथ फेरने से बहुत मजा आ रहा था।
लेकिन बीच में ब्रा की पट्टी के कारण अच्छे से बन नहीं रहा था।
आंटी को भी शायद पता चल गया था और उन्होंने ब्रा हुक खोलने के लिए कहा।
मैं तुरंत ही ब्रा की हुक खोल दिया और पीठ को अच्छे से रगड़ने लगा।
मेरी नजर नीचे आंटी की गांड की तरफ गई जहाँ पर पेंटी के बीच से साबुन बहकर उनकी गांड के अंदर घुस रहा था क्योंकि बीच से पेंटी थोड़ी उठी हुई थी।
ये सब मेरे लिए बेकाबू करने वाला था।
मेरा लंड उस वक्त पूरी तरह से खड़ा हुआ था।
कुछ देर बाद आंटी ब्रा निकाल दी और पीछे बैठने के कारण साइड से मुझे उनके दूध लटकते हुए साफ साफ दिख रहे थे।
बीच बीच में आंटी अपने दूध और गले में भी साबुन लगाकर साफ कर रही थी।
काफी देर तक मैं आंटी की पीठ को रगड़ता रहा और फिर आंटी बोली बस हो गया अब तू जा।
बाहर आकर मैं अपने लंड को जोर से मसला और अपनी चड्डी में दबा लिया।
उस दिन के बाद मैं कई बार आंटी की पीठ रगड़ा लेकिन अभी तक मैं उन्हें नंगी नहीं देख सका था।
लेकिन उसके बाद एक दिन मैंने उनको पूरी नंगी देख ही लिया और उन्हें नंगी देखने के बाद मुझे बिल्कुल भी खुशी नहीं हुई बल्कि मेरा मन टूट गया था।
एक दिन ऐसा हुआ कि अंकल को कुछ दिन के लिए बाहर जाना पड़ा था और मम्मी ने मुझे आंटी के यहाँ सोने के लिए कहा था।
मैं बहुत खुश था कि आज आंटी के साथ रात भर सोऊंगा और मुझे उनका बदन देखने को मिलेगा।
रात में 9 बजे ही मैं उनके घर चला गया था.
और 10 बजे मैं और आंटी सोने के लिए बिस्तर पर चले गए थे।
आंटी चादर ओढ़ कर बगल में सो गई थी और मुझे कुछ भी देखने को नहीं मिला।
मैं निराश होकर लेटा रहा और जल्द ही मुझे भी नींद आ गई।
रात में करीब एक बजे मेरी नींद खुल गई.
तो मैंने देखा तो आंटी वहाँ पर नहीं थी।
मैं कुछ देर सोचता रहा कि शायद आंटी पेशाब करने के लिए गई होंगी.
लेकिन काफी समय तक आंटी नहीं आई।
मैं उठा और रूम से बाहर निकल कर देख तो बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ था और वहाँ कोई नहीं था।
जल्द ही मुझे कुछ आवाज सुनाई दी.
वो आवाज बगल वाले कमरे से आ रही थी।
दरवाजा बंद था और अंदर से आंटी की आवाज आ रही थी।
बगल में ही एक खिड़की थी और उसमें एक छेद था.
मैंने उस छेद से देखने की कोशिश की.
अंदर का नजारा देखने के बाद मैं अंदर तक हिल गया था।
अंदर मोना आंटी बिल्कुल नंगी थी और अपने घुटनों के बल घोड़ी बनी हुई थी उनके पीछे हमारे कालोनी के ही सिंह अंकल थे, वो आंटी को बुरी तरह से चोद रहे थे।
आंटी जोर जोर से ‘आआह आ आह’ कर रही थी और अंकल का लंड गपागप अंदर जा रहा था।
मैं समझ चुका था कि इन दोनों का चक्कर चल रहा है।
उसके बाद मैं लगातार उनकी चुदाई देखने लगा।
अंकल कभी मोना आँटी को घोड़ी बनाकर कभी उठाकर कभी लिटाकर, कभी उनका एक पैर हवा में उठाकर उन्हें चोद रहे थे।
आँटी की चूत बिल्कुल गुलाबी रंग की थी और उनके दूध के निप्पल भी बिल्कुल गुलाबी रंग के थे।
आँटी के चूत से बार बार पानी बाहर निकल रहा था और वो बार बार बोल रही थी- मेरा हो गया. अब बस करो, छोड़ो अब. बिट्टू उठ जाएगा. जाने दो.
लेकिन अंकल लगातार आँटी को चोदे जा रहे थे।
इसके बाद काफी देर बाद अंकल ने अपना पानी उनकी चूत में डाल दिया और दोनों जल्दी जल्दी कपड़े पहनने लगे।
मैं तुरंत ही कमरे में वापस आ गया और कुछ देर बाद आँटी भी आकर लेट गई।
मैं चादर ओढ़े सोने का नाटक कर रहा था और आँटी बगल में ही लेटी हुई थी।
आँटी की साँस तेजी से चल रही थी।
थोड़ी देर बाद मैं अपनी थोड़ी सी आँख खोलकर देखा तो आँटी केवल ब्रा पेंटी में ही लेटी हुई थी और पसीने से भीगी हुई थी।
काफी देर तक मैं ऐसे ही बीच बीच में उन्हें देखता जा रहा था और फिर आँटी चादर ओढ़ कर सो गई।
मैं काफी निराश था कि आँटी को कोई और चोद रहा है क्योंकि आँटी को मैं भी पसंद करने लगा था इसलिए मेरे दिल में धक्का लगा था।
लेकिन आँटी की उम्र के हिसाब से मेरा लंड किसी काम का नहीं था।
कहाँ वो अंकल के इतने बड़े लंड से चुद रही थी और कहा मेरा 5 इंच का ब/च्चों जैसा लंड था।
उस रात के बाद अगली रात भी सिंह अंकल आये और उन्होंने मोना आँटी की चुदाई की।
उस रात मैंने उन दोनों की पूरी चुदाई शुरू से देखी थी क्योंकि मैं जानबूझकर सोया नहीं था बस सोने का नाटक किया था।
दोस्तो, आप सोच रहे होंगे कि मोना आँटी को जब दूसरे अंकल चोद रहे हैं तो फिर मेरा क्या हुआ।
तो दोस्तो, अगली रात क्या क्या हुआ औऱ कैसे आँटी और मेरे बीच चुदाई हुई ये सब अगले भाग में जानिए।
अब तक की बैड आंटी प्रोन स्टोरी पर अपने विचार मुझे बताएं.
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बैड आंटी प्रोन स्टोरी का अगला भाग: पड़ोस की चालू आँटी ने चूत के मजे दिए- 2
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