ताऊ जी के बेटे साथ चुदाई के मजे
(Young Hot Body Sex Kahani)
यंग हॉट बॉडी सेक्स कहानी में मैं ताऊ जी के घर रह कर पढ़ रही थी. उनका एक बेटा मेरे भाई जैसा था. एक बार ताऊजी, ताई जी कहीं बाहर गए तो हम दोनों अकेले रह गए. हमने क्या काण्ड किया?
यह कहानी सुनें.
दोस्तो,
सभी पाठकों को मेरा साष्टांग प्रणाम.
मैंने अन्तर्वासना साइट पे बहुत सी सेक्स स्टोरी पढ़ी हैं.
पढ़ते पढ़ते मेरे मन भी ख्याल आया कि आप लोगों के साथ अपनी सेक्स स्टोरी शेयर करूं.
आशा है आपको मेरी कहानी बहुत पसंद आयेगी।
यंग हॉट बॉडी सेक्स कहानी तब की है जब मेरे उम्र के 18 साल पूरे हो चुके थे.
मैंने अपने 12 वीं तक की पढ़ाई अपने गांव से की थी … आगे की पढ़ाई के लिये मुझे शहर जाना था।
अब मैंने इंजीनियर कॉलेज में प्रवेश किय़ा था.
पापा मुझे शहर भेजने को तैयार नहीं थे तो मेरे बड़े पापा के कहने पर मुझे ईंजीनियर बनने क़ा मौका मिला.
साथ ही बड़े पापा ने मुझे अपने घर पर ही रहने दिया. क्यूँकि कॉलेज उनके घर से पास ही था।
अब मैं उन्हीं के घर रहती और कॉलेज जाती और पढ़ाई पर ध्यान देती.
बड़े पापा और मम्मी मुझे अपनी बेटी के समान रखते थे.
मुझे कोई काम नहीं करना पड़ता. मैं सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान देती।
उन्ही का लड़का था राहुल.
उम्र 24 साल, वर्ण गोरा, हाइट 6 फुट याने ऊंचे कद क़ा.
बॉडी तो बिलकुल अक्षय कुमार जैसी।
दोस्तो, मेरा नाम स्नेहल.
मैं दिखने में काफी सुंदर, वर्ण गोरा. हाइट 5 फुट 7 इंच. उम्र 19 साल.
फिगर के बारे में कमर 25 की, बूब्स 31 के और गांड क़ा साइज़ 32 क़ा!
राहुल मुझे अपनी छोटी बहन की तरह मानता था.
लेकिन जिस उम्र में हम थे, गलती तो होनी ही थी.
और बहन भाई क़ा रिश्ता शर्मसार होना था.
ऐसे ही 4-5 महीने हो गये.
एक घर में रहने की वजह से हम काफी घुल मिल गये थे.
एक दिन की बात है, बड़े मम्मी और पापा रात के प्रोग्राम से चले गये.
उस रात हम दोनों अकेले ही घर पर थे.
हम दोनों ने खाना खाया और मूवी देख रहे थे.
मूवी काफी रोमांटिक थी. उसमें उत्तेजना से भरे सेक्स सीन थे.
मूवी खत्म हुई.
मूवी देखकर मेरे अंदर एक अजीब सी वासना जाग गयी.
जी तो कर रहा था किराहुल से लिपट जाऊं.
मगर शांत होकर राहुल से कहा- अब मैं सोने जाती हूँ.
मैं वहाँ से जाने लगी.
तभी राहुल ने पीछे से मेरा हाथ पकड़ा … मैं डर गयी और कहा- र…रा… राहुल छोड़ो मुझे!
राहुल- रु…रुक जाओ स्नेहल!
हम दोनों पर वासना का भूत सवार हो गया था.
तभी उसने मुझे पीछे से अपने दोनों हाथों से मेरी कमर को पकड़ा और मुझसे चिपक गया.
उसका लंड बहुत टाइट हो चुका था और मेरी गांड में चुभ रहा था … मानो पैंट फाड़कर मेरी गांड के अंदर घुस गया हो.
अब मैं बिलकुल सीधी खड़ी थी.
तभी राहुल मेरे कंधों को चूमने लगा.
उसने जैसे ही मेरी चूत पर हाथ रख कर दबाया तो मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा- क्या कर रहे हो … ये सब ठीक नहीं है।
राहुल पर तो वासना क़ा भूत सवार था और मैं भी खुद को रोक नहीं पा रही थी.
तभी राहुल ने हल्की आवाज में कहा- आज हम दोनों के बीच कोई नहीं है … आज जो होगा, वो सब सही ही होगा।
अब मैं घूम गयी और उसकी आंखों में देखने लगी.
हम दोनों की सांसें तेज थी … हम दोनों एक दूसरे को देखने लगे.
राहुल अपने दोनों हाथों को मेरी गांड पर रखकर दबाने लगा.
मैं भी उसके होंठों को मुँह में मुँह डालकर चूमने लगी.
वो भी मेरा साथ दे रहा था.
करीब 10 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के होंठों क़ा रस पीते रहे थे।
उसके बाद राहुल ने मुझे गोदी में उठाया और कमरे में ले जाकर पलंग पर लिटा दिया.
हम दोनों के चेहरे पर स्माइल थी.
अब मैं पलंग पर लेटी थी और राहुल खड़ा था.
तभी राहुल ने फ़उस्स्स फ़उस्स्स फूस करके गांड से पाद छोड़ी.
पाद की बदबू बहुत गंदी थी … फ़िर भी मैंने राहुल से कुछ नहीं कहा … और बदबू को खुशबू समझकर सूंघ ली।
अब राहुल मेरे बदन के ऊपर लेट गया.
वह फ़िर से मेरे गले और होंठों को चूमने लगा.
मेरे पेट को चूमते हुए उसने मेरा टॉप उतार फेंका.
अब वह मेरे बूब्स को हाथों से दबाने लगा.
मैं ‘ओह्ह … उह्ह्ह … रुको राहुल … आह्ह्ह … और जोर से दबा … उह्ह्ह’ सिसकारती रही।
फ़िर राहुल ने मेरी ब्रा को उतारकर मुझे अधनंगी कर दीया.
अब वह मेरे बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा, मेरे तने हुए निप्पल को दांतों से कुतरने लगा।
मैं- उह हुह रुको राहुल … आह्ह पूरा क़ा पूरा मुँह में लो … आह्ह्ह … मजा आ रहा है … इह्ह्ह … राहुल!
कुछ देर तक यही करने के बाद राहुल ने मेरी चूत को दबाया.
मैं अब काफी गर्म हो चुकी थी.
तभी मैंने राहुल क़ा हाथ पकड़ा और हकलाते हुए कहा- बस्स्स भी करो राहुल!
राहुल- अब मत रोको मुझे. जो होना है, हो जाने दो.
फ़िर मैंने चेहरे पर स्माइल देते हुए कहा- जो करना है करो. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है.
फ़िर राहुल ने मेरे नाइट पैंट को उतार फेंका.
अब मैं सिर्फ पैंटी में थी और मेरा गोरा बदन उसके सामने नंगा था.
तब उसने भी अपने पूरे कपड़े उतार लिये और पूरा क़ा पूरा नंगा हो गया।
अब वह मेरे ऊपर 69 की पोजिशन में आ गया. यानी मेरी चूत उसके मुँह के सामने और उसका लंड मेरे मुँह के सामने।
वह मेरी चूत को मुँह में लेकर चूस रहा था.
मैं- अईई …. उहहुह राहुल आराम से! ओह्ह्ह … बहुत मजा आ रहा है. इह्ह्ह राहुल … उह्ह्ह … मैं तो मर गयी. उहहुह!
उसकी चूत चुसाई जोरों पर थी और मैं बिन जल मछली की तरह तड़प रही थी और कमर को हिला रही थी और उसके सर को चूत के अंदर दबा रही थी.
तभी उसने मेरे नाक के सामने पुह्ह्ह्ह पुह्ह्ह पुह्ह करके पाद छोड़ी.
पाद की बदबू इतनी गंदी थी की मानो वहा से उठ जाऊं.
लेकिन मुझे बहुत मजा आ राहा था तो मैं कुछ कह नहीं पायी।
अब मेरा पानी आने वाला था तो मैंने राहुल से कहा- रु..रु..रुको राहुल … कुछ आ रहा है. उह्ह्ह … उह्ह्ह!
लेकिन राहुल तो मेरी चूत को चूसने ने लगा था.
मैं- आईई रुक जाओ …. उह्ह्ह मर गयी राहुल … आह्ह्ह रुको. मइह्ह … मैं तो गयी. इह्ह्ह!
तभी कुछ ही देर में मेरा वीर्य निकला गया और मैंने चैन की सांस ली.
फ़िर राहुल ने मुझसे कहा- तुम्हारा तो निकल गया. अब तुम मेरा लंड मुँह से चूसकर पानी निकाल दो.
मुझे लंड चूसना बड़ा अजीब लगा लेकिन राहुल को मना नहीं कर सकी।
फ़िर राहुल खड़ा था और मैं घुटनों के बल बैठ गयी.
अब मैंने राहुल के लंड को हाथ में पकड़ा.
लंड काफी गर्म और टाइट था.
अब मैं राहुल के लंड को धीरे धीरे मुँह में लेकर चूसने लगी.
राहुल तो बस ‘ओह्ह आह्ह … चूस मेरी रानी … उह्ह्ह … क्या मुलायम मुँह है … आह्ह्ह! उह्ह्ह … मजा आ रहा है. पूरा मुँह में लो.
कुछ देर तक आराम से चूसने के बाद अब मुझे भी लंड चूसने में मजा आ रहा था.
मैंने कहा- उह हुह … लंड क़ा जवाब नहीं. बहुत अच्छा स्वाद है. उह्ह्ह!
अब राहुल ने मेरे सर को पकड़ा और लंड को मेरे मुँह के अंदर बाहर करने लगा.
थोड़ी ही देर बाद राहुल क़ा वीर्य स्खलन होने वाला था.
अब राहुल ने मेरे सर को कसके पकड़ा और तेजी से मेरे मुँह को चोदने लगा.
कुछ ही देर में राहुल ने अपना पूरा वीर्य मेरे मुँह में डाल दिया और हम दोनों ने चैन की सांस ली.
अब राहुल ने मुझे गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया.
वह फ़िर से मेरे संतरे चूसने लगा, मेरे जिस्म के नाज़ुक बदन को रौंदने लग गया.
अब मैं भी राहुल को किस किए जा रही थी … कभी मुँह पर कभी सीने पर चूम रही थी।
थोड़ी देर बाद हम दोनों 69 के पोज़ में आ गए और राहुल ने मेरी बुर को इतने ज़बरदस्त तरीके से चूसना शुरू कर दिया.
अब मैं हवा में उड़ रही थी।
मैं एकदम गर्म हो चुकी थी … मेरी बुर अपने आप खुलने बंद होने लगी और उसमें से कामरस भी बहने लगा था.
मैं- उहहह … ह्म्म्म … राहुल … कुछ करो यार … अब रहा नहीं जाता.
अब राहुल मेरे ऊपर आया और मेरे पैरों को मोड़ दिया.
राहुल के सामने मेरी चूत थी और बस एक तगड़े झटके लगने भर की देर थी.
राहुल ने अपनी उंगली से मेरी चूत को कुरेदना शुरू किया.
साथ में वो मेरी जाँघों को भी चूस रहा था.
मैं- अह्हह्ह … ह्म्म्म सस्स. राहुल मज़ा आ रहा है. उफ्फ इह्ह … और अन्दर करो ना उंगली … आह्ह्ह … बहुत तेज खुजली हो रही है उह्ह्ह … इह्ह्ह!
राहुल- मेरी जान, ये खुजली उंगली से नहीं जाएगी. इसे तो लंड ही मिटा सकता है.
मैं- इह्ह्ह … इस्स्स् राहुल, तो देर क्यों करते हो आआ आह्हह. डाल दो ना. इस्स्स … बहुत तेज खुजली उह्ह्ह … हो रही है … उह्ह्ह … जल्दी डालो.
राहुल- अह्हह … ठीक है मेरी जान, अब मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा. रोज इसे देख कर ही मन को बहलाता था. बस अब चोदकर ही रहूंगा।
राहुल ने अपने लंड पे ढेर सारी क्रीम लगा ली और मेरी चूत में भी उंगली से क्रीम लगा दी ताकि चिकनाई से लंड अन्दर चला जाए.
अब उसने सुपारे को चूत के छेद पर सैट किया.
उसने मेरे होंठों को कस के अपने होंठों में दबा दिये.
राहुल जानता था कि लंड घुसते ही मैं चिल्लाऊंगी.
इसलिए उसने कमर पर दबाव बनाया और धीरे-धीरे लंड को आगे खिसकाना शुरू किया.
मगर मेरी चूत इतनी टाइट थी कि राहुल को बहुत ताक़त लगानी पड़ रही थी.
बड़ी मुश्किल से उसने 1 इंच तक अंदर किय़ा तो मेरी आँखें फट गईं.
मैं चीख रही थी लेकिन मेरी आवाज राहुल ने अपने होंठों के नीचे दबाए रखी.
मेरी आँखों से आँसू निकलना शुरू हो गए थे.
उसने धीरे से लंड को पीछे किया और जोरदार झटका दे मारा.
उसी के साथ लंड मेरी सील को तोड़ता हुआ आधा अन्दर घुस गया.
मेरी तो जैसे जान ही निकल गई हो.
अब राहुल ने स्पीड से लंड को पीछे किया और फिर तेज़ी से आगे धक्का दे मारा.
लंड मेरी चूत को को चीरता हुआ पूरा क़ा पूरा अंदर घुस गया.
मुझे इतना दर्द हुआ कि मैं कुछ पल के लिये बेहोश सी हो गयी और मैं राहुल से कहने लगी- अईईई … मर गयी … निकाल लो इसे … उह्ह्ह … बहुत दर्द हो रहा है. इह्ह्ह राहुल!
राहुल- थोड़ी देर शांत हो जाओ. तुम्हारा दर्द गायब होते ही तुम्हें टाइट चूत का मजा आने लगेगा.
अब राहुल धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
मैं रोने लगी थी.
तभी मुझे रोता हुआ देख राहुल मेरे ऊपर से उठ गया.
मैंने रोते हुए कहा- राहुल आज रहने दो. कल करेंगे. बहुत दर्द हो रहा है।
राहुल ने मेरी बात मान ली और मुझसे दूर हो गया.
मैं खडी हुई तो देखा कि मेरी जांघें खून से लाल हो गयी थी।
मैं लंगड़ाती हुई बाथरूम में गयी और चूत की जगह को साफ कर दिया.
फ़िर मैं अपने रूम में सोने गयी.
जब सुबह हुई तो मेरे चूत में काफी खुजली हो रही थी.
तभी राहुल मेरे कमरे में आया.
मैं- राहुल … मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है. सहा नहीं जा रहा है.
राहुल- ये खुजली मेरे लंड अंदर जाने से ही बंद होगी. नहीं तो और ज्यादा बढ़ जाएगी.
फ़िर मैं राहुल की बात समझ गयी और पलंग पर टांगें फैलाकर लेट गयी।
जैसे ही राहुल ने मेरी चूत पर लंड सेट किय़ा एक झटके के साथ लंड पूरा क़ा पूरा अंदर घुस गया।
मैं-आऊच्च … राहुल … ऊह्ह्ह.
राहुल- दर्द हुआ क्या?
मैं- उह्ह्ह … ये तो पूरा घुस गया. आह्ह्ह मेरी जान तो जैसे जान निकल रही है. उह्ह्ह … इह्ह्ह.
राहुल- देख ये पूरा अन्दर है. अब तू कहे तो आगे-पीछे करूँ … बस थोड़ा सा दर्द होगा तुझे. उसके बाद नहीं होगा.
मैं- ठीक है आहहह … राहुल उह्ह्ह. लेकिन ससस्स उहहुह … ज़्यादा दर्द होगा तो इह्ह्ह … आप रुक जाना.
राहुल- ठीक है मेरी जान … तू बोलेगी तब रुक जाऊंगा. मगर ज़्यादा दर्द हो तभी रोकना. थोड़ा तो होगा, तू सह लेना. ओके.
मैंने ‘हाँ’ का इशारा किया तो राहुल फिर शुरू हो गया.
वो धीरे-धीरे मेरी चुदाई करने लगा.
मुझे दर्द तो हो रहा था मगर उन 5 मिनट में राहुल ने स्पीड से लौड़ा अन्दर-बाहर किया था, जिससे अब चूत में लौड़ा बराबर फिट हो गया था और आराम से तो नहीं मगर टाइटली अन्दर-बाहर हो रहा था.
इस वक़्त बस हल्का मीठा-मीठा सा दर्द हो रहा था.
ऐसे ही 10 मिनट गुजर गए.
अब राहुल ने थोड़ी स्पीड भी बढ़ा दी थी और मैं भी मस्ती में आ गयी. मेरी यंग हॉट बॉडी सेक्स मांगने लगी.
मैं- आहहह … आ इस्स्स राहुल उहहुह … ऐसे ही करो. उफ़ … आह ह्हह … दर्द के साथ आहहह … थोड़ा आहह … मज़ा भी आने हह … सस्स लगा है आह!
राहुल- मैंने कहा था ना … उहह उहह मज़ा आएगा आहहह. ले स्नेहल आहहह … सच में आह … तेरी उह हुह … चुत बहुत टाइट है उफ़. आहहह … साला लंड आहह … फँसा हुआ है. आहहह उहहुह.
मैं अब कमर को हिलाने लगी थी.
मेरी चूत अब पानी छोड़ने लगी थी.
इधर सुबह क़ा टाइम होने की वजह से राहुल से गांड से निकलती गंदी स्मेल से मैं उत्तेज़ित हो गई.
मैं- आहहह … अब ज़ोर से करो उहहुह … राहुल उईई नहीं … आह … सस्स्स ज़ोर से कक करो उह्ह्ह … पानी इह्ह्ह … आआ आआ … आने वाला आहहह … ज़ोर से उहहुह .. करो राहुल एयेए एयेए!
मुझे मस्ती में आती देख राहुल ने मेरी कमर को पकड़ा और जोरों से झटके मारने लगा.
मैं तो सच में हवा में उड़ने लगी थी.
मेरी चुत से रस का झरना बहने लगा.
मुझे ऐसा मज़ा शायद पहले चुत चटवाकर भी नहीं आया होगा.
मैं बस आँखें मींचे झड़ रही थी.
राहुल तो झटके मारने में बिज़ी था.
पर मैं झड़ गई और निढाल पड़ गई.
राहुल समझ गया कि मैं ठंडी हो गई.
तो उसने अपनी रफ़्तार कम कर दी और वो मेरे होंठ चूसने लगा.
मेरे छोटे-छोटे निप्पलों को उंगली से सहलाने लगा, कभी मेरे बूब्स को पूरा मुँह में लेता, तो कभी जीभ से निप्पल को घुमाता.
बस एक लड़की को गर्म करने के लिए और क्या चाहिए.
मैं- आहहह … सस्स् राहुल उफ़ उह हुह … करो आह हह … ऐसे ही चूसो उह हुह … उफ्फ़ बहुत मज़ा आ रहा है उह हुहह.. और करो राहुल उफ़ … मेरी चुदाई करो आहहह.
राहुल- अब तुझे दर्द नहीं हो रहा क्या? बोल ज़ोर से करूँ अब?
मैं- आहहह … दर्द तो हो रहा है राहुल. सस्स्स् मगर आह हह … दर्द के साथ जो उफफ्फ मज़ा मिल रहा है. हह … वो ज़्यादा अच्छा है. उहह धीरे करो … काटो मत आह … ज़ोर से करो ना आहह!
मैं फिर से उत्तेज़ित हो गई थी और मेरी टाइट चूत की गर्मी से राहुल का लंड भी बेहाल हो गया था.
वो अपने चरम पे पहुँच गया था.
राहुल- ले मेरी जान … उहह उहह. आज तेरी चूत की आह हह … आ सारी खुजली आह … खत्म कर दूँगा. फिर आहहह … तुझे रोज चोदूंगा. मज़े से आहह … तेरी जवानी को आह … रोज चोदूंगा.
मैं- आहह … राहुल आहह … उईई. रोज चोदना उफ्फ़ सस्स आहह … फास्ट फास्ट आह. मेरी चूत में जोरों से खुजली होने लगी. फास्ट राहुल चोदो … हाँ ऐसे ही आआह … आई ईइ दर्द होता है आहहह … ऐसे नहीं उफफ्फ़.
राहुल ने स्पीड तेज कर दी और मेरे पैर कंधे पर रख कर वो घोड़े की तरह मुझे चोदने लगा.
जल्दी ही उसके लंड ने जवाब दे दिया और इतना रस फेंका, जिससे मेरी चूत का कोना-कोना भर गया.
साथ में मैं भी दोबारा झड़ गयी.
उस वक्त मुझे जो खुशी मिली उसे बया नहीं कर सकती थी.
उसके बाद हम दोनों सबसे नजर छुपाते रोज चुदाई करने लगे.
15 दिन तक ऐसे ही चलता रहा.
एक दिन ऐसे ही वो मेरी गांड को चाट रहा था.
तभी उसने अपनी एक उंगली को मेरी गांड के छेद पर रखा और अंदर डालने की कोशिश करने लगा.
उंगली थोड़ी ही अंदर गयी थी कि मुझे दर्द होने लगा.
मैं- अईईई … अम्म्म्म रुको राहुल … हुम्म्म दर्द होता है.
राहुल ने मेरी एक ना सुनी और धीरे धीरे उंगली को अंदर बाहर करने लगा.
मुझे दर्द के साथ मजा भी आ रहा था- अईईई … हम्म्म्म. रुको. उह्ह्ह दर्द हो उह्ह्ह. राहुल तेज करो. इह्ह्ह हम्म्म मजा आ उह्ह्ह रुको दर्द भी. उह्ह्ह करो राहुल!
मेरी गांड अब पानी पानी हो गयी थी और गांड क़ा छेद भी फैल चुका था.
अब राहुल बड़ी तेजी से गांड के छेद के अंदर बाहर उंगली कर रहा था.
कुछ ही देर में मैं झड़ गयी.
फ़िर मैं नहा धोकर कॉलेज चली गयी.
फ़िर 2-3 दिन के लिये राहुल अपने फ्रेंड्स के घूमने चला गया.
राहुल ने गांड में आग पैदा कर दी थी क्यूँकि मेरी गांड में बहुत खुजली हो रही थी.
जी तो कर रहा था कि किसी से भी गांड मरवा लूँ.
लेकिन हिम्मत नहीं हो रही थी.
फ़िर जब राहुल वापस आया, उसी दिन रात को जब सब सो गये तब राहुल मेरे कमरे में आया.
अब वह मेरे ऊपर चढ़कर मेरे होंठों और गले को चूमने लगा.
मेरे बूब्स को भी खूब चूसा.
मैं- ओह हम्म्म … राहुल उह्ह्ह … चूसो मेरे होंठों को! आह्ह्ह … जोर से दबा बूब्स को. उह हुह. बहुत खुजली हो रही गांड में … उह्ह राहुल लंड घुसा दो. इह्ह … उहहुह.
राहुल- ओह्ह्ह … घुसाता हूँ. उह हह पहले मेरा लंड और गांड को चाट.
फ़िर मैं घुटनों के बल बैठ गयी और राहुल के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
कुछ ही देर में राहुल ने गांड को मेरे मुँह के तरफ किय़ा और पुर्र … पुर्र … पाद छोड़ी.
बहुत गंदी स्मेल आ रही थी.
फ़िर भी मैं राहुल के गांड के छेद को चाट रही थी.
कुछ देर तक यही करने के बाद राहुल ने मुझे पलंग के पास खड़ा किय़ा और मुँह के बल पलंग पर लिटाया.
जिससे मेरा आधा शरीर पलंग पर पैर जमीन पर.
अब उसने मेरी चूत के नीचे तकिया लगाया.
जिससे मेरी गांड की दरार फैल गयी और गांड का छेद साफ साफ दिखाने लगा.
अब राहुल ने अपने लंड पर ढेर सारी क्रीम लगायी और मेरे ऊपर आ गया.
उसने लंड को गांड के छेद पर रखा और धीरे धीरे लंड को अंदर धकलने लगा.
मुझे दर्द होने लगा.
मैंने कहा- अईईई … राहुल … आराम से दर्द होता है.
राहुल- बहुत टाइट है गांड. एक बार दर्द होगा. थोड़ा सहन कर लो जान.
मैं- ठीक है. पर आराम से.
तभी राहुल ने मेरी जंघा को कसके पकड़ा.
मैंने अपनी आँखें बंद कर दी और कहा- मारो जोर से.
फ़िर राहुल ने इतने जोर से झटका मारा कि मेरी पूरी की पूरी गांड फट गयी.
मेरे आंखों के सामने अंधेरा छा गया और दर्द इतना हुआ कि मैं शब्दों में बया नहीं कर सकती.
अब राहुल क़ा पूरा क़ा पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया था.
वह धीरे धीरे से लंड को अंदर बाहर करने लगा.
मैं तो बस अई ईई … हम्म्म राहुल … आह्ह्ह … बहुत दर्द है … आराम से करो. अईईई … मर र गयी. उहहुह!
फ़िर कुछ देर बाद मेरा दर्द कम हुआ तो मैं खुद ही खुद गांड को आगे पीछें करने लगी.
अब राहुल समझ गया कि मेरा दर्द कम हुआ है.
फ़िर राहुल ने लंड के धक्के तेज कर दिये.
मैं- उह्ह्ह … अईई ई … राहुल आह्ह … और तेज … उह्ह्ह दर्द है … आह्ह राहुल … तेज … इह्ह मर गयी. उह्ह्ह … बहुत टाइट लंड है. आह्ह्ह.
राहुल- इह्ह्ह ले मेरी जान … आह्ह्ह … और तेज ले … ओह्ह्ह.
मैं- अईईई … एम्म्म् … आराम से उह्ह्ह …मजा आ रहा है … इह्ह्ह ,,, दर्द हो रहा है. उह्ह्ह फाड़ दे गांड को … उह्ह्ह तेजी से.
राहुल- ह्ह … जवाब नहीं तेरी गांड क़ा … उह्ह्ह … आज तो फाड़कर ही रहूंगा.
फ़िर राहुल 15 मिनट तक मेरी गांड को चोदता रहा.
अंत में हम दोनों साथ में झड़ गये.
राहुल ने अपना पूरा क़ा पूरा वीर्य मेरी गांड में निकाल दिया.
उसके बाद ऐसे ही दिन बीतते चले गये.
हम दोनों सबसे नजर छुपाते हुए चुदाई करने लगे.
तो दोस्तो, यही है मेरी पहली चुदाई की कहानी … जो मेरे अंकल के बेटे के साथ हुई.
आशा है कि आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आयेगी.
यंग हॉट बॉडी सेक्स कहानी पर आपके विचारों का इन्तजार रहेगा.
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