कॉलेज गर्ल की क़सी हुई बुर- 3

(Young Girl Xxx Kahani)

यंग गर्ल Xxx कहानी में मेरे कमरे में एक कॉलेज गर्ल चुदाई के इरादे से आई थी. मैं भी उसे बड़े प्यार से मजा देकर चोदना चाहता था ताकि वह बार बार मेरे लंड के नीचे आये.

कहानी के दूसरे भाग
पड़ोस की लड़की चुदाई का मजा लेने आई
में आपने पढ़ा कि मेरे पड़ोस की कॉलेज गर्ल मेरे कमरे में सेक्स का मजा लेने आई. मैंने उसे अधनंगी कर लिया और उसके साथ किसींग करने के बाद उसकी चूचियां चूसी.

अब आगे यंग गर्ल Xxx कहानी:

अब मैं चूचियों को चूसते हुए धीरे-धीरे उसके पेट की तरफ बढ़ने लगा।
जैसे ही उसके पेट के पास पहुँचा, उसकी पेट को देखकर पागल होने लगा।

मस्त गोरे-गोरे जो लाइट में और भी मादक दिख रहे थे।
पेट के नीचे उसकी नाभि उसकी कामुकता को और बढ़ा रही थी जो गहरा आकार लिए हुए थी।

नाभि के ठीक नीचे उसकी सलवार का नाड़ा बंधा हुआ था।

मैंने जैसे ही पूनम के पेट पर अपनी उंगलियाँ फिराईं, पूनम सिसकारियों के साथ बेड पर मचलने लगी।
उसके पेट को सहलाते हुए जैसे ही अपनी गर्म साँसों के साथ उसके पेट को चूमा, उसकी जोर की “आह ह्ह” निकल गई।

जैसे-जैसे उसकी पेट को अपनी गर्म साँसों के साथ चूम रहा था, उसकी साँसों के साथ उसकी सिसकियाँ भी तेज़ हो गईं।
उसकी साँसों के साथ उसकी तनी हुई चूचियाँ भी ऊपर-नीचे हो रही थीं, जो मेरी उत्तेजना को और बढ़ा रही थीं।

उसकी पेट को चूमते हुए उसकी नाभि तक पहुँच चुका था।
जैसे ही उसकी नाभि को चूमते हुए उसकी नाभि में जीभ फेरी, पूनम पूरी तरह सिहर उठी।

पूनम की मादक सिसकारी के साथ उसकी कमर भी ऊपर-नीचे उठ रही थी।

जो ये बताने के लिए काफी था कि उसकी बुर लंड लेने के लिए तड़प रही है।

अब मैं उसकी पेट और नाभि चूमते हुए एक हाथ से उसकी सलवार के ऊपर से उसकी जाँघों को सहलाने लगा।
मैं अपने हाथों से उसकी दोनों जाँघों को सहला रहा था।

जैसे-जैसे उसकी जाँघें सहला रहा था, पूनम की वासनामय स्वर और तेज़ होने लगी।
अब समय आ चुका था कि उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी बुर का मुआयना कर लिया जाए।

जैसे ही उसकी दोनों जाँघों के बीच में उसकी सलवार के ऊपर से उसकी बुर को सहलाया, पूनम पूरी तरह से मचल उठी।

सलवार के नीचे उसकी पैंटी उसकी बुर को छुपाने की कोशिश कर रही थी।

लेकिन उत्तेजना के कारण उसकी बुर पावरोटी की तरह फूल गई थी जो उसकी पैंटी को भी उसके अहसास को छुपाने में असमर्थ बना रही थी।

उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी बुर का अहसास साफ-साफ हो रहा था जो किसी गर्म भट्टी की तरह तप रही थी।

मैंने उसकी बुर का थोड़ा और मुआयना किया तो बुर की दरार का भी अहसास होने लगा।
हालाँकि सलवार के ऊपर से उसकी बुर की दरार नहीं दिख रही थी।

लेकिन मेरी उंगलियों ने सलवार के ऊपर से ही उसकी बुर का मुआयना कर लिया था।
उसकी बुर कामरस से पूरी गीली हो चुकी थी, जो उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी पैंटी के गीलेपन का अहसास करवा रही थी।

पूनम की बुर का मुआयना करने के बाद अब मेरा हाथ उसकी सलवार के नाड़े की ओर बढ़ने लगा।

थोड़ी ही देर में मेरी उंगलियाँ पूनम के सलवार के नाड़े के पास पहुँच चुकी थीं।
मेरी उंगलियों की हरकतों ने पूनम को ये अहसास करवा दिया था कि अब उसकी सलवार का नाड़ा खुलने वाला है।

जैसे ही मेरी उंगलियाँ उसकी सलवार के नाड़े में फँसी, वो समझ चुकी थी कि मेरी उंगलियों को रोक पाना अब मुश्किल है।

जैसे ही मेरी उंगलियों ने उसकी सलवार के नाड़े को खींचना शुरू किया, उसकी हाथ की उंगलियों ने मेरे हाथ की उंगलियों में एक अवरोध पैदा कर दिया।
मैं समझ गया कि पूनम कोशिश कर रही है कि उसकी सलवार का नाड़ा न खुले।
शायद उसे शर्म आ रही थी।

मैंने भी उसके अवरोध को स्वीकार कर लिया।
और अपनी उंगलियों को धीरे से हटाकर उसकी नाभि की ओर बढ़ा दिया।
मैं उसकी गहरी नाभि में उंगली घुसाकर सहलाने लगा।

जैसे-जैसे मेरे हाथ की उंगलियाँ उसकी नाभि को सहला रही थीं, वैसे-वैसे उसकी उत्तेजना भी बढ़ने लगी।
और उत्तेजनावश उसने अपनी उंगलियों को सलवार के नाड़े से हटाकर बेड की चादर को पकड़ लिया।

मैंने भी तुरंत मौके का फायदा उठाया और अपनी उंगलियाँ सलवार के नाड़े में फिर से फँसा दी।
और एक ही झटके में उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया।

पूनम जब तक कुछ समझती या कुछ कर पाती, तब तक उसकी सलवार का नाड़ा खुल चुका था।
पूनम के मुँह से भी “उफ अभय” निकल गया।

अब बारी थी उसकी सलवार को बाहर निकालने की … जिसके लिए पूनम की कमर का ऊपर उठना ज़रूरी था।
मुझे बखूबी पता था कि इस काम को कैसे अंजाम देना है।

मैंने उसकी पेट और नाभि को सहलाते हुए अपनी गर्म साँसों के साथ उसकी नाभि के नीचे एक जोर का चुम्बन दिया।
मेरे चुम्बन का अहसास पाते ही पूनम पूरी तरह सिहर उठी और उसके मुँह से एक जोर की “आह्ह” निकल गई।

और उसकी कमर अपने आप ऊपर उठ गई।

यहाँ आप लोगों को एक बात बताना चाहूँगा कि अगर किसी लड़की या औरत के नाभि के नीचे और चूत के थोड़ा ऊपर वाले भाग पर चूम लिया जाए तो वह कामोत्तेजना से भर जाती है।
पाठिकाएँ अच्छी तरह समझ गई होंगी कि मैं कहाँ पर चूमने की बात कर रहा हूँ।

जैसे ही पूनम की कमर ऊपर उठी, उसकी सलवार को एक ही झटके में नीचे खींच दिया जो सीधा उसकी जाँघों से होते हुए उसके घुटनों तक आ गई।
पूनम जब तक कुछ समझ पाती, उसकी सलवार नीचे सरक चुकी थी।

सलवार के सरकते ही सामने जो नज़ारा दिखा, उसे बयाँ नहीं कर सकता।
उसकी मस्त गोरी-गोरी मांसल जाँघें बिल्कुल मेरी आँखों के सामने थीं जो लाइट में पूरी तरह से चमक रही थीं।

दोनों जाँघों के बीच में कसी हुई लाल रंग की पैंटी, जो फूलों से सजी हुई थी।

पैंटी के ऊपर से उसकी फूली हुई बुर दोनों जाँघों के बीच में बहुत ही मादक दिख रही थी।

सामने से पूरी पैंटी गीली हो चुकी थी।

पैंटी गीली होने के कारण उसकी बुर की दरार साफ-साफ दिख रही थी।

उसकी बुर की खुशबू पूरे रूम को वासना के सुगंध से भर दिया।
जिसने मेरे लंड को पूरी तरह से बेकाबू कर दिया।

पूनम भी लज्जावश अपने हथेलियों से पैंटी के ऊपर से ही बुर को छुपाने की कोशिश करने लगी।

अब मेरे थोड़े ही कोशिश से पूनम की सलवार पूरी बाहर निकल गई जिसे मैंने एक कोने में फेंक दिया।

अब पूनम बेड पर सिर्फ ब्रा और पैंटी में आ चुकी थी, जो बहुत कामुक दिख रही थी।

मैंने भी देर न करते हुए अपने सारे कपड़े उतार दिए और सिर्फ अंडरवियर में आ गया।

अंडरवियर के ऊपर से मेरे खड़े लंड को देखकर पूनम सहम गई।

अब मैंने पूनम की गोरी-गोरी टाँगों को धीरे-धीरे सहलाना शुरू कर दिया।
और सहलाते-सहलाते उसकी टाँगों को चूमने लगा।

जैसे-जैसे उसकी टाँगों को मेरे होंठों की गर्मी मिल रही थी, पूनम की वासना उतनी ही तेज़ बढ़ने लगी।
उसकी टाँगों को चूमते हुए धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ने लगा।

थोड़ी ही देर में पूनम के घुटनों तक पहुँच चुका था।

जैसे ही उसके घुटनों तक पहुँचा, उसके दोनों जाँघों के बीच में कसी हुई पैंटी का दीदार फिर से होने लगा।
जिसे देखकर मेरी कामवासना और तेज़ हो गई।

मैंने जैसे ही उसके घुटनों को सहलाते हुए उसे चूमना शुरू किया, पूनम पूरी तरह बेड पर मचलने लगी।

अब तक उसकी घुटनों से होते हुए उसकी गोरी-गोरी जाँघों के बीच में पहुँच चुका था।

जैसे ही पूनम की जाँघों से मेरे होंठों का स्पर्श हुआ, पूनम ‘आह्ह’ के साथ बिस्तर पर मचलने लगी।

उसकी जाँघों को चूमते और सहलाते हुए थोड़ी ही देर में उसकी बुर के पास पहुँच चुका था जो उसकी जाँघों के बीच पैंटी में फँसी हुई थी।
मैं उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी बुर को निहारने लगा।

उसकी बुर कामरस से उसकी पैंटी को पूरी गीली कर चुकी थी।
उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी बुर की दरार बहुत ही मादक दिख रही थी जो हल्की-हल्की उसकी साँसों के साथ ऊपर-नीचे हो रही थी।
जिसे देखकर मेरे लंड को काबू करना बहुत मुश्किल हो चुका था।

मैं भी देर न करते हुए एक जोर का चुम्बन उसकी बुर पर जड़ दिया।

मेरे चुम्बन का स्पर्श होते ही पूनम जोर से उछल पड़ी और उसके मुँह से जोर की “आ ह्ह” निकल गई।

पैंटी के ऊपर से बुर को चूमते हुए उसकी नाभि की ओर बढ़ने लगा।
उसकी नाभि और पेट पर हाथ फेरते हुए धीरे-धीरे उसकी चूचियों की ओर बढ़ने लगा।

कुछ ही क्षण में उसकी चूचियों तक पहुँच चुका था।

मैंने एक ही झटके में पूनम को अपनी बाहों में खींचा और कसके जकड़ लिया।
पूनम ने भी मुझे कसके जकड़ लिया।

अब मैं धीरे-धीरे उसके होंठों का रसपान करने लगा।
पूनम भी बखूबी मेरे होंठों को चूस रही थी।

इसी बीच मेरा हाथ पूनम की पीठ को सहलाते हुए उसकी ब्रा की हुक तक पहुँच चुका था।
पूनम भी समझ चुकी थी कि अब क्या होने वाला है।

लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया क्योंकि वो भी वासना के सागर में डूब चुकी थी।

इसी बीच मेरे हाथ की उंगलियों ने एक ही झटके में उसकी ब्रा का हुक खोल दिया।

उसकी ब्रा का हुक खुलते ही उसकी चूचियाँ बाहर आने को तड़पने लगीं।
मैंने भी देर न करते हुए एक ही झटके में उसकी ब्रा को बाहर निकाल दिया।

ब्रा खुलते ही पूनम की दोनों चूचियाँ उछलकर बाहर आ गईं।
जो बिल्कुल ही गोल आकार की टाइट चूचियाँ थीं।
देखते ही मेरे अंदर वासना की लहर दौड़ गई।

अब मैंने पूनम को फिर से बेड पर लेटा दिया।
जैसे ही पूनम को बेड पर लेटाया, उसकी दोनों गोल-गोल चूचियाँ मेरे सामने तनकर खड़ी हो गईं।

उसकी तनी हुई चूचियों के ऊपर उसके निप्पल किसी तीर की भाँति ऊपर की ओर तने हुए थे, जो बहुत कामुक दिख रहे थे।
उसकी निप्पल का हल्का भूरा रंग था जो उसकी चूची पर चार चाँद लगा रहा था।

मैंने उत्तेजनावश जैसे ही उसकी चूचियों को हाथ से सहलाते हुए अपने गर्म होंठों का स्पर्श दिया.
यंग गर्ल Xxx पूनम पूरी तरह मचल उठी।

उसकी चूचियों को सहलाने और चूसने में वो मज़ा आ रहा था, जिसे मैं शब्दों में बयाँ नहीं कर सकता।

कुछ ही देर में पूनम भी पूरी तन्मयता से खुद-ब-खुद अपने हाथों से अपनी चूचियाँ मेरे मुँह में डालकर चुसवाने लगी।
जो मुझे एक असीम आनंद दे रहा था।

पूनम की चूचियाँ पूरी तनी हुई थीं जिन्हें चूसने में परम-आनंद की अनुभूति हो रही थी।

जब पूनम की दोनों चूचियाँ मेरे मुँह से बाहर निकलीं, वे पूरी तरह लाल हो चुकी थीं।

उसके दोनों निप्पल मेरे सामने तनकर खड़े थे जो मेरी चुसाई से थोड़ी गीली हो गई थीं।
वे और भी ज्यादा मादक दिखने लगीं।

करीब 10 मिनट तक उसकी दोनों चूचियों को अपने हाथों से मसलते हुए चूसता रहा।
जिससे पूनम भी वासना के शिखर तक पहुँच चुकी थी।

अब उसकी चूचियों को चूसते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगा।
क्योंकि अभी पूनम की पैंटी उतरना बाकी था।

धीरे-धीरे उसकी पेट को चूमते हुए उसकी नाभि तक पहुँच चुका था।
उसकी नाभि को प्यार से चूमा और फिर से मंजिल की ओर बढ़ने लगा।

कुछ ही क्षण में पूनम की नाभि से होते हुए उसकी जाँघों तक पहुँच चुका था जहाँ उसकी जाँघों के बीच कसी हुई पैंटी आज़ाद होने के लिए तड़प रही थी।
उसकी पैंटी पूरी तरह से उसके यौवन रस में भीग चुकी थी।
उसकी फूली बुर की दरार साफ-साफ दिखने लगी।

अब मैं देर न करते हुए उसकी दोनों जाँघों के बीच में आ गया।
मैंने जैसे ही पूनम की जाँघों को हल्का-सा खोला, उसकी जाँघों के बीच कसी हुई पैंटी में उसकी बुर और मादक दिखने लगी।

अब मैं उसकी जाँघों को चूमते हुए उसकी पैंटी की ओर बढ़ने लगा।
जैसे ही उसकी पैंटी के पास पहुँचा, उसकी बुर की मादक खुशबू सीधा मेरे नाक में घुसने लगी जो मुझे और ज्यादा पागल बना रही थी।

जिन लोगों ने बुर की खुशबू ली होगी, उन्हें पता होगा कि बुर की खुशबू का नशा कितना मादक होता है।

अब पूनम की पैंटी उतरने के लिए तैयार थी।
जिसके लिए मेरी हाथ की उंगलियों को पूनम की कमर तक पहुँचना था।

कुछ क्षण में मेरी उंगलियाँ पूनम के कमर तक पहुँच चुकी थीं और धीरे-धीरे पूनम की कमर सहलाते हुए उसकी पैंटी में फँस गईं।

पूनम मेरी हरकतों से समझ चुकी थी कि अब उसकी पैंटी उतरने वाली है।

आप यह यंग गर्ल Xxx कहानी पढ़कर हर भाग पर अपने विचार मुझे बतायें.
धन्यवाद.
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यंग गर्ल Xxx कहानी का अगला भाग: कॉलेज गर्ल की क़सी हुई बुर- 4

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