मेरी नई गर्लफ्रेंड की फेंटेसी

(Xxx Torture sex Kahani)

Xxx टार्चर सेक्स कहानी में गर्लफ्रेंड की चुदाई के बाद हम दोनों ने कुछ नया करने का सोचा. मुझे गालियां देकर चोदना पसंद था, गर्लफ्रेंड ने मुझे अपनी फेंटेसी BDSM बताई तो मैंने उसे चोद चोदकर लाल कर दिया!

नमस्कार दोस्तो, मैं राहुल एक बार फिर से हाज़िर हूँ अपनी अगली सेक्स कहानी लेकर।

आपने मेरे पहली कहानी
मेरी दोस्त ने अपनी सहेली से सेटिंग कराई
में पढ़ा कि कैसे मैंने संध्या को होटल में ले जाकर चुदाई की।

अब मैं आपको आगे की Xxx टार्चर सेक्स कहानी बताने जा रहा हूं।

होटल में चुदाई का मजा लेने के बाद हम दोनों घर पहुंचे।
उस दिन बहुत अच्छी नींद आई।

अगले दिन से संध्या और मेरे बीच बात करने का तरीका एकदम से बदल गया था।
हम दोनों के बीच अब चुदाई की बातें होती थीं।

एक दिन रात को बात करते हुए मैंने संध्या से पूछा कि उसे सेक्स में और क्या क्या पसंद है?
वह बोली कि उसे ऐसा सेक्स पसंद है जैसा कि अंग्रेजी फिल्म ‘फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे’ में दिखाया गया है।

वह बोली- मैं तो चाहती हूं कि मुझे कोई कस कर बांध दे और फिर मेरे बदन पर खूब सारी किस करे, यहां-वहां से काटे, चूसे-चाटे!

संध्या की ऐसी फैंटेसी मुझे भी रोमांचकारी लगी।
मैंने उससे कहा- ठीक है, तो जब भी हम मिलेंगे तो ऐसे ही सेक्स करेंगे!

फिर उसने पूछा- तुम्हें और क्या-क्या पसंद है?
मैंने कहा- मुझे जो पसंद है, वो तुम कर नहीं पाओगी।

उसने पूछा- अच्छा, ऐसा क्या चाहते हो?
मैंने कहा- मेरी हमेशा से चाहत रही है कि मैं कभी बहुत वाइल्ड सेक्स करूं, और बहुत गन्दी गन्दी गालियां देकर चुदाई करूं, बिना सोचे समझे कि क्या बोल रहा हूँ, किसे बोल रहा हूँ!

संध्या- तो ये क्यों कह रहे हो कि नहीं कर पाऊंगी मैं?
मैं- यार … गंदी-गंदी गालियां सुनना किसे पसंद होता है!
संध्या- मुझे सुननी हैं सेक्स करते टाइम!

मैं- पक्का सुनना चाहती हो, या बस मेरे लिए कह रही हो?
संध्या- हां, सच में, चाहो तो अभी आजमा कर देख लो।

मैंने भी बोल दिया- चल बहनचोद … अभी क्यों दूं, तुझे चोदते हुए दूंगा।
संध्या हा-हा-हा करके हँस दी और बोली- नहीं, मुझे तो अभी ही सुननी हैं तुम्हारे मुंह से गंदी-गंदी गालियां! अभी सोच लो कि मुझे चोद रहे हो, तुम्हारा लंड मेरी चूत में घुसा हुआ है … अब बोलो?
मैं- साली … बहुत बहनचोद है तू तो … मादरचोद … ले ले मेरा लंड अपने भोसड़े में, साली मेरी रंडी … चुद मुझसे छिनाल रांड!

उस दिन हम दोनों ऐसे ही गंदी-गंदी गलियों के साथ बात करते-करते झड़ गए।

7-8 दिन बीत जाने के बाद हमने फिर से मिलने का प्लान बनाया और इस बार दोनों वाइल्ड सेक्स के लिए तैयार थे।

मैंने उसे बांधने के लिए एक रस्सी ली, मुँह पर लगाने के लिए टेप ले ली।
संध्या भी अपनी एक पुरानी सी ड्रेस लेकर आयी थी।

मेट्रो स्टेशन पर मिलते ही मैंने उसे गले लगाया और धीरे से उसके कान में बोला- आ गई चुदने, बहनचोद!
उसने भी बोल दिया- तू भी तो आ गया साले … लंड खड़ा करके … मुझे चोदने के लिए!

हम दोनों हँस दिए और फिर वहां से सीधे होटल पहुंच गए।
रूम में जाते ही मैंने संध्या को पकड़ लिया और कस कर चूचों को दबाने लगा।

मैं उसके होंठों को इतनी जोर से चूसने लगा कि उसे दर्द होने लगा।

वह एकदम हटकर बोली- आह्ह क्या कर रहे हो! सब्र कर लो, शाम तक यहीं हूं मैं!

मुझे बिस्तर पर धक्का देकर वह अपना बैग लेकर बाथरूम में घुस गयी।

बाहर आयी तो उसने वही ड्रेस पहने हुई थी जो उस दिन मुझे फोटो भेजी थी, जिसमें संध्या बहुत सेक्सी लग रही थी।
उसके नीचे उसने ब्रा या पैंटी कुछ नहीं पहना हुआ था।

मैंने उसे बांहों में लेकर किस किया और पूछा- जानेमन … क्या इरादा है आज?
संध्या- इरादे तो तुम्हें पता ही हैं मेरी जान …

फिर एक तरफ हटकर मैंने बैग से रस्सी और टेप निकाली; कुर्सी पर एक तकिया रख दिया ताकि संध्या की चूत बाहर की ओर निकली रही।
फिर संध्या को बैठा दिया और उसके दोनों हाथ पायों से बांध दिए।

उसका एक पैर मैंने कुर्सी के नीचे पीछे वाले पाये से बांध दिया, एक पैर खुला ही रखा, और मुंह पर उसके टेप लगा दी।

मैंने पीछे आकर उसकी गांड पर बहुत तेज़ थप्पड़ लगाया.

वो कराह उठी।

फिर मैं नीचे बैठकर उसके पैरों पर किस करने लगा, उन पर जीभ फिराने लगा।
नीचे से ऊपर जीभ फिराते हुए कभी उसकी गांड को चाट लेता तो कभी उसकी चूत को!

उसके चूतड़ों को एक बार मैंने जोर से काट भी लिया।
वह दर्द से छटपटा उठी।

लेकिन उसका मुंह बंधा हुआ था तो कुछ बोल भी नहीं सकती थी।

उसकी हालत अब खराब होती जा रही थी; मुंह से गूं … गूं … की आवाज निकल रही थी।

अब मैंने अपनी जींस और टी-शर्ट निकाल दी।
जींस में से मैंने बेल्ट निकाली और उसकी गांड पर जोर से मारी।

वह दर्द से छटपटा उठी।

अब मैंने उसकी ड्रेस को पकड़ कर खींचते हुए फाड़ दिया।

मैंने उसे पूरी नंगी कर लिया।
उसे थोड़ी आगे झुका कर उसकी नंगी पीठ पर मैंने बेल्ट से मारा।

वह चिल्लाना चाहती थी लेकिन मुंब बंधा हुआ होने की वजह से नहीं चिल्ला सकती थी।

फिर मैंने उसे सीधी करके उसकी चूत पर हाथ फेरना शुरू किया।
वह मचलने लगी।
उसकी चूत ऊपर उठकर आना चाहती थी लेकिन एक पैर पीछे बंधा होने की वजह से वो गांड को उठा नहीं सकती थी।

मेरे हाथ की रगड़ से उसकी चूत गीली होने लगी।
काफी देर तक मैं उसकी चूत से लेकर गांड तक और गांड से लेकर चूत तक के एरिया को हाथ से रगड़-रगड़ कर उसे गीली करता रहा।

संध्या की चूत के होंठ अब पूरे रस में भीग गए थे।

अब मैंने उसकी चूत पर लंड रगड़ना शुरू किया जिससे वह पागल सी होने लगी।

वह बार-बार चूत के छेद को लंड के टोपे पर सेट करने की कोशिश कर रही थी ताकि लंड का टोपा चूत में जा सके।

लेकिन मैं उसे ऐसा करने नहीं दे रहा था।

उसकी चूत गर्म होकर पाव रोटी की तरह फूल चुकी थी।
उसे ऐसे तड़पाने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था।

कुछ देर लंड-चूत रगड़ाई का खेल खेलने के बाद मैंने संध्या के बाल पकड़ कर पीछे खींचे और लंड को चूत पर रखकर जोर से धक्का लगा दिया।
उसकी चूत में जोर का दर्द उठा और वो गर्दन को इधर-उधर पटकने लगी।

तभी मैंने लंड को तुरंत बाहर निकाल लिया।

मैंने गुस्से में उसके मुंह पर कई तमाच जड़ दिए।
लेकिन मजा कुछ अधूरा लग रहा था।

दोस्तो, चुदाई चाहे कितनी भी अच्छी हो लेकिन लड़की की सिसकारियों के बिना चुदाई का मजा अधूरा ही रहता है।
मेरा मन उसकी सिसकारियां सुनने का कर रहा था इसलिए मैंने संध्या के मुँह से टेप को हटा दिया।

टेप हटाते ही वह हांफने लगी।

वह जोर से अह … अह … आह कर रही थी।

संध्या- आज तो तुमने ऐसी तैसी कर दी मेरी …
मैं- साली चुदने से पहले तो बड़ी खुजली हो रही थी तेरी चूत में बहनचोद … अब चुद ऐसे ही!

संध्या- हां तो चोदो, मना किसने किया है, जो मन में आए, वो करो!
मैं- ले साली रंडी … मेरी रखैल है तू … ये ले मेरा लंड … पूरा ले!
संध्या- हां बना लो मुझे अपनी रखैल … और चोदते रहना मुझे ऐसे ही हमेशा!

मैंने संध्या को फिर से पेलना शुरू कर दिया।
कुछ देर चोदने के बाद मैं उसे बेड पर ले गया; ले जाकर मैंने फिर से उसके हाथ बांध दिए लेकिन पैरों को खुला ही रखा।

Xxx टार्चर सेक्स एक बार फिर से चालू हो गया।

मैंने चोदते हुए अपना अंगूठा उसकी गांड में डाल दिया तो वो दर्द से चिल्ला पड़ी।
उसकी दर्द भरी चीखों से मुझे और ज्यादा जोश आ रहा था।

चूत में मेरा लंड था और उसकी गांड में मेरा अंगूठा।
एक हाथ से मैंने उसकी गर्दन को पकड़ रखा था।

इस तरह से उसे चोदने में बड़ा मजा आ रहा था।

संध्या की हालत खराब होने लगी।
वह झड़ने के करीब पहुंच गई- आह आह आह … आआआआ आ रही हूं … फक मी … फक मी हार्ड बेबी … ओह … ओ माय गॉओओड!

मैंने अपनी स्पीड और ज्यादा तेज कर दी।
वह आह आह् करती हुई झड़ गई।

अब उसकी चूत में उसको जलन होने लगी और वह लंड को निकालने के लिए कहने लगी।

लेकिन मैं इतने जोश में था कि इस वक्त मुझसे रुकना मुश्किल था।
मैं जोर जोर से धक्के लगाता चला गया और 2 मिनट बाद उसकी चूत में ही झड़ गया।

लग रहा था जैसे कोई तूफान सा आकर चला गया हो।

मैंने संध्या के हाथ-पैर खोल दिए।
वह उठकर एकदम से साइड होकर गिर पड़ी।
उसका बदन पूरा लाल हो गया था और हाथ पैरों पर रस्सी के निशान पड़ गए थे।

वह अपनी सांसों को संभालने की कोशिश कर रही थी।

मैंने उसको बांहों में भरकर किस किया और वह मेरे सीने से लगकर लेट गई।
कई मिनट तक वो चुपचाप मेरे सीने में चिपकी रही।

फिर उसने मुंह ऊपर किया और बोली- तुम तो बिल्कुल जानवर ही बन गए थे आज!
मैं- तो तुम नहीं चाहती थीं ये सब?
संध्या- हां, चाहती तो थी ही … दर्द तो बहुत हुआ … पर मज़ा भी आया!

संध्या उठकर बाथरूम में गई।
सामने खड़ी होकर खुद को शीशे में देखने लगी।

उसके मुंह से निकल पड़ा- ओ माय गॉड!
मैंने पूछा- क्या हुआ?

वो बोली- ये क्या हालत कर दी मेरी! मेरे घरवालों ने ऐसी हालत में मेरे जिस्म को देख लिया तो क्या जवाब दूंगी उनको!
मैंने कहा- ये तो तुम्हें चुदाई से पहले ही सोचना था न जान!

बाथरूम से आने के बाद संध्या मेरे पैरों पर सिर रखकर लेट गई और बात करते करते हम किस करने लगे।

मैं उसके चूचों को भी सहला रहा था जिससे हम दोनों फिर से गर्म होने लगे।

संध्या ने अब पेट के बल होकर मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और मेरा तना हुआ लौड़ा मजे से चूसने लगी।

आह्ह … क्या लंड चूस रही थी यार … सच में मज़ा आ रहा था बहुत!

करते करते हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और एक दूसरे के अंगों को चूसने लगे।
मैं उसकी चूत में जीभ डालता और संध्या मेरे लंड को पूरा मुँह में लेकर चूस डालती।

हम दोनों अब पूरे गर्म हो चुके थे और फिर से चुदाई के लिए तैयार थे।
मैंने संध्या को बांहों में लेकर पूछा- मेरी रानी, अब कैसे चुदवाना चाहती हो?

संध्या बोली- पहली बार तुमने मेरी पसन्द से मेरी चूत मारी, अब तुम्हारी पसंद से करते हैं। तुम खूब गालियां देकर चोद डालो मुझे!

मैंने संध्या को मिशनरी पोजीशन में लिटाया और उसकी गीली चूत पर रगड़कर लंड गीला किया।

छेद पर लौड़ा रखकर मैंने धक्का लगा दिया जिससे मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया।
फिर थोड़ा बाहर निकलकर जोर से पेल दिया।

संध्या- आह्ह्ह्ह मम्मी .. मर गई … उफ्फफ्फ्फ़ … ओह्ह्ह्ह … सीई!
मैं- बहनचोद साली, माँ को क्यूं याद कर रही है, उन्हें भी चुदवाना है क्या अब?
संध्या- अभी मुझे चोद लो, मम्मी की बाद में सोचना।

मैं- हां मादरचोद, तुम दोनों को एक साथ चोद दूंगा! आह्ह मेरी रानी!
संध्या- ओह्ह्ह फ़क … येह बेबी … फ़क मी … फ़क मी हार्ड … उफ्फ आह्ह ह्ह्ह।

मैं- साली रंडी, तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा!
संध्या- आह्ह बना लो रंडी अपनी, चोद दो मुझे!

हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे से बात करते-करते चुदाई करते रहे।
संध्या- राहुल, मेरा होने वाला है … तेज़ी से करो … अह्ह उफ्फ!

मैंने भी स्पीड बढ़ा दी, उसके चूचों पर दांतों से काटते हुए मैं उसे तेजी से चोद रहा था।
उसके नाखून मेरी पीठ पर गड़ने लगे।

संध्या- आहह्ह स्स् आह्ह आइ एम कमिंग … आह्ह कमिंग!
कहते हुए संध्या झड़ गई।

उसके बदन से निकल रही गर्मी के कारण अब मैं भी झड़ने की कगार पर पहुंच गया था।
मैं तेजी से चूत में लंड को पेले जा रहा था।
चूत पच-पच … पच-पच करके बज रही थी।

फिर मैं धक्के मारते हुए उसकी चूत में ही झड़ गया।
जोश जोश में मेरे दांत उसके निप्पलों पर गड़ गए।

वो चिल्लाती रही और मेरे लंड से माल उसकी चूत में गिरता रहा।

फिर मैं खाली होकर उसके ऊपर लेट गया।
देखा तो उसके निप्पलों पर खून निकल आया था।

फिर हम दोनों सांसों के सामान्य होने का इंतजार करने लगे।

कुछ देर बाद मैंने उसकी तरफ देखा और पूछा- क्यों, कैसा रहा?
वो दर्द में मुस्कराते हुए बोली- जानवर हो तुम बिल्कुल … लेकिन मजा आ रहा था बहुत! आई लव यू!
मैं- आई लव यू टू मेरी जान!

कहकर मैंने उसके होंठों पर एक किस कर दिया।

दोस्तो, उस दिन हमने तीन बार चुदाई की।

हम अगली बार फिर मिलने का वादा करके अपने-अपने घर आ गए।

उस दिन के बाद से हमारे बीच में सेक्स की ही बातें होती थीं और हम रोज कुछ न कुछ नया आइडिया लेकर आते थे।
फिर उसी आइडिया को लेकर चुदाई करने का प्लान करने लगे।

अगली कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि फिर हमने चुदाई में कौन सा नया तरीका अपनाया।

आपको यह Xxx टार्चर सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।
मैं आप सबकी ई-मेल का और कमेंट्स का भी इंतजार करूंगा।
मेरी ईमेल आईडी है
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