मेरे क्लासमेट ने मुझे जम कर पेला
(Xxx Students Sex Kahani)
Xxx स्टूडेंट्स सेक्स कहानी में मैं अपने यार से चुद रही थी तो दो लड़कों ने हमें देख लिया. मैं उन दोनों से भी चुदी. मुझे बहुत मजा आया. मैं दोबारा एक लड़के से चुदने गयी.
यह कहानी सुनें.
हाय फ्रेंड्स, मैं आपकी प्यारी फ्रेंड अंकिता फिर से हाजिर हूँ अपनी कहानी लेकर.
मैंने अपनी पिछली कहानी
मैं अपने सीनियर के मोटे लंड से चुदी
में बताया था कि मैं अपने यार से चुद रही थी कि हमें हमारे एक सीनियर ने देख लिया और उसने भी मुझे चोदा. इतने में मुझे हमारी क्लास के मोंटी लड़के ने सीनियर के साथ नंगी देख लिया.
अब उससे आगे Xxx स्टूडेंट्स सेक्स कहानी:
मोंटी एक कुत्ते की तरह लार टपका रहा था.
अपनी दोस्ती के कारण वह रुका हुआ था नहीं तो अब तक मुझे वह ठोक चुका होता.
वह हमे घूरे जा रहा था.
तभी वह बोला- चेतन और अंकिता, मैं कुछ कहूँ?
हमने उसकी तरफ देखकर बोला- ह्म्म बोलो?
वह बोला- तुम बुरा न मानो तो क्या मैं अपने लंड की प्यास बुझा सकता हूँ प्लीज़!
चेतन ने मेरी तरफ देखा और मैंने कहा- क्या मतलब?
वह बोला- बस एक बार!
और उसकी शक्ल देखकर मैंने कहा- ठीक है!
सुनते ही वह तुरंत नंगा हो गया.
चेतन मुझे देखता रह गया.
मैंने कहा- ठीक है, कोई नहीं!
फिर चेतन ने मेरे बाल पकड़ कर मुझे उठाया और मुझे किस करने लगा.
उसी समय मोंटी ने मेरा हाथ पकड़ा और उसने अपना लंड मेरे हाथ में दे दिया
मोंटी का लंड भी चेतन के जैसा ही था, ज़्यादा फ़र्क नहीं था दोनों के लंड में!
चेतन अकेला होता तो मैं एक आजाद लड़की की तरह ही चुद जाती.
लेकिन उनके साथ उनका दोस्त मोंटी भी था तो मुझे दो लंड चोदने वाले थे.
मोंटी बोला- ओए … देख रे, इसके दूध कितने सुंदर हैं. इतने टाइट भी हैं कि बिना चूसे तो मन ही नहीं मानेगा.
चेतन बोला- ले, तू भी चूस कर मज़ा ले ले!
इतना कहकर चेतन ने मुझे लिटा दिया.
चेतन और मोंटी मेरे आजू बाजू लेट गए.
मेरा एक दूध चेतन और दूसरा मोंटी के कब्जे में आ गया था.
वे दोनों अपने हाथों से मेरे मम्मे मसलने लगे.
अब उन दोनों का एक एक हाथ मेरी चूत पर आ गया था.
मैं सिसकारियां लेने लगी.
उस समय में सातवें आसमान पर थी, मुझे बेहद मजा आ रहा था.
दोनों ने मेरे मम्मों को चूसना शुरू कर दिया था.
मोंटी तो निप्पलों के पीछे पड़ पड़ गया था, वह मेरे निप्पल को काटने लगा था.
मैंने मोंटी के बाल पकड़ कर उसे रोक दिया और कहा- क्या अब जान ही ले लोगे … छोड़ दो मोंटी, काटने से खून निकल आएगा … मत करो यार!
तब वह प्यार से मेरे दूध चूसने लगा.
इधर चेतन भी मेरे दूसरे स्तन पर बच्चे के जैसे चूसने में लगा था.
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे घुटनों के बल बिठा दिया और मोंटी ने मेरे मुँह में लंड घुसा दिया.
तभी चेतन बोला- एक बार मेरा लंड भी चूस दे.
वे दोनों अपना अपना लंड मेरे मुँह के सामने हिलाने लगे.
मैं बारी बारी से दोनों का लंड चूसने लगी.
कुछ मिनट तक मैं दोनों के लंड चूसती रही.
मेरे मुँह से लंड चूसने से लार बह रही थी जिसके कारण मेरे बूब्स पूरे गीले हो गए.
मेरे नाक से भी लंड का रस बहने लगा था.
चेतन ने मोंटी को अलग किया और वह मेरे पेट पर दोनों तरफ टांगें डाल कर बैठ गया.
इधर मेरी चूत गीली हो चुकी थी.
चेतन ने मेरे मम्मों के बीच में अपने फौलादी लंड को रखा और हाथों से मम्मे दबा कर मेरी बूब फकिंग करने लगे.
उनका लंड मेरे मुँह तक आ रहा था तो मैंने अपनी जीभ बाहर निकाल रखी थी.
चेतन का लंड मेरी जीभ की नोक से टच होता और मैं उसी पल जल्दी से अपनी जीभ लंड के टोपे पर फिरा कर चेतन को मजा दे देती.
ऊपर मेरे चूचों के साथ चेतन लगा था और नीचे मेरी चूत पर मोंटी आ गया था.
वह मेरी चूत पर जीभ फिराने लगा.
अब मुझे कुलबुलाहट सी होने लगी.
थोड़ी देर बाद चेतन बोला- मोंटी, तू अंकिता का मुँह चोद, मैं इसकी चूत मारता हूँ.
मोंटी ने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरा सर पकड़ कर आगे से लंड डाल कर मेरा मुँह चोदने लगा.
दूसरी ओर चेतन ने मेरी चूत पर लंड लगाया और एक ही धक्के में पूरा लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया.
करीब दस मिनट तक मोंटी का लंड चूसने के बाद उसने खड़े होकर अपना पानी मेरे ही चेहरे पर और बूब्स पर निकाल दिया.
चेतन ने मुझे तौलिया दिया और बाथरूम में जाकर नहा कर आने को कहा.
मैंने मना कर दिया.
चेतन ने मुझे उठा लिया और अंदर बने बाथरूम में आया.
उसने मोंटी को आवाज लगा कर कहा- मैं इसको नहला कर लाता हूं.
चेतन ने शावर ऑन किया और मुझे बाथरूम की दीवार से झुका कर टिका दिया.
मैं दीवार पकड़ कर घोड़ी बनी थी.
उसने देर न करते हुए लंड चूत के अन्दर पेल दिया.
थोड़ी देर इसी पोज़िशन में चोदा और फिर मुझे कहा- अंकिता, नीचे तू फर्श पर लेट जा!
मैं लेट गई.
उसने मेरा एक पैर ऊपर किया और लंड चूत पर रख कर मुझे किस किया.
हमारे ऊपर पानी गिर रहा था क्योंकि शॉवर चालू था.
मैं जन्नत का मज़ा ले रही थी; मैं उसे चूम चूम कर मजा देने लगी.
अब वह मेरे दूध को मसलते हुए मुझे चोद रहा था.
कोई दस मिनट तक ऐसे ही चुदाई करके हम दोनों ही झड़ गए.
फिर उसने मुझे नहलाया. चूत में साबुन लगा कर मुझे साफ किया.
थोड़ी देर में लेटी रही और मोंटी मुझे चोदने के लिए बेताब हो रहा था.
मोंटी मेरे ऊपर आकर जबरदस्त किस करने लगा और एक हाथ से मेरी चूत में उंगली और दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को मसल रहा था.
और फिर वह मेरी चूत को चाटने लगा. मेरी चूत को वह ऐसे चाट रहा था जैसे कभी नहीं मिलेगी उसे!
फिर उसने मेरी योनि पर अपने होंठ रख दिए और अपने अंदर की गर्म हवा मेरी योनि पर छोड़ने लगा।
मुझे ऐसा आनन्द पहले कभी नहीं आया था।
वह बार-बार सांस भरता और मेरी योनि पर रखे उसके होंठों से वह गर्म हवा मेरी योनि की फांकों पर छो़ड़ देता।
मेरी आंखें बंद होने लगीं।
मेरी चुदी हुई योनि कि वह ऐसी सिकाई करेगा, मैंने ख्यालों में भी नहीं सोचा था।
वह मेरे ऊपर था और मैं नीचे पड़ी थी।
मेरी एक टांग नीचे थी और मेरी दूसरी टांग उठाते हुए मोंटी ने एक हाथ से अपना लिंग मेरी योनि के मुंह पर रखा और मेरे ऊपर लेट गया।
उसका लिंग मेरी योनि में अंदर प्रवेश करने लगा और वह मुझे बुरी तरह चूसने-काटने लगा।
मेरी हालत उससे भी बदतर थी।
मैं खुद ही उसको पकड़ कर अपने अंदर समा लेना चाह रही थी।
उसने मेरी योनि में लिंग का घर्षण करना शुरू कर दिया।
मैं उससे लिपट गई।
वह मुझे चोदने लगा और मैं जैसे उसको खाने वाली थी आज!
आह्ह्ह … उम्म्म … मेरे सीत्कार के साथ मैं पूरी की पूरी हिलने लगी।
“ओह … आह्ह …” करते हुए वह मुझे चोदता जा रहा था।
काम-क्रीड़ा का इतना सुख पहली बार भोग रही थी मैं!
मेरी योनि पच्च … पच्च … की आवाज़ करने लगी थी।
मोंटी यों ही मेरी चूत को पेलता रहा और कुछ ही देर में हम दोनों का पानी निकल गया.
फिर मैं बाथरूम गयी और अपने आप को ठीक किया कपड़े पहने.
अब मैं काफ़ी थक चुकी थी.
मेरी चूत में जलन सी हो रही थी.
मैंने उन दोनों को बताया तो उन्होंने कहा- हम मेडिकल से दवाई दिलवा देते हैं.
चेतन ने मुझे घर छोड़ा और वह चला गया.
फिर रात को मोंटी का फोन आया और उसने कहा- अंकिता, तेरी चुदाई करके मेरा मन नहीं भरा है. क्या मैं एक बार और चोद सकता हूँ तुझे?
उससे ज़्यादा मैं चुदासी थी, मैंने कहा- हां क्यूं नहीं!
तो उसने कहा- कल कॉलेज की छुट्टी है. परसों कॉलेज जल्दी ख़त्म करके मेरे रूम पर ही आ जाना!
मैंने कहा- ठीक है.
उस दिन कॉलेज से सीधे मोंटी मुझे उसके रूम पर ले कर आया.
उसने सेक्स की गोली खाई मेरे सामने!
चेतन को मालूम था ये सब … अब कोई शरमाने या छुपाने वाली बात नहीं थी.
मेरा मन था उन दोनों से ही चुदने का … जो भी चोदे मुझे!
उस दिन चेतन कुछ काम से जल्दी चला गया था तो मोंटी ही मेरी फुदी मारने वाला था.
मैं सेक्स के लिए रेडी थी.
असल में मैं तो बहुत ही उत्सुक थी.
मोंटी भी मुझे चोदने के लिए लार टपका रहा था.
वह मुझे खड़े खड़े ही किस करने लगा. वह मुझे जंगलियों की तरह किस कर रहा था.
मैं भी उसका साथ दे रही थी.
मेरे होंठों को वह काट रहा था.
उसका लंड तन चुका था, वह ऊपर से ही मुझे बिना कपड़े उतारे चोदने की कोशिश कर रहा था.
उसने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और मुझसे बोला कि मैं उसका लन्ड चूसूं.
मैं उसके लंड को चूसने लगी.
कुछ देर चूसने के बाद वह मुझे बोला- मेरी अंकिता, लेट जाओ!
उसने मेरे हाथों को मेरे दुपट्टे से बाँध दिया और बोला- अंकिता, आज मैं तुम्हारी चूत को फाड़ूंगा.
मेरे हाथों को बाँध कर मेरी सलवार का नाडा खोला और मेरी जांघों को चूमते हुए धीरे धीरे मेरी पेंटी को ऊपर से ही चूमते हुए मेरे मम्मों को दबाने लगा.
मैं मज़ा ले रही थी.
मेरी कमीज़ को उसने ऊपर किया फिर मेरी समीज़ को पूरा नहीं उतारा बल्कि मेरा चेहरा उसी से ढक दिया.
फिर मेरी ब्रा को खोल कर मेरे निप्पल को काटने लगा, ज़ोर ज़ोर से चूचे दबाने लगा.
वह तेज तेज मेरे दूध को पी रहा था.
लगता था कि आज मेरा पूरा रस ही पी जाएगा.
मोंटी ने एक चूची को चूस लिया, फिर दूसरी को मुंह में भरकर चूसने लगा.
बीच-बीच में वह मेरी निप्पलों को ज़ोर-ज़ोर से पिंच करता और मेरे गले के इर्द-गिर्द दाँतों से काटता.
कुछ देर बाद उसने मेरी चूत के दाने को मुँह में भर लिया, अपने होंठों में चूत के दाने को दबा कर खींचने लगा और काटने लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरे बदन में आग लगती जा रही थी.
Xxx स्टूडेंट्स सेक्स करती हुई मैं एकदम से अकड़ गई और चिल्ला दी- आह आह … उफ़ फ़क मी आह!
उसने मुझे लिटा दिया और मेरी फुदी पर अपने औज़ार को घिसने लगा.
उसके बाद उसने अपने लंड को मेरी चूत के मुँह पे सटा दिया और एक झटके के साथ उसे अंदर डाल दिया.
फिर धीरे से फिर अपना लंड मेरी चूत से निकाला और फिर झटके से डाल दिया।
भूखे शेर की तरह मेरी चूत के अंदर बाहर अपना लंड पेल रहा था जिससे मेरी चूत होंठों की तरह बार बार खुल और बंद हो रही थी।
हम दोनों तेज तेज आवाज में सिसकारियां भर रहे थे- उउऊऊ … ऊँऊँ … ऊँ अहह सी सी … हा … ओहो हो … उंह उंह हूँ… हम्म अह ह्ह्ह … अई अई अई … आऊ …. आहह … हम्म अह ह्ह … सी सी … हा हा इश्स!
मेरी चिकनी चूचियों को वह मुसम्मी की तरह मसल रहा था, मैं कराह रही थी।
अजीब सा नशा मुझे चढ़ रहा था।
इसी बीच मैं झड़ गयी लेकिन मोंटी रुकने का नाम नहीं ले रहा था.
फिर उसने डॉगी स्टाइल में मुझे चोदा 10 मिनट!
और फिर गोदी में बैठाकर मुझे 5-7 मिनट तक जबरस्त चोदा.
मेरी चूचियां उसकी छाती से रगड़ खा रहीं थीं … मैं लंड पर बैठी हुयी अपनी कमर हिलाने लगी।
वह मेर हिलते कबूतर पकड़कर दबाने लगा तो मैं एकदम बेकाबू सी होने लगी।
उसपर गोली का असर था पर मैं दूसरी बार झड़ने वाली थी.
मैं अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर मैं अपनी चुदाई करवा रही थी.
करीब 15 मिनट के बाद मैंने मोंटी को ज़ोर से अपनी बाहों में पकड़कर कस लिया.
वह तुरंत समझ गया कि मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया है.
लेकिन वह अभी भी धक्के लगा रहा था और उसका लंड हर एक धक्के से उसकी चूत के पूरे अंदर तक जा रहा था.
उसने मेरी टांगें अपने कंधों पर फंसाईं और दनादन चुदाई करे जा रहा था.
मेरा बदन दोहरा हो गया और मैं कराहने लगी- आहह आऊ … धीरे-धीरे दर्द हो रहा है … आहह मर गई आइह आहह!
कोई 15 मिनट चोदने के बाद उसने लंड बाहर खींचा और मेरे मम्मों के बीच में फंसाकर घिसने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने मुँह खोल दिया और उन्होंने लंड मेरे मुँह में पेल दिया.
इसी तरह हर पोज़िशन में लगातार मुझे चोदने के बाद उसने अपना पानी मेरे बूब्स पर निकाल दिया.
हम दोनों हांफ़ रहे थे.
मुझे चुदाई का एक अलग ही मज़ा मिला.
और फिर करीब एक घाटे बाद फिर मोंटी ने मेरी चूत अच्छी तरह से ली.
दोस्तो, इसी तरह से मैं चेतन और मोंटी से चुदाई करवाती रही.
कॉलेज ख़त्म होने को था.
फिर बाकी अगली कहानी में बताऊंगी.
दोस्तो, आपको यह Xxx स्टूडेंट्स सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे बतायें.
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