पुरानी गर्लफ्रेंड के साथ चुदाई के मजे
(Xxx Sexy Ladki)
Xxx सेक्सी लड़की की चुदाई का मजा मैंने उसी के घर जाकर लिया. मैं उसे पहले भी चोद चुका था. इस बार वह लाल साड़ी पहन कर चुदी.
दोस्तो, भाभियो और हॉट लड़कियो,
मैं आपका राज कोटा, राजस्थान से आज आप लोगों को एक नई और सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ.
पहले मैं आपको अपने बारे में बताता हूँ.
मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है. हेल्थ भी ठीक है. मेरे लंड की साइज 6 से 7 इंच है, मैंने कभी नापा नहीं.
जैसा कि आपने मेरी पहली स्टोरी में पढ़ा था कि कैसे मैं सारिका से मिला और हम दोनों में सेक्स शुरू हुआ.
दोस्तो मैंने वह सेक्स कहानी
जिगोलो बनने की राह
काफी पहले लिखी थी, माफी चाहता हूँ कि काफी समय के बाद दोबारा लिख रहा हूं. इस देरी के लिए पुन: माफी.
अब आगे Xxx सेक्सी लड़की की चुदाई:
सारिका और याशिमा के बारे में तो आप जानते ही हैं, तो उसी क्रम में आगे क्या हुआ … उस पर चलते हैं.
याशिमा से मैं कई बार मिला, पर आपको मैं पहले लॉकडाउन 2020 की बात बता रहा हूँ.
हुआ यूं कि मार्च 20 में लॉकडाउन लग गया था.
मार्च तो किसी तरह से निकल गया पर अप्रैल आते आते मुझे चूत की जरूरत महसूस होने लगी.
मेरी एक गर्लफ्रेंड थी, उसकी भी शादी हो गई थी.
तो अब मैं चूत के लिए तरसने लगा था.
कहीं जा भी नहीं सकता था.
इस तरह लगभग आधे से ज्यादा अप्रैल भी निकल गया.
फिर एक दिन सुबह 9 बजे मेरे मोबाइल पर 2 बार कॉल आई.
मैंने नींद में होने की वजह से उस कॉल को नजरअंदाज कर दिया.
उसके बाद व्हाट्सैप पर भी कई सारे मैसेज आए, बार बार नोटिफिकेशन की घंटी ने मेरी नींद खोल दी.
फिर मैंने देखा तो मैसेज में लिखा था ‘मैं याशिमा, भूल गए क्या जान! कहां हो सो रहे हो? तुम सो रहे हो और मैं इधर तुम्हारे लिए तड़प रही हूँ.’
मेरी नींद एकदम से खुल गई, मैंने उसे हाय लिखा.
फिर उसकी कॉल आई- हैलो जान!
मैं- हैलो डियर कैसी हो?
याशिमा- तड़प रही हूँ तुम्हारे लिए … तुम्हारे लंड के लिए … तुम्हारे जिस्म की महक पाने के लिए.
मैं- बेबी, तुम्हें तो मालूम है कि मैं तो एक आवाज पर आ जाता, पर तुम जानती हो मैं इस लॉकडाउन की वजह से मजबूर हूँ.
याशिमा- हम्म … हां यार, पिछली बार जब तुम दिसम्बर में आए थे, उसके बाद से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है. ऑफिस के काम के समय तो कुछ पता नहीं चलता था. फिर मैं दो महीने अपनी मां के साथ थी, तो ज्यादा पता नहीं चला. अब मां भी भाई के घर चली गई हैं. अकेली होने की वजह से और लॉकडाउन में घर पर बंद रहने की वजह से तुम्हारे लिए बहुत ज्यादा तड़प रही हूँ.
मैं- जान, तड़प तो मैं भी रहा हूँ तुम्हारे लिए … तुम्हारे जिस्म के लिए … पर इन्तजार के सिवा कुछ कर ही नहीं सकता हूँ.
याशिमा- अच्छा तो वादा करो कि लॉकडाउन खुलते ही तुम मेरे पास आओगे.
मैं- हां जान वादा. जैसे ही लॉकडाउन खुलेगा, मैं आ जाऊंगा. यहां मेरा भी वही हाल है, जो तुम्हारा है.
याशिमा- तो सुनो 2 या 3 दिन के लिए नहीं आना … कम से कम 10-15 दिन मुझे तुम्हारे साथ ही रहना है … ठीक है!
मैं- ओके जान, मैं तो सेवक हूँ तुम्हारा … जो तुम चाहो वही करूंगा.
इस तरह रोज कई बार दिन में रात में हमारी बातें होने लगीं.
हम दोनों फोन सेक्स करके अपनी अपनी तसल्ली करने लगे थे.
कभी रात को वीडियो कॉल पर अपने अपने जिस्म की आग शांत कर लेते थे.
इस तरह अप्रैल और मई निकल गया.
अब जून आ गया था.
कुछ दिन बाद पेपर में पढ़ा कि लॉकडाउन में रियायत मिलने वाली है.
जल्दी ही लॉकडाउन कुछ कुछ खुलने लगा.
अब लोग एक जिले से दूसरे जिले भी आ जा सकेंगे.
इसे पढ़ने के बाद मेरा मन याशिमा के लिए और तड़पने लगा.
मैं तो बस उसके पास जाना चाहता था.
याशिमा भी मुझे अपने पास बुलाने के लिए जोर देने लगी और कहने लगी- या तो तुम आओ या मुझे अपने पास बुला लो. मैं अब और नहीं रूक सकती.
लेकिन मेरी मजबूरी यह थी कि मैं उसे बुला नहीं सकता था क्योंकि सारे होटल अब भी बन्द थे.
उसे रखने का कोई इंतजाम ही नहीं था.
मैं अपने परिवार के साथ रहता था और इस वक्त मुझे कुछ और जुगाड़ भी समझ नहीं आ रहा था.
मैं सोच रहा था कि घर वालों से क्या बहाना बनाऊं कि वह ज्यादा कुछ ना कहें बस मुझे जाने दें.
इस तरह जून की भी 18 तारीख हो गई.
फिर कहते हैं ना कि जहां चाहत हो, वहां अपने आप राह बन जाती है.
दो दिन बाद ही घर वालों के पास फोन आया कि किसी करीबी रिश्तेदार के यहां किसी की मृत्यु हो गई है. घर में चर्चा चली कि किसी को तो जाना चाहिए. पर कौन जाए … और वहां दो दिन रूकना भी था.
मैंने ही बोला- अगर आप कहें तो मैं चला जाता हूँ. लेकिन मैं वहां नहीं रूकूंगा, मैं अपने दोस्त के यहां रुकूँगा.
घर वालों ने भी यह सोचकर इजाजत दे दी कि ठीक है, जाओ हो आओ लेकिन 3 दिन में आ जाना.
मैं मन ही मन सोच रहा था कि मैं कैसे 3 को 13 करूँ.
फिर यह सोचकर निकल गया कि चलो 3 दिन ही सही. मैं बस से जयपुर के लिए निकला और लगभग दोपहर 3 बजे में जयपुर पहुंचा.
रिश्तेदार के यहां जाकर एक दिन वहीं रूका.
फिर दूसरे दिन शाम को 7 बजे मैंने याशिमा को कॉल की ‘जान में जयपुर में ही हूँ!’
याशिमा- सच … कसम से! जान सच बोलो कहां हो, मैं आ रही तुम्हें लेने!
मैं- मैं बस स्टैन्ड पर हूँ और तुम्हारे पास ही आ रहा हूँ.
याशिमा- तुम आओ, मैं तुम्हारा नीचे खड़ी होकर इंतजार कर रही हूँ. जल्दी आओ.
मैं- ओके.
मैं 7.40 पर याशिमा की बिल्डिंग के बाहर पहुंचा.
वहां का माहौल एकदम सुनसान था.
याशिमा मुझे अपने साथ उसके फ्लैट में ले गई.
अन्दर आते ही उसने मुझे सैनेटाइज किया और मैंने उसे गले से लगा लिया.
मैं कोरोना का खतरा भूल कर उसके होंठों पर किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी.
कोई 5 मिनट बाद उसने मुझे अलग किया और बोली- अब तो हम साथ हैं जान, थोड़ा सब्र करो.
उसने मुझे आराम से बैठाया और पानी लाई.
हम दोनों ने पानी पिया और बातें करने लगे.
उसने कहा- जान बताओ, क्या खाओगे!
मैं बोला- आज तो तुम्हें ही खाना है बस!
वह हंस कर उठी और जाती हुई बोली- चलो ठीक है, पर पहले नहा लो और फ्रेश हो जाओ. तब तक मैं अपन दोनों के लिए खाना बना लेती हूँ.
मैं नहाने चला गया. मैं अच्छी तरह से नहाया.
फिर बाहर आया तो देखा टेबल पर खाना लगा है … और याशिमा जो 30 मिनट पहले सलवार सूट में थी, अब वह सिर्फ एक लॉन्ग शर्ट पहनी हुई थी. उसके ऊपर के 3 बटन खुले थे और उसके 38 साइज के मस्त बूब्स बाहर झांक रहे थे.
उसकी काली ब्रा भी नजर आ रही थी.
उसने इठला कर बोला- क्या देख रहे हो मिस्टर?
मैंने कहा- वही, जिसके लिए मैं तड़प रहा था.
वह दूध हिला कर बोली- बस इन्हीं के लिए … या और भी कुछ!
हम दोनों हंस दिए.
‘चलो पहले खाना खा लेते हैं.’
फिर हम दोनों ने खाना खाया और सारे कामों से फ्री हो गए.
मैं सोफे पर बैठा था और याशिमा किचन से बाहर आकर मेरे पास आकर खड़ी हो गई.
अब मेरे सामने याशिमा की नंगी गोरी चिकनी जांघें थीं क्योंकि उसने ऊपर तो लंबी शर्ट पहनी थी, पर नीचे सिर्फ पैंटी में ही थी.
उसकी गोरी नंगी टांगें देखकर मेरे लोअर में भूचाल मच गया.
मेरा लोअर अब तम्बू बन गया.
बस फिर क्या था … मैं उठा और याशिमा भागकर रूम में चली गई.
उसने अन्दर से लॉक कर लिया.
मैं बोला- जान अब क्यों तड़पा रही हो … मुझे आने तो दो अन्दर?
वह बोली- जान रूको, सब्र करो मुझे तुम्हारे लिए थोड़ा तैयार हो लेने दो प्लीज!
लगभग 20 मिनट बाद याशिमा ने मुझे मैसेज किया कि जान तुम्हारा इंतजार है आ जाओ.
बस फिर क्या था … मैं उठा और रूम की ओर बढ़ा.
अन्दर पहुंचा तो अंधेरा था.
मैंने लाईट ऑन की और देखा तो याशिमा लाल सुर्ख साड़ी में बेड के पास खड़ी थी.
आपको क्या बताऊं मित्रो, मैं वह पल अल्फाजों में बयान ही नहीं कर सकता.
क्या लग रही थी वह … उसका मस्त गोरा जिस्म, उस पर लाल साड़ी. माथे पर लाल बिन्दी, होंठों पर लाल लिपिस्टिक और होंठों के नीचे उसका गहरा काला तिल मुझे बैचेन कर रहा था.
उसके खुले हुए बाल और हाथों में चूड़ियां, गले में नेकलेस, गहरे गले वाले ब्लाउज से झांकते उसके मस्त मोटे गोरे बूब्स … और ब्लाउज से नीचे मुझे चिढ़ाता हुआ उसका सपाट पेट और पर गहरी नाभि … कुल मिलाकर मेरे सामने सुपर हॉट सेक्सी बम जैसी फटने को तैयार खड़ी थी.
मैंने सोचा कि राज बेटा इसने जितना वक्त तुझे तड़पाने में और श्रृंगार में लगाया, तू भी उसे उतना ही तड़पाना तब मजा देना.
मैं धीरे धीरे उसके पास पहुंचा और उसको अपने साथ बेड पर बैठा लिया.
उसे मैं एकटक देखने लगा तो उसने शर्म से अपनी आंखें नीचे कर लीं.
मैं उसे किस करने लगा.
उसके चेहरे पर और साथ ही उसकी ज्वैलरी भी उतारने लगा.
कानों के झुमके, गले का नेकलेस.
अब मैं किस करता हुआ उसके गले पर आया तो वह एकदम से खड़ी हो गई.
मेरे हाथ में उसकी साड़ी का पल्लू आ गया था.
मैं उसे उतारने लगा.
वह आंखें बन्द करके हर पल को महसूस करने लगी.
साड़ी उतारने के बाद मैं उसके पीछे खड़ा होकर दोनों हाथों से उसके बूब्स दबा रहा था और गले पर किस कर रहा था, साथ ही उसके कान की लौ को भी चूस रहा था.
इससे वह और अधिक उत्तेजित हो रही थी.
फिर मैंने उसका ब्लाउज और पेटीकोट भी उतार दिया.
अब वह सिर्फ पैंटी में ही रह गई थी.
उसने मेरी तरफ घूमते हुए मुझसे कहा- मुझे तो नंगी कर दिया. तुम भी तो उतारो अपने कपड़े!
मैं जैसे ही टी-शर्ट को उतारने लगा, वह नीचे बैठ गई और उसने एक झटके से मेरे लोअर को नीचे खींच दिया.
उसके सामने मेरा लंड निकल आया.
वह मेरे लौड़े को अपनी हवस भरी निगाहों से देखने लगी.
फटाक से उसने लंड को अपने मुँह में ले लिया और बड़े ही मस्त अंदाज से लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
उसके इस तरह लंड चूसने से मैं अपना होश खोने लगा.
जल्दी ही मुझे लगने लगा कि शायद मैं झड़ जाऊंगा.
मैं उसे रोकते हुए उसके साथ फर्श पर ही लेट गया और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए ताकि वह मेरे लंड को और मैं उसकी चूत को चूस और चाट सकें.
हम दोनों पर ही काम वासना चढ़ गई थी.
कुछ ही देर बाद दोनों झड़ गए.
अब हम दोनों बेड पर आ गए.
उसने फिर से लंड को चूसना शुरू कर दिया.
जल्दी ही मेरा लंड वापस खड़ा हो गया.
अब वह कहने लगी- जान चोद दो मुझे … फाड़ ड़ालो मेरी चूत … बहुत तड़पाया है तुमने … अब मिटा दो मेरी प्यास … बुझा दो इस चूत की आग … डाल दो लंड को इसमें जल्दी से!
मैंने उसकी टांगों के बीच आकर लंड को उसकी चूत पर सैट किया और धक्का दिया तो लंड का टोपा उसकी चूत में चला गया.
चूत गीली होने की वजह से लंड को चूत में जगह बनाने में आसानी हुई.
कुछ ही झटकों में मेरा पूरा लंड याशिमा की चूत में समा गया.
मैं भी लंड को सुपारे तक बाहर निकालता और वापस झटके के साथ उसकी चूत में जड़ तक डाल देता.
वह भी आह आह करती हुई अपनी चुदाई का मजा लेने लगी.
वह अपने चूतड़ों को उठा उठा कर मेरे लंड को चूत में लेने लगी.
उस पर काम वासना इतनी ज्यादा छा गई थी कि वह अब बड़बड़ाने लगी थी- आह राज चोदो मुझे … फाड़ दो मेरी चूत को … मैं तड़प रही हूँ तुम्हारे लंड के लिए … आह चोदो जान मुझे … चोदो अपनी रंडी बना लो … अपने साथ रख लो … मैं तुम्हारे लंड की दीवानी हूँ गुलाम हूँ तुम्हारी … फाड़ डालो मेरी चूत को नोंच लो मुझे … मेरे जिस्म की गर्मी मिटा दो जान!
वह इस तरह बड़बड़ाती हुई अकड़ने लगी और झड़ कर शांत हो गई.
वह तो झड़ चुकी थी, पर मैं अभी उसे चोदने में मस्त था.
मैं उसे किस करने लगा और नीचे लंड को उसकी चूत में पेले जा रहा था.
कुछ ही मिनट में वह फिर से अकड़ने लगी और मेरे जिस्म पर अपने नाखून से नोचने लगी.
अब मैं भी झड़ने के करीब था तो मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी.
मेरा लंड उसकी चूत को थप थप करके बजाने लगा.
कुछ ही झटकों बाद वह फिर से झड़ गई और इस बार मैं भी उसके साथ ही झड़ गया.
मैंने उसकी चूत में ही अपना वीर्य छोड़ दिया था.
अब हम दोनों ही हांफते हुए निढाल हो गए. कोई 25 या 30 मिनट बाद मैंने अपनी पीठ पर उसे महसूस किया.
वह मेरी पीठ पर किस किए जा रही थी.
उसने मेरी पीठ, जांघों, पैरों की उंगलियों तक अपने होंठों की छाप छोड़ी और मुझे सीधा करती हुई मुझे किस करने लगी.
मेरी छाती, पेट उसने मेरे पूरे जिस्म पर अपने होंठों और जीभ से चाटने के निशान छोड़े.
उसकी इस हरकत से मैं फिर से उत्तेजित होने लगा.
मेरा लंड फिर से आकार लेने लगा.
अब वह लंड को अपनी चूत में सैट करने लगी और मेरे लंड पर बैठ कर मेरी सवारी करने लगी.
फिर अचानक से वह मेरी ओर झुकी और मेरे कान की लौ को चूसने लगी.
वह मेरे कान में कहने लगी- अब मैं तुम्हारी चुदाई करूंगी.
मैं हंस दिया और मैंने कहा- जान एक बात बताओ, चाकू तरबूज पर गिरे या तरबूज चाकू पर … कटना किसे है?
वह मेरी बात समझ चुकी थी यानि मैं उसके ऊपर … या वह मेरे ऊपर, लंड तो उसकी चूत को ही लेना है.
अब वह अपने चूतड़ों को हिला कर ऊपर नीचे होने लगी और लंड को अपनी चूत में गहराई तक लेने लगी.
वह अपने हाथों से मेरी छाती को नोचने लगी.
कुछ 15 मिनट की उठा पटक के बाद वह झड़ चुकी थी.
उसकी चूत का रस मैं अपने लंड पर बहता हुआ महसूस कर रहा था.
वह निढाल होकर मुझसे लिपट गई थी.
मैंने उसे कुतिया बनने को कहा और चोदने को बोला.
वह उठ कर कुतिया बन गई.
उसकी उठी हुई गांड देखकर मुझे उसकी गांड मारने की इच्छा हुई, पर उसने मना कर दिया.
वह बोली- बेबी, पहले चूत की आग मिटा दो, फिर जहां चाहो डाल लेना. मैं तो पूरी तुम्हारी ही हूँ. ये जिस्म तुम्हारा है … जैसे चाहो जो चाहो, करो … पर अभी बस चूत को भोसड़ा बनाओ और दिखा दो मेरी चूत को अपने लौड़े का दम!
मैं भी उसके गोरे बदन अपने प्यार के निशान देख रहा था.
वह मुझे उत्तेजित कर रही थी.
मैं पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.
उसके कूल्हों पर हाथ मारने लगा जिससे उसे भी मजा आ रहा था.
वह भी अब बिगड़ी बातें करने लगी थी.
जैसे जैसे हमारी चुदाई बढ़ रही थी, उसकी जुबान की बिगड़ी बोली, बोलने लगी.
मैं भी उसकी बिगड़ी बोली सुन अपनी शराफत को भूल कर वाईल्ड सेक्स पर आ गया.
मैंने उससे कहा- क्या तुम्हें वाइल्ड सेक्स पसन्द है?
वह बोली- हां.
मैं बोला- तो साली रंडी पहले ही बोल देती, तो तुझे अपनी रखैल ही बना लेता साली कुतिया.
वह बोली- हां कुत्ते, मुझे भी कहां पता था कि तू भी बहनचोद है. तू भी साला कमीना रंडीबाज है.
मैं बोला- हां तुझे बताऊं, मैंने तो सिर्फ दो ही रांडों को ज्यादा चोदा है. एक सारिका और दूसरी तू!
वह बोली- और वह जो सारिका ने तुझे चुतें दिलाई थीं … उनका क्या?
‘पर अभी तो तुम चुद रही हो मेरी जान.’
‘साले हरामी … तू गुलाम है मेरा … जब बुलाऊंगी, तब आना पड़ेगा. जैसे चाहूँगी, चोदना पड़ेगा तुझे. तू मेरा है, सिर्फ मेरा … समझा कमीने … चल अब और तेज तेज डाल कर चोद मुझे … फाड़ दे मेरी चूत गांड … सब जगह अपना लंड डाल दे साले … चोद तेज चोद.’
मैं भी लग गया और धकापेल मचा दी.
कुछ ही पल बाद उसकी आहें बढ़ गई थीं- आ आ उहह उफ हम्फ ऊफ … अअह अहहह मर गई आह कोई बचाओ इस कमीने से … मेरी चूत पर रहम कर साले जालिम आह मैं गई आह.
काफी लम्बी चुदाई के बाद हम दोनों ही झड़ गए और साथ ही लेट गए.
Xxx सेक्सी लड़की की चुदाई तक करीब 3 बज चुके थे तो हम दोनों ही थक कर सो गए.
अगली सुबह जब मेरी आंख खुली तो मैं नंगा ही बेड पर था, मेरे जिस्म पर एक चादर थी.
जब उठ कर देखा तो 9 बजे थे.
घर में हम दोनों के अलावा कोई नहीं था.
मैंने लोअर पहना और देखा कि याशिमा किचन में थी.
मैं सीधा ही किचन में चला गया और उसके पीछे जाकर मैं नीचे बैठ गया.
मैं याशिमा की नाईटी को ऊपर करते हुए उसके पीछे से एकदम से उसकी चूत चाटने लगा.
याशिमा चौंक गई.
पर फिर वह अपनी चूत चुसाई का मजा लेने लगी और टांगें चौड़ी करके चूत चटवाने लगी.
उसने मेरे लिए आसानी कर दी.
मैं मस्ती से उसकी चूत चाट चूस रहा था और वह अपनी आहों से मेरा हौसला बढ़ा रही थी- आहह उफ फफ राज … आह आ आ आह आह आह चूसो राज … चूसो खा जाओ इसे!
फिर वह मेरी तरफ मुँह करके अपनी चूत पर मेरी जीभ से चुदाई का मजा लेने लगी थी ‘हां उफ्फ ओह यस बेबी आह आह जान … और तेज करो … आह मैं आने वाली हूँ आह आह मैं गईइ.’
वह झड़ गई और किचन की पट्टी से गांड टिका कर शिथिल हो गई.
मैं उठा और उसे किस करने लगा.
उसे किस करते हुए मैंने उसे अपनी गोद में उठाया लिया.
मैं उसे किचन से बाहर ले आया और सोफे पर बैठा दिया.
उसने भी बैठते ही मेरा लोअर नीचे किया और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
मैं भी उसके मुँह को चोद रहा था.
दोस्तो, इस तरह से हमारी 15 दिन की धमाकेदार चुदाई चलती रही.
वह सब कैसे हुआ और मैंने अपने घर पर क्या कहा.
उस सबको जानने के लिए अगले भाग में मिलते हैं.
आपको मेरी Xxx सेक्सी लड़की की चुदाई कहानी कैसी लगी. मुझे जरूर बताएं.
मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा.
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