ट्यूशन पर बुआ-भतीजी की कुंवारी चूत फाड़ी
(Xxx School Girl Fuck Story)
Xxx स्कूल गर्ल फक स्टोरी में मैं एक लड़की को होम ट्यूशन दिया करता था। वह बहाने से मुझे अपनी चूचियां दिखाती थी, मुझे उत्तेजित करतने की कोशिश करती थी। एक दिन मैंने उसकी खुजली मिटा दी!
दोस्तो, यह मेरी पहली सेक्स कहानी है।
उम्मीद है कि पूरी कहानी पढ़ते-पढ़ते आप अपना लंड सहलाने लगेंगे और उससे निकलते पानी को आप रोक न पाएंगे!
मेरी Xxx स्कूल गर्ल फक स्टोरी शुरू होती है पटना की एक कॉलोनी से।
यहां पर जगह का नाम तो मैं नहीं ले सकता मगर हाँ, उस मौहल्ले में प्यासी चूत की कमी नहीं है।
उस मौहल्ले में रह रहे एक मध्यमवर्गीय परिवार के यहां मैं होम ट्यूटर था।
मैं उनकी बेटी बरखा को पढ़ाया करता था। उसकी उम्र करीब 18 साल थी।
उसका पढ़ने में कम, और अपनी भरी हुई आम जैसी चूचियों को दिखाने में ज्यादा मन लगता था।
उसकी एक आदत बहुत ही सेक्सी थी, वह हमेशा स्लीवलेस टॉप पहनती और चुपके से अपने काँख (बगल) में हाथ डाल कर फिर उसे सूंघा करती थी।
ऐसा करते हुए मैंने उसे एक बार पकड़ लिया।
उस दिन बहुत गर्मी थी; बिजली भी नहीं थी।
उसके घर में बस उसकी तलाकशुदा बुआ थी।
मैं और बरखा एक कमरे में पढ़ाई कर रहे थे।
मेरे मन में अभी तक कुछ भी ऐसा नहीं था।
मैं तो सीधा-सादा इंसान उसे गणित के सवाल देकर पोर्न वीडियो डाउनलोड करने में लगा था।
सेक्स वीडियो देख कर मेरा लंड अपनी मस्ती में आ चुका था।
तभी मैंने नजर ऊपर की तो देखा कि बरखा ने अपने दाएं हाथ से अपने काँख को छुआ, फिर उस हाथ को अपने नाक तक ले गयी।
पहले तो मुझे ये बड़ा अटपटा लग रहा था फिर मैंने जानबूझ कर ये दिखाया कि मैं अभी तक अपने मोबाइल में बिजी हूँ।
कुछ देर के बाद मैंने फिर उसे वही करते देखा।
मैंने इस बार उसे बस टोक दिया।
इस पर उसने कहा कि उसे अपनी काँख की गन्ध बहुत अच्छा लगती है।
उस वक़्त ही मेरी नजर उसकी चूचियों पर पड़ी और ध्यान उसकी काँख पर गया जो कि चिकनी थी।
उसने बाल शेव किये हुए थे इसलिए पसीना आया हुआ था।
मैंने अनजान बनते हुआ कहा- मुझे भी तुम्हारी काँख सूँघनी है।
इस पर वह शर्माने लगी।
लेकिन मैं खुद को रोक नहीं पाया और सीधे नाक उसकी काँख तक ले जाकर लंबी-लंबी सांस लेने लगा।
दोस्तो, उसकी काँख से जो खुशबू आ रही थी न … मैं क्या बताऊँ! मैं बेचैन सा होने लगा।
मैंने आव देखा न ताव, उसकी काँख में अपनी जीभ लगा दी।
मेरे होंठों और जीभ के स्पर्श से ही वह मदहोश होने लगी।
उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया।
अब मेरा एक हाथ उसकी चूचियों पर था और दूसरा हाथ उसकी गर्दन के पीछे।
धीरे-धीरे मैं अब नीचे की ओर बढ़ने लगा।
मेरे दिल की धड़कन हद से ज्यादा तेज चलने लगी थी और मेरे लन्ड में तनाव बढ़ता जा रहा था।
अब मैं बेकाबू हो चुका था और ये भूल चुका था कि मैं 38 साल का एक तगड़ा मर्द हूँ और वह मासूम सी 18 साल की जवानी की आग में कदम रखने वाली एक लड़की।
दोस्तो, मैंने अपने बारे में कुछ बताया नहीं लेकिन कहना चाहूंगा कि मैं चूत का दीवाना हूँ और मैंने कई लड़कियां चोद रखी हैं।
मेरी अच्छी बॉडी और स्टेमिना है।
जिस किसी लड़की को चोदता हूँ उसकी चीख निकल जाती है।
मैंने अब उसकी स्कर्ट को ऊपर कर दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी नन्ही सी चूत को चूमने लगा।
माशाल्ला! चड्डी के ऊपर से ही उसकी चूत से हल्की-हल्की पेशाब और पसीने की मिली-जुली गंध आ रही थी।
मैंने धीरे से उसकी पैंटी खोल कर उसकी चूत के ऊपर अपना नाक रख दिया।
उसकी खुशबू पागल करने वाली थी।
उधर बरखा का हाल भी बुरा था।
वह अजीब-अजीब तरह से हल्की आवाज में बोलने लगी- चाटो मेरी चूत को … सूँघो … आह्ह … जोर-जोर से सूँघो।
हम दोनों एक-दूसरे के साथ सेक्स की नदी में डूबने लगे थे।
मैंने एक एक करके उसके पूरे कपड़े उतार दिए और उस फूल को पूरा नंगा कर दिया।
मैंने उसे टेबल पर नंगी लेटाया और अपने कपड़े उतारने लगा।
मेरा लण्ड फूंकारे मार रहा था।
मैंने लण्ड पर थूक लगाया और चूत पर सेट किया और उसे किस करते हुए धक्का दे मारा।
उसकी सील टूट गयी, चूत से खून आने लग गया और उसने मेरे लण्ड को लाल कर दिया।
मैं उसे किस कर रहा था तो उसकी चीख वहीं दब गई लेकिन आँख से आँसू आ गए।
मुझे जीवन में कई कुंवारी चूत चोदने को मिलीं लेकिन ये सबसे कम उम्र की थी तो बहुत मज़ा आ रहा था।
मेरे कड़े लण्ड को चूत की गर्मी और उत्तेजना मिल रही थी।
धीरे-धीरे मैंने स्पीड बढ़ा दी और अब उसे मज़ा आने लगा।
मैं अब उसके चूचे चूसने लगा और वो सिसकारियां लेने लगी।
20 मिनट तक Xxx स्कूल गर्ल फक के बाद मैंने उसकी बच्चेदानी में अपना ढेर सारा वीर्य भर दिया और चूत में लंड दिए हुए ही उसे किस करने लगा।
जैसे ही मैंने लण्ड निकाला चूत से पक … की आवाज़ आयी और मेरा गाढ़ा वीर्य बहकर बाहर आने लगा।
मैं खड़ा हुआ तो देखा कि बरखा की बुआ हमारी चुदाई देख रही थी और अपनी चूत को सहला रही थी।
उसकी नज़र मेरी नज़र से मिली तो वो रुक गयी।
मैं समझ गया कि वो प्यासी है और अगर उसे मैंने नहीं चोदा तो बात बिगड़ सकती है।
मैंने बरखा की ओर देखा तो उसने भी बुआ को देखा।
वह बोली- ये मेरी बुआ ‘बहार’ है।
मैं मुस्करा दिया- वाह क्या बात है, बरखा-बहार!
फिर बरखा के पास से उठकर मैं मुस्कराता हुआ बहार बुआ के पास गया और उसे आंख मारी।
पास जाकर मैंने उसके होंठों पर होंठ चिपका दिए और लिप किस करने लगा।
वह पहले से गर्म थी।
एकदम से उसने मुझे गले लगा लिया।
मैं समझ गया कि इसने शायद बरखा की पूरी चुदाई देखी है और लोहा पूरा गर्म है।
मैंने उसके पाजामे का नाड़ा खोला तो पजामा नीचे गिर गया।
तभी मैंने कुर्ता ऊपर किया और उतार दिया।
मैं उसके 34 साइज के बूब्स देखकर खुश हो गया।
मैंने ब्रा के ऊपर से बूब्स को चूमा और दोनों हाथों से ब्रा उतार दी।
अब वो सिर्फ पैंटी में थी।
उसके कसे हुए बूब्स देखकर मेरा लण्ड फिर से पूरा टाइट हो गया।
मैंने उसे गोद में उठाया और उसी टेबल पर ले आया.
बरखा वहां लेटी हुई हमें देख रही थी।
मैंने उसे टेबल के किनारे पर बैठाया और फिर बरखा को गोद में उठाकर पास में रखे सोफे पर लिटा दिया।
मैं वापस बुआ के पास आया।
मैंने उसकी पैंटी उतारी जो चूत के पास वाले हिस्से पर पूरी गीली थी।
मैंने पैंटी दूर फ़ेंकी और पैर फैला दिए, उसे टेबल के किनारे तक खींचा और टांगें ऊपर मोड़ दीं।
उसकी चूत पूरी चिकनी और फूली हुई थी।
मैंने सोचा कि बुआ को लण्ड काफ़ी दिन से नहीं मिला है इसलिए चूत फूली हुई है।
लण्ड पहले से चिकना था क्योंकि उस पर पहले से वीर्य लगा हुआ था।
बुआ की चूत तो पहले से ही गर्म थी और पानी छोड़ रही थी।
मैंने चूत के मुँह पर अपना लण्ड रखा और ज़ोर का शॉट मारा।
मेरे शॉट से बुआ की चीख निकल गई।
मैंने देखा कि मेरे लण्ड पर खून लग गया है और बुआ की चूत से भी खून निकल आया है।
धक्का जोर से लगा था जिसके कारण बुआ की चूत की सील टूट गई थी।
मैं हैरान हो रहा था कि एक तलाकशुदा औरत की चूत कुंवारी और सीलपैक कैसे है!
तब मैं हैरानी से बुआ की ओर देखने लगा।
वह भी समझ गई कि मैं क्या सोच रहा हूं।
तब वह बोली- मेरे पति गे (समलैंगिक) थे इसलिए मेरा मेरे पति से तलाक हो गया था।
यह सुनकर मैं तो बहुत खुश हो गया।
मुझे एक के बाद एक कुंवारी चूत चोदने को मिल रही थी।
पिछले एक घंटे में मैं दूसरी बार सीलपैक चूत चोदने जा रहा था।
मुझे मेरे लंड की किस्मत और ताकत, दोनों पर नाज़ हो रहा था।
मैं सोचकर खुश हो रहा था कि मुझे एकसाथ दो कुंवारी चूत चोदने को मिल रही हैं और उनमें से एक तलाकशुदा रह चुकी है।
जबकि आज के जमाने में तो दुल्हन की चूत भी कुंवारी नहीं मिलती है।
खैर, मैंने बुआ की चुदाई शुरू की।
मैंने उसके बूब्स को जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया।
साथ में नीचे से लंड के धक्के लगाने लगा।
लंड बुआ की चूत में फिट होता चला गया।
कुछ ही धक्कों के बाद चूत में पूरा लंड समा चुका था।
अब बुआ की चूत अच्छे से लंड को ले रही थी।
उसकी चूचियां एकदम से तन गई थीं।
मैं बूब्स को पकड़े हुए उसकी चूत में धक्के देने लगा।
धीरे-धीरे मैंने स्पीड बढ़ा दी।
अब मैं रेल एक इंजन की तरह बुआ की चूत में लंड के धक्के देने पर लगा हुआ था।
बुआ को भी चुदने में पूरा मजा आ रहा था।
मैंने नीचे की तरफ देखा तो चूत पूरी तरह से खुल चुकी थी।
लंड को चूत में अंदर-बाहर जाते हुए देखकर चुदाई का मजा दोगुणा हो रहा था।
मैंने फिर से बुआ के होंठों को अपने होंठों में जकड़ा और पट-पट की आवाज करते हुए तेजी से चुदाई करने लगा।
वासना मेरे ऊपर हावी होती जा रही थी।
मन कर रहा था कि बुआ की चूत को फाड़कर रख दूं।
एक तो वह तलाकशुदा थी इसलिए सोच सोचकर उसको चोदने की और ज्यादा प्यास मेरे मन में उठती जा रही थी।
इसी प्यास को शांत करने के लिए मैं बेहरमी से बुआ की चुदाई करने में लगा था।
इतने में ही बुआ की चूत ने पानी छोड़ दिया, चूत से रस का झरना बह चला।
अब चुदाई करते हुए पूरे कमरे में पच-पच की आवाज गूंजने लगी।
मेरी तो मौज हो गई थी।
एक के बाद एक चूत चोदते हुए मैं तो जैसे जन्नत की सैर कर रहा था।
अब कुछ देर बाद ही मेरा वीर्य भी छूटने के करीब आ गया।
मैंने और ज्यादा स्पीड बढ़ाते हुए बुआ की चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिए।
अब बुआ की हालत खराब होने लगी।
उसकी चूत के चिथड़े उखड़ने लगे थे।
वह चुदाई रोकने की मिन्नतें कर रही थी लेकिन मुझसे रुक पाना अब संभव नहीं था।
मैं और तेजी से चूत में धक्के लगाने लगा और फिर एकदम से मेरा बदन ढीला पड़ने लगा।
मेरा माल बुआ की कुंवारी चूत में गिरने लगा।
मैं झटके देता हुआ उसकी चूत में खाली हो गया।
तब मैं भी बुरी तरह से हांफ रहा था और बुआ भी बुरी तरह से हांफ रही थी।
20 मिनट की रगड़ेदार चुदाई में बुआ की चूत एकदम से छलनी हो गई थी।
लेकिन बुआ के चेहरे पर एक अलग ही संतुष्टि मुझे दिखाई दे रही थी।
मेरे लंड ने बुआ की चूत को वीर्य से भर दिया था जो अब धीरे-धीरे रिसकर चूत से बाहर टपकने लगा था।
बुआ की चुदी हुई चूत से निकलते वीर्य का नजारा सच में बहुत ही कामुक लग रहा था।
बरखा भी बुआ की चूत का ये हाल देखकर मुस्करा रही थी।
बरखा पास आई और मेरे होंठों से होंठ मिला दिए।
मैंने पसीने से भरे होंठों से उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए।
बरखा का एक हाथ बुआ की चूत को सहलाने लगा।
सहलाते हुए उसके हाथ पर मेरा वीर्य लग गया जिसे बरखा ने बहार बुआ को मुंह में उंगली देकर चटवा दिया।
बुआ ने बरखा की उंगली अच्छे से मुंह में लेकर चूसी और पूरी साफ कर दी।
फिर बरखा मेरे सोए हुए लंड को सहलाते हुए मेरे होंठों को चूसती रही।
दो मिनट बाद बुआ भी हम दोनों के साथ शामिल हो गई और हम तीनों ने काफी देर तक सामूहिक किस किया।
बरखा और बुआ एक दूसरे की चूचियों से खेलती रहीं, साथ ही मेरे लंड को भी सहलाती रहीं।
मुझे भी दो कुंवारी चूतों के बीच में बहुत मजा आ रहा था।
तो दोस्तो, इस तरह से मुझे बुआ-भतीजी की कुंवारी चूत मारने का मौका मिला।
आपको यह स्टोरी कैसी लगी मुझे जरूर बताना; आप सब की प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।
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