क्सक्सक्स मूवी देख रही दो लड़कियों की चुत चुदाई
(XXX Movie Dekh Rahi Do Ladkiyon Ki Chut Chudai)
दोस्तो, मैं अंशु कुमार.. मैं इस समय दिल्ली में रहता हूँ. मेरी उम्र 24 साल है. आज मैं अपने जीवन की सच्ची घटना लिखने जा रहा हूँ और मुझे उम्मीद है कि आपको जरूर पसंद आएगी.
यह घटना उस समय की है.. जब मैं कॉलेज में पढ़ता था और गर्मी की छुट्टियों में घर आया था. मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती थी, जिसका नाम कविता था. उसकी उम्र 24 साल थी.. उसका फिगर 32-28-30 का था. उसकी चूचियां तो ऐसी उठी हुई दिखती थीं कि मन करता था पकड़ कर अभी ही दबा दूँ.
एक दिन मैं उसके घर पर बैठा था. वो भी मेरे बगल में आकर बैठ गई और बात करने लगी. मैं भी उससे बात करने लगा. उस दिन उसके पड़ोस में एक बर्थडे का प्रोग्राम था तो उसकी दीदी की बेटी भी आई थी.
उसका नाम ख़ुशी था, वो बला की खूबसूरत हसीन और एकदम मस्त फिगर की मालकिन थी. उसकी चूचियां 34 इंच की थीं और एकदम मस्त कसी हुई संतरे जैसी थीं.
ख़ुशी अपने साथ लैपटॉप ले आई थी, उसमें उसे कुछ मूवी डलवानी थी. उसकी मौसी ने मुझसे कहा- अंशु, इसके लैपटॉप में मूवी डाल देना.
मैंने कहा- शाम को जब मैं प्रोग्राम में आऊंगा तो अपने साथ पेन ड्राइव भी ले आऊंगा, तो डाल दूंगा.
शाम को वो दोनों अकेली अपने रूम में लेटी थीं और लैपटॉप पर कुछ देख रही थीं, तभी मैं अन्दर घुसा तो मेरी नजर लैपटॉप पर पड़ी. वो दोनों क्सक्सक्स मूवी देख रही थीं. मैं माजरा समझ गया और उन लोगों को मालूम नहीं होने दिया कि मैं आ गया हूँ.
थोड़ी देर बाद कविता की नजर मुझ पर पड़ी तो उसने लैपटॉप बन्द कर दिया और मेरी तरफ देखने लगी. मेरा लंड जो कि 6.5 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है.. अब तक खड़ा हो चुका था.
कविता ने कहा- ले आए पेन ड्राइव?
तो मैंने कहा- हाँ, कौन सी मूवी चाहिए?
वो दोनों मेरा खड़ा लंड देख कर पहले से ही तैयार थीं, ख़ुशी ने मुझे आँख मारते हुए कहा- मुझे तो वो वाला चाहिए जो तुमने छुपा रखा है.
मैंने समझते हुए अपने लंड पर हाथ फेरा और कहा- ओह्ह्ह ये वाला?
तभी कविता ने पास आकर मेरा लंड पकड़ लिया. मैं भी उसे किस करने लगा और उसकी चूचियों को दबाने लगा. ख़ुशी भी आकर मुझसे चिपकने लगी. मैं उसको भी किस करने लगा और उसकी भी चूचियां दबाने लगा.
अब मैंने उन दोनों को बेड पर लिटा कर उनकी सलवार और कुर्तियाँ निकाल दीं. अब वो दोनों ब्रा और पैंटी में थीं. मैं उन दोनों की चूचियों से खेल रहा था. तभी ख़ुशी उठी और मेरी शर्ट-पैंट और अंडरवियर को उतार दिया.
अब मैं उन दोनों के सामने नंगा खड़ा था. मैंने उन दोनों की पैंटी उतार दी और उनको लिटा कर बारी-बारी से दोनों की चूत चाटने लगा. कुछ देर चुत चाटने के बाद अब मैं बिस्तर पर लेट गया.. और वो दोनों मेरा लंड चूसने लगीं.
कुछ देर लंड चूसने के बाद कविता को मैंने घोड़ी बना दिया और खुशी की चूत पर कविता का मुँह लगा दिया. अब मैंने धीरे से कविता की चुत में अपना लंड पेला तो उसके मुँह से हल्की सी आवाज निकली, तो मैंने उसका मुँह ख़ुशी की चूत को दबा दिया और वो उसकी चुत चाटने लगी. मैं अपने लंड से उसकी चूत चोद रहा था.
करीब 15 मिनट चोदने के बाद वो झड़ गई. अब ख़ुशी की चुत का नंबर था. मैंने उसको लिटा कर उसकी चुत में अपना लंड पेल दिया. उसकी चुत एकदम टाइट थी. थोड़ा लंड घुसने के बाद उसके मुँह से जोर की चीख निकली.. तो मैंने अपने हाथ से उसके मुँह को दबा दिया और धीरे-धीरे उसकी चूत चोदने लगा. पूरे कमरे में ‘आह उह आह..’ की आवाजें गूँज रही थीं. मैंने उसको करीब 20 मिनट चोदा. वो उस चुदाई में 2 बार झड़ चुकी थी.
अब मैं भी झड़ने वाला था, मैंने कविता की तरफ देखा तो उसने मुझे झड़ने का इशारा कर दिया और मैं खुशी की चुत में ही झड़ गया.
फिर यह प्रोग्राम कई दिनों तक चला, जब भी हमें मौका मिलता हम चुत चुदाई का खेल खेल लेते.
दोस्तो, मेरी ये सच्ची घटना आप लोगों को कैसी लगी, मेल करके जरूर बताइएगा. मुझे आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
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