मेरे चाचा ने मेरी जवानी का पूरा मजा लिया- 6

(Xxx Mast Sex Ki Kahani)

आयुषी 4 2022-12-08 Comments

Xxx मस्त सेक्स की कहानी में पढ़ें कि मेरे चाचा मेरी चूत गांड चोदते थे. रात को चाची के साथ सोते हुए मैं चाची की चूत चाटकर मजा लेती थी. एक बार मैं प्रेगनेंट हो गयी.

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, मैं आयुषी अवस्थी एक बार फिर से आपके सामने अपनी चूत उठाकर खड़ी हूँ.
कहानी के पिछले भाग
मुझे चुदाई की आदत पड़ गयी
में अब तक आपने पढ़ा था कि चाचा मेरी चूत और गांड को मस्त चोद रहे थे और मुझे भी ऐसा लगने लगा था कि मैं हर वक्त चाचा का लंड अपनी चूत या गांड में लिए चुदवाती रहूँ.
उन दिनों चाची अपने मायके गई थीं तो चाचा और मैं एकदम बिंदास नंगे रहते थे और दारू पीकर चुदाई का मजा ले रहे थे.

अब आगे Xxx मस्त सेक्स की कहानी:

चाची के आने बाद उनके बच्चे कभी अपने रूम से ही नहीं निकलते थे.
रात को मैं चाचा को बोल देती थी कि वो अपना रूम बंद न करें.

रोज चाचा चाची को लाइव चुदाई देखने का मजा ही कुछ और था.
फिर चाची के सो जाने के बाद मैं उनके रूम में जाती और चाचा का लंड अपने मुँह में भर लेती.

चाचा मुझे चाची के पास में ही रोज चोदते थे.
अब हमने गेस्ट रूम में जाना बंद कर दिया था क्योंकि चाची के पास में चुदाई करने में एडवेंचर लगता था.

पर मुझे अपनी ‘आहह उह …’ पर कंट्रोल करना पड़ता था.
कई बार मैंने अपनी चूत चुदवाते हुए चाची के मम्मे भी पिए, चाची को लगता था कि चाचा चूस रहे हैं.

चाची की चूत इतनी चुदने के बाद भी एकदम नई लगती थी, बहुत मेंटेन करके रखती थीं. कभी कोई बाल नहीं और एकदम मुलायम चूत देख कर मुझे अपनी चाची की चूत से मुहब्बत सी हो गई थी.

मैंने चाचा से कहा- मुझे चाची की चूत चाटनी है.
पहले तो चाचा ने मना किया, पर बाद में वो मान गए.

फिर एक दिन मैंने और चाचा ने प्लान बनाया कि चाची को नींद की दवा देकर चाची के मजे लिए जाएं.
क्योंकि मुझे चाची की चूत पीना थी.
ये बात चाचा समझ रहे थे.

अब चाची को कोल्ड ड्रिंक में मिलाकर चाचा ने 3 गोलियां खिला दीं.
मैंने पूछा- कुछ होगा तो नहीं इतनी सारी गोली से?

चाचा बोले- कुछ नहीं होगा, हां पर 3 गोलियों से अब ये जागेगी नहीं.
चाची 11 बजे सोने चली गईं.

चाचा मेरे रूम में एक बजे आए.

वो पूरे नंगे थे.
मैं भी नंगी लेटी उनका इंतजार कर रही थी.

वो बोले- चलो.
मैं झट से उठी और उनके साथ उनके रूम में चली गई.

चाची रोज की तरह ही नंगी सो रही थीं, शायद चाचा चाची के सोने पहले एक राउंड लगा चुके होंगे.

मैंने पूछा- एक राउंड लग चुका है क्या?
चाचा बोले- बिना चूत में लिए इसे नींद कहां आती है.

मैं मुस्कुरा दी.
वो बोले- पी लो आज अपनी चाची की चूत, जितनी पीनी है और हो सकता है अन्दर तुम्हें तुम्हारी फेवरेट मलाई भी मिल जाए.

मैं चाची के चेहरे के पास गई, उन्हें थोड़ा हिलाया, पर उन्होंने बिल्कुल रिस्पॉन्स नहीं दिया.
मेरी चाची बला की खूबसूरत हैं. मेरा लड़की होकर उन्हें देखकर मन मचल जाता है … और चुदने में तो वो एक्सपर्ट रांड जैसी हैं.

चाचा उन्हें हर तरह से चोदते हैं, जैसे कि अब वो मुझे हर तरह से चोदते हैं.
मैंने चाची के हाथ पर किस किया और जीभ उनके होंठों पर चलाई.

फिर मैंने चाची के दोनों दूध पकड़ कर धीरे धीरे दबाने शुरू किए और उनके मम्मे पीने लगी.
चाचा पीछे से मेरी चूत चाटने में लगे हुए थे. फिर थोड़ी बाद मैं बेड पर गई और चाची की दोनों टांगें खोल कर उनकी चूत पर अपना मुँह रख दिया.

आह क्या मादक खुशबू थी. उनकी चूत बहुत अच्छी महक रही थी.

मैं चाची की चूत पूरी फैलाकर चाट रही थी, पीछे से चाचा ने मेरी गांड में लंड डाल दिया था और वो मुझे चोदने में लगे थे.
फिर कुछ देर चूत चाटने के बाद में उनकी चूत में उंगलियां करने लगी.

मेरी उंगलियां पतली होने की वजह से उनकी चूत मेरी 3 उंगलियां आराम से अन्दर बाहर जा रही थीं.
उनकी चूत गीली होने लगी.

मैं फिर मुँह लगा कर उनकी चूत चाटने लगी.

चाचा मेरी गांड के पूरे मजे ले रहे थे, जैसा कि वो हमेशा करते हैं.
फिर थोड़ी देर में ही मेरा मन उनकी चूत चाट कर भर गया.

मैंने कहा- बस चाचा इतना ही करना था.
वो बोले- पहले तो बड़ी मचल रही थी, अब इतनी जल्दी हो गया.

मैंने कहा- चाची बहुत सुंदर हैं, तो मुझे लगा उनके साथ ये सब करने में बहुत मजा आएगा, पर ज्यादा नहीं आ रहा.
फिर चाचा ने मुझे उठाकर अपनी गोद में बिठाया और चोदने लगे.

मेरे मम्मे अब काफी बड़े हो चुके थे तो चाचा उनसे भी खूब खेलते थे और पीते थे.
उस रात उन्होंने मुझे घर के हर कोने में ले जाकर चोदा. उन्हें ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था.

Xxx मस्त सेक्स करते हुए टाइम ऐसे ही बीत रहा था.
फिर गर्मियां खत्म होकर सर्दियां आ गईं. हमारा टॉवल और स्कर्ट वाला फॉर्मूला नहीं चलना था.

अब हम नए नए तरीके ढूंढने लगे.
सर्दियों की वजह से जब भी कोई बैठता था, तो अपने ऊपर कम्बल डाल लेता था.
हम दोनों ने कम्बल का फायदा उठाना शुरू कर दिया.

टीवी देखते हुए मैं चाचा के पास बैठ जाती थी और उनके पास बैठने से पहले मैं पैंटी निकाल कर सिर्फ लोअर पहन लेती थी.
जैसे ही मैं कम्बल में बैठती थी तो अपना लोअर नीचे खिसका देती थी.

कम्बल में होने की वजह से बाहर से किसी को पता नहीं चलता था कि अन्दर मैं नंगी बैठी हूँ.
चाचा मेरी चूत से आराम से अपने हाथ गर्म करते थे, पर चुदाई के मौके बहुत कम मिल पाते थे.

या तो रात को मैं चुपके चाचा की रजाई में घुस जाती थी … या चाची के पार्लर जाने के बाद चाचा के साथ बाथरूम में घुस कर चूत रगड़वा लेती थी.

रजाई में चुदने में चाचा अपनी सारी मलाई मेरी चूत में ही डाल देते थे.
मैंने भी ध्यान नहीं दिया और चाचा ने भी नहीं, मेरे 4 पीरियड मिस हो गए.

मैंने चाचा को बताया, वो टेस्ट स्ट्रिप लेकर आए. मैंने चैक किया तो मैं प्रेगनेंट हो गई थी.
फिर चाचा किसी लेडी डॉक्टर से कॉन्टैक्ट करके कुछ दवाइयां लेकर आए.

उस लेडी डॉक्टर ने कहा- आप लड़की को ले आइए, फिर मैं दवा बताती हूँ कि काफी होंगी या नहीं.
उन्होंने कुछ टेस्ट करवाए और बताया कि बच्चा तो गिर जाएगा मगर इस स्टेज तक बच्चा आ चुका है कि कुछ हार्मोनल चेंज आएंगे, तो तैयार रहिएगा.

मैंने कहा- ठीक है.
फिर हम दोनों घर आ गए और डॉक्टर की बात सुनकर रिलीफ भी मिल गया.

मैं अगले दिन से फिर रात में चाचा के लंड के नीचे.
एक हफ्ते बाद जब चाचा मुझे जोरों से चोदने में लगे थे, मेरे मम्मे मसल रहे थे और दबा रहे थे, तो उससे दूध आने लगा.

मैंने पूछा कि चाचा डॉक्टर ने तो कहा था बच्चा गिर जाएगा, फिर दूध क्यों आ रहा है?
वो बोले- डॉक्टर ने बोला था हार्मोनल चेंज आएंगे, शायद उस वजह से हो रहा होगा. कल हम डॉक्टर से पूछ लेंगे.

ये कहकर उन्होंने मम्मे में मुँह लगा दिया और जोर जोर से चूसने लगे.
चाचा मेरे एक मम्मे से दूध पीने में लगे थे और दूसरे को दबा दबा कर उसे निचोड़ रहे थे.

उसका दूध उनके सीने पे पिचकारी मार रहा था.

अब चाचा को जैसे ही मौका मिलता वो मेरी चूची निकाल कर चूस लेते.
उन्हें मेरा दूध पीने में बहुत मजा आने लगा था.

अब वो मुझे चोदते हुए आधे टाइम तो दूध ही पीते रहते थे और मुझसे कहते- तुम्हारा दूध बहुत मीठा है.
तो मैं उनसे कहती- तो आप सारा दूध पी लीजिए.

ऐसे ही मेरी चूत और गांड की चुदाई चलती रही.

एक दिन मेरी मम्मी मुझसे मिलने आईं.
अक्सर वही आती थीं, पापा नहीं आते थे.

वो वही सब सवाल पूछती थीं- तुमको अच्छा तो लगता है … यहां कोई दिक्कत तो नहीं, पढ़ाई बढ़ाई सही हो रही है या नहीं. मतलब वही सब फिजूल की बातें.
मैं भी उन्हें बता देती कि सब अच्छा है, आप टेंशन मत लो.

जिस दिन मम्मी उस दिन चाची अपने पार्लर नहीं गई और चाचा तो वैसे भी अपनी मर्जी से जाते थे, वर्ना नहीं जाते थे.
मैं भी स्कूल नहीं गई बाकी बच्चे स्कूल चले गए थे.

घर पर हम चार ही लोग थे.
मम्मी चाची ड्राइंग रूम में बैठ कर बात करने लगीं.

मैं दोनों के लिए चाय बनाने किचन में आ गई.
चाचा किचन में पहले से ही थे क्योंकि उन्हें पता था कि मैं अभी आऊंगी.

उनका हाथ मेरी सलवार में गया और उनकी उंगलियां मेरी गांड के छेद में!

जब गांड में उंगलियां डाल कर ऊपर की तरफ करते हैं और मेरी गांड की गुफा पूरी खुल जाती है, तो कसम से बड़ा मजा आता है.
वो उंगलियों से मेरी गांड चोद रहे थे, मैंने जल्दी से चाय चढ़ा दी और उनका लोअर नीचे करके उनका लंड मुँह में भर लिया.

बाहर से चाची की आवाज आई- बेटू चाय बन गई क्या?
मैंने लंड मुँह से निकाल कर कहा- बस चाची अभी चढ़ाई है, आप बातें करो. मैं 5 मिनट में लेकर आई.

मैंने जल्दी से चाचा के लंड को डीप थ्रोट ब्लोजॉब दिया ताकि वो पूरा गीला हो जाए और सलवार खोल कर जल्दी से अपनी गांड में लंड डलवा लिया जाए.
चाचा ने लंड गीला होते ही मेरी गांड में ठांस दिया और मौके की नजाकत को देख कर शुरू से ही फुल स्पीड में लग गए.

मैंने अपना कुर्ता ऊपर कर दिया ताकि चाचा जब चूचे दबाएं तो दूध मेरी ब्रा में न लगे.
उन्हें इतनी जल्दी में भी मजे सूझ रहे थे. मेरे मम्मे दबा कर कप में मेरा दूध निकालने लगे.

मैं अपनी गांड आगे पीछे करके उनके लंड के मजे ले रही थी.
जब आधा कप दूध निकल आया तो उन्होंने वो चाय में डाल दिया और मुझसे कान में बोले- तुम्हारी मम्मी और चाची भी आज तुम्हारे दूध का स्वाद चख लेंगी. हम तो तुम्हारी चूत और दूध का स्वाद रोज ही चखते हैं.

मैंने चाचा से कहा- अच्छा आप जल्दी से मलाई निकालिए, मुझे चाय देने जाना है.

वो बोले- जाओ चाय दे आओ, मैं यही इंतजार कर रहा हूँ. कोई पूछे तो कह देना टॉयलेट जा रहे हैं.
मैं जल्दी से चाय देकर आई लंड वापस अपनी गांड में घुसा लिया और चाचा ने उंगलियां मेरी चूत में डाल दीं. वो जोर जोर से मुझे चोदने लगे.

मुझे उनका चूत में झड़ना बहुत अच्छा लगता है, वो गर्म फीलिंग मजा देती है. इसलिए मैंने गांड से निकाल कर चाचा का लंड अपनी चूत में डाल लिया.
अब वो किचन टॉप पर बिठा कर मुझे चोद रहे थे.

पीछे मम्मी चाची बैठी चाय पी रही थीं.
मैं उनके कान में धीरे धीरे कह रही थी- चाचा जी, जोर से और जोर से चोदो.

वो मेरी चूत में ही झड़ गए.
इससे आगे की Xxx मस्त सेक्स घटनाएँ किसी और दिन!
तब तक के बाय.

आप मुझे मेल जरूर करें कि आपको Xxx मस्त सेक्स की कहानी कैसी लगी?
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top