पड़ोसन और उसकी कमसिन कुंवारी लड़की को चोदा- 2

(Xxx Girl Fuck Story)

Xxx गर्ल फक स्टोरी में मेरी पड़ोसन मेरे कमरे में आकर मुझसे चुदती थी. उसकी जवान बेटी को पता लग गया. मौका मिलते ही उसकी Xxx बेटी ने मेरा लंड पकड़ लिया.

दोस्तो, मैं राज पाल आपको अपनी पड़ोसन अंजली भाभी की प्यासी जवानी की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
पड़ोसन भाभी मेरे कमरे में आकर चुदी
में अब तक आपने पढ़ा था कि अंजली भाभी के पति का एक्सीडेंट हो गया था और वह अपने पति की तीमारदारी में थी.

अब आगे Xxx गर्ल फक स्टोरी:

इस घटना के चार दिन बाद रात के 11 बज रहे थे.
मैं खाना खाकर सोने जा रहा था.

मुझे अच्छे से याद है कि वह शनिवार की बात थी.
उसी वक्त राम शंकर की बीवी का कॉल आया कि हमारे घर की लाइट बंद हो गई है. बुढ़िया और दिव्या घर पर अंधेरे में हैं. आप जाकर चेक कर दो, हम सब माया के घर पर हैं.

मैंने बनियान और लुंगी पहनी, उसके अन्दर मैंने कच्छा भी नहीं पहना था.

मैं उनके घर पर गया और आंटी को मैंने आवाज़ दी तो अन्दर से दिव्या बाहर आई.

वह बोली- अंकल, बिजली का तार जल गया है. आप देख दो प्लीज़!
वह सीढ़ी ले आई.

मैं ऊपर चढ़ कर तार ठीक करने लगा.
वहां अंधेरा था तो वह मोबाइल की लाइट से मुझे रोशनी दिखा रही थी.

मैं जैसे ही जले तार को ठीक कर लगा रहा था, दिव्या ने मेरी लुंगी में हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ लिया.

मैं तड़फ कर रह गया- आह बेटा क्या कर रही है? मैं तेरे बाप के बराबर का हूँ. मैं 40 साल का और तू कहां 19 साल की, ऐसा मत कर बाबू. तेरे मम्मी पापा को पता चलेगा तो वे क्या कहेंगे!

वह बोली- ओ भोसड़ी वाले चचा, साले बहन के लौड़े जब तू मेरी माँ की चुत मार रहा था और जब वह तेरा लंड चूस रही थी, तब तुझे मेरे बाप का ख्याल नहीं आया! तब तुझे कुछ भी याद नहीं आया. मादरचोद, तूने एक एक रात में 4 – 4 बार मेरी माँ की चुत मारी, वह सब भूल गया क्या! मैंने अपनी माँ को तेरे इसी लौड़े से चुदाते हुए सब देखा है. आज पहले मेरी तू चुत चाट, इसके बाद लाइट बना. राज हरामी चचा … तेरे चक्कर में ही तो मैंने लाइट बंद की है.

मैंने कहा- बेटी, ऐसा मत कर!
वह बोली- मादरचोद कर रहा है या चिल्लाऊं अभी?

मैंने कहा- रुक जा मेरी माँ, ज़रा मुझे नीचे उतरने दे.
मैं जैसे ही नीचे उतरा, उसने फट से मेरा लंड पकड़ लिया.

अब मैंने भी सोचा कि जिसको चुत चुदानी है, वह ही उतावली हो ही रही है, तो मेरा क्या … चोदो साली को!

इतने में अन्दर से बुढ़िया की आवाज़ आई- राज बेटा, ठीक हो रहा है या नहीं?
मैं बोला- हां हाँ मां जी, हो रहा है … मैं कर रहा हूँ. एक वायर शॉर्ट है.

इतने में मैंने दिव्या की चड्डी में अपने दोनों हाथ डाल दिए और उसके चूतड़ मसलने लगा.
उसके चूतड़ एकदम मलाई जैसे चिकने थे.

अब मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और वह भी मेरे होंठ चूसने लगी.

मैं उसके चूचे मसल रहा था और वह मुझ पर झुकी जा रही थी.
मैं भी उसके रसीले होंठों को पूरी तन्मयता से चूस रहा था.

गज़ब का लग रहा था … उसके मुलायम पतले होंठ चूसने में सच में बहुत मज़ा आ रहा था.

जब मैंने उसके चूतड़ मसले, वह एकदम मेरे लंड से सट गई.
मैंने भी उसको अपनी बांहों में कसके भींच लिया.

अब मैंने उससे कहा- मेरी जान, अब लाइट ठीक करने दे, नहीं तो बुढ़िया बाहर आ जाएगी.

उसने कहा- हाँ आप चढ़ जाओ सीढ़ी पर और लाइट सही करो, मुझे एक बार आपका लंड चूसना है.
मैंने भी अपना पूरा सुपारा उसके मुँह में दे दिया और अन्दर बाहर करने लगा.

वह भी लंड को पूरा चूसने में मगन थी.
मैं अपना पूरा लंड उसके गले तक उतार दिया.

कुछ ही झटकों के साथ मैंने अपना पूरा वीर्य उसके सारे चेहरे पर डाल दिया.
वह मलाई की तरह पूरा माल चाट गई.

मैं अब लाइट ठीक करने लगा.
तार ठीक करके मैंने उसकी चुत में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ खींचा और एक मस्त किस किया.
किस के साथ ही मैंने उसके होंठों को अपने दांत से हल्का सा चबा दिया.

फिर वह बोली- आज रात को जब मेरी दादी सो जाएगी, तब मैं आपके कमरे में आऊंगी.

उस वक्त रात के एक बजे का समय हो रहा था.
वह दबे पाँव मेरे कमरे में आई.

आज की रात मेरे लिए स्पेशल रात थी, न्यू ब्रांड चुत जो मिली थी चोदने को.

मैं तैयार बैठा था. उसके अन्दर आते ही मैंने उसको अपनी गोद में भर लिया और होंठों को कसके चूसने लगा.

मैंने उसकी पतली कमर को दोनों हाथ से कसके पकड़ रखा था और उसके होंठों को चूसने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए.

अब वह कोमल हसीना मेरे सामने नंगी थी. मैं उसके समोसे जैसे मम्मे चूसने लगा.
साथ ही मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ उठा लिए.

उसकी चुत लंड के सामने आ गई थी.
वह मेरे गले में हाथ डाल कर मेरे होंठों को चूस रही थी.

मैंने लंड को उसकी चुत पर रखा और एक ही झटके में उसकी चुत में घुसा दिया.
वह एकदम से चीखने को हुई.
मगर मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया और उसकी आवाज को बंद कर दिया.

उसकी चुत में पहली बार किसी का लौड़ा घुसा था तो वह रोने लगी.
उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और रोने लगी.
मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो उस पर लाल लाल खू/न लगा हुआ था.

उसने भी अपनी चुत पर हाथ लगाया तो हाथ लाल रंग से सन गया.

अब मैंने आराम आराम से उसकी बुर को चाटा.
साथ ही मैंने एक उंगली उसकी गांड में डाली हुई थी.
दूसरा हाथ चूचों पर था.

मैं उसकी चुत भी चाटता जा रहा था.
उसको एक साथ यह सब करवाने में बेहद मज़ा आ रहा था.

जब मैं उसकी चुत को चाट रहा था तो उसकी पतली कमर और उसके चूतड़ों पर भी मैं अपने हाथ को फेरता जा रहा था.

सच में उसकी गांड इतनी मस्त थी कि मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था.

फिर मैंने उसके सुंदर से समोसे जैसे नुकीले बूब्स को चूसना शुरू किया तो वह मस्ती में पागल हो गई.

वह बोली- आह चूस लो मेरी चूचियों को! आह मेरी माँ का भोसड़ा किया ना तूने मादरचोद … अब मुझे भी चोद कर रांड बना दे साले ठरकी! साले मैंने तुझे जब से अपनी माँ को चोदते हुए देखा है तब से ही तेरे लौड़े की फैन हो गई हूँ!

मैंने उसके बूब्स को चूस कर खींचा और चोद दिया फिर उससे पूछा- तो तू ही आती थी साली रंडी!
वह हंसी और बोली- हां मैंने पूरे हफ्ते तक रोज देखा. जब मेरी माँ तेरे लंड से चुदाने आती थी तो मैं रोजाना उसका पीछा करती थी. साले ठरकी लौड़े … मैंने सब देखा है!

मैं बोला- आज जाना कि वह तू ही थी, जो खिड़की से चुदाई देख रही थी और जब मैंने तुझे देखा तो तू फटाफट भागी थी!
वह बोली- हां मैं ही थी.
मैं थोड़ी सी राहत महसूस की.

फिर मैंने उसके गुलाबी चूतड़ों पर हाथ फेर कर एक चूतड़ को मसला तो वह सिहर उठी.
अब मैंने उसको अपने ऊपर लिया और उसकी गुलाब गांड पर तेल लगाया.

फिर अपने दोनों हाथ से गांड के दोनों फलकों को अलग अलग किया और मस्त किसमिश जैसे ब्राउन कलर के फूल जैसे छेद में अपना लंड पेल दिया.

उसे अहसास ही नहीं था कि मैं गांड में लंड पेल दूंगा.
उसकी गांड में लंड जाते ही वह बहुत उत्तेजित हो गई और चीख पड़ी- ऊई मां मर गई … आह साले ने लंड पेल दिया आईई!

कुछ देर तक गांड मरवाने के बाद मैंने महसूस किया कि इसने अपनी गांड में पक्के में कुछ न कुछ डाल कर मस्ती की है, तभी इसको गांड में चुत जितना दर्द नहीं हुआ है.

जल्दी ही वह मचलने लगी ‘ऊह आई पेल दे कमीने और अन्दर तक पेल साले अपने लंड को अन्दर तक ठांस दे आह तेरे चक्कर में मैं कब से थी!’

मैंने उसके दूध मींजते हुए पूछा- तो कभी इशारा क्यों नहीं दिया?
‘मैं सच कह रही हूँ कि रात रात भर सोई नहीं मैं, तेरा लंड मेरे सपनों में मेरी बजाता था!’

मैंने कहा- चल अब हकीकत में बजवा ले मेरी रसीली रंडी!
यह कह कर मैंने अपने झटके और तेज कर दिए.

थोड़ी देर बाद मैंने उसकी दोनों टांगों अपने कंधों पर रखा और गांड में अन्दर तक लंड पेलने लगा.

उसके चूतड़ों को मैंने अपनी हथेली पर रख लिया और उसे ऊपर नीचे करने लगा था.

वह बहुत मज़े में लंड अन्दर ले रही थी और पूरी मदमस्त हो रही थी.
साथ ही वह छोटे बच्चों के जैसे मेरे होंठों को चूसती जा रही थी.

काफ़ी देर तक ये चलता रहा.
फिर मैंने उसको अपने ऊपर चढ़ कर लंड लेने को कहा.

वह पोज में होने लगी तो मैंने उसकी चुत को अपने मुँह में ले लिया और वह मेरा लंड चूस रही थी.

मैं मस्ती से उसकी गुलाबी चुत को अपनी जीभ से अन्दर बाहर करते करते चोदने लगा तो उसका छेद से पानी निकलने लगा और वह मेरे मुँह में ही रस छोड़ने लगी.

‘आह और चाट मेरी चुत को साले आईइ ले मादरचोद पानी चाट आह जल्दी जल्दी और अन्दर तक डाल जीभ को आह गोल गोल घुमा मेरी चुत में!’
वह झड़ती हुई बड़बड़ा रही थी.

मेरा लंड भी पूरे मज़े में था.
मैंने झट से उसकी कमर पकड़ कर बेड पर पटक दिया और अपना फनफनाता 7 इंच लम्बा लंड उसकी दोनों टांगों के बीच की दो इंच वाली बंद चुत में घुसा दिया.

उसने अपनी टांगों को चौड़ी कर दिया और लंड के मजे लेने लगी.

मैंने उसकी गांड को अपने दोनों हाथों से टाइट पकड़ रखा था. फिर एक उंगली को फ्री करके उसकी गांड में डाल दिया.
वह हुचक कर लौड़े से चिपक गई.

वह जैसे ही चिपकी, मैंने ज़ोर जोर के झटके मारने शुरू कर दिए.
मेरा लंड उसकी चुत को पूरी फाड़े जा रहा था.

लगभग 30-32 लंबे लंबे झटके मार कर मैं भी झड़ गया.
उस रात मैंने उस Xxx गर्ल फक 4 बार किया और हम दोनों थक कर सो गए.

घड़ी में सुबह के 4 बजे तो मैंने उसको जगाया और अपने घर जाने को कहा.
वह कुनमुनाती हुई बोली- मेरे को अभी नहीं जाना है, मुझे आपके लंड से अभी और चुदवाना है.

उसकी चुत में दर्द हो रहा था, फिर भी वह घर जाने को तैयार नहीं थी.

उसकी दादी उठ चुकी थीं, तो वे आवाज लगा रही थीं.
वह उनकी आवाज सुनकर चुपके से अपने घर में जाकर हॉल में ही लेट गई.

दादी ने उसको जगा कर पूछा- कहां गई थी?
वह बोली- दादी, पीरियड का दर्द हो रहा था, थोड़ी सिकाई कर रही थी.

दूसरे दिन संडे था.
वह चुपके से मेरे लिए दोपहर का भोजन लेकर आ गई.
मेरे सामने थाली रख कर बोली- इसको खाओगे या मुझे!

मैंने कहा- अभी तो लंच करूँगा. रात को तुझे ही खाऊंगा मेरी जान.
वह हंस दी.

मैंने उसको ऊपर उठाया और अपनी जीभ को उसके मुँह में डाल कर चूसने लगा.
उसके फूल से कोमल चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा.
उसने मुझे कसके पकड़ रखा था.

फिर मैंने उसे उतार कर हटाया तो बोली- रात को आती हूँ चाचा, तब चुदम चुदाई करते हैं.
मैं भी बोला- ठीक है.

रात काफी हो चुकी थी. दिव्या आई नहीं थी.
मैं उसकी याद में तड़प रहा था.
पर आज वह आई ही नहीं.

मैं उसको याद करके अपने लंड की मुठ मार रहा था.

वह अचानक से आई और मेरे लंड को चूसने लगी.
मैंने जोर जोर से उसके मुँह में अपना लंड मारना शुरू कर दिया.

बस 4-6 झटके के बाद ही मेरे लौड़े से रस टपकना शुरू हो गया.
मैंने सारा माल उसके चेहरे पर मल दिया.

वह माल को उंगली से लेकर चाटती हुई बोली- बुढ़िया की तबियत ठीक नहीं है. इसलिए माँ और भाई शाम को आए थे. उस वजह से जल्दी आने का टाइम नहीं मिला. अभी भी वापस जा रही हूँ … ओके बाय.

वह यह सब कह कर चलने लगी.
मैंने उसको पकड़ा और गले से लगा कर किस किया.
मगर वह नहीं रुकी और चली गई.

दोस्तो, इसके बाद क्या हुआ वह मैं आपको चुदाई की कहानी के अगले भाग में विस्तार से लिखूँगा.
Xxx गर्ल फक स्टोरी पर आप अपने विचार मुझे बताएं.
धन्यवाद.
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Xxx गर्ल फक स्टोरी का अगला भाग:

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