दिल्ली की लौंडिया खुल कर चुदी
(Xxx Delhi Sex Kahani)
Xxx डेल्ही सेक्स कहानी में एक दिन मैं फालतू घूम रहा था तो एक लड़की की मदद की स्कूटी स्टार्ट करने में. उसकी मम्मी भी साथ थी. उन दोनों से दोस्ती हो गयी.
दोस्तो, मेरा नाम सचिन यादव है और मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ.
मैं दिल्ली के एक कॉलेज से अपनी पढ़ाई कर रहा हूँ और साथ ही एक कोचिंग में भी पढ़ रहा हूं.
यह Xxx डेल्ही सेक्स कहानी अभी कुछ दिनों पहले ही घटी है.
सर्दियों की बात है; हम कुछ दोस्त ऐसे ही रात को टाइम पास करने के लिए घूमने निकल गए.
दिल्ली में जो मित्र रहते हैं, उनको पता होगा कि दिल्ली में एक ऐसा एरिया है जहां बहुत सारे कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं और वहां आपको एक से एक लड़के और लड़कियां मिल जाएंगे.
हम लोग यूं ही ठलुआई करते हुए घूम रहे थे.
तभी मेरे फोन पर एक कॉल आया और मैं बात करने लगा.
मैं बात करने में जरा स्लो हो गया और मेरे सभी दोस्त आगे निकल गए.
उसी वक्त अनायास ही मैंने अपने पीछे मुड़कर देखा तो एक लड़की अपनी स्कूटी को स्टार्ट कर रही थी.
पर उससे उसकी स्कूटी स्टार्ट नहीं हुई.
मैं फोन पर बात करता हुआ उस लड़की के पास गया और फोन काटते हुए उससे बोला- लाइए मैं मदद कर देता हूँ.
तभी उसकी मम्मी ने बोला- हां भैया, पता नहीं स्कूटी में क्या हो गया, जरा देखना तो!
मैंने दोनों को देखा और उसी वक्त लंड हिलाने का मन होने लगा.
बहनचोद दोनों मां बेटी एक से बढ़कर एक आइटम थीं.
मेरी समझ में ही नहीं आया कि किसको ज्यादा खूबसूरत बोलूं.
मैंने स्कूटी की किक मारी.
मगर वह स्टार्ट नहीं हो रही थी.
काफी देर की मेहनत के बाद आखिरकार स्कूटी स्टार्ट हो गई.
इतनी देर से वह लड़की मुझे ही देख रही थी.
वह ब्लैक लेगिंग्स पहनी हुई थी और उसने ऊपर पेट दिखाने वाला कमर तक आने वाला एक छोटा सा टॉप डाला हुआ था.
मैं उसकी टांगों के बीच में देखने लगा था.
उफ्फ … साली की पूरी चूत का आकार साफ दिख रहा था.
उसकी मम्मी जींस पहनी थी, उसकी चुस्त जींस में उसकी हाहाकरी गांड मेरे लौड़े को फाड़ने पर तुली थी.
मेरा मन कर रहा था बस इन दोनों में से कोई भी मिल जाए तो उसे चोद चोद कर लाल कर दूँ.
जैसे ही स्कूटी स्टार्ट हुई, वह लड़की उस पर बैठ गई.
तभी उसकी मम्मी ने मुझसे बोला- थैंक्यू बेटा … कहां से हो तुम?
मैंने पहले तो सोचा कि आंटी बड़ी चालू आइटम है, पहले भैया कह रही थी और अब बेटा कह रही है.
तब मैंने उन्हें अपने बारे में बताया.
साथ ही अपने मन ही मन सोचा कि साली पूछ रही है तो कुछ बात कर ही लेता हूँ, अभी गांड मटका कर चली जाएगी तो क्या ही मिलेगा … जल्दी से कुछ कोशिश करता हूं.
साथ ही मैंने यह भी सोचा कि मां को गिरा लूँ, तो बेटी तो अपने आप गिर जाएगी.
एक ना एक तो चूत देगी ही.
मैंने जल्दी से बोला- आंटी, मैं अभी नया आया हूँ, आपकी नजर में कोई फ्लैट हो, तो आप प्लीज मुझे बता दीजिए!
यह सुनकर उन्होंने कहा- बेटा, मेरी तो नजर में कोई नहीं है.
तभी उस लड़की ने मेरी तरफ देखा और अपनी मम्मी से बोली- मधु आंटी का एक कमरा खाली है, जो उनके बराबर में है.
इस पर उसकी मम्मी ने कहा- हां, मैं तो भूल ही गई थी.
उन्होंने मेरा नंबर मांगा और बोलीं- मैं कल तुम्हें कॉल करूंगी.
मैं मन ही मन सोच रहा था कि चलो कुछ तो बात बनी.
वह लड़की मुझे घूर कर देखे जा रही थी.
मैं समझ गया कि ये लंड की बहुत भूखी लग रही है, साली मुझे तो यह पूरा का पूरा खा जाएगी.
इसके बाद वे दोनों चली गईं.
मैं भी अपने दोस्तों को देखने लगा.
पर वे लोग वापस अपने कमरों पर आ गए थे.
तो मैं भी वापस आ गया.
दोस्तो, मैं दिखने में स्मार्ट हूँ तो लड़कियां जल्दी सैट हो जाती है.
बाकी प्यार व्यार ना अपने से होता है और न मैं झूठ बोल कर किसी से सैटिंग करता हूँ.
अपना तो सीधा सा नियम है कि मौज लो और रोज लो!
अगले दिन ही उन मैडम की कॉल आई- हैलो बेटा, मैं ऋतु बोल रही हूँ.
मैं समझ गया कि आंटी का नाम ऋतु है.
मैंने कहा- नमस्ते आंटी.
ऋतु- मैंने वह आपकी बात कर ली है, तुम चाहो तो आकर देख सकते हो … और तुम कितने लोग रहोगे?
मैं- आंटी, मैं और मेरा एक दोस्त ही रहेंगे बस!
ऋतु- ठीक है, एक बार आकर देख लो.
मैं- ओके आंटी!
मैं मन ही मन खुश हुआ कि देखना क्या है … अब तो लेनी है बस.
मैं तैयार हुआ और उनके बताए एड्रेस पर पहुंच गया.
उधर पहुंच कर मैंने कॉल किया तो कॉल उनकी बेटी ने उठाया.
लड़की बाहर आई तो लंड के साथ झांटें भी अकड़ गईं यार … क्या लग रही थी. वह शॉर्ट्स एंड टी-शर्ट पहनी थी … उफ्फ.
वह मेरे पास आई और उसने मुझसे हाथ मिलाती हुई बोली- हाय आई एम नीतू!
मैं- हाय नीतू, हाउ आर यू … लुकिंग हॉट!
नीतू ने मुस्कुरा कर कहा- थैंक्स यार … आई एम गुड.
मैं मन ही मन सोच रहा था कि यार ये लड़की तो बिल्कुल ओपन माइंडेड है.
मैं भी ऐसा ही हूं, सबसे खुलकर बात करना मेरा प्रिय शगल है.
आखिर लड़कियां भी तो यही चाहती हैं.
उसके बाद मैंने कहा- नीतू, आंटी ने कॉल किया था फ्लैट के लिए!
तो उसने कहा- हां, मम्मी ने मुझे बताया था … आओ मेरे साथ, मैं तुम्हें दिखाती हूँ.
फिर हम दोनों उनके बगल वाले घर में गए और उसने फ्लैट दिखाया.
उस टाइम मैं और वह … और उस घर की मालकिन विनीता आंटी थीं.
मैं बार बार नोटिस कर रहा था कि नीतू बार बार अपने हाथों को मेरे हाथों से ऐसे टच कर रही थी, जैसे वह मुझे काफी समय से जानती है.
मैं भी बार बार उसके हाथों को टच कर रहा था और मन ही मन सोच रहा था कि यह लड़की तो पहले से ही लंड पर कूदने के लिए तैयार है.
उसके बाद हम दोनों दोस्त उस घर में शिफ्ट हो गए और जल्दी ही सबसे घुल मिल गए.
ऋतु आंटी को तो मैं बहुत ही प्यारा लगता था.
अब नीतू से भी अच्छी बात होने लगी.
एक दिन ऐसा हुआ कि मैं सुबह सुबह सीधा आंटी के घर चला गया.
चूंकि अच्छी जान पहचान हो गई थी तो मैं सीधा अन्दर चला जाता था.
वहां मैंने देखा तो कोई नहीं था.
मैंने सोचा शायद आंटी घर में नहीं है.
फिर सोचा कि हो सकता है कि नीतू कमरे में हो.
मैं उसके कमरे की तरफ जाने लगा.
तभी एकदम से नीतू बाहर निकली.
उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
वह पूरी नंगी थी.
उसके घर में कोई नहीं था इसलिए उसने शायद कपड़े नहीं पहने थे.
वह मुझे आया देख कर एकदम से कमरे में अन्दर चली गई.
मैं भी हक्का बक्का रह गया और सोच में पड़ गया कि यह क्या हुआ!
तभी वह एक हाफ नी-नाइटी डालकर बाहर आई.
उसने कोई गुस्सा नहीं किया बल्कि उसने कहा- यार, घर में कोई नहीं था, तो कपड़े नहीं पहने थे.
मैंने भी सॉरी बोला कि मुझे नोक करके आना चाहिए था.
उसने कहा- अरे कोई नहीं … इट्स ओके.
बस वह बिल्कुल मेरे पास आकर बैठ गई.
दोस्तो, मेरा लंड तो पहले ही खड़ा था और वह साली बिल्कुल पास आकर बैठ गई थी.
वह बार बार मुझे देख कर स्माइल कर रही थी.
शायद मेरे मजे ले रही थी.
और वैसे ही ठंड का मौसम था तो अन्दर से वासना की गर्मी कुछ ज्यादा ही मजे दे रही थी.
तभी उसने कहा- मम्मी पापा एक मीटिंग में जयपुर गए हैं. वे दोनों कल वापस आएंगे, तो आज तू यहीं रुक जा, कोई मूवी देखेंगे.
मैंने उसे देखते हुए स्माइल करते हुए कहा- ओके.
उसने मेरी आंखों में देख कर कहा- तो चल, बेडरूम में लैपी पर देखते हैं.
उसके बाद हम दोनों एक ही कंबल में बैठ गए और मूवी देखने लगे.
मेरा तो सारा दिमाग उसकी चूचियों की तरफ था जो उसकी नी नाइटी से साफ दिख रही थीं.
मेरा मन कर रहा था कि अभी की अभी पकड़ कर चूस लूँ.
मैं नोटिस कर रहा था कि उसका एक पैर मेरे लंड को बार बार टच कर रहा है.
मेरा लंड बिल्कुल टाइट था.
वह लेटी हुई थी और मैं बैठा था.
मैं भी धीरे धीरे उसके पैरों को सहलाने लगा.
उसकी नाइटी ऊपर को सरक गई थी या साली ने खुद ही ऊपर को सरका ली थी.
वह कुछ नहीं बोल रही थी.
मैं भी धीरे धीरे अपने हाथों को ऊपर ले जा रहा था.
वह बस मूवी देख रही थी.
तभी मैंने अपना एक हाथ उसकी तरफ किया तो उसकी बॉडी से मेरा हाथ जा टकराया.
मैं उसे देखने लगा.
वह मूवी देखने का ड्रामा कर रही थी.
मैंने हाथ आगे बढ़ाया और उसकी चूत पर रख दिया.
उफ्फ यार … क्या ही बताऊं क्या अहसास था … उसकी चूत एकदम गीली थी … ऐसी लग रही थी मानो उसने सुसू कर दी हो.
चूत पर झांट का एक बाल भी नहीं था. मैं चूत पर हाथ फेरते हुए उसे देखने लगा.
वह मुझे देखने लगी और आह भरती हुई उसने मेरे हाथ पर अपनी चूत को उठाते हुए दबा दिया.
वह अब भी ऐसे थी, जैसे कुछ नहीं हुआ हो.
बस उसकी आंखें वासना से लाल हो गई थीं.
मैंने एकदम से उसको सीधा किया और उसको किस करने लगा.
वह तो जैसे तैयार थी Xxx डेल्ही सेक्स के लिए!
उसने कहा- सचिन, बी वाइल्ड.
मैं एकदम से जोश में आ गया और उसके ऊपर चढ़ गया.
उसकी नाइटी को मैंने निकाल कर फेंक दिया और चूचियों को चूसने लगा.
पहली बार उसने गाली दी- आह बहनचोद … चूस भोसड़ी के.
यह सुनने के बाद मैं अब कहां रुकने वाला था … हरियाणा का लड़का बिना गाली के रुक ही नहीं सकता.
“हां बहन की लौड़ी आज तो तेरी मां को भी चोद दूंगा … साली दोनों पटाखा माल हो.” यह कह कर मैंने तेज तेज से उसकी एक चूची को चूसने लगा.
वह भी तेज तेज बोल रही थी- आह उफ्फ यस बेबी यस … आह मेरे कुत्ते चूस ले बहन के लंड … आज चूस उफ्फ उम्म आह!
मैं अपने एक हाथ से उसकी दूसरी चूची दबा रहा था.
नीतू बस ‘उफ्फ आ उम्म यस आह यस यस’ कर रही थी.
फिर मैं नीचे को हो गया और उसकी टांगों के बीच में देखने लगा.
उफ्फ … बिल्कुल क्लीन शेव चूत थी और क्या मक्खन चूत थी.
चूत से मलाई निकल रही थी तो चूत एकदम चिकनी हुई पड़ी थी.
जैसे ही मैंने उसकी चूत पर मुँह रखा, उसने एकदम से मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा दिया.
मैंने चूत चाटते हुए कहा- बहन की लौड़ी बड़ी गर्मी है तेरी रंडी चूत में … आज इसकी सारी गर्मी उतार दूँगा!
तभी उसने मेरा एक हाथ पकड़ा और बोली- बहनचोद कुत्ते … मुझे बिल्कुल तेरे जैसा वाइल्ड कुत्ता चाहिए … साले इतने दिन से तुझसे चूत चुदाने के चक्कर में थी … आज हाथ आया है भड़वे.
मैंने यह सुना तो हैरान हो गया कि यह साली मुझको तके बैठी थी और मैं सोच रहा था कि मैंने इसे सैट किया है.
अब मैं जोर जोर से उसकी चूत चूस रहा था.
वह अकड़न लगी और तभी एकदम से उसने आ आह करते हुए पानी छोड़ दिया.
मेरा पूरा मुँह गीला हो गया.
मैंने कुछ देर रुक कर दोबारा से चूत चूसना चालू कर दिया.
वह बोली- साले अब चोद जल्दी से … मेरी चूत भभक रही है.
मैं खुद ऐसी हरी-भरी भोसड़ी को चोदना चाहता था.
तभी उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और लंड को देखते ही बोली- यस दिस इज माय बेबी नॉट यू … अब इसको इसकी सही जगह डाल!
मैंने तुरंत लंड को सैट किया और उस रंडी कुतिया की चूत के मुँह पर लंड का सुपारा घिसने लगा.
चूत का मुँह लंड के लिए लपर लपर कर रहा था तो मैंने एक फुल पावर वाला धक्का दे मारा.
लंड अन्दर और उसके मुँह से जोर से चीख बाहर निकल आई- आह मम्मी … चोद दिया उफ्फ … फट गई मेरी बुर … आह!
उसे दर्द हुआ … पर वह पहले की खेली खाई थी, तो जल्दी ही चुदने के मजे लेने लगी.
मैं भी उसे दबा कर चोद रहा था.
और वह निरंतर अपनी गांड उठा उठा कर लंड ले रही थी- आह उफ्फ मम्मीचोद … बहनचोद चोद दे कमीने आह आह यस!
फिर उसने मेरे हाथ पकड़ कर कहा- साले थप्पड़ मार कर और तेजी से चोद.
मैं भी उसके गालों पर तेज तेज थप्पड़ मारने लगा.
जल्दी ही चार पांच झापड़ में उसके गाल पूरे लाल हो गए और वह निरंतर चिल्ला रही थी- यम उम्येस यस बेबी फक मी … यस कम ऑन मेरे लंड!
तभी वह तेज तेज चिल्लाने लगी- आह आई एम कमिंग … डू फास्ट फास्ट फास्ट आह.
वह एकदम से अकड़ी और झड़ गई.
उसी वक्त मैं भी चोदते हुए झड़ गया और उसी के ऊपर गिर गया.
वह बस मुझे किस कर रही थी.
उसके बाद मैंने उसे मारने के लिए सॉरी बोला.
उसने कहा- यार, आई लव इट.
कुछ देर के बाद हम दोनों खड़े हुए उसने जूस बनाया और पिया.
हम दोनों उसके घर की टेरेस पर आ गए.
उधर हम दोनों ने एक सिगरेट का धुआं निकाला और मैंने उधर ही उसको घोड़ी बना कर चोदा.
अब नीतू के साथ चुदाई की कुछ और भी कुछ यादें है, जो मैं आपको सुनाऊंगा.
उसकी मम्मी भी मेरे लंड के नीचे आ गई थी, वह सब सुनाऊंगा.
अगली सेक्स कहानी तक के लिए नमस्कार.
Xxx डेल्ही सेक्स कहानी पर आपके कमेंट्स का इंतजार रहेगा.
मेरी ईमेल आईडी है
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