लड़की की चुदाई : वो मुझ पर मर मिटी थी

( Ladki Ki Chudai Kahani: Wo Mujh Par Mar Miti Thi)

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम कपिल है और मैं यहां पर नया हूँ, तो मुझसे कोई भूल या गलती हो जाए तो माफ़ कर देना. ये मेरे जीवन का बहुत प्यारा सा लम्हा है, जो मैं आपको बता रहा हूँ.

मैं आपको पहले अपने बारे में बता देता हूँ. मैं यूपी के गाजियाबाद का हूँ, अच्छा ख़ासा मस्त जिस्म वाला लड़का हूँ. मेरी हाईट 5.6 इंच की है और बॉडी भी एक कसरती पहलवान के जैसी है.

ये बात तब शुरू हुई जब मैं अपनी 12वीं के एग्जाम दे कर फ्री हुआ था. उस वक्त मेरी उम्र 18 साल की हुई ही थी
मेरी माँ ने मुझसे कहा कि तू इन छुट्टियों में अपनी मौसी के घर चला जा!
मैंने हामी भरते हुए कहा- ठीक है माँ.

दरअसल मेरी मौसी को भी आजकल बहुत दिक्कत हो रही थी. उसका कारण ये था कि एक तो उनकी जॉब का बोझ उनके ऊपर था और ऊपर से उनके 2 छोटे छोटे बच्चे थे. उन दोनों को साथ में ही स्कूल डाला हुआ था. उनकी स्कूल की तैयारी करना भी मौसी को थका देती थी.

मौसी के दोनों बच्चे बहुत ही क्यूट हैं और मुझे बहुत प्यारे लगते हैं. वो मेरे भाई भी हैं इसलिए मुझे उनके साथ खेलना बहुत अच्छा लगता था.

मैंने मौसी के घर जाने का तय किया और शाम को ही अपना सामान पैक करके चल दिया.

करीबन मुझे 10 घंटे लगे. मैं वहां अगले दिन 7 बजे पहुंचा. मुझे देख कर मौसी बहुत खुश हुईं और बच्चे भी बहुत खुश थे. मैंने उनकी चॉकलेट उन्हें दी.. तो वे और भी खुश हो गए.

उसके बाद मैं थोड़ा फ्रेश हुआ और फिर खाना ख़ाकर मैंने मौसी से कहा- मैं बहुत थक गया हूँ, सोने जा रहा हूँ.
तो उन्होंने कहा- ठीक है सो जा.
मैंने कपड़े चेंज किए और आराम से सो गया.

सुबह जब उठा तो एक लड़की तुलसी में पानी डाल रही थी. मेरी एकदम से आँख खुल गई. क्योंकि उसका फिगर क्या बताऊं.. बहुत ही हसीन और वासना को जगा देने वाला था.

उसको देखते ही मेरी आँखों से नींद एकदम गायब सी हो गई थी. क्योंकि उसका चेहरा नहीं दिख रहा था. मगर बैक साइड से उसके उठे हुए चूतड़ मुझे बुला रहे थे कि मैं आ कर उन्हें चूम लूँ.. मगर ये सम्भव नहीं था तो बस लेटा ही रहा.

जब वो जाने के लिए मुड़ी तो उसका पिंक लोवर और वाइट टॉप में उसके चूचे देखने लायक थे. यारों मेरा मन तो हुआ कि बस दौड़ कर जाके चूस लूँ, मगर क्या कर सकते हैं, कोई भी लड़की इतनी जल्दी अपने चूचे हमारे होंठों में नहीं दे सकती है ना.

फिर वो चली गई और मैं लंड सहलाता रह गया. कुछ पल बाद मैं उठा और फ्रेश होकर बाहर आ गया.

देखा सब घर थे क्योंकि संडे था, तो सबसे मिला, मौसी ने सबसे मेरा परिचय कराया कि ये मेरा भांजा है.. यूपी में रहता है.

मैंने भी सबको अच्छे से विश किया क्योंकि वो लोग हमारे पड़ोसी थे, जो मौसी के घर के अलग आजू बाजू के हिस्से में रेंट पर रहते थे. मौसी की फैमिली बीच में रहती है.

मैं सबसे मिला तो पता चला कि उस लड़की का नाम सीमा है और उसने भी इस साल 12वीं के एग्जाम दिए हैं. उसका एक छोटा भाई भी है, जो स्कूल में ही पढ़ता है. उसके पापा बाहर जॉब करते हैं और वो यहां अपनी माँ और भाई के साथ रहती है.

दिन भर में कुछ ऐसा हुआ कि सीमा का भाई मुझसे बहुत घुल-मिल सा गया और मुझसे एकदम पट सा गया.

दो दिन बाद सीमा और मैं टकराये तो मैं उसे देखता ही रह गया. यार क्या गजब का हुस्न था.. साला लंड अंगडाई लेने लगा. क्या रसीले होंठ थे, मेरी तो साँसें ही रुक गईं.
मुझे पुतला सा बना देख कर उसने ही कहा- ओ हैलो.
तो मैंने भी अचकचा कर उससे हैलो कहा.

उसने कहा- मेरा नाम सीमा है.
“मेरा नाम कपिल है.”
“हां पता है.. मुझे पता है.”
“आपको कैसे पता है?”
“क्योंकि मेरा भाई आपके बारे में ही बात करता रहता है.”
“ओह.. वो आपको बोर कर देता होगा ना?”
“नहीं नहीं ऐसे ही.. वैसे आप गिटार अच्छा बजाते हो.”
मैंने कहा- आपने वो भी सुना है?
“हां.. क्योंकि आप जब गिटार बजाते हो तो मैं यहीं होती हूँ, मगर आप तो अपने धुन में होते हो, तो किसी को देखते नहीं हो.”
“हां.. सॉरी मैंने कभी ध्यान नहीं दिया.”
“ओके अब से तो दोगे ना?”
मैंने स्माइल करके कहा- क्यों नहीं.. आपको अच्छा लगता है तो जरूर दूँगा.
“क्या दोगे?”
मैंने स्माइल के साथ कहा- ध्यान.
“ओके तो आपसे बाद में मिलते हैं. ओके बाइ.”

फिर वो चली गई यार सच कहूँ, जब उससे बात कर रहा था तो मन कर रहा था कि उसके होंठों को ही चूमता रहूं. मगर मैं कुछ न कर सका, बस उसे ही देखता रहा. फिर मैं अपने रूम पर आ गया.

फिर ऐसे ही जब मैं गिटार बजाता था तो वो आ जाती थी और मेरे साथ खूब एंजाय करती.

एक दिन उसने कहा- आपसे कुछ पूछूँ?
मैंने कहा- हां क्यों नहीं.
तो वो बोली- मैंने सुना है कि जो गिटार बजाते हैं, उसके पीछे बहुत सारी लड़कियां पीछे पीछे मंडराती हैं?
मैंने ऐसे ही मजाक में अपने पीछे देखा तो उसने कहा- पीछे क्या देख रहे हो?
तो मैंने कहा- लड़कियों को मंडराते हुए देख रहा हूँ.

वो बहुत जोर से हंस पड़ी और मैं उसे देखता ही रह गया. क्योंकि उसके हंसी ही इतनी प्यारी थी.
मैंने कहा- आपकी हंसी बहुत प्यारी है.
उसने कहा- चल झूठे.
मैंने कहा- नहीं सच्ची.

तो उसने कहा- मेरी बात का उत्तर दो, बताओ ना क्या ऐसा होता है?
तो मैंने कहा- मुझे एक साल हो गए हैं गिटार बजाते हुए, मगर ना तो मेरी कोई जीएफ है.. और ना है कोई लड़की मेरे पीछे है.
तो उसने कहा- इतने स्मार्ट हो, इतनी अच्छी बॉडी है.. तब भी कोई जीएफ नहीं है?
मैंने कहा- नहीं है यार.. अब क्या कर सकते हैं.

तो उसने कहा- कोई पसंद भी नहीं है?
मैंने कहा- पसंद तो है.
तो उसने कहा- वो हैं कहां की.. यहां की या ग़ाज़ियाबाद की?
मैंने कहा- यहीं की है.
तो उसने कहा- यहां कहां की है?
मैंने कहा- शाम को मिलना तब बताऊंगा.
उसने कहा- क्यों अभी क्यों नहीं?
तो मैंने कहा- बस यूं ही.. शाम को पक्का बता दूँगा.
उसने कहा- ठीक है.

फिर वो चली गई.

मैंने सोचा- आज बोल ही देता हूँ, देखा जाएगा.

जब वो शाम को आई, तो वो मेरा गिटार लेकर बैठ गई, तो मैंने कहा- ऐसे नहीं मैं बताता हूँ!
ऐसा कह कर मैं उसके पीछे चला गया और ऐसे ही उसके हाथ को पकड़ लिया. इस वक्त उसकी गर्दन जस्ट मेरे होंठों के पास थी. तो मैंने उसके गर्दन को चूम कर ‘आई लव यू सीमा!’ कहा.

उसकी आँखें बंद सी हो गईं.
मैंने उसके चेहरे को अपनी तरफ़ किया और हल्के से उसे चूम लिया.

वो अचानक होश में आई, उसने मुझे हल्के से धक्का दिया और कहा- कपिल क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- आई लव यू सीमा तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, जब भी तुमको देखता हूँ, तो मन करता है कि तुम्हारे होंठों को चूम लूँ. तब ही मैंने ऐसा किया.
“कपिल सॉरी.. मेरा ब्वॉयफ्रेंड है, तुम मुझे अच्छे लगते हो.. मगर सॉरी.”
ये कहकर वो चली गई.

यार सच में मुझे उस रात नींद भी नहीं आई. मैं ऐसे ही लेटे लेटे सुबह हो गई. और पता नहीं उसकी मम्मी को ऑफिस जाना होता था और वो सुबह होते ही अपने बेटे को स्कूल छोड़ने के साथ ही उसे लेकर घर से निकल गईं. उसके स्कूल में कुछ एक्स्ट्रा कैम्प लगा हुआ था.

अब मैं उठ गया, फ्रेश हुआ और उसके बाद जब बाहर चाय पीने आया तो वहां पर मुझे सीमा के घर में कोई नहीं दिखा. मैंने सोचा शायद सब अपने अपने काम कर रहे होंगे.. तो मैं भी अपने रूम में आ गया.

इसके बाद मैं तैयार हुआ और चला गया आज मुझे बहुत बुरा लग रहा था कि पहली बार किसी से लव यू कहा और वो भी किसी और की प्रेमिका निकली. मैंने सोचा कि अब उससे कोई बात नहीं करूँगा.

मगर जब मैं घर आया तो वो मेरे पास आ गई और बोली- सॉरी कपिल कल के लिए.. मुझे भी तुम पसंद हो मगर मेरा ब्वॉयफ्रेंड है.
मैंने कहा- कोई नहीं यार.. होता है.. वैसे भी मैं कुछ दिनों में चला ही जाऊंगा तब सब ठीक हो जाएगा.
मगर उसने कहा- जा रहे हो?
मैंने कहा- हां.

तो उसने उदास सा चेहरा बनाकर मुझसे पूछा कि कब जाओगे?
“बस रिज़ल्ट आने के बाद ही यहां से चला जाऊंगा, तब तक हम ऐसे ही फ्रेंड तो रह सकते हैं ना?”
उसने कहा- हां यार.. मुझे भी अच्छा लगेगा.
मैंने कहा- ठीक है.

फिर ऐसे ही दिन बीतते गए, वो मुझसे और क्लोज़ होती गई. मगर मैंने फिर कभी उससे कुछ नहीं कहा.. और मेरा और उसका रिजल्ट भी अच्छा आया. फिर मेरा जाने का टाइम हो गया था.
मैंने उससे कहा- मैं संडे को जा रहा हूँ.
उस दिन गुरूवार था. उसे पता नहीं क्यों, मेरे जाने की बात से बुरा सा लगा और वो फिर उदास सी हो गई.
मैं अपने रूम में चला गया.

फिर सीमा के किसी रिश्तेदारी में कोई शादी थी तो उन सभी को वहां जाना था. मगर सीमा को किसी शादी में जाना अच्छा नहीं लगता था, तो वो नहीं गई. उसकी मम्मी और भाई चले गए.
आंटी ने जाते वक्त मौसी से कहा कि सीमा का ख्याल रखना.
मौसी ने कहा- हां हां क्यों नहीं.. कपिल है ना.. वो यहीं सो जाएगा.
तो मैंने भी हां कह दिया.
फिर वो सब चले गए.

उस दिन उसने ही खाना बनाया और मुझसे कहा- मेरे साथ ही खाना.
मैंने कहा- हां जरूर.

उसके बाद हम दोनों ने खाना खाया और फिर जब मैं सोने वाला था, तो वो मेरे पास आई और बोली- कपिल कुछ कहना है.
मैंने- हां बोलो ना.
उसने कहा- आई लव यू.. मैं जानती हूँ कि मेरा ब्वॉयफ्रेंड है.. मगर पता नहीं क्यों मैं तुमसे दूर नहीं होना चाहती हूँ.

मेरे कहने से पहले ही उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए. मैं कुछ समझ ही नहीं पाया.

वो मुझे किस करते ही जा रही थी, तो मैंने भी उसे सहयोग करना शुरू कर दिया. उसने अपने हाथ मेरे बालों में फिराने शुरू कर दिए. मेरे हाथ अपने आप उसके चूचों पर चले गए.
सच में उसके मम्मे इतने सॉफ्ट थे कि मैं खुद को रोक ही नहीं पाया और उसके टॉप के ऊपर से उसके एक चूचे को चूसने लगा. ऐसे ही उसकी आग भड़की तो उसने अपना टॉप निकाल दिया. उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी. दोस्तो मैं तो एकदम से टूट ही पड़ा और उसे बेड पर लेटा कर बस चूमता ही रहा. वो पागलों की तरह मेरे बालों में हाथ फेर रही थी.

वो बोल रही थी- कपिल और चूसो.. आह.. पी जाओ पूरा रस.. आज पहली बार कोई मेरे चूचे चूस रहा है. मेरे ब्वॉयफ्रेंड ने तो कभी मुझे प्यार किया ही नहीं.. तुम आज मुझे प्यार से रुबरू करा दो प्लीज़ प्लीज़.

मैंने उसके पेट को चूमते हुए ही उसका लोवर भी उतार दिया. जैसा कि मैं सोच रहा था, नीचे उसने पेंटी भी नहीं पहनी थी.
मैं तो उसके रेशमी हुस्न को देखता ही रह गया. फिर सीधे ही अपने होंठ उसकी गुलाबी चुत पे लगा दिए.
यारो, मैं बता नहीं सकता, उस वक्त मुझे कैसा महसूस हो रहा था.

उसकी चुत पूरी भीग गई थी और लाल रंग की हुई पड़ी थी. उसकी चुत ने मुझे पागल ही कर दिया था.

उधर वो मेरे चूसने से से पागल होती जा रही थी और बोल रही थी- आह.. कपिल बहुत मजा आ रहा है.. तुम जो भी कर रहे हो.. बस ऐसे ही करते रहो.. रुकना मत प्लीज़.
मैं लगातार चूत चुसाई करता रहा. जब तक वो झड़ नहीं गई, मैं उसको अपनी जीभ से ही चोदता रहा. सच में मुझे इतना मजा आ रहा था कि बता नहीं सकता.

उसके बाद मैंने अपने कपड़े उतारे और जल्दी से उसके ऊपर आकर उसे किस करने लगा. वो भी मजे से किस कर रही थी और बोल रही थी- कपिल, आई लव यू.. सो मच..
मैंने भी कहा- सीमा, आई लव यू टू.

मैंने अपना लंड उसकी चुत के ऊपर रखा और घुसेड़ने का प्रयास करने लगा. मगर उसकी चुत बहुत टाइट थी, क्योंकि पहली बार तो दिक्कत होती है.
मैंने कहा- बेबी तेल कहां है?
उसने कहा- अन्दर है.

तो मैं ड्रेसिंग रूम के अन्दर गया और तेल लाकर उसकी चुत पे और अपने लंड पर लगा लिया.

उसके बाद हल्के हल्के से लंड को उसकी चूत के अन्दर किया.. मगर उसे दर्द हो रहा था, जो मुझसे देखा नहीं गया.
मैंने कहा- दर्द ज्यादा हो रहा है बेबी?
उसने कहा- हां हो तो रहा है.
तो मैंने कहा- प्लीज़ थोड़ा सा सह लो.. उसके बाद तुमको भी अच्छा लगेगा.
तो उसने दर्द से कराहते हुए कहा- ठीक है बेबी.. तुम्हारे लिए कुछ भी सह लूँगी.

मैंने नीचे झुक कर उसे किस किया और हौले हौले करके उसकी चूत के अन्दर लंड डालता रहा और पूरा लंड उसकी चुत में डाल दिया.

मगर सच में बहुत दर्द हुआ क्योंकि मेरा भी फर्स्ट टाइम था और उसके तो आंसू ही नहीं थम रहे थे. मैंने उसके आंसू पी लिए और उसे किस करते हुए चूचों को मसलता रहा, जिससे उसे दर्द कम हुआ. कुछ देर बाद मुझे भी ठीक लगने लगा.

उसके बाद उसने कहा- बेबी दर्द कम हो गया है.. अब करो.
मैंने चुदाई शुरू कर दी और लगातार उसकी चुदाई करता रहा. थोड़ी देर जब मैं थक गया तो उसको अपने बगल में लेटे हुए लंड लगाए हुए लेटा रहा.

मैंने उससे कहा- अब तुम ऊपर आ जाओ!
तो वो मेरे ऊपर आ गई और अपनी चुत को मेरे लंड पर प्यार से लगाकर उठ कर बैठ गई. अब वो आराम आराम से खुद अपनी गांड उछालते हुए चुदने लगी.

मैं बयान नहीं कर सकता, उस समय मुझे कितना मजा आ रहा था. वो मेरे लंड को बहुत एंजाय कर रही थी. जब मैं उसके चूचों को दबाता और नीचे से ज़ोर से एक शॉट लगा देता, जिससे मेरा लंड उसकी बच्चेदानी पर जा कर लगता.. वो कराह उठती.

वो वाली फीलिंग तो आज भी नहीं भूल पाया हूँ. फिर जब वो थकी तो मैंने उसे डॉगी स्टाइल में आने को कहा. वो बड़े ही प्यार से डॉगी बन गई. मैंने उसके पीछे से आकर आराम से एक शॉट मारा क्योंकि मैं उसे दर्द में नहीं देख पा रहा था

हम दोनों ऐसा 15 मिनट तक लगे रहे. उसके बाद वो अकड़कर बोली- बेबी मैं आने वाली हूँ.. आहहाअ प्लीज़ रुकना मत उम्म्ह… अहह… हय… याह… प्लीज़ अहहहाआअ..
ऐसा बोलते हुए वो बेड पे गिर गई.

उसके कुछ मिनट बाद ही मैं भी आने वाला था तो मैंने लंड को बाहर निकाला और उसके पेट के ऊपर झड़ गया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि वो मेरी वजह से दिक्कत में आए. मैंने लंड का पानी निकाला और उसके साइड में आकर लेट गया.

उसने तृप्त आवाज में कहा- कपिल बहुत मजा आया.. आई लव यू आज ये प्यार मुझे तुमसे मिला, मैं बहुत खुश हूँ.

कुछ पल बाद वो ऐसे ही मेरे ऊपर आ गई और किस करने लगी. इससे कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और वो खुद अपनी चुत को मेरे लंड पर रखकर बैठ गई.
यार उसके बाद तो रात भर मैंने उसे चोदा. उस दिन पता नहीं कितनी बार उसका पानी निकला होगा.. वो एकदम से शिथिल हो गई थी, उससे चला भी नहीं जा रहा था. हम दोनों बस सब कुछ प्यार प्यार और बस प्यार के मजे में खो से गए थे, जब मैं सुबह उठा तो वो नंगी मेरे ऊपर हाथ रखकर सो रही थी.

मैंने देखा कि उसकी चुत सूज गई थी और चादर पे खून था.

मैं उठा और उसे भी उठाया. उसने मुझे किस किया और मैं उसको अपनी गोद में ले जाकर बाथरूम ले गया.

फिर हमने दो दिन तक ऐसे ही चुदाई की. उसके बाद मैं अपने घर आ गया. इसके बाद हम दोनों जुदा हो गए और आज तक हमारी दुबारा कोई मुलाक़ात नहीं हुई है.. न ही कोई चुदाई हुई क्योंकि मैं थोड़ा शर्मीला टाइप का हूँ.

दोस्तो सॉरी, कहानी बहुत लंबी हो गई है, मगर सच लिखने में ऐसा ही होता है. आपको मेरी दो जिस्मों के मिल्न की ये कहानी पसंद आई या नहीं? मुझे ईमेल कर सकते हो.
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