वो कातिल आँखें
(Wo Quatil Aankhe)
हाय दोस्तो,
मैं नीरज पटेल
मैं छतरपुर जिले के एक गाँव में रहता हूं, मैं अन्तर्वासना का नियिमत पाठक हूँ.
तो बात यह है कि गाँव में ही मेरी एक छोटी सी कम्यूटर रिपेयरिंग की दुकान है और मेरी दुकान के सामने एक खूबसूरत से मकान में, एक बहुत खूबसूरत सी लड़की अपने परिवार के साथ रहती है.
हम दोनो एक दूसरे को बहुत चाहते मगर एक दूसरे से कहने से डर रहे हैं.
क्योंकि उसके पापा को इस बात का शक हो हो गया है इसलिये हम एक दूसरे से कहने से डर रहे हैं. क्योंकि उसके पापा बहुत ही गुस्से वाले इंसान हैं.
अब आप लोग ही बताए हमें क्या करना चाहिये…
आप मुझे इ- मेल के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत कर सकते हैं.
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