बाली उमरिया में लगा प्रेम रोग- 4

(Virgin Girl Want First Sex)

वर्जिन गर्ल वांट फर्स्ट सेक्स कहानी में एक लड़का अपनी ममेरी बहन की जवानी का मजा लेना चाह रहा है. वह सोती हुई बहन के बदन को छूना सहलाना शुरू करता है.

कहानी के तीसरे भाग
मम्मी और पड़ोसी अंकल की चुदाई
में अब तक आपने पढ़ा कि बंटू ने अपनी मम्मी के कमरे में मम्मी को अपने दोस्त के पापा से चुदाई करवाती देखा तो बंटू ने उनकी चुदाई की वीडियो बना ली।
जीवंत ब्लू फिल्म को देखकर उत्तेजित हुआ बंटू मुट्ठ मार कर एक बार स्खलित भी हो गया था किंतु दिमाग में चढ़ी वासना पूरी तरह शांत नहीं होने के कारण उसने निर्णय लिया कि अब वह पम्मी को भी आज ही चोदेगा.
और वह जाकर पम्मी के पास लेट गया।

अब आगे वर्जिन गर्ल वांट फर्स्ट सेक्स कहानी:

कुछ देर तक बंटू दिल की धड़कनों को संभाले हुए हिम्मत बटोरता रहा, उसके बाद वह पम्मी की निप्पलों को बहुत हल्के हल्के से स्पर्श करने लगा।
अपनी तर्जनी उंगली को गोल-गोल घुमा कर वह पम्मी के दूधिया शरीर में वासना की चिंगारियां सुलगा रहा था।

पम्मी के मुंह से एक सिसकारी निकली.
बंटू समझ गया कि अब पम्मी की वासना ने भी अपना खेल शुरू कर दिया है.
उसका हौसला और बढ़ा … उसने पम्मी के दोनों उरोज़ों को अपनी उंगलियों से सहलाना प्रारंभ किया।

पम्मी के मुंह से दो तीन बार और सिसकारियां निकलीं।

अब बंटू की हिम्मत और बढ़ गई उसने पम्मी का टॉप ऊंचा कर दिया।
उसकी आंखों के सामने छोटी सी ब्रा में, अधपके आमों जैसे पम्मी के महकते हुए बूब्स थे।

कल तो वह मोंटी की मां के 38 इंची बूब्स से खेला था.
और आज उसके सामने एकदम 28 इंच की गुलाबी, मुलायम छातियां थी.

उसने बेसुध सोई पम्मी को कमर में हाथ डाल के अपनी ओर किया फिर पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया।

ब्रा ढीली होकर खिसक गई।

अब बंटू के सामने दो मक्खन की छोटी-छोटी ढेरियां थीं।
बंटू ने पम्मी के दोनों स्तनों को बारी बारी से सहलाया, दबाया और फिर झुक कर उसकी हरी किशमिश सी नाज़ुक, मुलायम एक निप्पल को मुंह में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा।

उसके कानों में पम्मी की आवाज आई- भाई, धीरे चूस न, जंगलीपन क्यों दिखा रहा है?
बंटू चौंक गया, बोला- अरे पम्मी, तू जाग रही थी क्या?
पम्मी बोली- क्या मैं तुझे अंधी बहरी लगती हूं? मैं कभी से तेरी हरकतें देख रही थी। मैंने तुझे वीडियो बनाते, मुट्ठ मारते और अपना माल गिराते हुए भी देखा है। कमरे में तेरे टपके हुए वीर्य की महक अभी भी बाकी है चूतिये! मैंने भी तेरी तरह बुआ और सरताज अंकल की आवाजें सुनी हैं। इतना ही नहीं मेरी मम्मी भी, बुआ की तरह कामुकता से भरी हुई है। हम दोनों अपनी अपनी मम्मियों की अय्याशियों की आवाज़ें सुन सुन के जल्दी जवान हो रहे हैं।

पम्मी की बात सुनकर बंटू की नसों में रक्त संचार तेज हो गया, उसने पम्मी के गुलाब की पंखुरी जैसे होठों पर अपने होंठ रख दिये और चूसने लगा।
उसे ऐसा लगा जैसे पम्मी के होठों से शहद टपक रहा हो।

पम्मी भी बंटू के होठों को बहुत मजे लेकर चूस रही थी.
थोड़ी देर एक दूसरे के होठों को चूसने के बाद बंटू ने अपनी जुबान पम्मी के मुंह में प्रवेश करा दी।

पम्मी उसकी जुबान को चूसने लगी.
उसके बाद बंटू ने भी पम्मी की जुबान चूसी।

बंटू और पम्मी दोनों के शरीर की गर्मी बढ़ रही थी।
दोनों के हाथ एक दूसरे के शॉर्ट्स में घुस के अपनी मस्ती को बढ़ा रहे थे।

पम्मी की पानी छोड़ती चूत बिना बालों की थी तो बंटू का औजार हल्की हल्की झांटों वाला तनावयुक्त था।

बंटू पम्मी की गर्म, गीली और मुलायम चूत का स्पर्श आनन्द ले रहा था।
पम्मी उसके आंड सहला रही थी।

दोनों की उत्तेजना बढ़ रही थी और वे एक दूसरे के होठों को तेजी से चूसने लगे.

पम्मी ने बंटू के लौड़े को पकड़ के फेंटना शुरू किया और कहा- यार भाई, मैंने पोर्न वीडियो में बहुत लम्बे-लम्बे और मोटे-मोटे लंड देखे हैं. तेरा यह लौड़ा इतना बड़ा तो है नहीं, क्या यह मुझे पर्याप्त आनन्द दे पाएगा? क्या तू मुझे अच्छे से चोद के ऑर्गेज्म दे पाएगा?

बंटू के अहम पर चोट लगी, फिर भी उसने कहा- पम्मी तेरी छोटी, संकरी और कुंवारी चूत के लिए तो यही बहुत है।
यह कहते हुए उसने पम्मी की पेंटी, स्कर्ट सहित उतार के फेंक दी।

पम्मी अपना टॉप, ब्रा सहित खुद उतार चुकी थी।

अब पम्मी ने भी कामवासना के आवेश में बंटू का अंडरवियर नीचे की ओर खींच दिया।

पम्मी ने बंटू के लंड को ध्यान से देखा और फिर कहा- यार बंटू, काश कि तेरा यह लंड कम से कम सात इंच लम्बा और थोड़ा अधिक मोटा होता तो मजा आ जाता।
बंटू ने कहा- यार पम्मी क्यों मेरे मूड की मां चोद रही है? इतने समय बाद अवसर मिला है, तू भी इस के मजे ले और मुझे भी तेरी चूत चोदने के मजे लेने दे।

पम्मी ने कहा- मैंने तुझे रोका कहां है कमीने? मैं तो यही सोच कर आई हूं कि इस बार तेरे लंड से चुदवा के अपनी सील तुड़वानी है। देख ले तेरे सामने पूरी तरह नंगी तो पड़ी हूं, दिखा अपनी मर्दानगी और तोड़ दे मेरी सील … अच्छे से चोद के मुझे तृप्त कर दे।

बंटू पम्मी की बातें सुनकर घबरा रहा था क्योंकि एक तो उम्र कम, उस पर उसके जीवन में यह चुदाई का पहला अवसर था।
पहली बार उसे किसी कमसिन लड़की की चूत के दर्शन हुए थे और मम्मी को सरताज अंकल से चुदवाते देख कर वासना उसके लौड़े में तहलका मचाए हुए थी।

उस पर पम्मी के लंड के आकार को लेकर ताने के कारण उसका आत्मविश्वास हिल गया, उसने अपने आप को संभालने के लिए लम्बी-लम्बी सांसें भरी.

उसके बाद अपने लंड पर थूक लगाया और कुछ थूक पम्मी की पहले ही से गीली चूत पर लगा के उसे चिकना किया और पम्मी के दोनों छोटे-छोटे स्तनों की कोमल कोमल निप्पलों को मुंह में लेकर चूसने लगा।

पम्मी भावावेश में बोली- अब तड़पा मत यार बंटू, डाल न जल्दी से!

बंटू पम्मी के ऊपर आया और अपने लंड को पकड़ के पम्मी की चूत के मुंह पर टिकाया.
पम्मी ने जोर से कहा- धक्का लगा न बंटू!

तभी बंटू के लंड में एक तेज सरसराहट हुई और उसका गाढ़ा, चिपचिपा, सफेद, चमकदार वीर्य पम्मी की चूत के ऊपर बिखर गया।

पम्मी गुस्से और निराशा में रोने लगी और बंटू को बोली- मेरी बुआ की चूत!
बंटू को समझ नहीं आया, उसने कहा- क्या बोला?
इस पर पम्मी ने जवाब दिया- तेरी मां की चूत, अब तो समझ में आया भोसड़ी के?

बंटू बोला- यार पम्मी, वीर्य मेरे लंड में उफन रहा था, पहली पहली बार ऐसा हुआ है लेकिन अगली बार निश्चित रूप से तेरी जम के चुदाई करके तुझे तृप्त करूंगा।

पम्मी ने इस बीच अपने आप को संभाला और बंटू को अपनी बाहों में ले लिया और सांत्वना देते हुए बोली- चल भाई, कोई बात नहीं. लेकिन मैंने अब यह सोचा है कि अब तेरा नंबर बाद में, उसके पहले मैं अब तेरे दोस्त मोंटी को अपनी चूत दूंगी, देखूंगी कि उसके लौड़े में कितना दम है!

बंटू को यह सुन कर धक्का तो लगा लेकिन पम्मी से पंगा लेने से नुकसान अधिक था और फायदा कम।
इस कारण उसने मायूसी भरे स्वर में कहा- ठीक है यार पम्मी, जैसी तेरी इच्छा!

एक झपकी लेने के बाद बंटू और पम्मी दोनों उठे और रोज के कामों में व्यस्त हो गए।

बंटू की मम्मी जब उसके सामने आई तो बंटू के मन में एक तेज चिढ़ की भावना उभर के आई।
क्योंकि अभी तक तो उसने पापा से चुदवाते समय अपनी मम्मी के मुंह से पराये मर्द के लंड से चुदने के बारे में केवल सुना ही था लेकिन आज सुबह-सुबह मोंटी के पापा से चुदवाते समय वह स्वयं अपनी आंखों से देख और उनकी बातों को अपने कानों से सुन चुका था।

उसे आश्चर्य इस बात का था कि यह सब संभव हुआ कैसे?
और वह यह भी समझ रहा था कि उसके पास मम्मी और सरताज अंकल की कामक्रीड़ा का आधा घंटे करीब का वीडियो है, अब वह अपनी मम्मी को अपने नियंत्रण में लेकर उससे कुछ भी मनचाहा करवा सकता है।

वह अभी दोहरी मानसिकता में था.
एक तरफ मम्मी की हरकतों से वह विषाद में था तो दूसरी तरफ अपने लिए मस्ती मारने के रास्ते खुलने की संभावना से वह कुछ कुछ संतोष का अनुभव भी कर रहा था।

नाश्ते के बाद बंटू ने सोचा कि जब मोंटी यहां आएगा तो जैसा कि पम्मी ने कहा है वह उससे चुदवाये बिना मानेगी नहीं. तो यहां अपनी गांड जलाने से अच्छा है कि मोंटी के यहां जाकर सिमरन आंटी के मजे ले लिये जायें।

जैसी कि बंटू को उम्मीद थी, मोंटी उसे आता हुआ दिखाई दिया.
पम्मी तो जैसे तैयार बैठी थी।
वह जैसे ही आया कामुकता के वशीभूत पम्मी ने आगे बढ़कर उसे अपनी बाहों में लिया और उसके होंठ चूसने लगी।

मोंटी भौंचक्का सा देख रहा था कि बिना किसी प्रयास के ये भाग्य के दरवाजे कैसे खुल रहे हैं?
बंटू ने मोंटी को कहा- यार मुझे कुछ काम है, मैं आता हूं थोड़ी देर में!

मोंटी को भला क्या समस्या हो सकती थी … वह तो खुद चाह रहा था कि बंटू जाए तो पम्मी को चोदने की संभावना को टटोले।

तब मोंटी ने कहा- अरे यार, तू आराम से आना, मेरा साथ देने के लिए मेरी पम्मी है ना!

सुन कर बंटू को ऐसा लगा जैसे किसी ने उसकी गांड में लाल मिर्च भर दी हो.
उसे पम्मी से फिलहाल किसी सहानुभूति की आशा नहीं थी इसलिए वह घर से सरपट निकल गया।

बंटू के घर से निकल जाने के बाद पम्मी की बुआ की भी आवाज आई- पम्मी, मैं मंदिर जा रही हूं।

यह सुनकर पम्मी और मोंटी फिर दोगुने उत्साह से गले मिले और मोंटी हाथ आई इस नन्ही सी चिड़िया पर बाज की तरह झपट पड़ा और पम्मी के होंठ चूसते हुए उसके छोटे-छोटे मुलायम स्तनों तथा आकार ले रहे चूतड़ों से खेलने लगा।

सुबह पम्मी की भड़की हुई वासना जो अब सुप्त हो चुकी थी, उसे मोंटी ने फिर से सुलगा दिया और उसकी एक एक हरकत से उसकी चूत में गुदगुदी और शरीर में सरसराहट हो रही थी।
पम्मी महसूस कर रही थी कि उसकी चूत भी चुदने को तैयार हो के रिसने लगी है।
अब वर्जिन गर्ल फर्स्ट सेक्स चाह रही थी.

पम्मी की इच्छा हुई कि देखूं तो सही कि मोंटी का लंड कितना बड़ा है?
वह अपना हाथ मोंटी की जांघों के जोड़ पर ले गई.

वहां मोंटी का हथियार मुड़ा हुआ तन्नाने की प्रक्रिया में था, उसको ऐसा लगा जैसे कोई ठोस चीज उसके साथ में है जो कि उसकी मुठ्ठी में समा नहीं रही है।

मोंटी को पम्मी की हरकतों से लग गया था कि वह भी चुदने को आतुर है।
उसने अपना हाथ अपनी शॉर्ट्स के अंदर डाल कर अपने हथियार को सीधा कर दिया।

जब पम्मी ने मोंटी के हथियार को पकड़ा तो उसे लगा कि यह बंटू के औजार से तो बड़ा है, उसका दिल खुश हो गया।
उसने मोंटी को उकसाते हुए कहा- यार, तुम्हारा हथियार तो मस्त लग रहा है।

मोंटी पम्मी की बात सुनकर प्रसन्न हो गया।
कौन सा ऐसा लड़का या मर्द होगा जिसका दिल किसी लड़की या औरत द्वारा उसके लंड की प्रशंसा से खुश नहीं होगा?

उसने ‘ओह जानू’ कहते हुए पम्मी को फिर से अपनी बाहों में जोर से भींच लिया।

इतना सब होने के बाद मोंटी का हौसला बढ़ चुका था, उसने पम्मी का टॉप उतार दिया.
पम्मी ने आंखों पर हाथ रखकर अपने उरोज़ों को छुपाने की असफल कोशिश करते हुए शरमाने का नाटक किया।

मोंटी ने पम्मी के हाथों को आंखों से हटाते हुए कहा- अब मेरे सामने शर्माने का क्या फायदा!
पम्मी ने हंसते हुए मजाक में कहा- तो क्या बेशर्म होकर तुम्हारे सामने पूरी नंगी हो जाऊं?

मोंटी पम्मी की उभर रही छातियों पर से उसके हाथों को हटा चुका था।
अब उसके सामने पेरिस ब्यूटी की छोटी सी ब्रा पहने हुए एक ऐसी ब्यूटी खड़ी थी जो स्वयं अपनी सील तुड़वाकर पहली चुदाई का अनजाना आनन्द अनुभव करना चाहती थी।

इसके पहले कि मोंटी पम्मी की ब्रा उतारता, पम्मी ने मोंटी से कहा- तू क्या बिना कपड़े उतारे ही सारे खेल खेलेगा मेरे यार?
कहते हुए उसने मोंटी की टी-शर्ट उतार दी।
पम्मी तुम से अब तू पर उतर आई थी जबकि मोंटी उससे करीब एक साल बड़ा था लेकिन चुदाई के खेल में वासना उम्र पर हावी हो जाती है।

पम्मी ने मोंटी के नंगे बदन पर नजर डाली.
गोरे चिट्टे मोंटी का सीना देख कर ही पता चल रहा था कि मोंटी ने जिम में बहुत पसीना बहाया है।

पम्मी ने मोंटी के सीने पर एक चुंबन अंकित करके उसे जता दिया कि वह मोंटी पर मोहित हो चुकी है।

मोंटी ने मुस्कुराते हुए लाज के झूठे और झीने आवरण से बाहर आ चुकी पम्मी की ब्रा को उतार दिया।
एक मीठी सी खुशबू मोंटी की सांसों में समा गई जो पम्मी के दो सुर्ख गुलाबी उरोज़ों से उठ रही थी।

मोंटी ने अभी तक लड़कियों तथा औरतों के केवल टॉप, कुर्ती या ब्लाउज में से झांकते हुए बूब्स की झलक ही देखी थी और ऐसे सुंदर उरोज तो वह केवल पोर्न वीडियो में ही देख पाया था।

पम्मी ने जब मोंटी को उसके उरोज़ों को निहारते हुए देखा तो बडे लाड़ से पूछा- क्या देख रहा है जानू? क्या कभी किसी के बूब्स नहीं देखे?
मोंटी ने कहा- तेरी कसम पम्मी, आज पहली बार किसी के स्तन देखे हैं. और मैं कितना खुश किस्मत हूं जो इतनी प्यारी मक्खन की ढेरियां देखने को मिलीं। तेरी उम्र के हिसाब से तो ये काफी बड़े और सुडौल हैं, क्या कारण है?
पम्मी ने मोंटी से मिली प्रशंसा पर खुश होते हुए कहा- मैं रोज नहाने के पहले जैतून का तेल लगाकर इनकी अच्छे से मालिश करती हूं क्योंकि मुझे पता है तुम जैसे चोदू लड़कों को बड़े बूब्स अधिक आकर्षित करते हैं।

मोंटी ने दोनों हाथों से उसके स्तनों को थाम लिया और उसके सुखद, कोमल स्पर्श का आनन्द लेने लगा।
पम्मी ने मोंटी को पलंग पर बिठाया और उसका चेहरा पकड़ कर अपने बायें स्तन पर लगा दिया।

मोंटी दीवानों की तरह उसकी निप्पल को चूसने लगा.
कुछ देर बाद उसने दाहिने निप्पल को मुंह में लिया और दबा दबा कर चूसना जारी रखा।

पम्मी लगातार गर्म हो रही थी।
मोंटी के हाथ पम्मी की पेंटी के भीतर उसकी गीली हो चुकी चूत को टटोलने लगे, उसकी उंगलियां पम्मी के चूत रस में भीग गईं।

उसने हाथ बाहर निकाल के पम्मी की ओर शरारत से देखते हुए एक-एक करके चूत रस में भीगी हुई उंगलियां चाटीं।

यह देख कर अब पम्मी के हाथ मोंटी के लौड़े को पकड़ने के लिए कुलबुलाने लगे।

इस बार जैसे ही पम्मी ने मोंटी की शॉर्ट्स में हाथ डाला वह एकदम चौंक गई, उसने मोंटी को हाथ पकड़ कर उठाया और उसका लोअर शॉर्ट्स सहित नीचे कर दिया।
मोंटी का लंड, करीब 6 इंच लम्बा पर कम मोटा था।

आज तो मोंटी चुदाई की संभावना के कारण अपने लंड को चिकना करके भी आया था तो वह अपने पूरे आकार में दिख रहा था।

पम्मी के मुंह से निकला- वा..ओ..! कितना खूबसूरत है।
उसने झुक कर उसके सुर्ख सुपारे पर एक गहरा चुम्मा दे दिया।

मोंटी के पूरे तन बदन में हर्ष और करंट की एक तेज़ लहर दौड़ गई।
उसने पूछा- क्यों … पसंद आया?

इस पर पम्मी ने बोला- बहुत पसंद आया, तेरा तो वास्तव में मस्त लंड है यार करीब 6 इंच लम्बा!

पम्मी ने मोंटी से पूछा- तुझे पता है कि बंटू का लंड कितना बड़ा है?
मोंटी ने कहा- नहीं, हमारे बीच इस तरह की बातें अभी तक नहीं हुई, अब पूछूंगा।

फिर उसने पम्मी को बोला- इतने प्यारे लंड पर केवल चुम्मा ही देगी? इसे मुंह में नहीं लेगी क्या?
पम्मी ने कहा- इसका इंतजार तो मेरा नीचे वाला मुंह कर रहा है।

मोंटी ने कहा- यदि पहली बार में चुदाई का असली आनन्द लेना है तो एक बार इसे चूसना तो पड़ेगा तभी चुदाई का मूड बनेगा. नहीं तो हो सकता है कि पूरा आनन्द शायद नहीं मिले।

मेरे कामुक पाठको, मुझे पता है कि आप सब वर्जिन गर्ल वांट फर्स्ट सेक्स कहानी में सनसनी का आनन्द ले रहे होंगे।
अगले भाग में भी आप लोगों के आनन्द में कोई कमी नहीं आएगी, कल तक प्रतीक्षा करें।
आप अपनी प्रतिक्रिया अवश्य भेजें।
मेरी आईडी है
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वर्जिन गर्ल वांट फर्स्ट सेक्स कहानी का अगला भाग: बाली उमरिया में लगा प्रेम रोग- 5

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