गर्म चाची की चुदाई बुआ के घर में
(Village Girl Sex Kahani)
विलेज गर्ल सेक्स कहानी में मैंने अपनी चाची कौंके मायके में चोदा तो उनकी बहन ने हमें चुदाई करते देख लिया. तब मैंने चाची की बहन को सेट किया और एक दिन मैंने उसकी कुंवारी चूत खोली.
दोस्तो, मैं हिमांशु साहू आप सभी के सामने पुनः अपनी सेक्स कहानी के साथ हाजिर हूँ.
मेरी पिछली कहानी
गर्म चाची के साथ एक रात
में आपने पढ़ा कि मैंने अपनी चाची की चूत कैसे चोदी थी.
आज की इस विलेज गर्ल सेक्स कहानी में आप पढ़ेंगे कि कैसे मैंने अपनी चाची को बुआ के घर पर शादी में ले जाकर उनकी चूत चोद ली और उनकी बहन को भी पटा लिया.
दोस्तो, मैंने चाची को एक बार चोद लिया तो मेरे लौड़े में उन्हें बार बार चोदने की चुल्ल होने लगी.
मगर मुझे व चाची को कोई ऐसा समय नहीं मिल पा रहा था जब हम दोनों सेक्स कर सकें.
मेरे घर में सभी लोग ज्यादातर समय घर पर ही रहते थे.
एक बार मेरी बुआ के घर पर शादी थी.
उनके घर मुझे और चाची को जाना था.
बुआ के घर पर कोई जाने को तैयार नहीं था.
मैं और चाची शादी में जाने के लिए घर से निकल गए.
बुआ के घर का रास्ता दो घण्टे था.
सफर तय करने के बाद हम दोनों बुआ के घर पहुंच गए.
शादी बुआ के परिवार में थी, तो मैं और चाची थोड़ी देर उनके घर रुक कर, बुआ के घर वापस आ गए.
बुआ के घर में ही हम दोनों के लिए रुकने का इंतजाम था.
एक कमरे में डबल बेड लगा हुआ था, उसी में हम दोनों को सोना था.
अलग कमरे में डबल बेड की व्यवस्था देख कर हम दोनों की बाँछें खिल गईं कि इधर तो धकापेल करने का पूरा इंतजाम है.
फिर रात हुई तो बुआ ने कहा- कुछ देर सो लेते हैं, फिर कबड्डी खेलेंगे!
मैंने ओके कहा और चुपचाप लेट गए.
आधी रात के समय मैंने जायजा लिया कि कहीं कोई खतरा तो नहीं है.
बाहर पूरी नीरवता छाई हुई थी और अन्दर सिर्फ हम दोनों ही थे.
मैंने धीरे से कमरे की सिटकनी लगाई और चाची के पास आकर नंगा हो गया.
चाची भी चुदास के चलते जागी हुई थीं.
मैंने उन्हें देखा तो चाची भी मुस्कुराने लगीं.
कुछ ही देर में वे अंगड़ाई लेने लगीं.
मैंने आगे बढ़ कर उनके सारे कपड़े उतार दिए और उनकी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा.
वे मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगीं और दस मिनट बाद ही उन्होंने पानी छोड़ दिया.
मैं उनके होंठों पर अपना लंड रगड़ने लगा तो उन्होंने अपना मुँह खोल दिया और लंड को अपने मुँह में ले लिया.
वे मेरे लौड़े को जोर जोर से चूसने लगीं और मैं लंड चुसाई का मज़ा लेने लगा.
कुछ समय बाद मैं उनकी चूत पर अपना लंग रगड़ने लगा और उन्हें वासना से देखने लगा.
चाची अपनी चूचियों को मींजती हुई मुझे अपनी जीभ दिखा कर ललचा रही थीं.
मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उनकी चूत के अन्दर उतार दिया.
वे मुँह दबा कर आह की आवाज दबाने की चेष्टा करने लगीं और अगले कुछ ही धक्कों के बाद मेरे लौड़े का मज़ा लेने लगीं.
थोड़ी देर बाद हम दोनों ने पोज बदल लिया.
अब मैं चाची को डॉगी स्टाइल में चोदने लगा.
वे धीमी आवाज में आह आह कर रही थीं.
मैं चाची की पीठ पर लद गया था और अपने हाथ नीचे ले जाकर चाची के दोनों पपीते पकड़ कर मसलने लगा.
वे मस्त हो गई थीं.
करीब बीस मिनट की धकापेल चुदाई करने के बाद मैं चाची की चूत में झड़ गया.
एक बार चुदाई हुई तो हम दोनों की प्यास शांत होने के स्थान पर और भड़क उठी.
उस पूरी रात में हम दोनों ने 4 बार सेक्स किया.
सुबह एक बार और सेक्स हुआ.
बुआ के यहां चुदाई का मजा लेने के पश्चात् मैंने चाची के साथ शादी के कार्यक्रम में भाग लिया और दूसरे दिन सुबह वापस अपने घर आने लगे.
फिर हम लोग बुआ के घर से निकल गए.
रास्ते में चाची ने कहा कि चलो मैं अपने मायके चलती हूँ, उधर एक शॉट का मजा लेकर वापस घर चलेंगे.
उनका मायका रास्ते में ही पड़ता था.
मैंने हामी भर दी.
हम चाची के मायके के घर में आ गए.
चाची के मायके में उस वक्त सब लोग अपने काम पर निकल गए थे.
घर पर उनकी सिर्फ बहन ही थी जो कि मेरी उम्र की ही थी.
वह अपनी कोचिंग जा रही थी.
उसके जाने के बाद हम लोग फिर से शुरू हो गए और 30 मिनट तक हम दोनों ने मस्त चुदाई का मजा लिया.
चुदाई करने के बाद चाची मेरे लिए नाश्ता ले आईं और हम दोनों ने नाश्ता खाया.
नाश्ते के बाद मैं फिर से चाची को अपनी गोदी में खींच कर लग गया तो वे भी साथ देने लगीं.
हम दोनों फिर से शुरू हो गए लेकिन हम दोनों ने समय का ध्यान नहीं दिया और उसी वक्त चाची की बहन वापस आ गई.
उसने हम दोनों को सेक्स करते देख लिया.
मेरी नजर उस पर पड़ गई.
उस वक्त चाची का मुँह दीवार की तरफ था तो वे अपनी बहन को नहीं देख पाईं.
मैंने भी यह बात चाची को नहीं बताई.
उनकी बहन हमें चुदाई करते देख कर बिना कुछ कहे दूसरे कमरे में चली गई.
तो मैंने जल्दी जल्दी धक्के लगाना शुरू किए और अपना पानी उनकी चूत में ही निकाल दिया.
चुदाई के बाद मैं लेट गया और चाची से कपड़े पहन लेने को कहा.
उसके बाद हम दोनों अपने घर आ गए.
इसके कुछ दिन के बाद चाची को अपने मायके जाना पड़ा तो रात को वापस उनको लेने मैं ही गया था.
वहां मुझे चाची की छोटी बहन आरती से मुलाकात हुई क्योंकि मैं उससे उस दिन की चाची की चुदाई वाले वाकिए के के बाद मिल रहा था.
वह मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी.
आरती खूब बनी-ठनी थी.
मैं भी उसको देखता ही रह गया.
उसका फिगर भी काफी मस्त दिख रहा था.
मैंने भी मुस्कुरा कर कहा- हैलो आरती, कैसी हो?
वह मेरे पूछने पर एकदम से खुश हो गई और मुझसे बात करती हुई मेरे घर के हाल चाल लेने लगी.
इस तरह मैं वहां एक घंटा रुका और पूरे समय मैं उससे ही बात करता रहा.
वापस आते हुए मैंने उससे उसका नंबर ले लिया.
अब हम दोनों की चैट पर कभी कभी बात हो जाती थी.
लेकिन अब तक उस दिन वाली चाची के साथ हुई चुदाई की चर्चा न उसने की थी और न ही मैंने की थी.
एक बार वह घर में अकेली थी तो उस दिन उसने मुझे फोन मिलाया.
जब उसने बताया कि वह घर में अकेली है तो हम दोनों की रात भर बात हुई.
वह मेरे साथ बात करके काफी खुश थी.
सुबह हम दोनों ने साथ में मूवी देखने का प्रोग्राम सैट किया तो हम लोग साथ में मूवी देखने चले गए.
लेकिन अभी तक हम दोनों के बीच कुछ भी नहीं हुआ था.
बस वह पूरी मूवी में मेरा हाथ पकड़ कर बैठी रही और हम लोग बस बातें करते रहे.
उसकी आंखों में मेरे लिए एक प्यार वाली फीलिंग साफ दिखाई दे रही थी.
मूवी से वापस आकर मैंने उसे प्रपोज किया तो वह गुस्सा होकर कहने लगी- जब सामने थी, तब कहने मैं शर्म आ रही थी क्या?
मैंने उससे सॉरी कहा.
अब हम दोनों की रोजाना बात होने लगी और हम लोग मिलने को तड़पने लगे.
लेकिन कोई मौका नहीं मिल पा रहा था.
फिर एक हफ़्ते के बाद मेरे यहां परिवार में किसी की शादी थी, जिसमें वह आई हुई थी.
नसीब से उसकी बहन यानि मेरी चाची को किसी दूसरे के जहां की शादी में जाना था, तो वे वहां गई हुई थीं.
हम दोनों दोपहर में अपनी छत पर मिले, जहां कोई नहीं था.
वहां पर हम दोनों के बीच किस हुआ, हम लोग गले भी मिले और ढेर सारी बातें भी हुईं.
परंतु छत पर इस तरह से खुल कर मिलना ठीक नहीं था और उस वक्त इतना ज्यादा समय भी नहीं था कि उसके साथ सेक्स जैसा खेल हो सके.
रात को शादी हुई और दूसरे दिन वह वापस चली गई.
अब हम लोग फोन पर रोज ढेर सारी बातें और किस करने लगे.
हम दोनों में सेक्स की बातें हो जाया करती थीं लेकिन हमें चुदाई का मौका नहीं मिल पा रहा था क्योंकि किस जगह चुदाई हो, यह एक बड़ी समस्या थी.
तब तक मैं अपनी चाची को ही बजाता रहा.
लेकिन चाची को यह नहीं पता था कि जल्दी ही उनकी बहन भी मेरे लौड़े के नीचे आने वाली है.
एक दिन मेरी चाची को अपने मायके किसी लड़की को देखने जाना था.
तो मैं अपनी चाची को लेकर उनके मायके आ गया.
उधर उनकी भाभी भी लड़की देखने जाने वाली थीं और उनके पापा पहले ही लड़की वालों के यहां चले गए थे.
अब घर में उनकी बहन आरती ही अकेली रह गई थी.
मैंने जल्दी जल्दी अपनी चाची और उनकी भाभी को लड़की वालों के यहां छोड़ दिया और वापस आ गया.
मैंने रास्ते में थोड़ा खाने को ले लिया था.
नहीं तो वह मेरे लिए खाने को बनाने में समय खराब करती
आरती मेरा ही इंतजार कर रही थी.
घर आते ही मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसे किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी.
थोड़ी देर में ही उसके सारे कपड़े उतर गए और अब वह सिर्फ ब्रा और पैंटी में बची थी.
मैंने उसको बिस्तर में लिटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा.
वह पागल होने लगी और मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगी.
आरती अपने नाखूनों को मेरे पीठ पर गड़ाने लगी और मिसमिसाती रही.
मैं उसकी चूत को तब तक चाटता रहा जब तक उसका पानी नहीं निकल गया.
पूरा कमरा उसकी कामुक सिसकारियों से भर गया था.
अब वह कुछ शांत हो गई थी.
मैं उसकी चूत से निकले रस को चाटता रहा और पूरी चूत को कांच सा चमका दिया.
ज्यादा चूत चाटे जाने से वह फिर से गर्म होने लगी.
मैंने उसको सीधा कर अपना लंड उसके मुँह में दे दिया.
वह भारी चुसक्कड़ निकली.
मेरे लौड़े को किसी बच्चे की तरह लंड को मुँह में अन्दर तक लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने चाटने लगी.
थोड़ी देर बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
फिर मैंने उसकी चूत के नीचे तकिया लगा दिया और उसकी चूत में लंड को घिसने लगा.
वह और तड़पने लगी और लंड को अन्दर करने को कहने लगी.
मैंने पूरा लंड एक बार में उसकी चूत में घुसेड़ दिया.
वह दर्द से तड़पने लगी और रुकने को कहने लगी.
मैं उसके ऊपर लेट कर उसे किस करने लगा.
जब उसने नीचे से अपनी कमर उठाई, तब मैं भी लंड अन्दर बाहर करने लगा.
पूरा कमरा फिर से उसकी सिसकारियों से भर गया.
अब वह गाली देने लगी और कहने लगी- चोदो मुझे और तेज चोदो चोदते रहो … साले मैंने तेरे लौड़े का बहुत इंतज़ार किया है आज तू फाड़ दे मेरी चूत को … आह और तेज चोद हरामी … आह और तेज … बस चोदते रहो … आह आह और तेज करो आह.
मैं भी उसे धकापेल चोदता रहा.
फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में आने को कहा.
वह तुरन्त पोजीशन बदल कर कुतिया बन गई.
मैं उसे चोदने लगा.
मैंने लगभग 20 मिनट तक उसे बिना रुके चोदा.
इतनी देर में वह दो बार झड़ गई थी.
मैंने अपना लंड उसकी चूत से लंड निकाल कर उसके मुँह में दे दिया और वह उसे चूसने लगी.
मैं उसके मुँह को चूत समझ कर चोदने लगा और मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में ही छोड़ दिया.
वह अपने मुँह से लंड का रस अपने मम्मों पर गिराने लगी और उससे अपनी चूचियों की मालिश करने लगी.
वह सीन बहुत अच्छा लग रहा था.
आरती पूरी बिल्कुल थक चुकी थी और साथ में मैं भी.
विलेज गर्ल सेक्स के एक राउंड की चुदाई के बाद हम दोनों ने कुछ खाया और फिर साथ में लेट गए.
मैंने उस दिन उसको 2 बार चोदा और दोनों बार पानी उसके मुँह में गिराया क्योंकि चूत में डाल कर मुझे कोई रिस्क नहीं लेना था.
इस तरह मैंने अपनी चाची की सिस्टर को भी चोदा.
लेकिन इसी चुदाई में आरती की पड़ोसन ने हम दोनों को छत से किस करते हुए देख लिया था, जिसके कारण हमें उसकी पड़ोसन से भी मिलना पड़ा.
किस तरह उससे बात हुई और उसने मेरे साथ क्या किया, वह मैं आगे की सेक्स कहानी में लिखूँगा.
आप इस विलेज गर्ल सेक्स कहानी पर अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
धन्यवाद.
मेरी ईमेल आईडी है
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