मैं उसकी चूत का हीरो

(Main Uski Chut Ka Hero)

मेरा नाम शिवम है, मैं नोएडा में रहता हूँ, मेरा कद 5’10” का है. मैं दिखने में गोरा और आकर्षक हूँ.

यह कहानी उस समय की है, जब मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ता था, उस वक़्त मैं हॉस्टल में रहा करता था. सुबह मैं स्कूल जाता और शाम को कोचिंग चला जाता था.

एक दिन की बात है, मैं कोचिंग में थोड़ा जल्दी पहुँच गया था क्योंकि मुझे रास्ते में कुछ काम था. जब मैं कोचिंग पहुँचा, तब मैंने देखा कि वहाँ अभी तक कोई भी नहीं आया था. मैंने अपनी बाईक पार्क की और अपने दोस्तों का वेट करने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने सोचा कि क्यों ना क्लास में चलकर थोड़ा मैथ पढ़ लूँ.

मैं जैसे जैसे सीढ़ियों से ऊपर अपनी क्लास की तरफ बढ़ रहा था, मुझे कुछ आवाज़ें सुनाई देने लगीं. यह सिसकारियाँ भरने की आवाज़ें थीं. मैं समझ तो गया कि कोई खेल चल रहा है.. लेकिन तभी मैंने सोचा कि किसी दूसरे का मज़ा क्यूँ खराब करूँ तो इसीलिए मैं वापिस से नीचे आ गया.

फिर थोड़ी देर बाद, मुझे सीढ़ियों से किसी के उतरने की आवाज़ आई. मैं यह देखना चाहता था कि किसकी इतनी ज़ोरदार चुदाई चल रही थी. वह नीचे उतरी और जब मैंने उसे देखा, तब मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं. उस लड़की का नाम ज़रीन था और वह मेरी सीनियर रह चुकी थी.

तभी मेरे दोस्त भी आ गए और हम कोचिंग पढ़ने चले गए.. पर मेरे दिमाग़ में केवल ज़रीन चढ़ी हुई थी. उसका 34-30-32 का फिगर मेरे लंड में हलचल पैदा कर रहा था, मुझे बार बार यही ख़याल आ रहा था कि वह अपनी चूचियाँ और गांड हिलाते हुए कैसे चुद रही होगी.

कुछ देर बाद जब क्लास ओवर हुई और मैं हॉस्टल पहुँचा, तब भी मेरे दिमाग़ में वही सब चल रहा था. फिर मैंने बाथरूम में जाकर उसको याद कर के मुठ मारी और अपने कमरे में आ गया. मैंने फ़ेसबुक पर उसको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी.

रात 11 बजे मैंने फिर फ़ेसबुक खोली, तो देखा कि उसने मेरी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली थी और वह ऑनलाइन भी थी. मैंने हाय लिख कर भेजा, थोड़ी देर बाद उसका रिप्लाई आया.
फिर मैंने उससे उसकी पढ़ाई के बारे में पूछा कि वो क्या कर रही है. तो उसने मुझे बताया कि वह ग्रेजुयेशन कर रही है और साथ ही सिविल सर्विसेज़ की तैयारी भी कर रही है.
मैंने पूछा- आप राहुल सर के पास क्यूँ जाती हो?
उसने मुझको बोला- मैथ की क्लास लेने जाती हूँ.
मैंने बोला- वो आपको अकेले ही पढ़ाते हैं?
उसने बोला- हां.
अंत में मुझसे रहा नहीं गया और मैंने बोल दिया कि मुझे सब पता है कि आप वहां क्या करने जाती हो.

कुछ देर तक कोई जबाब नहीं आया.. मैंने भी कुछ नहीं कहा.
मुझे लगा कि शायद वो जबाव नहीं देगी.

लेकिन तभी उसने मैसेज भेज कर मेरा मोबाइल नम्बर माँगा, मैंने दे दिया. अगले ही मिनट में उसका कॉल आया, वह रो रही थी. उसने बताया- लास्ट ईयर हमारा टूर गया था, तब नहाते टाइम राहुल सर ने मेरा वीडियो बना लिया था और वह उनके फ़ोन में अब तक है, जिसे दिखाकर वो रोज़ मेरा फ़ायदा उठाते हैं, प्लीज़ हेल्प मी.
मैंने पूछा कि उसने उस क्लिप को कहीं नेट पर अपलोड तो नहीं कर रखा है?
वो बोली- नहीं.. उसने कहीं भी अपलोड नहीं की है. ये पक्का मालूम है.
मैंने बोला- ठीक है, मैं मदद की पूरी कोशिश करूँगा.

अब मेरे दिमाग में उसकी तस्वीर कुछ दूसरी बनने लगी थी, लेकिन उसकी मदभरी आवाजें मुझे कुछ और सोचने पर मजबूर भी कर रही थीं.

फिर रात भर मैंने इस बारे में सोचा और अगले दिन स्कूल के बाद कोचिंग पहुँचा. क्लास के बाद मैंने सर को बोला कि मेरे पापा आने वाले हैं और मुझे उन्हें लेने जाना है, मेरा मोबाइल लो बैटरी के कारण ऑफ हो गया है, प्लीज़ आप मुझे अपना मोबाइल दे दीजिएगा.

यह कह कर मैंने उनसे एक कॉल करने के बहाने मोबाइल ले लिया और जल्दी से उनका फोन फ़ॉर्मेट मार दिया.

उन्होंने फोन को ब्लैंक देखा तो गुस्सा होने लगे. मैंने उन्हें मोबाइल देकर बोला- सर किसी का वीडियो बनाकर उसे धमकाकर सेक्स करना.. आप जानते हैं कि यह अपराध होता है, अगर आपने अभी ज़रीन से माफी नहीं माँगी तो मैं आपके खिलाफ केस करूँगा. ज़रीन भी इस बात पर तैयार है और उसका मेडिकल होने पर आपको सज़ा पाने से कोई नहीं बचा पाएगा.

मेरी इस बात से वो घबरा गए. इसी के साथ मैंने कहा कि यदि उसका वीडियो किसी भी जगह नेट आदि से मिलता है तो उसके जिम्मेदार भी आप ही होगे. इसलिए बेहतर रहेगा कि यदि आपने कहीं इस वीडियो की कॉपी रखी हो तो उसे भी डिलीट कर दो.
मेरी बात सुनकर सर डर गए और उन्होंने मेरी बात मानते हुए कहा कि नहीं मैंने इसकी कोई कॉपी नहीं बनाई थी.
मेरे सामने उन्होंने ज़रीन को सॉरी भी बोला. मैंने सर से जरीन को कुछ पैसे भी दिलवाए.

इसके बाद कुछ दिनों तक हमारी खूब बातें हुईं, वह बार बार बोलती थी- शिवम, यू आर माय हीरो.
एक दिन मैंने उसको बोला- आई लव यू ज़रीन.. विल यू एक्सेप्ट मी?
उसने बोला- आई लव यू टू शिवम… यू आर माय हीरो.

फिर मैंने उसको डेट के लिए पूछा, उसने शनिवार का टाइम फिक्स कर लिया. इसके बाद मैंने अपने दोस्त के फ्लैट की चाभी ली और सारे अरेंज्मेंट करने लगा. मैंने केक, चॉकलेट, वाइन और डेकोरेशन सब का इंतज़ाम किया.

फिर शनिवार आया, मैं फ्लैट पर ज़रीन की प्रतीक्षा कर रहा था. आज मैंने वाइट शर्ट और ब्लैक पैंट पहना हुआ था. तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई, मैंने जल्दी से दरवाज़ा खोला, मेरे सामने ज़रीन खड़ी थी.
मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी थीं. उसने बड़ी ही चुस्त रेड ड्रेस पहनी हुई थी, इस ड्रेस में उसकी तनी हुई चूचियों को देख कर लग रहा था कि इसकी चूचियां अभी इस ड्रेस को फाड़ कर बाहर आ जाएंगी. उसके बाल खुले थे, जो आगे से उसकी चूचियों पर आ रहे थे. उसके होंठों पर डार्क रेड लिपस्टिक लगी थी.

मैंने उसे गुड ईव्निंग कहा और उसे अन्दर बुला कर कुर्सी पर बैठाया.
कुछ देर यूं ही माहौल को हल्का करने जैसी बातें हुईं, फिर हमने केक काटा, एक दूसरे को खिलाया और थोड़ी वाइन भी पी.

इस वक्त वो मेरे एकदम करीब बैठी थी. फिर मैं उसके कंधों को सहलाते हुए उसके करीब आया. तो उसने अपने होंठ आगे कर दिए. मैंने झट से उसके होंठों को अपने होंठों से छू दिया, वह शर्मा गयी. लेकिन मुझसे दूर नहीं हुई.

फिर मैं अपने होंठों से उसके होंठों को पीने लगा और जीभ को उसके मुँह में डालने लगा. इस बीच मेरा हाथ उसकी गांड को भी सहला रहा था. वो भी हल्के हल्के से मेरे होंठों को काट रही थी. मेरा लंड पूरा सख़्त हो चुका था और मेरे हाथ उसकी चूचियों को बड़ी बेरहमी से मसल रहे थे.

फिर हमने किसिंग को रोका और मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया. इधर उसने मेरे लंड को सहलाया, उधर मैंने उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डाल कर उसके उठे हुए निपल्स को मसलना चालू कर दिया. वो भी मेरे लंड से खेलने लगी. तभी मैंने जल्दी से उसकी ड्रेस उतार फेंकी, अपने दांतों से उसकी ब्रा खोली और होंठों से उसकी पैंटी को नीचे कर दिया. उसकी चूत की खुशबू मुझे पागल कर रही थी. मैं झट से खड़ा हुआ, तो उसने मेरा पेंट और अंडरवियर निकाल दिया. मैंने अपनी शर्ट भी निकाल फेंकी.

फिर मैंने उसको उठाकर टेबल पर बैठा दिया, तभी मेरी नज़र सिल्क चॉकलेट पर पड़ी. मैंने चॉकलेट खोली, जो पूरी पिघल गयी थी. इसे मैंने उसके बदन पर, उसके गले पर, होंठों पर, चूचियों पर और चूत पर लगा दिया. वह हल्की हल्की सिसकारियां ले रही थी और मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से हिला रही थी.

फ़िर मैंने चॉकलेट चाटने का सिलसिला शुरू किया, होंठों के करीब गया तो उसने मेरे होंठ जकड़ लिए. मैं उसने होंठों को खा जाना चाहता था और वह मेरे होंठों को काटना चाहती थी. मैंने उसकी चूचियों को चाटा, सब जगह चूमने चाटने के बाद मैं उसकी चूत पर आ पहुँचा. जैसे ही मैंने उसकी चूत को छुआ, उसकी गरम सिसकारियाँ निकल गईं. उसकी सिसकारियों से मुझे और जोश आ गया और मैं पागलों की तरह उसकी चूत चाटने लगा.

थोड़ी देर बाद उसने मेरे सर को अपनी चूत पर दबा दिया और मैं भी मानो उसकी चूत को खा जाना चाहता था.

कुछ देर बाद मैं उठा. अब मेरा साढ़े छह इंच का लंड एकदम तैयार था.

उसने मेरा लंड देखते ही लपक लिया चूसने चाटने लगी. वो बोल रही थी- आई लव यू बेबी!

काफ़ी देर तक लंड चुसवाने के बाद मैंने उसे उठा कर लिटा दिया. उसकी चूत पर लंड रखा. उसने भी अपनी चूत लंड के लिए पूरी खोल दी थी. मैंने एक बार में पूरा लंड पेल दिया. उसने हल्का सा चिल्लाया और दांतों से मेरे कंधे पर काट लिया. मैं बिना रुके धकापेल धक्के मारता जा रहा था.

वह ‘ऊऊऊहह… उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाज़ें निकाल रही थी. काफ़ी देर चली ज़ोरदार चुदाई के बाद हम झड़ कर अलग हो गए और कुछ देर यूं ही आँखें मूंद कर सो से गए.

आज उसने मुझे अपनी चूत का मजा दिया था और वो मुझे लंड के लिए भी थैंक्स बोल रही थी.
मैंने पूछा- कैसा लगा.
तो आँख मार कर बोली- सच्ची बताऊं?
मैंने हां कहा, तो उसने बताया कि सर से चुदने के बाद मुझे लंड की बड़ी तलब लगने लगी थी. मैं कबसे तुमसे चुदने के लिए तड़फ रही थी.

मैंने उसे उस दिन दो बार और चोदा.

इसके बाद तो जब भी हम दोनों को मौका मिलता था, हम सेक्स करते थे.

अब वह इलाहाबाद में रहती है, जब कभी वह नोयडा आती है, हम खूब मस्ती करते हैं.

अब इधर मैं भाभियों और लड़कियों की प्यास बुझाता हूँ, पर यह बात मैंने उस से छिपाई है.

आप सबको मेरी सेक्स स्टोरी कैसी लगी, मुझे मेल करके बताएं.
नमस्कार.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top