रैगिंग ने रंडी बना दिया-82
(Ragging Ne Randi Bana Diya- Part 82)
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अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि फ्लॉरा के घर पर टीना रात को होने वाली पार्टी को लेकर बरखा और अतुल से बातचीत कर रही थी. इन दोनों को फ्लॉरा और टीना ने अपनी वासना की लालच में फंसा लिया था और टीना ने अतुल का लंड चूस कर चुदाई के लिए उसे भड़का दिया था. बरखा ने भी अतुल को भी फ्री सेक्स के लिए हां कह दिया था.
अब आगे..
बरखा की बात सुनकर अतुल बहुत खुश हो गया और तभी टीना उसके पास आ गई. टीना ने उसकी टी-शर्ट निकाल दी और फ्लॉरा ने उसका लोवर खीच लिया. अब अतुल एकदम नंगा हो गया था.
टीना ने झट से नीचे बैठ कर अतुल के लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
अतुल- आह.. वाउ टीना.. तेरे होंठ तो चुत की तरह गर्म हैं आह..
टीना ने थोड़ी देर लंड चूसा, फिर अलग हो गई.
अतुल- क्या हुआ साली जी.. लंड चूसो ना.. यार सच में बहुत मज़ा आ रहा था.
टीना- एक बात बताओ अतुल, बरखा ने तुम्हें आज पूरी आज़ादी दे दी है, अगर यही बात बरखा चाहे कि आज वो भी किसी और से चुदाई करे तो क्या तुम्हें मंजूर होगा.
अतुल अब उनके वश में आ गया था और उत्तेजित इंसान दिमाग़ या दिल से नहीं.. लंड से सोचता है. यही हाल अतुल का हो गया था.
अतुल- इसमें क्या है यार.. अगर मेरी जान का दिल है तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी. वो एक से क्यों.. दो से चुदाई कर सकती है.
फ्लॉरा- वाउ यार.. अतुल मान गया यानि आज ग्रुप चुदाई में बहुत मज़ा आने वाला है.. पूरी रात हम सभी के लंड चुत एंजाय करेंगे.
अतुल- ग्रुप चुदाई? मैं कुछ समझा नहीं.. मुझे कोई ठीक से बताएगा?
बरखा- टीना अब तुम ही इसे विस्तार से बताओ.
टीना ने शुरू से आख़िर तक सारी बात बताई और ये सब उनका प्लान था.. उसने अतुल को सब समझा दिया.
अतुल- ओह यार तुम लड़कियां भी ना इतनी सी बात को कितना लंबा कर देती हो. ऐसे सीधे भी अगर मुझसे पूछती, तो मैं ‘हाँ’ कह देता क्योंकि मेरा खुद का बड़ा मन करता है कि कभी ऐसा मौका मिले कि ग्रुप चुदाई हो. खास कर मेरी जान बरखा को भी ये पसंद है तो मैं कभी ना कर ही नहीं सकता बल्कि ये तो बहुत अच्छी बात है. आज मैं मेरी जान को किसी और से चुदता देखूँगा, ये सोच कर ही मेरे लंड में एक्सट्रा तनाव आ गया.
टीना- तो ठीक है बस.. अब रात को खूब मज़ा करेंगे. चलो बरखा कुछ तैयारी करनी है.
अतुल- अरे अरे ये क्या मुझे ऐसे ही अधूरा छोड़कर जाओगी क्या? मुझ पर नहीं तो कम से कम मेरे लंड पर तो रहम करो यार.
टीना- अब जो करना है रात को करना.
अतुल- नहीं यार ये ग़लत है.. रात तक तो मेरा ये लंड अकड़ कर दर्द करने लगेगा.
बरखा- प्लीज़ यार मेरे अतुल को मत तड़पाओ.. तुम अभी चुदवा नहीं सकती तो कम से चूस कर ही इसके लंड का पानी निकाल दो ना.
फ्लॉरा- हाँ ये सही है.. चलो तुम दोनों जाओ, मैं अतुल के लंड को ठंडा कर देती हूँ.
फ्लॉरा तो लंड चूसने में एक्सपर्ट थी. उसने अतुल के लंड को ऐसा चूसा कि वो मज़े की दुनिया में गोते खाने लगा और आख़िरकार लंबी लंड चुसाई के बाद उसके मूसल का लावा बाहर निकल आया.
टीना ने बरखा की चुत को एकदम क्लीन कर दिया, साथ ही उसने अपनी चुत भी चमका ली थी. लंड का पानी निकलने के बाद अतुल शांत हो गया तो फ्लॉरा भी उन दोनों के साथ चुत की झांटें साफ करने चली गई. इधर अतुल टीवी देखने बैठ गया.
दोस्तो अब यहा से जाना पड़ेगा क्योंकि यहाँ जो भी खेल होने वाला है, वो रात को होगा. तब तक हम कहीं और घूम कर आ जाते हैं.
सुमन जब घर गई तो उसका खिला-खिला चेहरा देख कर पापा जी ने उसे रोक लिया- आ गई मेरी राजकुमारी.. बहुत टाइम लगा दिया ना बेटा.. और तेरे चेहरे पर इतनी ख़ुशी किस बात की है बेटा?
अब सुमन कैसे बताए वो अपनी चुत चुसवा कर आई है, इसलिए वो खुश है.
सुमन- कुछ नहीं पापा ऐसे ही फ्रेंड से मिलकर आई हूँ तो आपको ऐसा लग रहा है.
पापा- अच्छा अच्छा ऐसे ही खुश रहा कर तू.. तुझसे एक बात करनी थी.
सुमन- हाँ पापा बोलो ना क्या बात है?
पापा- रात को तेरी माँ तो जल्दी सो जाती है और मुझे नींद नहीं आती तो क्या मैं तेरे पास आ जाऊं, अगर तुझे कोई दिक्कत ना हो तो?
सुमन- अरे इसमें पूछना क्या पापा.. मैंने तो रात को ही कहा था कि आप मुझे रोज ऐसे ही मालिश करके सुलाना. सच में आपके हाथों में जादू है, आप सर को एकदम हल्का कर देते हो, उससे नींद अच्छी आती है.
इतना कह कर सुमन अन्दर चली गई और अपनी माँ की काम में मदद करने लगी.
सुमन का जवाब सुनकर गुलशन जी की आँखों में चमक आ गई, अब उनके इरादे क्या थे.. वो तो रात को ही पता चलेगा. अभी यहाँ भी हमारे काम का कुछ नहीं बचा, तो चलो अब मोना और नीतू के पास जाकर थोड़ा झाँक लेते हैं कि वहां क्या हो रहा है.
गोपाल ने नीतू को पैसे भी दिए और अच्छी वाली आईसक्रीम भी लेकर दी. उसके बाद वो अपने काम पे चला गया और अब मोना और नीतू घर में अकेली थी.
मोना- क्या बात है नीतू.. एक ही दिन में तूने अपने जीजू को पटा लिया, आईसक्रीम मंगवा ही ली तूने.. वैसे ये हुआ कैसे?
नीतू- कुछ नहीं दीदी मैंने उनके पैर दबाए थे ना.. बस इसी लिए.
मोना- अच्छा ये बता मेरे जाने के बाद तुमने कुछ किया था क्या?
नीतू- नहीं तो दीदी व्व..वो जीजू तो सो रहे थे ना.
मोना- अच्छा बच्ची मेरी बिल्ली मुझी से म्याऊं.. वाह.. मैंने तुझे गोपाल को बताने से मना किया है और तू मुझसे ही बात छुपा रही है.
नीतू- नहीं दीदी सॉरी.. मैं आपसे छुपाना नहीं चाहती मगर वो जीजू ने ना मुझे वो..
मोना- क्या वो वो.. लगा रखी है सीधे बोल ना लंड पकड़वाया था..!
मोना के मुँह से लंड सुन कर नीतू के चेहरे का रंग फीका पड़ गया वो बस मोना की तरफ़ देखने लगी.
मोना- ज़्यादा सोच मत.. मैं कही नहीं गई थी.. समझी! यहीं छुप कर सब देख रही थी और अब मुझे ऐसा लगता है तू जितनी भोली बन रही है, उतनी है नहीं.. सच सच बता.. तुझे इस खेल के बारे में क्या-क्या पता है?
नीतू- नहीं दीदी मुझे कुछ नहीं पता.. वो तो जीजू ने ऐसा करने को कहा था बस.
मोना- अरे तो घबरा मत.. मैं तुझसे गुस्सा नहीं हूँ. मैं तो खुद यही चाहती थी कि तू जीजू का लंड मसले.. उनका पानी निकाल दे ताकि वो खुश हो जाएं.
नीतू- मगर क्यों दीदी.. आप ऐसा क्यों चाहती हो.. ये तो गलत है ना?
मोना- नहीं नीतू, तेरे जीजू का पानी नहीं निकलता तो वो मुझे चोदते और मेरा अभी चुदाई करने का मन नहीं था.
मोना की चुदाई जैसी खुली बातें सुनकर नीतू हंसने लगी.
मोना- तू हंस क्यों रही है हाँ बोल?
नीतू- दीदी आपको भी दर्द होता है क्या.. जो आप नहीं करना चाहती हो?
मोना- तुझे ये कैसे पता? देख नीतू मैं जानती हूँ तुझे चुत और लंड के इस खेल की जानकारी है, मगर तू भोली बन रही है. अब सच बता दे नहीं तो मैं सच में तुझसे नाराज़ हो जाऊंगी और तुझे काम से भी निकाल दूँगी.. फिर चली जाना अपनी उसी गंदी बस्ती में.. और सुनती रहना उन बड़ी लड़कियों की कहानी.
नीतू- नहीं दीदी, भगवान के लिए आप गुस्सा मत हो. मैं सब बताती हूँ, पहले मुझे पता नहीं था मगर कुछ दिन पहले एक लड़की की शादी हुई और जब वो वापस आई तब सारी लड़कियां उससे पूछने लगीं. तब मैं भी वहीं थी और वो लड़की सबको बता रही थी कि उसका पति उससे लंड पकड़वाता है. चूसने को बोलता है, फिर उसको चोदता है.. तो बहुत दर्द होता है.. बस मुझे यही पता है.
मोना- गुड और बता.. कुछ और भी पता होगा ना तुझे?
नीतू- वो कह रही थी.. लंड को चूसने से या हाथ से हिलाने से उसमें से सफेद पानी निकलता है, जो चिपचिपा होता है.
मोना- अच्छा यानि तूने सब सुना हुआ है. चल ये बता तेरी चुत को मैंने टच किया था, तब तू सिहर गई थी. सच बता तूने कभी अपनी चुत का पानी निकाला है क्या?
नीतू- नहीं दीदी कसम से मैंने कभी नहीं निकाला.. हाँ एक-दो बार मैंने कोशिश की थी, मगर दर्द होता है.
मोना को अब बात समझ आ गई थी कि ये भोली तो नहीं है मगर इतनी फास्ट भी नहीं है. बस सुन कर ही सीखी हुई है. अब इसको गोपाल से चुदाई के लिए आसानी से तैयार किया जा सकता है. साथ ही उसके लिए आज ही उसे कुछ सोचना पड़ेगा ताकि ये काम जल्दी पूरा हो जाए और ये कच्ची कली गोपाल से चुदने को मान जाए.
साथियो, मेरी इस सेक्स स्टोरी पर कमेंट्स करें.
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कहानी जारी है.
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