क्यूट भाभी को चोदकर प्यार हो गया- 2
(Sweet Girl Rajasthani Sex Kahani )
राजस्थानी सेक्स कहानी में मैंने अकेली रह रही एक भाभी को चोदा. उसकी खूबसूरती देख कर मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था, मैंने उसे नंगी करना शुरू कर दिया.
नमस्कार दोस्तो, मैं सूरज सिंह, कहानी का अगला भाग लेकर आप सभी के सामने हाजिर हूं.
राजस्थानी सेक्स कहानी के पहले भाग
गोरी भाभी को नंगी देखने की लालसा
में अभी तक मैंने आप लोगों को बताया था पहली बार किसी ने मुझे एक दो दिन के लिए नहीं, बल्कि पूरे एक सप्ताह के लिए बुलाया था. वो मुझे पहली नजर में ही इतनी पसंद आ गई थी कि लग रहा था कि आज मुझे कोई परी मिल गई है.
खैर … कुछ भी हो, वो भी मेरी एक ग्राहक थी. लेकिन आज कोई ऐसी मिली, जिसकी सेवा मैं दिल से करने वाला था.
अब आगे राजस्थानी सेक्स कहानी का मजा लें:
वाइन पीने के बाद हम दोनों पलंग पर ही बैठे हुए थे.
वो थोड़ा झिझक रही थी. शायद इसलिए क्योंकि … आज पहली बार वो किसी पराए मर्द के साथ सोने वाली थी.
बीच बीच में मैं उससे बात करता जा रहा था और उसे नार्मल करने की कोशिश कर रहा था.
इसी बीच मैंने उससे पूछ लिया- तुम मुझसे किस प्रकार से सेक्स करना पसंद करोगी. तुम जो बोलोगी मैं वो सब कुछ करूंगा.
थोड़ी शर्म और हल्की मुस्कान के साथ उसने जवाब दिया- तुम मुझे अपनी गर्लफ्रैंड या अपनी बीवी समझ कर अपने हिसाब से कुछ भी कर सकते हो. मैं किसी भी चीज के लिए मना नहीं करूंगी.
इतना सुनकर तो मेरा दिल खुश हो गया.
अब मैं उसे इतना मजा देने वाला था कि वो मुझे पूरी जिंदगी याद करेगी.
मैं उसके और करीब गया और उससे बिल्कुल चिपक कर बैठ गया.
मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और उसका चेहरा अपनी तरफ कर लिया.
उसके गुलाबी होंठ हल्के हल्के कांप रहे थे और गाल बिल्कुल टमाटर जैसे लाल हो गए थे.
मैंने अपना एक हाथ उसके गले में डाला और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए.
आहिस्ते आहिस्ते मैं उसके पतले रसीले होंठों को प्यार से चूमने लगा.
कभी उसके नीचे के होंठ को, कभी ऊपर के होंठ को … बारी बारी से चूमने लगा.
कुछ समय तक वो शांत रही, फिर वो भी गर्म होने लगी और वो भी मेरा साथ देने लगी.
वो अपनी जीभ बाहर निकालने लगी और मैं उसकी जीभ को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा.
उसने भी अपना एक हाथ मेरे गले में डाल दिया और मुझसे चिपक गई.
हम दोनों ही एक दूसरे के होंठों को चूमते हुए मस्ती में चूर हो गए थे.
करीब पंद्रह मिनट तक उसके होंठों को चूमने के बाद आहिस्ते से मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया.
लेटी हुई वो अपनी नशीली आंखों से मुझे देख रही थी.
उसकी आंखों में इतना नशा था मानो जैसे मुझे कह रही हो कि आज मेरी सारी प्यास एक बार में ही बुझा दो.
मैं धीरे धीरे उसके बगल में लेटकर उसके चेहरे पर झुक गया और उसकी आंखों, उसके गालों को चूमते हुए फिर से उसके होंठों को चूमने लगा.
मेरे हाथ उसकी गोरी बांहों को सहलाते जा रहे थे.
कुछ देर बाद मैं अपने हाथ उसके पैरों तक ले गया और धीरे धीरे उसके गाउन को ऊपर उठाने लगा.
जैसे जैसे उसका गाउन ऊपर हो रहा था, मेरे दिल की धड़कन तेज हो रही थी क्योंकि उसका अन्दर का गोरापन देख कर मेरी आंखें फटी जा रही थीं.
जब मैंने उसका गाउन उसकी जांघों तक हटाया, तो उसकी संगमरमरी जांघें देख कर मेरे मुँह से पानी निकलने लगा.
कसम से दोस्तो, उसकी चिकनी जांघ देख किसी का भी पानी निकल जाता.
बिल्कुल दूध जैसी सफेद जांघ थी उसकी, जिस पर एक भी बाल के रोम तक नहीं थे.
मैंने उसकी जांघों को सहलाना शुरू किया और मेरे हाथों का स्पर्श पाकर रूना की आहें निकलने लगीं.
कुछ समय बाद मैंने अपने ऊपर के सारे कपड़े निकाल दिए और हाफ निक्कर में ही रह गया.
मेरे चौड़े सीने को देख उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान आ गई.
मैंने उसका भी हाथ पकड़ा और उसे उठाते हुए उसे घुटनों के बल बैठा दिया.
मैं भी उसके सामने घुटनों पर होकर बैठ गया और उसके गाउन को निकाल दिया.
अब उसके अन्दर का यौवन ब्रा और पैंटी में मेरे सामने था. अन्दर से उसका बदन बिल्कुल मलाई जैसा था.
ब्रा के अन्दर से झांकते उसके तने हुए दूध और नीचे छोटी सी पैंटी में छुपी हुई उसकी चूत, मुझे और ज्यादा दीवाना बना रही थी.
मैं जल्दी से उसे नंगी करना चाहता था लेकिन मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया.
रूना नजरें नीचे किए हुए मेरे सामने घुटनों पर थी.
मैं अपने हाथ उसकी पीठ पर ले गया और उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया.
उसकी ब्रा को निकालते हुए मेरी निगाह उसके मम्मों पर टिकी हुई थी.
जैसे ही ब्रा उसके सीने से अलग हुई, उसके बेहद खूबसूरत दूध मेरे सामने थे.
मेरे अनुमान के मुताबिक़ 34 इंच के उसके गोरे गोरे दूध मेरे सामने तने हुए थे.
दोनों मम्मों पर बिल्कुल छोटे छोटे से गुलाबी रंग के उसके निप्पल देख मेरे मन में बस एक ही बात आयी कि इतनी खूबसूरत बीवी को अकेली छोड़कर कौन बेवकूफ विदेश चला गया.
इतनी सुंदर औरत को पैसे देकर चुदने की क्या जरूरत है, इसे तो कोई भी अपनी जान बनाकर रख सकता है.
पहली बार मुझसे रुका नहीं जा रहा था और मन कर रहा था कि जल्दी से इसकी चूत में अपना फौलादी लंड उतार कर इसकी ऐसी चुदाई करूं कि इसे जीवन भर याद रहे. लेकिन किसी तरह से मैं रुका हुआ था.
मैंने भी जल्द अपना निक्कर निकाल दिया,
हम दोनों अब केवल अंडरवियर में रह गए थे.
मैंने अपनी बांहें फैलाते हुए रूना को अपनी बांहों में भर लिया.
उसका गर्म बदन मेरे बदन से चिपक गया और मैंने उसे जकड़ लिया.
मैं उसकी चिकनी पीठ को सहलाते हुए उसके गालों को चूमने लगा.
मेरे हाथ बराबर उसकी पीठ कमर और उसकी गांड तक जाकर उसे सहला रहे थे.
रूना भी गर्म हो गई थी और वो भी अपने हाथों से मेरे बालों को सहलाती जा रही थी.
उसकी उत्सुकता देखकर ही पता चल रहा था कि वो कितनी प्यासी थी.
उसे लंड की बहुत जरूरत महसूस हो रही थी शायद … तभी उसने मुझ जैसे कॉल बॉय को बुलाया था.
वो तो अच्छा हुआ कि मैं उसे प्यार से सब कर रहा था, नहीं तो किसी और मर्द के हाथ लग जाती तो वो रूना को पटक पटक कर चोदता.
ऐसी माल को चोदने के लिए कोई भी मर्द तैयार हो जाता.
किसी भी तरफ से वो शादीशुदा नहीं लग रही थी बल्कि अभी भी वो कोई अनछुई कमसिन लड़की ही लग रही थी.
उसके फिगर से ही पता चल रहा था कि वो बहुत कम चुदी होगी.
काफी देर तक मैंने उसे चूमा चाटा.
फ़िर नीचे झुककर उसके एक दूध में अपना मुँह लगा दिया.
दूसरे दूध को अपने एक हाथ में थाम कर हल्के हल्के सहलाने लगा और पहले वाले दूध के निप्पल को अपने मुँह में डालकर जैसे ही चूसा, उसकी मादक आवाज निकली- ससीई ईई … ममम्मी.
मैं बहुत प्यार से उसके दूध सहलाता जा रहा था और निप्पल चूसता जा रहा था.
रूना बिल्कुल जोश में आ गई थी और खुद से अपने दूध को मेरे मुँह में ही दबाने लगी थी.
वो चाह रही थी कि मैं और अच्छे से उसके निप्पल को चूसूं.
उसके दूध इतने सुडौल थे कि अगर वो बिना ब्रा के भी रहती, तो उसके दूध तने ही रहते.
काफी देर तक उसमे दूध को मसलने और चूसने के बाद धीरे धीरे मैंने रूना को लेटा दिया.
फिर मैंने उसकी नशीली आंखों में देखा जो मुझे आमंत्रित कर रही थीं कि आओ और भी कुछ करो.
अब मैंने उसकी पैंटी निकालनी शुरू की और रूना ने भी अपनी चूतड़ों को हवा में उठा दिया जिससे पैंटी आसानी से निकल गई.
मेरे सामने वो पूरी तरह से नंगी हो गई थी और उसकी आंखें अपने आप शर्म से बंद हो गई थीं.
मैंने जैसे ही उसकी चूत के पहले दर्शन किए, मैं दंग रह गया.
इतनी छोटी सी प्यारी सी गुलाबी चूत मानो आज तक किसी का लंड गया ही न हो उसमें.
रूना ने दोनों पैरों को सिकोड़ लिया था, जिससे चूत का छेद नजर नहीं आ रहा था.
मैंने अपने अंगूठे से उसकी चूत को हल्के से सहलाया.
मुझे ऐसा लगा जैसे किसी मासूम गिलहरी को सहला रहा हूँ.
उसकी चूत देखने से ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वो किसी भारत की लड़की की चूत है.
आज तक इतनी गुलाबी चूत मैंने किसी औरत की नहीं देखी थी.
मैंने जितनी भी औरत या लड़कियों को चोदा था, सबकी चूत फटी हुई और काली चूत थीं.
कुछ लड़कियां जो गोरी थीं, उनकी भी चूत गुलाबी नहीं … बस गेहुंए रंग की ही थी.
लेकिन रूना की चूत बिल्कुल गुलाबी थी और बिल्कुल भी फटी हुई नहीं लग रही थी.
मैं समझ गया कि इसे इसके पति ने वो सुख नहीं दिया, जो इसकी जवानी को चाहिए था.
लेकिन आज मैं उसे वो सब मजा दूँगा, जो इसे हमेशा याद रहेगा.
रूना को तो पूरी तरह से मैंने नंगी कर दिया था लेकिन मैं अभी भी नीचे निक्कर पहने हुए था.
मैंने रूना को बिस्तर पर बिल्कुल सीधे लेटा दिया और उसका एक पैर अपने हाथ में लेकर पैरों से उसे चूमना शुरू कर दिया.
जल्द ही मैं उसकी जांघों तक पहुंच गया.
उसकी गदराई हुई चिकनी जांघें चूमने का अलग ही मजा आ रहा था.
ऐसे ही करते हुए मैंने उसके दोनों जांघों को चूमा.
फिर मैं उसके शरीर के सबसे खूबसूरत हिस्से पर पहुंच गया.
मतलब उसकी खूबसूरत चूत पर.
उसकी चूत ने हल्का हल्का पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.
मैं चूत पर झुक गया, चूत से बेहद ही कामुक गंध आ रही थी जिससे मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया.
झट से मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर ऐसे चलानी शुरू कर दी मानो वो कटोरी में रखी मलाई हो.
रूना उतने में ही छटपटाने लगी और उसके मुँह में ‘आआ आह आआआह …’ की आवाज आने लगी.
मैंने अपने दोनों हाथ के अंगूठों से उसकी चूत की फांकों को फैलाया और उसके छेद को चाटने लगा.
इस तरह से लगभग 10 मिनट मैंने उसकी चूत को लगातार चाटा और वो झड़ गई.
वो झड़ रही थी और उसकी चूत का पानी रुक रुक कर चूत से बाहर निकल रहा था.
उसका पानी निकलता जा रहा था और मैं बस उसे चाटता जा रहा था.
कुछ देर में वो शान्त होकर चुपचाप बिस्तर पर लेटी रही.
इसके बाद मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और उसकी चूत को बेतहाशा चाटना शुरू कर दिया.
जल्द ही रूना फिर से गर्म हो गई और उसकी मादक सिस्कारियां फिर कमरे में गूंजने लगीं.
इस बार मैं उसे झड़ने नहीं देना चाहता था इसलिए उसकी चूत से अपनी जीभ हटा ली.
उसके पैर अभी भी मेरे कंधे पर ही थे.
मैंने उसके पैरों को थोड़ा और फैलाया, तो मुझे उसकी गांड का प्यारा सा छेद नजर आया.
बिना कुछ सोचे मैंने अपनी जीभ उस छेद पर लगा दी और गांड के छेद पर गोल गोल करते हुए जीभ चलाने लगा.
उसका छेद अपने आप कभी अन्दर को जाता तो कभी बाहर को निकलता. उसका छेद अपने आप सिकुड़ और फैल रहा था और मैं बिंदास तरीके से उसे चाट रहा था.
कुछ समय बाद मैंने उसके पैरों को नीचे रखा और अब मैं भी अपना निक्कर निकालने लगा.
निक्कर के बाद जैसे ही मैंने अपने जिस्म से अलग किया, मेरा फनफनाता हुआ फौलादी लंड रूना के सामने आ गया.
उसे एक नजर देख उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई और वो दूसरी तरफ देखने लगी.
मेरा लंड किसी औरत को पसंद न आए, ऐसा कभी हुआ ही नहीं.
उसे भी मेरा लंड पसंद आया था.
अपने हाथों से थोड़ी देर लंड को आगे पीछे करने के बाद मैं रूना के ऊपर लेट गया.
मेरा लंड का सुपारा उसकी चूत को सहलाने लगा.
मैं उसके दूध को चूमते हुए उसके गालों तक पहुंच गया.
रूना ने भी अपनी दोनों टांगें ऐसे फैला दीं जैसे वो मुझे अपने में समा लेने के लिए बिल्कुल तैयार थी.
दोस्तो, इसके आगे क्या हुआ और किस तरह मैंने रूना की नाजुक चूत को पहले प्यार से, फिर रगड़ कर चोदा और मैंने ऐसा क्या किया, जिससे रूना ने चुदाई के दौरान ही पेशाब कर दिया.
आप राजस्थानी सेक्स कहानी के अगले भाग में जरूर पढ़िए और मुझे मेल कीजिए.
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राजस्थानी सेक्स कहानी का अगला भाग:
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