शादी के माहौल में गर्ल-फ्रेण्ड की चूत चुदाई

(Shadi Ke Mahual Me Girl-Friend Ki Chut Chudai)

दोस्तो.. मेरा नाम पप्पू है, मैं महाराष्ट्र से हूँ।
मेरी कहानी अबसे एक साल पुरानी है, ये कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड की है.. जो देखने में बहुत ही हॉट माल है.. उसकी उम्र 21 साल है। उसकी फिगर बहुत ही मस्त ‘स्लिमफिट’ है.. उसके चूचे और चूत तो बहुत ही चिकनी और लण्ड उठाऊ है।

मेरी गर्लफ्रेंड का नाम अर्चना है और मैं उसे प्यार से अर्चू बुलाता हूँ। वो अभी बीएड की परीक्षा दे चुकी है और मैं कंप्यूटर इंजीनियर हूँ।
हम जब भी मिलते.. तो चूमा-चाटी करते.. कभी-कभी मैं उसके चूचों को जोरों से मसल देता.. तो कभी उसकी चूत रगड़ देता.. जिससे वो पूरी तरह गरम हो जाती थी.. लेकिन उसको चोदने का कभी मौका नहीं मिलता था।

फिर एक दिन किस्मत मुझ पर मेहरबान हो ही गई, अर्चू की बड़ी बहन की शादी थी, हमारे यहाँ शादी के पहले दिन हल्दी की रस्म होती है।
यह तो आप जानते ही हैं कि शादी के दिनों में बहुत भाग दौड़ होती है और घर में भी मेहमानों की बहुत भीड़ रहती है।
उस दिन शाम को करीब 6 बजे हल्दी की रस्म शुरू हुई.. जो करीब 12 बजे तक चलने वाली थी।
जिससे कि आज मुझे मेरी अर्चू की चुदाई करने का मौका मिलने वाला था इसलिए मैं पूरी तैयारी के साथ करीब शाम के 7 बजे उधर पहुँच गया।

धीरे-धीरे अँधेरा बढ़ रहा था और अब 7:30 बज चुके थे… पूरा अँधेरा छा गया था। मैंने अर्चू को कॉल किया और उसे घर के पीछे आने को कहा, वो 5 मिनट में आ गई, मैंने झट से उसे अपनी बाँहों में उठाया और घर से थोड़ी दूर एकांत बगीचे में ले गया.. जहाँ हमें कोई देख नहीं सकता था और वहाँ कोई के आने की भी सम्भावना नहीं थी।

वहाँ पहुँचते ही मैं उस पर टूट पड़ा.. उसे किस करने लगा। मैं उसके चूचे प्रेस करते जा रहा था.. जिससे उसे दर्द महसूस होने लगा.. साथ ही वो धीरे-धीरे गरम होने लगी।

फिर मैंने उसका टॉप उतारा.. अन्दर उसने सफ़ेद ब्रा पहनी हुई थी.. जिसमें से उसके आधे चूचे दिख रहे थे। जो कि बाहर आने के लिए मचल रहे थे।

मैंने धीरे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उन्हें आज़ाद कर दिया। अब मैं उसके मम्मों को चूसने लगा.. जिससे वो और गर्म होने लगी।
मुझे भी अब कंट्रोल नहीं हो रहा था, मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और उसका हाथ लौड़े पर रख दिया।
वो उसे धीरे-धीरे सहलाने लगी जिससे मैं और जोश में आ गया और उसकी चूत को ऊपर से ही रगड़ने लगा।

फिर मैंने उसे नीचे बैठाया और अपना लण्ड उसकी मुँह में डाल दिया। वो गप्प से लौड़ा मुँह में ले गई और अब वो धीरे-धीरे उसे चूसे जा रही थी।
मैं भी उसके मुँह में लण्ड को अन्दर-बाहर करने लग गया।

थोड़ी देर बाद मैंने उसकी पैंट और कच्छी उतार दी। उसकी पैन्ट उतारते ही उसकी चिकनी चूत को सहलाने लगा। उसकी चिकनी चूत जो अभी एक दिन पहले ही शेव हुई थी.. मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगा।

कुछ ही पलों में मैंने नीचे घास पर लेट कर उसे अपने ऊपर 69 की अवस्था में ले लिया।
अब वो मेरा लण्ड और मैं उसकी चूत को चाटने लगा। धीरे-धीरे उसे मज़ा आने लगा। वो मेरा मुँह अपनी चूत पर दबाने लगी और मैं भी उसकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चाटने लगा।
वो जोश में आ गई.. उसके मुँह से मादक सिसकारियाँ निकलने लगीं- ओह्ह.. जान.. धीरे से ऊऊऊऊऊ.. आहहहा..

फिर मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी.. उसे हल्का सा दर्द महसूस हुआ और वो चीख पड़ी।

मैं अपनी उंगली अन्दर-बाहर करने लगा। उसकी चूत गीली होने के कारण मेरी उंगली पूरी गीली हो गई थी। इतने में उसका पानी निकलने वाला था और वो झड़ गई। उसका पूरा पानी मेरे मुँह में गिर गया और मैं गट कर गया।

फिर मैं उसके ऊपर आ गया और अपना लण्ड उसके मुँह में पेल दिया। वो ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी और मैं उसके मुँह को मस्ती से चोदे जा रहा था।
थोड़ी देर मैं मेरा पानी निकलने वाला था.. जो मैंने उसके मुँह में ही निकाल दिया। वो थोड़ा पी गई और बाकी का उसने बाहर निकाल दिया.. जो उसके चूचों पर गिर गया था।

फिर कुछ देर हम ऐसे ही नंगे लेटे रहे थोड़ी देर में ही वो फिर से मेरे लण्ड को सहलाने में लग गई और उसे चाटने चूमने लगी।
मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और चुदाई के लिए तैयार हो चुका था।
मैंने बिना देर किए उसे नीचे लिटा कर उसके पैर फैला दिए और लण्ड को उसकी चूत पर रख कर रगड़ने लगा। धीरे से लण्ड को उसकी चूत में पेलने लगा।

उसे हल्का सा दर्द महसूस हुआ लेकिन चूत गीली होने कारण ज़्यादा दर्द नहीं हुआ.. एक झटके में ही मेरा लण्ड पूरा अन्दर चला गया और वो दर्द से कुछ देर तड़फने लगी।
बाद में आराम मिलते ही मैं लण्ड को अन्दर-बाहर करने लगा। उसे मज़े आ रहे थे.. इतने में ही वो एकदम से अकड़ उठी और उसका पानी निकल गया।

फिर भी मैं उसे चोदता रहा। कभी उसे किस करता.. तो कभी उसके चूचे दबाता.. उसके मुँह से लण्ड उठाऊ आवाजें निकलने लगीं। उससे मुझे और जोश आने लगा और मैं ज़ोर-ज़ोर से अन्दर बाहर करता रहा।
कुछ मिनट के बाद मेरा पानी छूटने वाला था और मैंने अपना पानी उसके चूचे और मुँह पर छोड़ दिया और उसके बदन को मसलने लगा।

मैं शांत हो कर उसके ऊपर गिर गया और ऐसे ही हम 10-15 मिनट लेटे रहे। उसके बाद अपने-अपने कपड़े पहन कर हल्दी की रस्म में चले गए और उसके बाद 2 दिन में हम दोनों ने कई बार चुदाई का खेल खेला।
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