प्रेमी से बेवफाई का बदला प्यार से लिया

(Sexy Revenge By Girl)

सेक्स रिवेंज कहानी में एक लड़की के प्रेमी ने किसी दूसरी लड़की से शादी तय कर ली तो लड़की ने अपने प्रेमी को एक ऐसा तोहफा दिया जो उपहार के साथ बदला भी था.

यह कहानी सुनें.

नमस्कार दोस्तो!
मेरा नाम प्रियंका है।
मैं दिखने में एकदम मस्त लड़की हूँ।

मेरी पिछली कहानी
मैं अपने प्रेमी से ऑफिस में चुद गई
को आप सब ने बहुत प्यार दिया उसके लिए धन्यवाद!

अब मैं सेक्स रिवेंज कहानी पर आती हूँ।

हमारे रिश्ते को बस अभी 6 महीने ही हुए थे कि रवि (मेरा प्रेमी) के घर वालों ने उसकी शादी कहीं और तय कर दी और उसने हिम्मत भी नहीं दिखाई हमारे रिश्ते के बारे में किसी को बताने की।

खैर हम दोनों में जिस्म का एक रिश्ता बन गया था।

जनवरी में उसकी शादी की तारीख तय हो गई और उसकी शादी से पहले उसको मैंने एक तोहफा देने का मन बना लिया।
दिल तो टूट ही गया था पर मुझे उसे एक ऐसा तोहफा देना था जिसे वह कभी न भूल पाए! सेक्स रिवेंज का तोहफा!

उसकी शादी के एक हफ्ते पहले मैंने उसको मिलने के लिए मना लिया।
उसने एक होटल में कमरा बुक किया ताकि किसी को हमारे मिलने की भनक न हो।

मैं भी तो यही चाह रही थी।
तय दिन मैं रवि से मिलने पहुंची।

मैंने लाल रंग का स्लीव बैक लेस गाउन पहनी थी।
सर्दी की वजह से ऊपर एक फूल कोट भी पहन लिया था।

होटल के कमरे में जाते ही उसने हमेशा की तरह मेरी कमर को पकड़ के मेरे होंठों को चूम लिया।
मैंने भी पूरी शिद्दत से उसके चुंबन का जवाब उसके होंठों को चूस के दिया।

हम दोनों ने एक–दूसरे की आँखें में देखा।
वासना की झलक हम दोनों की आंखों से टपक रही थी क्योंकि हम दोनों को पता था कि आज मेरा और उसके जिस्म का आखिरी मिलन था।
मैंने अपना कोट उतार के जैसे ही सोफे पर रखा वह मुझे आँखें फाड़ के देखता रहा।

मैं एक खूबसूरत अप्सरा सी लग रही थी!

उसने भी अपना जैकेट उतार के बगल में रखा और मेरे करीब आकर मुझे अपने बांहों में ले लिया।
मेरी चूचियां उसको अपने जिस्म पर महसूस हो रही थी।

अपने होंठों से मेरी गर्दन को सहलाते हुए कस के वह मुझे अपने आलिंगन में ले रहा था।

मैंने भी उसको कस के अपने आलिंगन में ले लिया।

वासना से भरे इस आलिंगन का ऐसा असर हुआ कि कुछ ही पल में उसका लिंग मुझे अपनी योनि पर महसूस होने लगा।

तभी उसने मुझे सोफे पर बैठाया और टेबल पर रखी शराब की बोतल से एक जाम बनाया।

मेरे पास आकर उसने मुझे अपनी गोद में बिठाया और शराब का जाम मेरे होंठों पर लगा दिया।
मैं और वह एक–एक घूंट कर के शराब के गिलास को खाली कर गए और उसने दूसरी बार गिलास में शराब भर ली।

इस बार मुझे एक शरारत सूझी।
मैंने अपने मुंह में शराब भर ली और अपने होंठों को उसके होंठों के करीब ले आई।

मेरी इस अदा पर वह मुस्कुरा दिया और मेरे होंठों से अब वह शराब का जाम पीने लगा।
हर एक घूंट शराब के साथ मैं उसके होंठों को चूमती जाती।

मेरी इस अदा ने माहौल को और भी रंगीन बना दिया।

शराब के दो जाम खत्म होने बाद मैं उसके शर्ट के बटन खोलने लगी।

अपनी कातिल अदा को बिखेरते हुए मैं हर बटन के खुलने पर उसके सीने को चूमती जाती।
मेरी ऐसी अदाओं का तो वह सबसे ज्यादा दीवाना था।

शर्ट के बटन खुलते–खुलते आज तो मैंने उसके सीने पर चुम्बन की बारिश कर दी।

चुम्बन की बारिश करते हुए मैंने उसकी शर्ट उतार फेंकी और उसके कानों पर, गरदन पर बेतहाशा चूमने लगी।

वह भी मदहोश हो के अपने हाथों से मेरी कमर और चूतड़ को सहलाने लगा।

उसने मुझे अपने बांहों में उठाया और बिस्तर पर ले जा के पटक दिया।
फ़िर वह मेरे पैरो को चूमने लगा।

मेरे पैरो पर चुम्बन की बारिश करते हुए वह ऊपर आने लगा।

जैसे ही वह मेरे जांघों पर आया मैंने उसको रोक दिया और पलट के उसको बिस्तर पर लिटा दिया।
अब मैं प्यार से उसकी पैंट खोलने लगी।

पैंट उतारने के बाद अब उसका लिंग उसकी चड्डी में से बाहर आने को बेताब हो रहा था।

मैं अपने दांतो से उसकी चड्डी को पकड़ के धीरे–धीरे नीचे करने लगी।
मेरी इस अदा पर वह तो पागल हुए जा रहा था।

आज से पहले मेरी काम वासना इस कदर हावी होते हुए उसने कभी नहीं देखी थी।
मैंने उसकी चड्डी को उतार कर उसे पूरा नंगा कर दिया।

अब वह मेरे कपड़े उतार के मुझे अपनी आगोश में लेने को बेकरार हो रहा था।
पर मैं किसी और ही मूड में थी।

मैं– जानू, आज तुम्हारी शादी का एक तोहफा देने जा रही हूँ, थोड़ा सब्र करो।

उसके लंड ने मेरी चूत की गहराई को कई बार नापा था पर कभी मेरे होंठों तक नहीं पहुँच पाया।
मैंने उसके खड़े लंड पर प्यार से जीभ फेरी और अपने होंठों से उसे चूमने लगी।

रवि– आह … मेरी जान!
वह एकदम सातवें आसमान में उड़ने लगा गया था क्योंकि मैंने पहले कभी लंड को चूमा नहीं था।
उसके लंड को चूमते हुए मैं धीरे–धीरे उसे चाटने लगी।

आज मैं उसके साथ वह कर रही थी जो पहले कभी नहीं हुआ था।

उसने मेरे बाल पकड़े और अपने लंड को मेरे गले तक उतारने लगा।
पर मैं आज सेक्स की कमान अपने हाथ में रखना चाह रही थी।

उसका लंड मैंने अपने मुंह से निकाला और उसके सीने पर आ के बैठ गई।

मैंने शर्ट और पैंट से उसके दोनों हाथों को पलंग से कस कर बांध दिया।
अब सारी कमान मेरे हाथ में थी।

मैं उसके खड़े लंड को फ़िर से मुंह में ले के चूसने लगी। कभी अंडों को, कभी पूरे लंड को तो कभी लंड के सुपारे को, मैं कभी चाटने लगती तो कभी चूसने!

मेरी इस हरकत से वह बेकाबू हुए जा रहा था।

उसका लंड तन के पूरा खड़ा हो गया था और मेरी चूत के लिए तड़पने लगा।

वह आहें भरते हुए बोला– आह … मेरी जान … ऊऊ! तुमने तो आज मुझे पागल कर दिया। कब से चाह रहा था कि तुम मेरे लंड को मुंह में ले के चूसो, प्यार करो! आखिरी चुदाई ही सही पर तुमने मेरा लंड मुंह में ले ही लिया।
मैं– आज तुम्हारी सारी इच्छा पूरी होगी। लंड तुम्हारा चूस ही रही हूँ और भी कोई इच्छा हो तो पूरी करवा सकते हो!

रवि– मेरी जान, पहले तो तुम बस मेरे लंड को अपनी चुद में ले के शांत करो! आह!
मैं– नहीं, पहले अपने मन के सारे अरमान बताओ जो अभी तक अधूरे हैं!

रवि– ठीक है, तुम मेरा लंड अपने मुंह में ले के चूसो, आह … और तुम्हारी गांड में अपना लंड डाल के तुम्हें चोदूं! तुम्हारे बदन पर अपने प्यार के निशान बना दूँ!
मैं– आज सारी ख्वाहिशें पूरी करने दो मुझे!

ये सब सुन कर मैं उसके लंड को बेतहाशा चूसने लगी।
मेरे होंठों की गर्मी को उसका लंड सह नहीं पाया और उसका लंड मेरे होंठों से सामने बिखर गया।
उसका सारा वीर्य मेरे मुंह और बिस्तर पर बिखरा था।

रवि आहें भरता हुआ– आह … मेरी जान मज़ा आ गया! अब मेरे हाथ खोलो!
मैं मुंह साफ करते हुए बोली– क्यों?

रवि– तुम्हारी चूत की भी तो सेवा करनी है अभी मुझे!

मैं यह सुन कर मुस्कुरा दी और अपनी चड्डी को उतार के अपना गाउन ऊपर करने लगी।
फ़िर अपनी चूत उसके मुंह के पास ले जाके चाटने को बोली।

मेरी अदाएं आज उसका कत्ल किए जा रही थी!

उसके हाथ बंधे थे फ़िर भी पागलों की तरह वह मेरी चूत चाटने लगा।
मैं– आह … आई!

मैं उसके बालों को कस के पकड़ा और अपनी चूत चटवाने लगी।
कुछ ही देर में मैंने अपना पानी उसके मुंह पर छोड़ दिया।

रवि– मेरी जान, अब तो हाथ खोलो! मेरा लंड तुम्हारी चूत में जाने को बेकरार हो रहा है!
मैं– नहीं बस!

रवि– बस मतलब?
मैं– तुम्हें तुम्हारी शादी का यही तोहफा देना था, जो दे दिया! तुम्हारा लंड चुसूं, चाटूं और चुमूँ! तुम्हारी यह ख्वाहिश पूरी कर दी आज मैंने! मेरी चूत पर जो तुमने अपना नाम लिखा था आज वह मिटा दिया तुमसे चटवा के और तुम्हारे लंड पर लिखे मेरे नाम को मैंने चाट के मिटा दिया। अब कभी हमारा मिलन नहीं होगा।

सेक्स रिवेंज लेकर मैंने अपनी चड्डी और कपड़े पहनी, कोट को उठाया और रूम से निकल आई।
उसके बाद फ़िर हम कभी नहीं मिले।

तो दोस्तो, यह थी मेरी सेक्स रिवेंज की कहानी।
अपना सुझाव जरूर दें।
धन्यवाद!
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