बॉयफ्रेंड के सामने उसके दोस्त से चुद गई मैं
(Sex Tablet Ka Effect)
सेक्स टेबलेट का इफ़ेक्ट मैंने तब देखा जब मेरी सहेली के बॉयफ्रेंड ने मुझे लगातार अलग अलग आसनों में बहुत देर तक चोदा. मेरा बुआ हाल हो गया था पर वह नहीं झड़ा था.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मैं अनु आप सब ने मेरी पिछली कहानी
बॉयफ्रेंड के दोस्त के सामने नंगी चुद गयी मैं
पढ़ी।
उसके बाद अपनी चुदाई की सेक्सी कहानी को आगे ले जाने के लिए मैं वापस हाज़िर हूँ।
इस कहानी में मुझे एक लड़के ने सेक्स की गोली खा कर चोदा. तो पढ़ें कि सेक्स टेबलेट का इफ़ेक्ट क्या हुआ.
चूत चुदाई पूरी होने के बाद हम सभी मूवी देखने के लिए निकल गए.
टिकट लेने गए तो अंदर जाने पर पता चला सीट सबसे ऊपर और कोने की है।
हम चारों बैठे, हम दो लड़कियां बीच में और कोने पर दोनों लड़के बैठे।
मूवी देखने के साथ साथ संजय और राहुल दोनों हमें छेड़ते, राहुल ने तो छवि की टीशर्ट के अंदर हाथ डाल लिया था और छवि भी उसका साथ दे रही थी.
कुछ ही देर में छवि ने अपनी जीन्स की बटन को खोल दिया तो राहुल ने तुरंत जीन्स के अंदर हाथ डाल दिया.
छवि ने आंखें बंद कर ली और तेज सांस लेने लगी.
राहुल ने उसे गर्म कर दिया था.
फिर भी कंट्रोल करते हुए एक दूसरे से लिपट कर चुम्मा चाटी करते हुए मूवी देखने लगे।
इधर संजय और मैं दोनों शांति से मूवी देख रहे थे क्योंकि कुछ ही देर पहले सेक्स किया था तो अभी कोई मूड नहीं था।
बस फिर मूवी देख कर बाहर आये तो शाम के 6 बज रहे थे, खाने की प्लानिंग होने लगी.
राहुल और संजय दोनों ने कहा- आज किसी अच्छी और नयी जगह जाते हैं खाने!
हम लोग शहर के बाहर एक रेस्तराँ में गए.
वो बहुत बड़ा और महंगा दिख रहा था।
राहुल ने कहा कि यहाँ वह पहले भी आ चुका है.
यहाँ नीचे ड्रिंक करने के लिए था, और ऊपर खाने के लिए हाल था।
हम लोग ऊपर गए, खाना आर्डर किया और खाकर अब लौटने लगे.
तो राहुल ने रस्ते में ही बीयर ले ली और फिर रास्ते उसने मेडिकल से प्रोटेक्शन भी लिया।
हमें आते आते करीब 8:30 बज गए.
फिर उन दोनों ने एक एक ड्रिंक ली और कहा- चलो, आज रात का मजा लिया जाये।
बस अब शुरू होने वाला था हमारा चुदाई का कार्यक्रम!
पर समस्या थी कि एक बैडरूम ही था.
एक जोड़े को हॉल में सोफे पर जाना पड़ेगा।
तो राहुल ने कहा- अनु, मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ. संजय को किसी तरह राज़ी करो!
पर मैंने उसे मना किया- मुझे तुम्हारे साथ नहीं सेक्स करना!
राहुल ने छवि को कहा कि वह कुछ करे!
तो उसने मुझसे कहा.
पर मैंने उसे कहा- नहीं, मुझे नहीं पसंद है.
राहुल मन मार कर रह गया।
संजय और मैं अंदर बैडरूम में चले गए.
मैंने दरवाजा लॉक किया और संजय को मैं किस करने लगी, उसे चूमने लगी. कपड़ों के ऊपर से ही उसके लण्ड पर हाथ फेरने लगी जिससे वो जल्दी खड़ा हो जाये।
मेरे मन मैं था की जल्दी चुद के आराम से रात को सोऊं और सुबह जल्दी यहाँ से निकलूं।
संजय भी मूड में आने लगा था अब!
हम दोनों एक दूसरे को किस किये जा रहे थे.
उसने अपनी शर्ट उतार दी और वह अब मेरे टॉप के ऊपर से ही मेरे मम्मे दबाने लगा था।
फिर उसने मुझे पलंग के किनारे पर लेटा दिया और चूमने लगा.
मेरे पैर लटके थे और वह मेरे ऊपर आ कर बैठ गया।
वह मेरी कमर पर बैठा हुआ था और मेरे दोनों हाथों को ऊपर कर अपने एक हाथ से लॉक कर दिया और दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को टॉप के ऊपर से ही मसलने लगा.
मैं भी मजे ले रही थी।
फिर उसने मेरे टॉप को उतार दिया.
अब मैं ब्रा मैं थी.
मैंने हाल्टर ब्रा पहनी हुई थी, उसी की गिफ्ट करी हुई जो मेरे गले में बंधी हुई थी.
उसने गले से ब्रा को खोल दिया और मेरी पीठ के पीछे से भी खोलकर उसने इस ब्रा से मेरे दोनों हाथों को बाँध दिया.
मेरे हाथों को बांधकर उसने कहा- डार्लिंग, अपने हाथ ऊपर ही रखना! और मुझे अब प्यार से प्यार करने दो तुम्हें!
वह अब मेरे निप्पलों को चाट रहा था, चूस रहा था और निप्पल को कभी-कभी काट लेता और जंगलियों की तरह मेरे बूब्स पर टूट पड़ा.
उन्हें अपने दोनों हाथों से मसलते हुआ चूमता.
इसी तरह मेरी चूचियां चूमने चाटने के बाद फिर मेरी गर्दन पर किस करते हुए वह मेरे बूब्स से खेलते हुए मेरे पेट पर मेरी नाभि पर आ गया और वहाँ उसे चूमा.
और अब मेरी जीन्स के बटन को खोल कर ज़िप को धीरे से नीचे सरका कर खोल दिया.
मैंने भी अपनी कमर उठाकर उसे जींस खोलने का इशारा कर दिया.
उसने बड़े ही प्यार से, धीरे से मेरी जींस को मेरे शरीर से अलग कर दिया.
मैं लो वेस्ट पैंटी पहनी हुई थी।
तभी उसी समय दरवाजा खटखटाया किसी ने!
संजय और मैंने एक दूसरे को देखा और फिर उसने वहीं पास पड़े चादर से मुझे ढक दिया और दरवाजा खोला.
तो छवि ब्रा और पैंटी में थी और राहुल सिर्फ अंडरवियर में था.
उसने कहा- संजय, क्यों न तुम शुरुआत छवि के साथ करो!
वह छवि को देख कर उससे नज़रें ही नहीं हटा रहा था।
छवि भी उस पर डोरे डालने लगी.
इधर राहुल मुझे देखकर मुस्कुरा रहा था.
मैं समझ गई कि सारी प्लानिंग राहुल ने की है और छवि भी शामिल है उसमें!
इससे मैं समझ गई कि यह मुझे चोदे बिना नहीं मानने वाला है।
संजय के मुंह से ऐसा लग रहा था कि वह लार टपका रहा है.
तभी राहुल ने कहा- संजय यार, मेरे दोस्त तू भी आज डबल मजा ले!
संजय भी खुश हो गया.
तभी छवि मेरे बगल में आकर लेट गई, उसने मेरे ऊपर से चादर हटा दी और वह मेरे बगल में ही लेट गई.
संजय अब छवि के साथ चुम्माचाटी कर रहा था.
मैंने कहा- संजय यह क्या कर रहे हो?
संजय ने कहा- अनु डार्लिंग, क्यों ना आज हम कुछ नया ट्राई करें?
मैं समझ गयी कि अब उसे समझाने का कोई मतलब नहीं है।
उसने छवि की ब्रा और पेंटी दोनों उतार दी.
अब सिर्फ मैं ही पैंटी में थी.
राहुल मेरे पास आकर बगल में लेट गया.
मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था.
इधर संजय को छवि ने किस करना शुरू कर दिया था और संजय अब पूरे तरीके से कपड़े उतार कर नंगा हो गया था.
छवि उसका लण्ड चूस रही थी, उसे खड़ा कर दिया था.
चूसने के बाद छवि ने मेरे बगल में आकर लेट गयी और अपनी दोनों टांगें फैला दी उसके सामने!
संजय उसकी बिना बाल वाली चूत को देखकर ललचा गया और उसने अपना लण्ड सीधे छवि की चूत में डाल दिया।
छवि भी ऐसे चुद रही थी मानो सालों से लण्ड की प्यासी हो.
उधर राहुल मेरे ऊपर आकर मुझ चूम रहा था.
उसने मेरे हाथ को खोला और फिर उसने मेरी चूत को मसला मेरी पैंटी के ऊपर से ही!
तब उसने मुझे उल्टा घुमा दिया, मेरी पीठ को चूमते हुए मेरी पैंटी की बारीक डोरी जो मेरी गांड की दरार में घुसी हुई थी, को साइड में किया और मेरी चूत के साथ खेलने लगा.
मेरी चूत गीली हो चुकी थी।
उसने मेरी गांड पर जोर जोर से थप्पड़ मारे और फिर मेरे ऊपर लेट गया और कहा- मैंने कहा था तो तुमने मना कर दिया था चुदने से? ह्म्मम्म? आज ऐसी चूत चुदाई करूंगा कि जिंदगी भर याद रखोगी अन्नू मेरी डार्लिंग!
और फिर उसने एक थप्पड़ जोर से मेरी गांड पर मारा।
मैं मन ही मन डर रही थी कि अब क्या ही होगा पता नहीं!
इधर छवि ने संजय का पानी निकलवा दिया था.
उनकी चुदाई पूरी हो चुकी थी.
अब बारी मेरी थी राहुल के साथ!
राहुल ने कहा- तैयार हो जाओ!
उसने मेरी पैंटी को उतार दिया और मेरी दोनों टांगों को ऊपर किया.
फिर उसने अपनी बीच वाली लम्बी उंगली को मेरी चूत के अंदर डाल दिया और अपनी खुरदुरी जीभ से मेरे मूत्र मार्ग से लेकर क्लाइटोरिस को चाटने लगा.
मैं बिल्कुल नहीं सोच सकती थी कि ऐसा कुछ होने वाला है.
ऐसे महसूस मैंने पहली बार किया था और मैं पागल सी होने लग गयी … सेक्स के लिए मचलने लगी थी।
अंदर ही अंदर ऐसा लग रहा था मानो अब रहा न जायेगा.
कुछ देर इसी प्रक्रिया को करते हुए मेरी चूत गीली और हो गयी थी.
फिर वह मेरी जांघों को चूमने लगा और मेरी बायीं जांघ पर काट लिया.
मैं तड़प उठी- आ आ आ!
चिल्लाई और कहा- आराम से करो!
वह मुस्कुराया.
फिर उसने मुझे बैठाया और अपनी अंडरवियर उतार कर लण्ड को मेरे सामने किया।
मैंने भी ठान लिया था कि इसे आज जल्दी डिस्चार्ज कर सारी अकड़ निकाल दूंगी।
मैं लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी और उसे कुछ ही मिनट में खड़ा कर दिया.
अपना मुँह मैं पूरा खोलकर उसके लंड के सुपारे को ऐसे चूस रही थी मानो लॉलीपॉप हो.
उसे चूसते हुए अपनी जीभ से उसके मूत्र छेद को चाटती तो वह मचल जाता.
मुझे उम्मीद थी कि वह झड़ जायेगा.
पर ऐसा नहीं हुआ।
मैंने सोचा कि हो सकता है सुबह के बाद दूसरी बार है तो समय लगे.
इसलिए पूरी शिद्दत के साथ मैं उसके खड़े लण्ड को पूरा गीला कर चाट रही थी.
फिर मैंने उसके अंडकोष को भी मुँह में लिया.
अब मैं थक गयी थी चाट चाट कर!
वह भी समझ गया था।
उसने मुस्कुराते हुए कहा- चलो अब शुरू करें!
मैंने उसे याद दिलाया कि वह कंडोम पहन ले.
उसने कहा- तुम ही अपने हाथों से पहना दो.
फिर मैंने ही उसके लण्ड को कंडोम पहना दिया.
तब उसने कहा- कुतिया बन जाओ!
मैं बन गयी और वह मेरे ऊपर आ गया, लण्ड को मेरी चूत के अंदर डाल दिया और तेजी के साथ धक्के देने लगा.
मेरे मुँह से ‘अअअ अअ आआआ आउउ उउउ उउउ’ की आवाजें निकल रही थी.
उधर छवि और संजय दोनों एक दूसरे की बांहो में थे और हमारी चुदाई देख रहे थे।
राहुल मेरे ऊपर चढ़ गया जैसे वास्तव में कुतिया के ऊपर कुत्ता चढ़ जाता है.
उसकी छाती मेरी पीठ को महसूस हो रही थी और वह मेरे मम्मे मसल रहा था।
इसी तरह चुदते हुए मैं भारी भारी लम्बी साँसें ले रही थी.
फिर राहुल ने मेरे बालों को पकड़ा और मुझे कहा- बेबी, मजा आ रहा है न?
मैं कुछ न बोली.
फिर उसने पोजीशन को चेंज किया, मुझे पेट के बल लेटाया और गांड और पैरों को किनारे पर लटकाने के लिए कहा.
तब राहुल ने मेरी जांघों को पकड़ा और एक ठेले की तरह धक्का देकर मेरी चूत के अंदर अपना लण्ड दिया।
अब वह अपने हिसाब से मुझे खींच सकता था पूरी ताकत के साथ! अब वह अपना लण्ड एक धक्के के साथ मेरी चूत में डाले जा रहा था।
मैं भी अपनी चुदाई का मजा ले रही थी.
मैंने अपने दोनों हाथों को सामने फैला दिया था.
इसी बीच इस जबरदस्त चुदाई से मैं झड़ गयी और बिल्कुल निढाल सी हो गयी जैसे शरीर में जैसे कोई जान ही न हो!
राहुल ने महसूस किया कि मैं झड़ने के बाद रिस्पांस नहीं दे रही हूँ.
तो फिर उसने मुझे पलंग पर लेटाया ठीक से और पूछा- सब ठीक है न?
मैंने हाँ में इशारा किया।
फिर उसने कहा- शुरू करूं?
मैंने कहा- हम्म्म!
उसने मेरी हालत को देखते हुए मुझे कहा- तुम बस अपनी दोनों टांगों को खोल लो, बाकी मैं सब कर लूंगा।
मैंने वैसा ही किया, दोनों टाँगें खोल ली.
मेरी चूत गीली थी.
वह मेरे मम्मों के पास अपने लण्ड को लेकर आया और कहा- मुझे तुम्हारे बूब्स को चोदना है!
उसने पहले अपने लण्ड के सुपारे से मेरे दोनों निप्पल पर रगड़ा, फिर बीच में लण्ड को रखा और मुझे कहा- चलो!
फिर मैंने अपने दोनों हाथो से अपने दोनों बूब्स को एक दूसरे से जोड़ने की कोशिश की जिससे उसके लण्ड को बूब्स को चोदने का मौका मिला.
और वह शुरू हो गया.
करीब 5-7 मिनट तक ऐसा चोदा कि मेरे बूब्स उसके गीले लण्ड से चिपचिपे हो गए.
फिर वह अपने लण्ड को मेरे मुँह के पास लाया और चूसने को कहा.
मैंने मना किया तो उसने कहा- प्लीज बस एक बार चाट कर पूरा गीला कर दो.
मुझे करना पड़ा.
उसके बाद उसने मेरी चूत में लण्ड को सेट किया और शुरू हो गया.
चोदते हुए वह मुझे किस करता.
मैं भी चुदाई से धीरे धीरे वापस से गर्म हो गयी थी.
फिर मैंने भी अपने दोनों टाँगे उसकी कमर में फंसा ली.
अब उसे भी जोश आ गया और वह भी तेजी के साथ मेरी लपक लपक के ले रहा था।
इसी तरह मुझे चोदते हुए करीब 10-12 मिनट में मैं दोबारा से झड़ने को हो रही थी.
पर राहुल अभी तक नहीं झडा था.
कुछ देर मैं झड़ गयी।
वह भी रुक गया.
मैंने कहा- अब मुझमें इतनी ताकत नहीं है कि और चुद सकूं!
यह मैंने थोड़ा गुस्से और झल्लाहट में कहा और उठ कर सीधे बाथरूम में चली गई.
बाथरूम से नहा कर वापस आई तो देखा कि छवि को राहुल धपाधप पेले जा रहा था।
और वह मजे लेती हुई चुदी जा रही थी।
मैंने अपनी ब्रा पेंटी पहनी ही थी कि संजय मेरे पास आकर बोला- ठीक हो?
मैंने कुछ उत्तर नहीं दिया.
फिर छवि को चोदते हुए राहुल कुछ देर में झड़ा.
छवि ने कहा- क्या यार … आज तो तुमने चूत फाड़ चुदाई की!
राहुल ने हँसते हुए कहा- हाँ, यह तो गोली का कमाल था.
तब मुझे समझ में आया कि साले ने मुझे चोदने के लिए ही आज गोली खायी थी। यह सेक्स टेबलेट का इफ़ेक्ट था.
कुछ देर बाद सब फ्रेश हो गए और छवि ने भी ब्रा पैंटी पहन ली.
वह अब सोने के हिसाब से शार्ट और टीशर्ट पहनने वाली ही थी कि संजय और राहुल ने कहा- अरे कपड़े मत पहनो. ऐसे ही सोना है आज तो!
फिर मूवी देखने का प्लान बना तो लैपटॉप में मूवी देखने लगे.
मूवी देखने के बाद सोने की तैयारी करने लगे तो राहुल ने छवि से कहा- जानू, ब्रा पैंटी भी उतार दो!
उसने कहा- क्यों?
राहुल ने कहा- आज पूरे नंगे सोने की इच्छा है.
और उसने भी अपनी अंडरवियर उतार दी.
छवि ने ब्रा पैंटी को उतार फेंका और दोनों एक ही चादर ओढ़कर सोने लगे।
इधर संजय ने भी मुझे इशारा किया तो मैं और वो भी नंगे ही सोये।
सुबह करीब 8:30 बजे नींद खुली.
संजय का तो लण्ड आँख खुलते ही खड़ा हो गया.
वह मेरे करीब ही था तो सीधे मेरी चूत में लण्ड घुसा दिया.
मेरी चीख ही निकल गयी.
सूखा लण्ड सूखी चूत …
तो उसने तुरंत कंडोम पहना और मेरी चूत के ऊपर नारियल का तेल लगाकर मेरी सुबह सुबह ही चुदाई शुरू कर दी.
इस बार मेरे झड़ने से पहले ही वह झड़ गया था।
फिर हम सभी नहाये और कपड़े पहनने लगे.
तो संजय और छवि एक दूसरे से टकरा गए बाथरूम के पास।
दोस्तो, इस चुदाई के चक्कर में तो छवि का फिगर बताना ही भूल गयी.
उसका साइज 32A-28-30 था, उसकी हाइट मेरे ही बराबर 5’7″ थी।
फिर दोपहर का खाना खाकर हम दोनों घर के लिए रवाना हो गए.
मैंने छवि से पूछा- राहुल मुझे चोदने के लिए आतुर था, तूने उसका सपोर्ट क्यों किया?
तो उसने कहा- अनु, सेक्स भूख की तरह है और इसका पूरा पूरा मजा लेना चाहिए. जब भी मौका मिले. इसलिए मैंने उसका सपोर्ट किया. सहेली तेरी हूँ … फायदा ही करुँगी नुक्सान नहीं।
बात तो सही है … राहुल के साथ चुदने में मजा तो आया।
दोस्तो, सेक्स टेबलेट का इफ़ेक्ट के आगे क्या हुआ, आपको अगली स्टोरी में सुनाऊंगी.
आपको यह कहानी कैसे लगी? आप मुझे जरूर बताएं.
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