पड़ोसन स्कूल फ्रेंड लड़की को नंगी करके चोदा

(School Girl Sex Kahani)

सन्दीप 566 2023-10-03 Comments

स्कूल गर्ल सेक्स कहानी में मैंने अपने स्कूल की लड़की को उसी के घर में चोदा. वह मेरी अच्छी दोस्त पर उसका कोई और बॉयफ्रेंड था. फिर वह मेरे लंड के नीचे कैसे आई?

दोस्तो, मेरा नाम संदीप अरोरा है. मैं हरियाणा के कैथल का रहने वाला हूँ.

आज मैं आपको अपनी सच्ची स्कूल गर्ल सेक्स कहानी सुना रहा हूँ.
यह कहानी मेरी एक फ्रेंड की है जिसके साथ मैंने सेक्स किया था.

दोस्तो, मैं स्कूल के समय से ही कमीना रहा हूँ.
मुझे सेक्स करना बहुत पसंद है.

सेक्स करना तो सबको ही पसंद होता है.
कुछ भाई ही ऐसे होते हैं जिन्हें चोदने के लिए लड़की नहीं मिलती है.

बाकी तो आजकल लड़कियां खुद ही चुदक्कड़ हो गई हैं और उनको अपने साथ एक नहीं एक से अधिक ब्वॉयफ्रेंड रखने की चुल्ल होने लगी है.

कुछ लड़कियां इतनी चालू होती हैं कि चुदाई तो बहुत दूर की बात है, हाथ भी नहीं फेरने देती हैं.
बस फ्लाइंग किस करके ही लौंडों से पैसे खर्च करवाती रहती हैं.

जब मैं स्कूल में पढ़ता था तो मेरी क्लास में अंजू नाम की लड़की पढ़ती थी.
वह मेरे घर के बाजू में रहती थी.

अंजू दिखने गोरी थी और बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थी.
उसका फिगर 30-28-32 का तो होगा ही.

वह एकदम मस्त माल दिखती थी.
उसके पीछे काफी सारे लौंडे पड़े रहते थे लेकिन वह किसी को घास नहीं डालती थी.

वैसे तो क्लास में या स्कूल में सब दोस्त अच्छे ही होते हैं.
लेकिन कुछ ज्यादा ही अच्छे होते हैं और वे पक्के दोस्त बन जाते हैं.

मेरे भी कुछ दोस्त पक्के बन गए थे.
अंजू उनमें से एक थी.

मैं उससे लड़कों जैसी बात तो नहीं कर पाता था लेकिन तब भी हंसी मजाक खुल कर हो जाता था.

कई बार मैं कोशिश करता था कि किसी तरह से अंजू से कुछ ऐसी सैटिंग हो जाए कि वह मेरे लौड़े के नीचे आ जाए.

मैं यह सोचता था कि ये साली पड़ोस में ही रहती है और यदि वह एक बार मुझसे चुदवाने के लिए राजी हो गई तो समझो उसको रोजाना चोदने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आयेगी क्योंकि घर की छत से उसकी छत पर आसानी से जाया जा सकता था और कभी उसकी टांगें फैला कर लंड चूत का खेल खेला जा सकता था.

इसी वजह से मैं आजकल अंजू पर नजर रखने लगा था कि ये किस से मिलती है और इसकी दिनचर्या क्या रहती है.

मैंने उस पर नजर रखना शुरू की तो मुझे कुछ मामला गड़बड़ वाला लगा कि साली किसी से सैट हो गई है.

उसके स्कूल जाने के समय पर मैंने ध्यान दिया तो पाया कि वह समय से पहले ही स्कूल चली जाती है.

एक दिन मैं भी सुबह स्कूल जल्दी चला गया.
जब मैं क्लास में गया तो देखा कि एक लड़का अंजू को किस कर रहा था.
मैं उन दोनों को देखने लगा.

वे दोनों बड़ी मस्ती से चूमाचाटी में लगे थे और उस लड़के के हाथ अंजू की चूचियों से खेल रहे थे.
अंजू का हाथ भी उस लड़के के लौड़े को मसल रहा था.

मैंने ये नजारा देखा तो मेरी झांटें सुलग गईं कि साला मेरे पड़ोस का माल और दूसरे लौंडे के साथ लग गई है.

मैंने खाँसा तो उन दोनों की नजरें मेरी तरफ गईं.
जैसे ही उन दोनों ने मुझे देखा तो अंजू एकदम से डर गयी.

मैं अंजू को गालियां देने लगा और बोला- ये सब मैं तेरे घर पर बताऊंगा कि तुम स्कूल में इस लड़के से चुद रही थीं.

यह सुनकर वह लड़का एकदम से भड़क गया और कहने लगा- साले भोसड़ी के, चूमने को चोदना कहते हैं क्या?

वह लड़का मुझसे ज्यादा मजबूत था तो बस वह मुझे गुस्से से पीटने को आगे आया और धमकी देने लगा- साले भाग जा इधर से, नहीं तो तेरी गांड मार दूंगा.

मैंने भी उसको जबाव में कुछ बुरा भला कह दिया.
उसने मुझे एक धक्का दे दिया.

इस पर हम दोनों का झगड़ा हो गया.

मैंने उसे गालियां बकीं और उसने मुझे गालियां दीं.

उधर अंजू की गांड फट रही थी कि हम दो लड़कों के चक्कर में उसका सबसे ज्यादा नुकसान होने वाला था.

कुछ देर के बाद अंजू ने हम दोनों को अलग किया और बोली- कोई आ जाएगा तो मेरी वाट लग जाएगी. तुम दोनों तो भाग जाओगे. मेरी भी तो सोचो!

तो वह लड़का बोला- तू मेरी फ्रेंड है. मैं तेरे साथ कुछ भी करूं, इस भैन के लौड़े को कौन सा कीड़ा काट रहा है?

अंजू उसे एक तरफ ले जाकर बोली- यह मेरे पड़ोस में रहता है, ये घर पर बता देगा, तो गलत हो जाएगा … और तू मेरा दोस्त है, तो इसका मतलब ये नहीं है कि तू मेरे साथ कुछ भी कर सकता है. चल तू इससे सॉरी बोल.

हालांकि अंजू ने उससे अलग होकर ये बात कही थी लेकिन मुझे सुनाई दे रहा था कि ये क्या कह रही है.
उसकी बात से मुझे ये समझ आ गया था कि अंजू को अब आसानी से अपने लौड़े के नीचे लिया जा सकता है.

दूसरी तरफ अपनी गर्लफ्रेंड से यह सब सुनने के बाद वह लड़का भी डर गया कि उसकी सैटिंग फेल हो जाएगी.
उसने मुझसे सॉरी कहा.

मैंने कहा- कोई बात नहीं, तू जा. अब मैं किसी को नहीं बताऊंगा.

फिर वह चला गया.

उसके बाद मैंने अंजू को घूर कर देखा, तो वह अपने होंठ काटती हुई क्लास में पीछे की तरफ चली गई.

तब तक बाकी के छात्र भी आ गए.

बाद में छुट्टी में भी वह मुझसे नजर बचा कर घर निकल गई.

फिर जब शाम हुई तो अंजू छत पर अकेली थी.
मैंने उससे कहा- अगर तुम चाहती हो कि मैं किसी को ना बताऊं, तो मेरे साथ भी सेक्स कर लो.

वह बोली- नहीं, मैं तुम्हारे साथ सेक्स जैसा कुछ नहीं करूंगी.
तो मैंने कहा- ठीक है, फिर मैं देखूँगा कि अंकल को किस तरह से मैं तुम्हारे बारे में बता सकता हूँ.

तभी उसका भाई ऊपर आने लगा.
मैं बोला- मैं अभी इसे बता देता हूँ, ये अंकल को कह देगा.

अंजू हाथ जोड़कर बोली- ऐसा मत करना यार … प्लीज.
मैं बोला- तो हां कर दो.

वह कुछ सोच कर बोली- ओके … लेकिन जब मैं कहूँगी, तब!
मैंने कहा- ठीक है.

अगले दिन शनिवार था तो स्कूल से छुट्टी भी जल्दी हो गयी थी.

अंजू स्कूल से घर जाने वाली बस में मेरे साथ बैठ गयी और बोली- अभी घर में कोई नहीं है, मम्मी पापा भी ऑफिस गए हैं और भाई भी कालेज गया है. वह 4 बजे तक लौटेगा. तुम्हारे पास 3 घंटे हैं. तुमको मेरे साथ इन तीन घंटों में ही कुछ करना है तो तुम छत के रास्ते से हमारे घर में आ जाओ.

मैंने उसके कहे अनुसार ही किया.
मैं घर में जाते ही ऊपर के रास्ते से उसके घर में पहुंच गया.

वह पानी पी रही थी.

मैंने पीछे से जाकर उसको पकड़ लिया और उसकी गांड पर अपने लंड को लगा दिया.

मैं अपनी यूनिफॉर्म बदल आया था; मैंने लोवर और टी-शर्ट पहन लिया था.
मैंने जानबूझ कर अंडरवियर नहीं पहना था.

अंजू अभी भी अपनी स्कूल यूनिफॉर्म में थी.
मैं उसकी चूचियां दबाने लगा. स्कूल गर्ल सेक्स शुरू हो गया.

उसने मुझे हटा दिया और बोली- तुम्हें जो करना है, वह कर लो. लेकिन वादा करो कि किसी को कुछ नहीं बताओगे.
मैंने कहा- हां ठीक है.

मैं अब उसको कमर से पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और उसके होंठों को किस करने लगा, उसकी गांड दबाने लगा.

उसको किस करते समय मैं उसकी स्कर्ट उठाकर उसके चूतड़ों को मसलने लगा.
वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

उसके बाद हमने अपने अपने कपड़े उतार दिए और पूरे नंगे हो गए.
वह बिल्कुल भी नहीं शर्मा रही थी.

उसके बाद उसने मुझे सोफे पर बिठा दिया और खुद मेरे ऊपर मेरी तरफ मुँह करके बैठ गयी.

उसके चूचे मेरे सीने से रगड़ रहे थे. मेरे लंड की हालत खराब हो रही थी.
मेरा लंड उसकी चूत से रगड़ खा रहा था.

उसने मेरे हाथ अपने चूतड़ों पर रखवा लिए और अपनी एक चूची को मेरे मुँह में दे दिया.
मैं उसके दूध को खींच खींच कर चूसने लगा और वह भी मजे लेने लगी.

वह पहले ही सेक्स के खेल में पारंगत थी.

कुछ देर उसके बाद वह लेट गयी और उसने कहा- अब डाल दो.
मैंने लंड डालना चाहा पर मेरा लंड उसकी चूत में गया ही नहीं.

फिर उसने अपने दोनों हाथों की मदद से अपनी चूत की फांकों को खोला और गांड उठा कर मेरे लंड को अपनी चूत पर लगवा लिया.
इसी के साथ उसने धक्का मारने के लिए बोला. मैंने वैसा ही किया और दाब दे दी.

मेरा लंड चूत के अन्दर सरकता चला गया.
लंड मोटा होने के कारण उसकी सिसकारी निकलने लगी.

मैंने ताबड़तोड़ धक्के मारना चालू रखे.

थोड़ी देर बाद उसका पानी निकल गया.
उसी के साथ मैं भी उसके अन्दर ही झड़ गया.

झड़ने से एकदम से थकान हुई तो मैं उसी के ऊपर लेट गया.

थोड़ी देर बाद मैं फिर से उसे किस करने लगा.
कभी उसके होंठों को, तो कभी गालों को, कभी उसकी चूची को चूसता.

इससे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

इस बार मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया.

उसकी आह की मीठी सी आवाज निकल गयी.
मैंने उसकी कमर को पकड़ कर धक्के मारने शुरू कर दिए.

कुछ ही देर में मस्त लय बन गई थी.
जब उसके चूतड़ों से मेरी जांघें टकरातीं तो थप थप की तेज आवाज आ रही थी.

उसके चूतड़ भी मेरे झटकों की ताल से ताल मिलाते हुए हिलने लगे थे.
मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ कर तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए, वह भी आह आह करके अपनी गांड को मेरे लौड़े पर पटकने लगी थी.

एक मशीनी अंदाज में चुदाई चलने लगी थी.
लंड को चूत की मांस पेशियों की रगड़ कर सुख मिल रहा था.

जब मेरी दोनों जांघें एक साथ उसके चूतड़ों से टकरातीं तो मुझे बड़ा ही मस्त अहसास हो रहा था.

मैंने उसकी पीठ पर अपने आधे वजन को लाद दिया था और अपने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी दोनों चूचियों को अपनी हथेलियों से दबोच लिया था.

अब लौड़े की शंटिंग करते समय हाथों को रसीले मम्मों का अहसास और ज्यादा सुखद लग रहा था.

मेरी दोनों आंखें बंद हो गई थीं और चुदाई करते हुए मेरी समाधि सी लग गई थी; दीन दुनिया का कोई होश ही नहीं रह गया था.

कुछ देर के बाद उसकी चूत का पानी निकल गया और वह निढाल हो गई.

लेकिन अभी मेरा नहीं हुआ था.

उसकी आवाज आई- जरा रुक जाओ.
पर मैं रुका ही नहीं.

दस मिनट बाद मैंने उसके अन्दर अपना सारा माल निकाल दिया और पीछे से उसके चूतड़ों से चिपक कर उसके चूचों को मसलने लगा.

उसने कहा- अभी बहुत देर हो गयी है, तुम घर जाओ.
लेकिन मैं अभी और चुदाई करना चाहता था.

उसने कहा- मैं कौन सी कहीं भागी जा रही हूँ. फिर कभी बुला लूँगी. लेकिन तुम इसका जिक्र किसी से नहीं करना.
फिर मैं अपने घर आ गया.

उसके बाद मैं उसे सैकड़ों बार चोद चुका हूँ. उसकी गांड भी मार चुका हूँ.

अब तो हम दोनों एक ही कालेज में पढ़ते हैं, तो कभी भी कहीं बाहर जाकर चुदाई कर लेते हैं.

इससे आगे की चुदाई की कहानी को मैं जल्दी ही लिखूंगा.

आपको इस स्कूल गर्ल सेक्स कहानी में कितना मजा आया, प्लीज मेल करें.
[email protected]

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