रास्ते में मिली लड़की की चुदाई स्टोरी

(Raste Me Mili Ladki Ki Chudai Story)

दोस्तो, मैं आप सभी के सामने इस चुदाई स्टोरी के जरिये अपनी सेक्स लाइफ खुली कर रहा हूँ.
मेरा नाम अजय है और मैं कोटकपुरा, पंजाब का रहने वाला हूँ और एक कम्पनी में जॉब करता हूँ, मेरी अच्छी तन्खवाह है.

पहली बात तो यह है कि दोस्तो, मैं अपने जज्बात और अपने लंड पर काबू नहीं रख रख सकता. मेरा लंड दिन में दो से तीन बार मचल मचल उठता है और रात में तो पूरी रात ये अटेंनशन रहता है. रात में दो से तीन बार मुठ मारकर इसको शांत करता हूँ, तभी तो ये थोड़ा शांत होकर मुझे सोने देता है वरना सोने ही नहीं देता. ये मेरी नींद ही उड़ा देता है.

आज की मेरी कहानी कुछ ऐसी है:
एक दिन में अपनी जॉब पर जा रहा था कि रास्ते में मुझे एक लड़की मिली जो दिखने में बहुत ही खूबसूरत थी और उसके बूब्स बड़े बड़े थे और उसकी गांड भी बहुत बड़ी थी. मैं तो उसकी गांड देखते ही लालच में पड़ गया. मैं सोच में पड़ गया कि इससे दोस्ती कैसे बढ़ाऊँ मैं… ना जान पहचान!

मैं तो अभी सोच ही रहा था कि वो खुद ही बस का वक्त पूछती हुई मेरे पास आई. जहाँ मैं जा रहा था, वहीं का पता पूछ रही थी वह… मैंने उसे मुझे फॉलो करने को कहा.
जब बस आई हम दोनों साथ साथ ही उसमें चढ़े और साथ साथ ही स्टेशन पर उतरे.

हम दोनों ने बातों बातों में एक दूसरे का नाम पूछ लिया था. उस गोरी सेक्सी लड़की का नाम कुसुम था और वो यहाँ इस शहर में एकदम नई थी. हमने बातों बातों में एक दूसरे के फोन नंबर भी ले लिए. फिर हम दोनों अलग हुए लेकिन सही बात तो यह है कि हम वहाँ से अलग नहीं, एक हुए थे.

घर आने के बाद हम लोगों का फोन पर बातें करना शुरु हो गया, हम दोनों घण्टों तक बातें करते रहते थे. बातों बातों में हम दोनों सेक्स पर आ गए और अब सिर्फ और सिर्फ सेक्स की ही बातें करने लगे थे. बातों बातों में मेरी पैन्ट गीली हो जाती थी और उसकी चड्डी भी गीली हो जाती थी, वो फोन पर बता रही थी कि जब हम दोनों बात करते हैं तो उसकी चूत में कुछ होने लगता है और फिर एक दम से चूत उसकी फूली फूली हो जाती है. वो मेरे साथ बातें करते करते ही अपनी चूत में उंगली करती रहती और अपनी चूत को उंगली से चोदती और चोद कर शांत कर लेती थी.

एक रात को उसका फोन आया- आज तो रहा नहीं जा रहा… प्लीज, आकर मेरी चूत को शांत कर दो! साली फूली फूली बैठी है, फड़फड़ा रही है, शांत होने का नाम ही नहीं ले रही, बहुत उंगलियाँ कर कर के मैं थक गई… थक गई मैं इसे चोद चोद के… इसे तो तुम्हारा लंड ही चाहिए तो प्लीज् आप जल्दी से देर किए बिना फ़ौरन आ जाओ, मैं तैयार बैठी हूँ.

मैं तो चाहता यही था, मैं तो निकल गया उसके घर जाने के लिए और ठीक दस मिनट में उसके घर पहुंच गया. मैंने उसके दरवाजे की बेल बजाई तो उसने एक मिनट में ही दरवाजा खोल दिया. मैंने देखा कि वो पूरी नंगी है, उसने नंगी ही मेरे लिए दरवाजा खोला था.
मैं भी अन्दर जाते ही झट से दरवाजा बंद करके उसके ऊपर टूट पड़ा उसको सर से लेकर पाँव तक चूमा चाटा और फिर मैंने अपने कपड़े निकाले और उसके हाथ में लम्बा लंड थमा दिया.

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वो मेरे लंड से खेलती रही और मैं उसके बूब्स को काटता रहा. ऐसा हमने काफी देर तक किया और फिर मैं उठा और उसकी बालों से भरी चूत के अन्दर अपना लंड घुसाने लगा.
ठीक 5 मिनट के बाद मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर घुसा, अन्दर घुसते ही क्या मजे देने लगा, उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऐसा मजा मुठ मारने में कहाँ!

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मैं तो लंड को अंदर रखे रखे ही बीस मिनट तक ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा और फिर थोड़ी देर के बाद उसकी चूत को चोदने लगा. लंड को उसकी चूत के अन्दर बाहर कर करके चोदने लगा तो क्या मजा आ रहा था.
उसकी चूत में से पहले से ही सफ़ेद पानी निकल रहा था जो जब मैं लंड को अन्दर बाहर कर रहा था तब वो पच… पच… पच… पच… की आवाज कर रहा था जो माहौल को और भी सेक्सी बना रही थी.

उसकी चूत में लंड को अन्दर बाहर करते करते ही मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
मेरी चुदाई स्टोरी पर अपने विचार मुझे मेल करें!
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