प्यार या जिस्म से खिलवाड़
(Pyar Ya Jism Se Khilwad)
मेरा नाम बिपिन है और मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक हूँ। बहुत दिनों से सोच रहा था.. एक अपनी प्यार की कहानी लिखने को.. लेकिन आज जाकर समय मिला है। अभी मैं बनारस में रहता हूँ और अपने काम के सिलसिले में भारत में और भारत से बाहर जाता रहता हूँ।
यह कहानी 6 साल पुरानी है जब मैं पढ़ाई कर रहा था। मैं पहली बार अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने कोटा गया था। उसका नाम जाह्नवी था और मैं उससे 3 साल बाद मिलने वाला था।
जब मैं इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था तब मैं उसके घर में रहता था। उस समय वो 12 वीं क्लास में पढ़ती थी। तब मैं उस पर ज़्यादा ध्यान नहीं देता था.. क्योंकि तब मैं बहुत ही अंतर्मुखी किस्म का लड़का था.. पर जब मैं इंजीनियरिंग करने लगा.. तब मेरी लड़कियों से बात होने लगी तो मेरी लड़कियों से झिझक खुल सी गई।
उसी बीच मैंने फिर से जाहनवी से बात करना शुरू किया.. और धीरे-धीरे हमारी बात बढ़ने लगी और हम काफ़ी गहरे दोस्त बन गए थे। वो मुझसे सारी बात बताती थी.. धीरे-धीरे मेरी फीलिंग्स उसके लिए बढ़ने लगी और मैंने उसे प्रपोज़ कर दिया था।
उस समय उसने बोला- तुम्हारा दिमाग़ खराब हो गया है.. आज के बाद कभी कॉल मत करना।
इस प्रकार ‘न’ हो गया.. पर मैं उसके बाद भी उससे बात करने की कोशिश करता रहा और अंत में जाकर उसने ‘हाँ’ बोल दिया..
मैं उसके शहर से दूर आ गया.. फिर हमारी फोन काफ़ी बातें होने लगी।
मैंने उससे मिलने का प्लान बनाया और दुर्गापूजा की छुट्टियों में उससे मिलने गया।
जब मैं उसके घर पहुँचने वाला था.. मुझे पता था कि उसके घर कोई नहीं होगा.. क्योंकि उसके पेरेंट्स उसके भाई के हॉस्टल गए थे।
मैं वहाँ पहुँचा.. घंटी बजाई और उसने दरवाजा खोल दिया।
उस वक्त भोर के करीब 4 बजे होंगे.. उसको देखते ही मुझे लगा कि कोई जन्नत की हूर हो।
मैं उसे देखते ही रह गया.. और ना जाने कैसे मेरा हाथ उसकी कमर पर चला गया। उसकी कमर में हाथ डाले हुए मैं घर के अन्दर चला गया।
अन्दर जाकर लाइट में मैंने उसे अच्छे से देखा, वो बला की खूबसूरत लग रही थी। उसने उस समय सिल्वर कलर का नाइट गाउन पहन रखा था.. जिसमें से उसकी गोल पहाड़ियों के बीच की घाटी हल्की-हल्की सी दिख रही थी, उसके बाल कमर तक नागिन से लहरा रहे थे। उसकी कजरारी आँखें ऐसी थीं.. जैसे मानो डूब जाने को दिल करे।
मैंने उसे ऊपर से नीचे तक पूरा निहारा। तभी उसने अपनी बाँहें मेरी तरफ फैलाईं और मैं उसकी बाँहों में आ गया।
मैं बयान नहीं कर सकता.. सुकून के उस आलम को.. ऐसा लग रहा था.. जैसे ये वक्त कभी ख़त्म ही ना हो।
तभी मैंने उसके माथे में चूम लिया.. और फिर गाल पर.. फिर नाक पर.. फिर आँखों पर..
दोस्तो, अगर आपने किसी लड़की से प्यार किया हो.. तो आपको मालूम होगा कि इन सब में कितना मज़ा आता है।
हम दोनों एक-दूसरे में ऐसे समाए थे कि बीच में हवा के भी गुजरने का जगह नहीं थी। चूमते-चूमते मैं उसके होंठों तक आ गया.. उसके होंठों का स्पर्श पाते ही ऐसा लगा जैसे मेरे होंठ से ओस की बूँदें चिपक गई हों।
मैंने पहले भी दूसरी लड़कियों को किस किया था.. पर ये सुकून नहीं मिला था क्योंकि मैं उनसे प्यार नहीं करता था..
धीरे-धीरे उसने भी रिस्पॉन्स देना शुरू किया और उसकी आँखें बंद होने लगीं। ऐसा लग रहा था मानो हम एक-दूसरे में खो जाना चाहते थे।
कुछ देर बाद मेरा हाथ उसकी कमर से होता हुआ.. उसकी पहाड़ियों पर आने लगा और अभी मैं उसकी कोमलता का जायज़ा ले ही रहा था कि उसने मुझे अलग कर दिया और बोली- ये सब ग़लत है..
मैंने भी कुछ नहीं बोला क्योंकि मुझे पता था कि वो मेरे साथ है और जब प्यार हो.. तो इन सबको करने की कोई जल्दी नहीं होती। बस एक-दूसरे के साथ को पूरे सुकून से जीने और मरने की ख्वाइश होती है।
फिर वो बोली- मैं तुम्हारे लिए चाय बनाती हूँ..
और मैं उसके साथ रसोई में आ गया.. वो बना रही थी.. और मैं बस उसे देखे जा रहा था और उससे बातें किए जा रहा था। फिर हम दोनों ने साथ में चाय पी.. सुबह होने वाली थी तो हम छत पर आ गए।
दोस्तो, अपनी महबूबा को बाँहों में लिए हुए सुबह की पहली किरण को देखना.. अपने आप में कितना रोमाँटिक होता है.. मैं बयान नहीं कर सकता उस सुकून को..
मैं सफ़र से काफ़ी थका हुआ था तो मैं सोने जाने लगा, उसने मेरे होंठों पर किस किया और हम नीचे चले आए।
फिर मैं सो गया।
जब उठा तो देखा उसके घर वाले आ गए हैं.. तो उनसे बातें होने लगीं।
फिर मैं अपने एक कॉलेज के दोस्त से मिलने चला गया.. क्योंकि मेरा उसके साथ बूँदी जाने के प्लान था क्योंकि मेरा जन्म दिन भी अगले दिन था.. तो मैं रात तक वापस आ गया और सो गया।
अचानक सुबह-सुबह मुझे ऐसा लगा कि मेरे होंठों पर किसी ने कुछ हल्का सा रख दिया हो.. मेरी आँखें खुलीं.. तो मैंने देखा वो जाहनवी थी और उसने मुझे ‘गुड मॉर्निंग’ किस किया था.. मैं डर गया क्योंकि घर पर सब लोग थे..
तो उसने बोला- भाई और पापा बाहर गए हैं और मम्मी बाथरूम में हैं।
मैंने गहरी सांस ली..
उसने बोला- तुम सोते हुए बहुत क्यूट लग रहे थे तो मैं अपने आपको रोक नहीं पाई।
दोस्तो, प्यार में ये छोटी-छोटी बातें बहुत खुशी देती हैं।
मैं मुस्कुराया और उसे गले लगा लिया।
उसने मुझे जन्म दिन विश किया.. वो मेरी ज़िदगी की सबसे खूबसूरत सुबह थी।
फिर शाम को मैंने सबको ट्रीट देने को कहा.. तो अंकल-आंटी ने मना कर दिया लेकिन बाद में जाहनवी और उसके भाई को जाने बोल दिया।
हमने एक रेस्टोरेंट में जाकर डिनर किया। जाहनवी मेरे साथ बैठी थी और उसका भाई सामने था। वहाँ भी हम एक-दूसरे के साथ को फील करते रहे.. फिर हम घर आ गए।
उसका भाई रात में उसकी दादी के यहाँ चला गया.. क्योंकि उनकी तबीयत थोड़ी खराब थी और वो अकेली थीं।
रात में मैं सोने चला गया।
दोस्तो, मैं जाहनवी के रूम में ही सोता था.. इसलिए वो बाहर ड्राइंगरूम में सोती थी।
उसे कुछ सामान चाहिए था.. इसलिए वो कमरे में आई।
उस समय मैं जाग रहा था, वो अपना सामान ले के जाने लगी.. तो मैंने उसे अपने पास आकर बैठने को कहा.. वो आई और मेरे बगल में आकर बैठ गई।
हमने एक-दूसरे को देखा और एक-दूसरे की आँखों में खोने लगे। मैंने उसे किस किया.. उसने भी बदले में मुझे किस किया।
तभी मुझे याद आया कि दरवाजा खुला है और उसके मम्मी-पापा बगल वाले कमरे में सो रहे हैं।
तो मैंने जाकर दरवाजा बंद कर दिया।
मैं बस उसके साथ कुछ समय अकले गुजारना चाहता था। फिर मैं उसके बगल में बैठ गया.. कुछ करने में डर भी लग रहा था.. क्योंकि उसके मम्मी-पापा बगल वाले कमरे में सो रहे थे।
हम एक-दूसरे देखते-देखते किस करने लगे और वो किस फिर स्मूच में बदल गया। हमारे होंठ एक-दूसरे के साथ जैसे चिपक गए थे.. जीभ को एक-दूसरे से लिपटा रहे थे और हम मानो एक-दूसरे में खो गए थे।
फिर मैंने उसे लिटा दिया.. मैं उस समय टी-शर्ट और कैपरी पहने हुआ था जबकि उसने लोवर और टी-शर्ट पहना था।
क्योंकि मैंने पहले भी कुछ लड़कियों को किस किया था.. इसलिए मुझे बढ़िया किस करना आता था।
हम एक-दूसरे को किस किए जा रहे थे.. हमारी साँसें गरम हो गई थीं, हमारे शरीर एक-दूसरे से लिपटे हुए थे।
मैंने उसके कान के पास किस करना शुरू कर दिया और मेरा एक हाथ उसके मम्मों को कपड़ों के ऊपर से दबाने लगा।
इतने सॉफ्ट मम्मे दबाने में ऐसा लग रहा था.. जैसे मैं रुई के फाहे दबा रहा होऊँ।
फिर मैं उसकी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डालने लगा, तभी उसने मेरी टी-शर्ट को भी उतार दिया। मैं उसकी शर्ट के अन्दर हाथ डालते हुए उसके गोल मम्मों को मस्ती से दबा रहा था.. जिससे उसकी शर्ट ऊपर को हो गई थी।
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया, अब वो सिर्फ़ ब्रा और लोवर में थी और मैं कैपरी में.. अजीब सा माहौल हो गया।
हम शायद भूल गए थे कि बगल वाले कमरे मैं उसकी मम्मी पापा सोये हुए हैं। मुझे उसका गरम मखमली बदन मानो जन्नत सा लग रहा था।
मैं उसकी गर्दन से होता हुआ.. उसकी गर्दन के नीचे की घाटी प्रदेश के ऊपर वाले हिस्से पर किस करने लगा। उसके मुँह से हल्की-हल्की सिसकारियाँ और साथ में गरम साँसें निकल रही थीं।
उसकी दिल की धड़कनें जो बहुत तेज़ थीं.. मैं उसे फील कर रहा था। मैं उसकी ब्रा पर किस करता हुआ उसकी नाभि के पास आ गया था।
दोस्तो, एक खूबसूरत लड़की के कटि प्रदेश से खूबसूरत दुनिया की कोई जगह नहीं होती, ऐसा मुझे फील हो रहा था। मैं उसकी नाभि और कमर के हिस्से पर चुम्बन करने लगा और सच बताऊँ तो उसकी साँसें ऐसे ऊपर-नीचे हो रही थीं कि मैं उसे शब्दों में बयान नहीं कर सकता।
वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी।
मेरे दोनों हाथ उसके मम्मों पर आ गए थे और उसकी ब्रा के ऊपर से ही दबा रहे थे।
तभी उसने अपनी पीठ को ऊपर उठाया और अपना एक हाथ ले जाकर अपने ब्रा की तनियाँ खोल दीं.. और उसके कबूतर आज़ाद हो गए।
सच बताऊँ दोस्तो,.. उसकी नंगी चूचियों को हाथ में लेकर दबाने में अलग ही आनन्द आ रहा था।
उसके हाथ मेरे बालों में घूम रहे थे और वो मुझे अपनी चूचियों पर दबा रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं उन मम्मों को खा लूँ।
तभी वो मेरे ऊपर आ गई.. उसका पूरा अर्धनग्न शरीर मेरे शरीर पर था और वो अपने शरीर को ऊपर-नीचे रगड़ने लगी। मुझे भी मेरे लंड में कुछ ज़यादा ही तनाव हो गया।
ऐसा लगा मैं निकलने वाला हूँ.. पर मैं उस वक़्त का पूरा आनन्द लेना चाहता था इसलिए मैंने उसे नीचे करके पलट दिया, अब उसकी पीठ मेरे सामने थी और मैं उसकी पीठ पर किस करने लगा।
उसे अजीब सा कंपन होने लगा.. उसने मुझे बताया था कि उसकी पीठ में.. कमर के निचले हिस्से पर एक तिल था।
मैं पूरी पीठ और उसके कान पर किस करने लगा और मेरे हाथ उसके मम्मों को पूरी तरह जकड़े हुए थे। फिर वो पलट गई अब उसका हाथ मेरी कैपरी के अन्दर जाने लगा.. मैंने उसे नहीं रोका। मैंने भी अपना हाथ फिराते हुए उसकी जांघों के बीच ऊपर से ही रगड़ने लगा।
वो और मस्त होने लगी थी..
पर जब मैंने अपना हाथ उसकी जांघों के बीच डाला.. तो मुझे लगा वहाँ कुछ गीला गीला सा है.. पर उसने मेरा हाथ रोक दिया और अपनी चूचियों पर ले आई।
मैं उसकी चूचियों को काट रहा था.. चूम रहा था.. दबा रहा था, उसके हाथ मेरे खड़े लण्ड को ऊपर-नीचे करने लगे थे।
तभी मुझे लगा कि मैं निकलने वाला हूँ क्योंकि मेरे लण्ड पर पहली बार किसी लड़की ने हाथ रखा था।
हम काफ़ी देर से एक-दूसरे के जिस्म को एक बनाए हुए थे। तो मैंने उसका हाथ रोक दिया और अपना लंड पकड़ कर स्खलन की प्रक्रिया को रोकने की कोशिश की।
उसे भी यह एहसास हो गया था.. इसलिए उसने अपना हाथ हटा लिया।
मैंने अपने आपको कंट्रोल किया और वो मेरे सीने पर सिर रख के लेट गई क्योंकि हमें अचानक से अहसास हुआ कि अगर हम ज़्यादा बढ़े तो उसके घर वालों को पता चल सकता है।
फिर मैं बाथरूम गया.. वहाँ थोड़ी देर रुका.. कुछ वीर्य स्खलित हुआ और फिर मैंने पेशाब की और फिर ठंडे पानी से लण्ड धोया।
जब मैं वापस आया तो वो ब्रा पहन चुकी थी और टी-शर्ट पहन रही थी।
मैंने देखा उसकी चूचियों पर मेरे दाँत के निशान थे। फिर उसने टी-शर्ट पहनाई.. मुझे एक चुम्बन किया और कुछ देर मेरी बाँहों में पड़ी रही। शायद वो कहना चाह रही थी कि मैं जन्नत में हूँ और वही हाल मेरा भी था।
फिर वो चली गई। वो मेरे ज़िदगी की पहली रात थी.. जब मैं अपनी माशूका के साथ था और मैं उसे अपना बनाते-बनाते रह गया।
पर उसका मुझे अफ़सोस नहीं था.. क्योंकि जो हुआ वो वक़्त का तक़ाज़ा था और प्यार में ये सब बेमानी हो जाते हैं। बस प्यार साथ रहे यही चाहत होती है..
What did you think of this story??
Comments