प्यार की नयी परिभाषा
मेरा नाम हिमांशु है और मैं छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर में रहता हूं. आज मैं आपको अपनी जिंदगी में घटी सबसे बड़ी घटना बताने जा रहा हूं.
यह बात तब की है जब मैं बाहरवीं कक्षा में पढ़ता था. मेरी क्लास में एक लड़की थी जिसको मैं बहुत पसंद करता था. उसका नाम शमा(बदला हुआ) था. जिस दिन वो क्लास में नहीं आती थी उस दिन ऐसा लगता था कि पूरा स्कूल ही खाली है. स्कूल में मेरा मन बिल्कुल नहीं लगता था. मैं हर वक्त उसी की तरफ देखता रहता था लेकिन मुझे हमेशा ही इग्नोर किया करती थी.
मैं यह भी जानता था कि उसकी लाइफ में कोई और भी नहीं है क्योंकि अगर होता तो मुझे पत लग जाता. मैं अपने दोस्तों से उसके बारे में पूछता रहता था कि क्या वो किसी और को पसंद करती है लेकिन सबके पास से यही जवाब आता था कि उसकी लाइफ में कोई नहीं है. लेकिन वो किसी को भाव नहीं देती. सब लड़के उस पर फिदा थे. वो बहुत खूबसूरत थी.
देखने में तो मैं भी अच्छा था लेकिन उसके सामने तो मैं बहुत कम था. उसके लाल होंठ और गोरे गाल थे. उसकी फीगर भी बहुत ही शेप में थी. कहीं से भी देखो वह एकदम हर जगह से परफेक्ट लगती थी. मैं हमेशा उस पर लाइन मारने की कोशिश किया करता था लेकिन वो मेरी लाइन को लेती ही नहीं थी. पता नहीं उसके मन में क्या चल रहा था. वैसे उसने कभी मुझे इस बात को लेकर शिकायत भी नहीं की कि मैं उसकी तरफ क्यों देखता रहता हूँ लेकिन वो इससे ज्यादा मुझे घास नहीं डालती थी.
जब बहुत दिनों तक मैं उस पर ट्राई करके हार गया तो एक दिन मैंने स्कूल की छुट्टी के टाइम उसको बीच रास्ते में रोक लिया. मैंने उससे कहा कि मैं उसको पसंद करता हूँ और उससे रिक्वेस्ट की कि मैं उससे दोस्ती करना चाहता हूं. मगर उसने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया. वो नीचे ही देखती रही. मैंने दोबारा से कहा तो उसने मुझे धक्का दिया और भाग गई. उस दिन मुझे बहुत गुस्सा आया.
फिर मैंने एक प्लान बनाया. मेरे प्लान के मुताबिक अब मैं उसकी तरफ नजर उठाकर भी नहीं देखता था. जब भी क्लास में आती तो मैं दूसरी तरफ देखने लग जाता. कई बार क्लास में भी इसी तरह जब वो बहाने से मेरी तरफ देखने की कोशिश करती तो मैं नजर फेर लेता था. बहुत दिनों तक मैंने ही उसको इग्नोर करना जारी रखा.
एक दिन वो मुझसे पूछने लगी- क्या बात हो गई? क्या अब तुम मुझसे दोस्ती करना नहीं चाहते?
मैंने कहा- मैं तुमको पसंद ही नहीं हूँ. तुम मुझे हमेशा इग्नोर करती हो. मैंने कितनी बार तुमको अपने दिल की बात बताने की कोशिश की लेकिन तुमने कभी मेरी बात नहीं सुनी. अब मैं किसी और लड़की के साथ दोस्ती कर लूंगा. मुझे लगता है कि तुम्हारी लाइफ में भी कोई और होगा.
वो बोली- नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है. मगर मैं इन सब बातों में विश्वास नहीं करती.
मैंने कहा- दोस्ती करने में भी क्या सोचना?
वो बोली- ठीक है. तो फिर आज से हम दोनों दोस्त हैं.
जब उसने हां कहा तो मैं बहुत खुश हो गया.
अगले दिन से हम दोनों ही एक दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे थे. फिर बहुत दिनों तक ऐसे ही चलता रहा. हमारे बीच में बातें भी होने लगी थीं. उसके बाद हम दोनों साथ में वक्त भी बिताने लगे थे.
एक महीने के बाद मैंने उससे कहा- मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ.
तो वो शरमा गई, फिर वो बोली कि वो भी मुझे पसंद करने लगी है.
उस दिन जब उसने मुझसे ऐसा कहा तो मैं जैसे पागल सा हो गया. मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया. अब हमारे बीच की कहानी दूसरे छात्रों को भी पता लग गई थी. सब लड़के मुझसे चिढ़ने लगे थे. लेकिन मैं सिर्फ शमा के ख्यालों में खोया रहता था. हम दोनों साथ में खूब बातें करते थे और हंसी मजाक भी किया करते थे. स्कूल में अकेले में हम दोनों ही काफी देर तक बातें करते रहते थे.
हमारे प्यार के बारे में किसी ने शमा के घरवालों को भी बता दिया. फिर एक दिन उसके भाई ने मुझे शमा के साथ देख लिया और वो उसका हाथ पकड़ कर उसे खींचते हुए ले गया. बहुत दिनों तक शमा स्कूल भी नहीं आई. मैंने उसको फोन करने की भी कोशिश की लेकिन उसने मुझसे फोन पर भी बात नहीं की. जब उसको फोन करता था तो उसका फोन बंद ही मिलता था.
फिर जब एक हफ्ता ऐसे ही बीत गया तो एक दिन शाम को उसका फोन आया.
उसकी आवाज सुनकर मैं खुश हो गया. उसने बताया कि उसके घरवाले कहीं बाहर शादी में जा रहे हैं और देर रात तक वापस लौटेंगे. अगर तुम चाहो तो मेरे घर आकर मुझसे मिल सकते हो.
मैं उसकी बात सुनकर खुश हो गया. जल्दी से तैयार होकर उसके घर पहुंच गया लेकिन घर जाकर देखा तो पता चला उसके घर पर बाहर तो ताला लगा हुआ था. मैंने उसको फोन किया तो उसने कहा कि मेरे भैया ने घर पर ताला लगा दिया है ताकि मैं कहीं बाहर न जा सकूं. जब उसने तुमको मेरे साथ देखा है मेरे घर वाले मुझे कहीं नहीं जाने देते. इसलिए वो लोग मुझे शादी में भी नहीं लेकर गये.
मैंने कहा- तो फिर अब मैं अंदर कैसे आऊं?
वो बोली- तुम पाइप से चढ़कर आने की कोशिश करो.
मैंने अपना फोन जेब में डाला और घर के बाहर लगे पाइप से चढ़ने की कोशिश करने लगा. बहुत ही मशक्कत करने के बाद मैं उसकी खिड़की के पास पहुंच पाया. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मैं अंदर उसके रूम में कूद गया. मेरे हाथ बहुत दर्द करने लगे थे और कई जगह मुझे खरोंचें भी आ गई थी.
उसने मेरी हालत देखी तो वह मुझसे लिपट गई. मैंने भी शमा को बांहों में भर लिया और उसकी पीठ को सहलाने लगा. उसकी पीठ को सहलाते हुए उसके टॉप के अंदर उसकी ब्रा की पट्टी मेरे हाथों पर महसूस हो रही थी जिससे मेरा लंड खड़ा होने लगा. हम दोनों कई मिनट तक ऐसे ही एक दूसरे से लिपटते रहे. मेरा लंड तो पूरा खड़ा हो गया था.
मैंने शमा को बेड पर लेटाया और उसे प्यार करने लगा. उसने भी मेरा कोई विरोध नहीं किया. मेरा लंड उसकी टांगों के बीच में जाकर लग रहा था. मेरी छाती उसकी चूचियों को दबा रही थी और मैं उसके होंठों को चूस रहा था.
कुछ देर तक उसके रसीले होंठों का रस पीने के बाद मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रखवा दिया. वो मेरे लंड को पहले तो पकड़ नहीं रही थी लेकिन फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया. वो मेरे लंड को दबाने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया. वो तेजी से आहें भरने लगी. उसने मेरे लंड को जोर से दबाना शुरू कर दिया.
हम दोनों ही गर्म हो चुके थे. फिर मैंने उसके टॉप को उतरवा दिया और उसकी ब्रा को निकलवा कर उसके सेब जैसे बूब्स को नंगा कर दिया. वो मेरे होंठों को चूसने लगी. मैं उसकी गर्दन पर चूमने लगा और उसके बूब्स को चूसने लगा. उसके चूचे टाइट हो गये थे. फिर मैंने उसकी जीन्स भी खोल दी.
जीन्स को हटाया तो उसकी पैंटी फूली हुई थी. मेरे पूछने पर उसने बताया कि उसके पीरियड चल रहे हैं. इसलिए चूत पर यह नैपकिन लगा रखा है. मैंने उसकी पैंट उतार कर उसकी पैंटी को भी नीचे खींच दिया.
पैंटी उतारते ही मुझे उसकी चूत पर लगा हुआ नैपकिन दिखाई दिया. मैंने कभी किसी लड़की की चूत पर ऐसे अपनी आंखों के सामने व्हीस्पर लगा हुआ नहीं देखा था. मैंने अभी तक लड़की चूत से ब्लू फिल्म में खून निकलते हुए देखा था. कई फिल्मों में तो एक लड़की को दूसरी की पोट्टी खाते हुए भी देखा था लेकिन इस तरह से अपनी आंखों के सामने मैंने चूत से निकलने वाला पीरियड का ब्लड नहीं देखा था.
मैंने उससे रिक्वेस्ट की कि मुझे उसकी चूत का ब्लड देखना है.
तो वो बोली- तुम खुद ही देख लो.
मैंने उसके व्हीस्पर को हटाया तो उसकी चूत पर ब्लड लगा हुआ था. ऐसा नजारा मैं पहली बार देख रहा था. मैंने उसकी चूत को खोल कर देखा तो उससे ब्लड बाहर आ रहा था. मैंने उसकी चूत को कपड़े से साफ कर दिया.
उस दिन मैंने पहली बार शमा जैसी खूबसूरत लड़की की चूत इस तरह नंगी देखी थी. मैंने उसकी चूत को अपने हाथ से छुआ तो वो सिहर गई. उसकी चूत एकदम गर्म हो गई थी. मैंने उसकी चूत की फांकों को फैला कर देखा और उसकी लाल चूत में उंगली घुसा दी. तो वो उछल गई और एकदम से आकर मेरे होंठों को चूसने लगी.
उसने मुझे बेड पर लेटा लिया और मेरी शर्ट को खोलने लगी. उसने मेरी शर्ट उतार कर मेरी गर्दन पर किस किया और फिर मेरी छाती के निप्पलों को चूसने लगी. पहली बार किसी लड़की ने मेरे बदन को इस तरह से गर्मजोशी में चूसा था जिससे मैं पागल सा होने लगा था. उसने मेरी पैंट को खोल दिया और मेरे अंडरवियर को निकाल दिया.
शमा ने मेरे तने हुए लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाया और उसको अपने मुंह में भर कर चूसने लगी. मैं तो जैसे जन्नत की सैर करने लगा. उसकी चुसाई इतनी तेज थी कि मैं दो मिनट में ही झड़ने को हो गया. मैंने उसे रोकना चाहा लेकिन वो नहीं रुकी. मैंने कुछ ही देर में उसके मुंह में अपना मुट्ठ छोड़ दिया. मेरा मुट्ठ उसके मुंह में भर गया जिसको उसने बाथरूम में जाकर थूक दिया.
फिर मैं शांत हो गया और वो मेरे सीने पर आकर लेट गई. मुझसे बोली कि मैं तुमसे ही शादी करना चाहती हूं.
मैंने कहा- मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूं. लेकिन हमारे घर वाले हमारी शादी नहीं होने देंगे.
वो बोली- अगर उन्होंने मना किया तो मैं तुम्हारे साथ कहीं भाग जाऊंगी. लेकिन मैं तुम्हारे साथ ही रहना चाहती हूं.
मैंने कहा- ठीक है. लेकिन तुम्हारा तो हुआ ही नहीं. वो बोली. अभी तो हमने शुरू किया है. अभी बहुत टाइम है हमारे पास. तुम शादी से पहले मुझे ऐसे ही अपना मुट्ठ पिलाते रहोगे ना?
मैंने कहा- हां, जैसा तुम कहो.
इतना कहकर उसने मेरे लंड को फिर से चूसना शूरू कर दिया. कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. वह तेजी के साथ मेरे लंड पर मुंह चलाने लगी थी लेकिन अब मैं उसकी चूत के मजे लेना चाहता था.
मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और उसकी चूत में जीभ को अंदर-बाहर करने लगा. वो फिर से गर्म हो गई. उसकी चूत से नमकीन सा रस निकलने लगा.
फिर मैंने उसके चूचों को जोर से दबाते हुए उसकी चूत को सहलाया तो वो बोली- स्स्स … बस हिमांशु … अब अंदर डालो जल्दी. मैं मर जाऊंगी अगर तुमने लंड को अंदर नहीं डाला तो.
उसके कहने पर मैंने अपने लंड पर वैसलीन लगाई और उसकी चूत पर लंड को रख कर सेट कर दिया. मैंने उसकी चूत में धक्का मारा तो वो चीख पड़ी. आआ … आह्ह … ऊई … दर्द हो रहा है.
मैंने उसके होंठों को चूसा और उसके चूचों को दबाया और उसके ऊपर लेट कर पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया. फिर मैंने कुछ देर रुक कर उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया. वो अब मेरी चुदाई का मजा लेने लगी. उसके मुंह से आह-आह की सिसकारियां निकल रही थीं.
तीस मिनट तक मैंने उसकी चूत को अलग-अलग पोज में चोदा. फिर मैंने उसकी चूत में ही अपना माल निकाल दिया. मेरा पूरा माल निकलने के बाद उसने ऐसा झटका मारा कि मेरे माल के साथ उसकी चूत से ब्लड भी बाहर गिरने लगा. बेड पर फैल गया सारा पदार्थ. फिर उसके घरवालों का फोन आया कि वो दो दिन के बाद ही घर वापस आयेंगे. शमा यह सुनकर खुश हो गई.
उस रात हमने पांच बार चुदाई की.
फिर सुबह के तीन बजे मैंने उससे कहा- अब मुझे भी घर जाना होगा. अभी अंधेरा है और किसी को पता भी नहीं चलेगा.
उसके बाद मैं अपने घर चला गया.
मैं सुबह नहीं उठा तो मां मेरे कमरे में आकर पूछने लगी- आज स्कूल नहीं जाना है क्या?
मैंने कह दिया- मेरी तबियत ठीक नहीं है. मैं देर रात तक पढ़ाई कर रहा था.
उस दिन मैं स्कूल भी नहीं गया. मैं शाम को सात बजे तक सोता रहा.
शाम को पापा ने कहा कि तुम पढ़ाई के चक्कर में अपनी तबियत खराब मत कर लेना.
मैंने पापा से कहा- मैं ख्याल रखूंगा लेकिन आज मुझे अपने फ्रेंड के घर पर पढ़ाई करने के लिए जाना है और मैं रात को वहीं रहूंगा.
शमा ने मुझे बता दिया था कि उसके घरवाले अभी नहीं आये हैं. जब लाइन क्लीयर मिली तो मैं शमा के घर पहुंच गया.
मैंने उसके बेडरूम में जाकर देखा तो वो लेटी हुई थी.
पूछने पर उसने बताया- कल रात की थकान है.
मैंने कहा- मैं आज तुम्हारी सारी थकान मिटा दूंगा.
मैंने तेल लिया और उसकी चूत को नंगी करके उसकी चूत पर मसाज देने लगा. उसका पीरियड अब बन्द हो चुका था. कुछ ही देर में हम गर्म हो गये.
शमा बोली- मेरी चूत में दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, आज मैं तुम्हारी गांड भी चोद दूंगा.
मैंने वैसलीन उठाई और अपने लंड और उसकी गांड पर लगाकर उसकी गांड में लंड को पेल दिया. वो दर्द से चीखने लगी. लेकिन मैंने उसकी गांड को चोदना जारी रखा. जब मेरा माल निकलने को हुआ तो मैंने उसके मुंह में माल छोड़ दिया. फिर मैंने उसकी चूत में मुंह दिया तो उसकी चूत से गर्म नमकीन पानी निकल रहा था. मैं उसको पीने लगा. हम सारी रात एक दूसरे को प्यार करते रहे. दूसरे दिन उसके घर वाले आ गये.
अब हम घर में नहीं मिल सकते थे इसलिए स्कूल के बाद स्टडी के नाम पर हम मेरे दोस्त के होस्टल के कमरे में मिलते रहे. कुछ दिन बाद हमारे एग्जाम शुरू हो गये. हमने अब मिलना थोड़ा कम कर दिया. उसके बाद क्या हुआ वो मैं आपको अगली बार बताऊंगा.
अगर आप यह सोच रहे हैं कि यह सब मैंने अपने मन से बनाकर लिखा है तो आप गलत सोच रहे हैं क्योंकि ज्यादातर कहानियों में नब्बे प्रतिशत झूठ ही होता है. मैंने आज तक सिर्फ कुछ ही लोगों को यह बात बताई है. आज जब मैंने अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज़ की कहानियां पढ़ीं तो मुझे लगा कि मुझे भी अपनी स्टोरी शेयर करनी चाहिए. इसलिए मैंने ये राज आप सबको बताया है.
मेरी स्टोरी आप लोगों को पसंद आई या नहीं, मुझे जरूर इसके बारे में लिखना. जितने ज्यादा मैसेज आएंगे तभी मैं आगे की कहानी लिखूंगा. मैं आपके मैसेज का इंतजार करूंगा.
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