पुरानी दोस्त की चुत चुदाई का मजा
(Purani Dost Ki Chut Chudai Ka Maja)
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. दोस्तो, सेक्स और चुदाई एक ऐसा नशा है कि एक बार किसी इंसान को लग जाए ना … तो ये इंसान की फितरत बदल देता है.
मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही होने लगा था. मुझे अब चुदाई की तड़फ होने लगी थी. मुझे ऐसे लगने लगा था कि मेरे साथ काम करने वाली लड़की या औरत, एक बार मेरी बिस्तर पर जरूर आ जाए.
मुझे आखिरी बार किसी से सेक्स किए हुए पांच महीने हो चले थे. वो भी मैंने अपनी विदेशी मित्र वेरोनिका से मेक्सिको में किया था. मेरी वो कहानी
विदेशी महिला मित्र के साथ सेक्स सम्बन्ध
आपने पढ़ी ही होगी.
विजयादशमी की छुट्टियों मैं अपने घर आ गया और इन दिनों मेरी मुलाकात मेरी कॉलेज फ्रेंड डेज़ी से हुई. डेज़ी मुझे कॉलेज टाइम से ही अच्छी लगती थी. लेकिन उस टाइम मैं किसी और से प्यार करता था, तो सिर्फ दोस्त की नाते ही उसे देखता और उसकी तारीफ कर देता था.
जब मैं डेज़ी से मिला, तो मेरा उतरा हुआ चेहरा, परेशानी और काम का दबाव देख कर डेजी मुझसे बोली- क्या बात है राज, क्लास-वन अफसर क्या बने, तुम तो जीना भूल गए हो?
मैं पहले तो उसे इग्नोर करता रहा, लेकिन जब वो बिल्कुल मेरे पास सट कर बैठ गई और मेरे हाथ अपने हाथों में लेकर बोली- बताओ ना मुझे … क्या बात है बाबू?
मैंने उसे अपनी बुरी आदतों और सेक्स के लत के बारे में बताया.
पहले तो उसने गुस्सा दिखाया, फिर जब मैं उठकर जाने लगा … तो डेज़ी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोका.
वो बोली- अब चले कहां … रुको न!
मैंने कहा- तुम अपसैट सी दिखने लगी थीं … तो मैंने जाने का सोच लिया था.
वो मेरी इस बात पर कुछ नहीं बोली, बस उसने मुझसे चाय पीने का पूछा.
मैंने हामी भर दी और कुछ देर बाद हम दोनों चाय पीने लगे.
कुछ निडर होकर मैंने डेज़ी से पूछा- क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी, मैं तुम्हें कॉलेज टाइम से पसंद करता हूँ.
डेज़ी ने मुझसे कहा- मुझे पता है अब तुम मुझे पसंद करते हो … लेकिन जब मैं तुम्हें पसंद करती थी, तब तुम किसी और के थे.
मैंने बात को बदलते हुए कहा- चलो सेक्स न सही … एक किस तो करने दो.
तो इस पर उसने कुछ नहीं कहा.
मैंने उसकी मूक सहमति मान कर उसके माथे पर किस किया. उसे किस करते ही मेरे लंड में एकदम एक तेज सी लहर सी उठी. मैं गनगना गया और मेरा मन करने लगा कि इसे नीचे पटक कर चोद दूँ. पर ये इतनी जल्दी सम्भव न था. कुछ देर उसके पास रुककर मैं निकल गया.
उसकी गर्म सांसों का अहसास अभी भी मेरे लंड को तन्ना रहा था. मैंने घर आ कर अपना लंड हिलाया और झड़ने के बाद मुझे कुछ शन्ति हुई.
रात होते होते फिर से मेरा लंड खड़ा होने लगा और मैं डेज़ी के बारे में सोचने लगा. फिर मैंने वेरोनिका से फोन पर सेक्स चैट की और सो गया.
अगले दिन सुबह मैंने अपना व्हाट्सप्प ओपन किया, तो देखा कि डेज़ी का मैसेज आया हुआ था.
उसने लिखा था कि आज मेरा तुम्हारे साथ लॉन्ग ड्राइव पर जाने का मन है. तुम मुझे 10 बजे मेरे घर से पिक कर लेना.
ये उसका आदेश जैसा था, पर मुझे इस मैसेज को पढ़ कर बड़ा सुकून सा मिला.
मैं तैयार हुआ और उसे पिक करने पहुंच गया. जब वो आई, तो उसने ब्लू जींस और ब्लैक कलर का गहरे गले वाला टॉप डाला हुआ था … जिससे उसके चूचों के बीच की लाइन दिख रही थी.
रास्ते में डेज़ी ने मुझे बताया कि कल सपने में मैंने उसे जबरदस्त तरीके से चोद दिया था.
मैंने कहा- तुम हां करो … तो मैं सपने को हकीकत बदल देता हूँ.
इस पर डेज़ी मुस्कुराई और बोली- इसी लिए मैं तुम्हारे साथ आई हूँ … मुझे तुम्हारी बुरी आदतें पसंद आईं, लेकिन एक शर्त है कि एक तो ये राज तुम राज ही रखोगे और दूसरा मुझे बीच में प्लास्टिक नहीं चाहिए … मुझे फील करना है.
ये सब सुन कर मेरा लंड तो खड़ा हो गया. मैं कार रोक कर जल्दी से होटल सर्च करने लगा.
मैंने ऑनलाइन होटल बुक करके उसे बताया. तो उसने जल्दी होटल चलने का कहा. मैंने गाड़ी होटल की तरफ मोड़ दी. हम दोनों ने रूम मैं चेक इन कर लिया.
वेटर हमें टीवी और एयर कंडीशनर का रिमोट देकर चला गया. उसके जाते ही मैंने रूम लॉक करके रूम का टेम्प्रेचर 17 पर किया और बाथरूम में चला गया.
उधर जाकर मैंने अपना लंड और जांघों को धोया. फिर मैंने अंडरवियर पहनी और तौलिया बांध बाहर आ गया. बाहर आते ही डेज़ी को पकड़ लिया. हम हमेशा की तरह गले लगे और एक दूसरे को एन्जॉय के लिए विश किया .बस बिना सोचे समझे उसे किस करना शुरू कर दिया.
मैंने उसे चॉकलेट दी और हम अपनी चुदाई यात्रा पर चल पड़े. होंठों से शुरू करके गले को किस करता हुआ मैं उसके चूचों तक पहुंच गया और उसका टॉप खींच कर उतार दिया.
फिर मैंने डेज़ी को उठाया और जोर से अपने सीने से लगा लिया और उसे फिर से किस करना शुरू कर दिया. उसे किस करते करते मैंने उसकी ब्रा में हाथ डाल कर उसके चूचों को दबाना शुरू कर दिया. अन्दर डेज़ी ने काले रंग के ब्रा पहनी हुई थी और उसके गोरे चुचे बाहर निकलने को तड़फ रहे थे.
मैंने ब्रा का हुक खोल दिया, तो चुचे कबूतरों की तरह फुदक कर बाहर आ गए. डेजी के चूचों का साइज 36 इंच का था. उसकी कमर भी बड़ी मस्त थी यही कोई बत्तीस की रही होगी. उसकी लचकती कमर देख कर तो मैं अक्सर बेकाबू हो जाता था.
मैं बस एकदम से उसके चूचों के पर टूट सा ऊपर पड़ा. उसके हल्के भूरे से निप्पल बड़े मस्त थे. मैं डेजी का एक निप्पल अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और हौले हौले से काटने लगा.
मुझे उसके चूचों को चूसते हुए दस मिनट हो चुके थे. मेरा लंड खड़ा हो कर खम्बा बन चुका था और इधर डेज़ी भी पूरी मदहोश हो चुकी थी.
मैंने अपनी तौलिया निकाली और अंडरवियर को नीचे कर दिया. फिर डेज़ी को घुटनों पर बैठा कर मैंने अपना लंड उसके मुँह की तरफ कर दिया. पहले उसने लंड चूसने से मना किया, लेकिन मेरे जिद करने पर मान गई.
उसने मेरे लंड को एक दो बार काटा, तो मैंने उसकी तरफ गुस्से से देखा. वो हंस दी. फिर उसने लंड ठीक तरह से चूसा.
कुछ देर मैंने डेज़ी को बिस्तर पर लेट जाने को बोला और उसकी जींस उतार दी.
वो नीले रंग के पेंटी पहने हुए थी, मैंने उसकी पेंटी को अपने दांतों से खींचते हुए उतारा. इससे वो बड़ी खुश हो गई. मैंने पेंटी उतार कर देखा, तो उसकी चूत पर हल्के काले बाल उगे हुए थे. चुत एकदम कसी हुई थी.
मैंने उसकी चूत में एक उंगली डाली, तो वो चिल्ला पड़ी. मैंने उंगली बाहर निकाली और अपनी पोजीशन उसकी टांगों के बीच बना कर लेट गया. अब मैंने उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी.
डेज़ी ने उत्तेजना में मेरे मुँह पर थोड़ा सा मूत दिया लेकिन फिर उसने सॉरी भी कहा.
मैंने उसकी चुत का भोसड़ा बनाना शुरू कर दिया. डेज़ी बड़ी तेज तड़फ रही थी. इधर मेरा लंड भी फटने को हो गया था.
उसने कहा- अब अन्दर आ जाओ.
ये सुनते ही मैंने डेज़ी को सीधा लेटाया और कहा कि अपनी बॉडी को बिल्कुल ढीला छोड़ दो … और मेरा साथ देना.
उसने टांगें उठा कर चुत खोल कर हाथेली फेरी और सिसयाते हुए कहा- पहले लंड तो अन्दर करो जानी.
मैंने हंसते हुए उसे देखा … और अपने लंड पर वैसलीन लगा ली. कुछ ज्यादा सी वैसलीन उसकी चूत पर मल दी.
फिर मैंने लंड अन्दर डालने के कोशिश की. चूंकि उसकी चुत कसी हुई थी, तो लंड अन्दर जा ही नहीं पा रहा था.
मैंने दम लगाया तो मेरा आधा लंड चुत चीरता हुआ अन्दर चला गया.
लंड अन्दर क्या घुसा, डेज़ी की आंखों से आंसू और मुँह से चीखें निकलना शुरू हो गईं. तभी मुझे फील हुआ कि शायद चूत से कुछ गीला गीला और गरम गरम निकल रहा है. मैंने चुत की तरफ देखा तो पाया कि डेज़ी की चूत से खून निकल रहा था.
मैं एक मिनट के लिए रुका और सोचने लगा कि साली ये तो सील पैक निकली … क्या अब तक इसने लंड का मजा लिया ही नहीं था!
मैं मन ही मन खुश हो गया और मैंने धीरे धीरे फिर से अपने झटके शुरू कर दिए. कुछ ही पलों के बाद मेरा पूरा लंड चुत के अन्दर जा चुका था. डेजी काफी तेजी से तड़फ रही थी, लेकिन कुछ देर बाद डेज़ी को भी मजा आने लगा था.
उसके सामान्य होते ही मैंने उसे बिस्तर से उठाया और मैंने खुद को नीचे लिटाते हुए उसे अपने ऊपर ले लिया. इस दौरान मेरा लंड एक पल के लिए भी उसकी चुत से बाहर नहीं निकला था.
वो मेरे ऊपर आ गई थी. मैंने उससे कहा- मेरे हाथ पकड़ लो और मेरे लंड को अपनी चूत में अन्दर बाहर लेकर लंड पर घुड़सवारी करो.
डेज़ी बिल्कुल एक आज्ञाकारी लड़की की तरह ऐसा करने लगी. शुरुआत में तो उसे दर्द हो रहा था मगर धीरे धीरे उसकी स्पीड बढ़ गई और वो मस्ती से चुदाई का मजा लेने लगी. उसके उछलते हुए मम्मे मुझे बेहद उत्तेजित कर रहे थे. मैंने उससे अपने हाथ छुड़ाए और उसके मम्मों को मसलता हुआ चुत में लंड पेलने लगा.
कुछ ही देर डेज़ी थक गई और उसकी कमर ने कूदने से मना कर दिया था. लेकिन मेरे लंड में तो आग लगी हुई थी. मैं अपनी गांड उठाता हुआ उसकी चुत में धक्के देने लगा.
डेजी अब कराहने लगी थी और मुझसे रुकने की कह रही थी, लेकिन बहन का लौड़ा मेरा लंड शांत ही नहीं हो रहा था और न ही पानी छोड़ रहा था.
फिर मैंने डेज़ी से कहा- तुम उल्टा लेट जाओ … और पीछे से अपने चूतड़ों को उठा लो.
वो मान गई और मेरे ऊपर से हट कर बिस्तर पर औंधी लेट गई. उसने अपनी टांगें फैलाते हुए अपनी गांड उठा दी थी. मुझे उसकी उभरी हुई चुत साफ़ दिखने लगी थी. मैं उसके पीछे से उसकी चुत में लंड पेल कर चुदाई करने लगा.
मैंने उसकी चुत चुदाई करते हुए देखा कि उसके चूतड़ एकदम सफ़ेद हैं, लेकिन गांड थोड़ी काली है. मुझे समझ आ गया कि इसकी गांड चुद चुकी है. मगर मैंने चूत में से लंड नहीं निकाला और जोर जोर से झटके देना लगा.
मैं देख रहा था कि डेज़ी की गांड का साइज पक्का अड़तीस इंच का रहा होगा. मुझे इस पोजीशन में चुत चोदने में सबसे ज्यादा मजा आता है. मैं डेज़ी के चूतड़ों पर थप्पड़ देता गया और उसके चूतड़ों को पकड़ कर जोर जोर से झटके देता रहा. फिर मैं कण्ट्रोल नहीं कर पाया और उसकी चूत में ही झड़ गया.
मेरे झड़ते ही डेजी एकदम से निढाल हो गई और मैं ऊपर से ही डेज़ी को गले लगा कर उस पर लेट गया.
मैंने डेज़ी के कान में उसको धन्यवाद कहा और नीचे लेट कर उसे अपने सीने से लगा लिया.
हमारी चुदाई के कारण बिस्तर की चादर ख़राब हो चुकी थी, मैंने चादर को समेट कर उसे साइड में गिरा दिया.
इसके कुछ देर बाद मैं और डेज़ी साथ में नहाने गए और नहाते हुए मैंने उसको फिर से कुतिया बना कर चोदा.
हम नहा कर बाहर निकले और अपने कपड़े पहन कर बैठ गए. मैंने होटल में ही खाने का आर्डर दिया और खाना खाकर हम घर वापिस आ गए.
इस तरह मेरी फ्रेंड ने मेरी सेक्स की आग को शांत किया.
दोस्तो, आपके ईमेल का मुझे इंतज़ार रहेगा. क्या डेजी वास्तव में कुंवारी थी या उसको गांड मराने का शौक था. इन सब सवालों का जबाव आप मुझे मेल से पूछ सकते हैं. उसकी चुदाई की कहानी पर आपके मेल का स्वागत है.
[email protected]
मेरा इंस्टाग्राम अकाउंट है rajdeepsingharya
What did you think of this story??
Comments