प्रेमिका संग हसीन ज़िंदगी के पल-2
(Premika Sang Haseen Jindgi Ke Pal- Part 2)
This story is part of a series:
-
keyboard_arrow_left प्रेमिका संग हसीन ज़िंदगी के पल-1
-
keyboard_arrow_right प्रेमिका संग हसीन ज़िंदगी के पल-3
-
View all stories in series
मैंने कहा- फिर मेजबान और मेहमान दोनों तैयार हैं तो शुरू करें पार्टी?
उसने कहा- यहाँ नहीं।
“फिर कहाँ, कहीं और चलना है क्या?” मैंने पूछा.
मैंने अपने आप को संभाला और कहा- फिर मेजबान और मेहमान दोनों तैयार हैं तो शुरू करें पार्टी?
उसने कहा- यहाँ नहीं।
“फिर कहाँ, कहीं और चलना है क्या?” मैंने पूछा.
उसने कहा- नहीं … घर में ही! लेकिन थोड़ा इन्तजार करो।
और थोड़े देर बाद वो मुझे सीढ़ियों से ऊपर ले गयी वहाँ दो रूम थे, एक बाथरूम और एक टॉइलेट। एक रूम थोड़ा छोटा था ऐसा लग रहा था गेस्ट रूम है और दूसरा तो जैसे लग रहा था पार्टी हाल है वैसी ही लाइट भी लगी थी उसमें और म्यूजिक इन्स्ट्रूमेंट्स भी थे, एकदम पार्टी फ्लोर।
हम अंदर दाखिल हुए तो देखा वह पहले से ही 30-35 लोग थे। अंदर जाते ही सबने एक साथ उसको हॅप्पी बर्थ डे विश किया और तब जाकर कहीं उसने मुझे बताया कि आज उसका जन्मदिन था। मैं तो झेंप कर रह गया कि मेरे पास उसको देने के लिए कोई गिफ्ट नहीं था. फिर भी मैंने भी उसे विश किया और वहीं एक तरफ किनारे होकर खड़ा हो गया।
वहाँ जितने भी लोग थे, सारे ऑफिस के ही थे शायद उसी के टीम मेम्बर्स.
मैं अकेला था और किसी को जानता भी नहीं था तो चुपचाप अकेले किनारे खड़ा था.
अब सारे लोग मिल कर केक काटने की तैयारी में जुट गए और फिर पूरे शोर के साथ उसने केक काटा।
वो दिन शायद … जन्मदिन उसका था पर भगवान मेरे साथ था। जिसकी कल्पना भी मैंने नहीं की थी, आज वही सब हो रहा था मेरे साथ।
उसके केक काटने के बाद उसने पहला टुकड़ा उठाया और सीधे मेरे पास आई … मुझे खिलाया और आधा अपने भी खाया. फिर मुझे एक ज़ोरदार हग किया, फिर केक काट कर सबको दे दिया.
इसके बाद वह मेरे पास आकर खड़ी हो गयी और पूछा- कैसा लगा सरप्राइज़?
मैं क्या बोलता … मैंने कहा- तुम्हें पहले बताना चाहिए था. लो बताओ … एक मैं ही हूँ जो तुम्हारे लिए कोई गिफ्ट नहीं लाया, बाक़ी सभी कुछ न कुछ उपहार लेकर आये हैं।
उसने बड़े ही प्यार से मेरे कंधे पर सर रखा और कहा- मेरे आज का सबसे अच्छा गिफ्ट तो तुम हो जो मेरे साथ हो आज के दिन!
फिर वो अपने कुछ दोस्तों के पास चली गयी और पार्टी शुरू हो गयी।
काफी देर तक पार्टी चलती रही और फिर एक एक कर के सभी अपने घर चले गए अंत में मैं और वो बच गए.
कुछ देर बाद मैंने भी उससे कहा- मैं चलता हूँ.
तो उसने कहा- ऐसे कैसे? आज तुम्हें मेरे साथ पूरी रात रहना है. और अभी तो बीयर पीनी है … तो तुम कहीं नहीं जा रहे।
मैं कुछ समझ नहीं पाया. शायद ये मेरा वहम था या हक़ीक़त, जो भी था बहुत हसीन था।
उसके बाद फिर हमने पूरा रूम साफ किया और वहीं बैठ कर बातें करने लगे थोड़ी देर बात करने के बाद उसने कहा- चलो अंदर चलते हैं।
मैंने कहा- हम अंदर तो हैं.
तो उसने बताया- नहीं … इस रूम से अटैच एक बेडरूम भी है लेकिन किसी को पता नहीं है।
मुझे वो उस रूम में ले गयी जो बाहर से पता ही नहीं चल रहा था कि रूम है। एक सुंदर सा रूम जिसमें लाला रंग का गोल बेड लगा हुआ था, उस बेड पर सफ़ेद पर्दे, एक बड़ा सा टीवी और नीचे मोटा सा क़ालीन। एकदम फिल्मों जैसा।
वो मेरा हाथ पकड़ कर उस रूम में ले गयी और बेड पे बैठा दिया. फिर बाहर जाकर कुछ स्नैक्स और बीयर और रेड वाइन की बोतल ले आई और मुझे कहा सर्व करने को!
और वो वाशरूम में चली गयी.
जब तक वो बाहर आई … ड्रिंक तैयार थी।
वो मेरे पास आकर बैठ गयी और कुछ सोचते हुए वो बेड से उठी और मेरा हाथ पकड़ कर नीचे बैठ गयी और मुझे प्रपोज़ किया।
जब उसने ऐसा किया तो मेरा मुख खुला का खुला रह गया. उसने बताया कि जब उसने मुझे पहली बार देखा था तभी उसको मैं पसंद आ गया था लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वो मुझसे बात करे।
मेरे काफी देर तक शांत रहने के बाद जब उसे कोई जवाब नहीं मिला तो उसने पूछा- क्या मैं तुम्हें पसंद नहीं हूँ? या मेरा प्रोपोसल पसंद नहीं आया?
कुछ सोचने के बाद मैंने उसे कहा- मुझे तुम भी पसंद हो और तुम्हारा प्रोपोसल भी, मैं भी तुम्हें तभी से चाहता हूँ जब तुम्हें पहली बार देखा था; बस मुझे अपनी किस्मत पे भरोसा नहीं हो रहा है कि तुम जैसी लड़की मुझसे प्यार कर सकती है।
वो खूब ज़ोर से हंसी और कहा- तुम बहुत हैंडसम हो. लेकिन तुम्हारी एक बात है जो तुमको सबसे अलग करती है. वो तुम्हारी सादगी और जो भी तुम्हारे दिल में है वो तुम्हारे चेहरे पर भी है, जिसे कोई भी पढ़ सकता है।
उसने बताया- जब लड़के मुझे देखते हैं तो उनकी नज़रों में मुझे मेरे लिए वासना दिखती है. लेकिन जब मैंने तुम्हें देखा तो मुझे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा, मुझे लगा हो सकता है ये मेरा वहम हो. फिर दूसरे दिन भी वही … और जब हम शॉप में मिले तो मुझे यकीन हो गया कि तुम मुझे वासना वाली नज़रों से नहीं देखते. उसी पल मुझे तुमसे प्यार हो गया, मैंने सोचा कि इस बारे में मैं तुमको अपने जन्मदिन पे बताऊँगी।
मैं बेड से उठा और उसको उठा कर अपने गले से लगा लिया. ऐसा लगा जैसे कि प्यासे के पास सागर खुद आ गया है.
उसने भी मुझे बहुत ज़ोर से पकड़ रखा था.
करीब 5 मिनट बाद हम अलग हुए और फिर बेड पर बैठ कर ड्रिंक उठाया।
मैंने उससे मज़ाक में कहा- तुम मेरे साथ ड्रिंक कर रही हो! कहीं मैं तुम्हारा फ़ायदा न उठा लूं?
उसने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा कर बोली- तो उठा लो फायदा … मैं भी तो यही चाहती हूँ, जब दिल तुम्हें दे दिया है तो शरीर कौन सी बड़ी चीज है।
और हंसते हुए हम बीयर पीने लगे।
मुझे पता नहीं क्यों ऐसा लगा कि आज वो सब कुछ मुझे मिलने वाला है शायद जिसकी कल्पना भी मैंने नहीं की थी. वो भी खुल कर सब कुछ करना भी चाहती थी, जैसे आज वो अपने चुदने का प्लान पहले से ही बना के बैठी हो। तभी तो ऐसा ड्रेस, ऐसा सजा हुआ रूम, बीयर पीने का मूड, सभी बस एक ही तरफ इशारा कर रहे थे।
खैर मेरा क्या … मुझे तो आज की रात जन्नत ही मिलने वाली थी शायद।
हम बीयर पी रहे थे और बातें कर रहे थे और साथ साथ हमारे बीच का फासला भी कम होता जा रहा था. जब बीयर का हमारा पहला ग्लास खत्म हो गया तो मैं दूसरा बनाने के लिए उठा तो उसने कहा- एक ही बनाना, अब दोनों एक में ही पियेंगे.
मैंने वैसा ही किया।
रात के 11:30 हो चुके थे और एक बोतल बीयर भी खत्म हो चुकी थी. हम खाना पहले ही खा चुके थे तो खाने का कोई सवाल ही नहीं था.
तो मैंने सोचा कि दूसरी बोतल खोली जाए.
पर उसने मना कर दिया, मुझे बिस्तर पर धकेल दिया और मेरे बगल में आ कर लेट गयी.
अभी तक उसने ड्रेस भी चेंज नहीं किया था और थोड़ी मदहोश भी हो गयी थी। उसका सर मेरे सीने पर था और उसके सारे बालों से उसका चेहरा ढका हुआ था. मैंने जैसे ही उसके बाल उसके चेहरे से हटाये तो उसने अपना चेहरा उठा के मेरे तरफ किया. सच बताऊँ … मेरे और उसके चेहरे में थोड़ा सा भी गैप नहीं रह गया था, मेरे और उसके होंठ आमने सामने थे पर सटे नहीं थे।
उसको इतना पास पाकर मेरी साँसें तेज होने लगी और शायद उसका भी यही हाल था. उसकी आँखें मुझे निमंत्रण दे रही थी कि आओ और चूस लो मेरा रस!
फिर मैं कहाँ रुकने वाला था मैंने उसके बाल पकड़े और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये. हम एक दूसरे को पागलों की तरह किस करने लगे, कभी वो मेरे ऊपर कभी मैं उसके ऊपर … यह सिलसिला करीब 15 मिनट तक चला.
अब तो कंट्रोल करना हम दोनों के ही बस में नहीं था, मैंने उसे अपने से अलग किया और एक ही झटके में उसका गाउन नोच फेंका. उस वक़्त कमरे में लाल रोशनी जल रही थी और उस लाल रोशनी में उसका दूधिया बदन बिल्कुल सोने के जैसा चमक रहा था. उसने गाउन के नीचे कुछ भी नहीं पहना था, बस एक पैंटी थी नाम मात्र की!
मैं तो उसकी खूबसूरती देख कर बस देखता ही रह गया … कितना गोरा शरीर था उसका और एकदम गोरी और संतरे के आकार की उसकी चूचियाँ! मन तो कर रहा था कि बस नोच खाऊँ उन्हें। पर वो भी कुछ कम नहीं थी, उसने भी एक एक कर के मेरे सारे कपड़े उतार दिये.
अब मैं भी सिर्फ अंडरवेयर में रह गया. फिर हम आपस में लिपट गए और एक दूसरे को चूमने लगे. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने उसको नीचे लिटाया और उसको होंठों से चूमना शुरू किया। पहले होंठ, फिर गर्दन और फिर दो आज़ाद कबूतर … मैंने उसकी एक चुची को मुख में भरा और दूसरे को हाथ में पकड़ कर दबाने लगा.
शायद मैंने थोड़ा तेज दबा दिया या अपने दांतों से काट लिया कि वो चीख पड़ी और मुझे रोक दिया.
और फिर मुझे उसने वो बताया जिसका मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि मेरी किस्मत अब इतनी भी मेहरबान भी हो सकती है। उसने बताया कि वो अभी तक वर्जिन है. उसने बताया कि आज से पहले उसे किसी मर्द ने नहीं छूआ, मैं पहला आदमी हूँ जो उसके साथ ये सब कर रहा हूँ।
इसके बाद उसने रिक्वेस्ट करते हुए कहा कि पहले मैं सब कुछ धीरे धीरे करूँ और फिर वाइल्ड हो जाऊं।
मुझे भी लगा वो सही कह रही है क्योंकि पहले ही अगर मैं वाइल्ड हो जाऊंगा तो उसका मन सेक्स से भाग जाएगा और आज के बाद कुछ नहीं मिलेगा तो उसके हिसाब से ही चलना ठीक है।
अब मैंने उसके चूचियों को धीरे धीरे पीना शुरू किया और दबाना भी. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और सिसकारियाँ ले रही थी उसकी साँसें इतने में ही उखड़ने लगी थी।
“आहह ह ह … सीस्स सश्स स ऊम्ह्हह …”
उसकी सिसकारियों से मैं और भी जोश में आ रहा था. अब मैं उसकी चूचियों पर पूरी पकड़ बना कर उसके चूचियों को मसलने लगा था और वो भी पागल हुए जा रही थी.
करीब 10 मिनट तक उसकी चूचियों को मसलने के बाद छोड़ा उसे तो अब तक वे एकदम लाल हो चुकी थी. और फिर धीरे धीरे मैं नीचे जाने लगा. उसके शरीर की खुशबू ऐसी थी कि मन कर रहा था उसे पूरा का पूरा खा जाऊँ. लेकिन वो मुमकिन नहीं था.
फिर उसके पेट को चूमने चाटने के बाद मैं उसकी नाभि में अपनी जीभ लगा कर गोल गोल घुमाने, चूसने और चाटने लगा. उस वक़्त तो उसकी हालत ऐसी हो रही थी जैसे अब वो एक जंगली बिल्ली जैसी हो गयी है और वो अजीब अजीब सी आवाजें निकाल रही थी.
फिर मैं उठ कर बैठ गया. वो मुझे ऐसे देख रही थी जैसे कह रही हो ‘प्लीज, अभी मत छोड़ो!’
लेकिन मैं जानता था कि अगर ज्यादा जोश में आऊँगा तो उसे संतुष्ट नहीं कर पाऊँगा.
फिर मैं उसके पैरों के पास जाकर बैठ गया और उसके शरीर को देखने लगा. क्या मस्त लग रही थी वो बिना कपड़ों के!
अब मैं उसके पैर के अंगूठे को मुंह में लेकर चूसने लगा और उसी के साथ उसकी जांघों को सहला भी रहा था.
अब मेरी भी हालत जवाब दे रही थी और मैं एड़ियों से लेकर जांघों को मुंह में भर कर चाटता रहा जब तक कि वो मुझे रोक न दे।
यहा एक बात आपको बता दूँ कि जब आप लड़की की जांघों के बीच चूमते और चाटते हैं लेकिन चूत तक नहीं जाते हैं तो लड़की और भी पागल हो जाती है, उसके पैर काम्पने लगते हैं जिसका मतलब है अब लड़की पूरी तैयार है और आप उसे पूरे दम से चोद सकते हैं।
मैं भी वही कर रहा था कि वो और गर्म हो जाए जिससे उसको दर्द का अहसास उतना न हो जितना पहली बार सेक्स में होता है.
और फिर जैसे जैसे मैं उसकी चूत के पास बढ़ने लगा तो मानो उसमें एक आग सी लग गयी. उसकी आवाज से लग रहा था कि वो अब एक पल भी टिक नहीं पाएगी और उसको अब अपनी बुर में मेरा लंड चाहिए, जिसका अहसास मुझे उसकी सिसकारियों से भी हो रहा था ‘आहहह और ज़ोर से चाटो … आहहह ह ओह हह मज्ज्जा आ रहा है!’
उसके ऐसे कहने से ना जाने मेरे अंदर इतना जोश आ गया कि मैंने एक ही झटके में उसकी पैंटी को फाड़ कर उससे अलग कर दिया और अपना मुंह उसके बुर पर रख कर पागलों की तरह चाटने लगा और साथ ही अपने जीभ से उसकी बुर का मर्दन भी करने लगा.
उसकी चूत पहले से ही बहुत पानी छोड़ रही थी और मेरा मुंह उस पर लगते ही वो और पागल हो गयी और कुछ देर चाटने के बाद वो ज़ोर से कसमसायी और अकड़ने लगी. उसका पानी छूट रहा था शायद … मेरे मुंह में ही उसकी चूत ने अपना सारा पानी उगल दिया और वो ढेर हो गयी।
क्या स्वाद था उसके पानी का … जैसी उसकी शरीर की खुशबू, वैसा ही उसके चूत के पानी का स्वाद … मज़ा आ गया।
फिर भी मैं उसकी चूत चाटता रहा.
कुछ देर तक और वो वैसे ही पड़ी रही. लेकिन अब बारी मेरी थी.
What did you think of this story??
Comments