पार्टी मांगी थी चूत देनी पड़ी
(Party Mangi Thi Chut Deni Padi)
हाय दोस्तो.. मेरा नाम ख्याति है.. मैं उत्तर प्रदेश के एक शहर से हूँ। आज मैं आप लोगों के सामने अपनी एक सच्ची घटना रखने जा रही हूँ। सबसे पहले मैं अपनी उम्र बताना चाहती हूँ.. मेरी उम्र 18 साल है.. इससे आप लोगों ने मेरे शरीर की कल्पना तो कर ही ली होगी।
मैं सीधे अपनी कहानी पर आती हूँ।
बात आज से आठ महीने पहले की है, बारहवीं का रिज़ल्ट आया था.. मैं अपने घर की छत पर टहल रही थी।
तभी पड़ोस में रहने वाला एक लड़का जिसका नाम विक्की है.. छत पर आया।
वो उस साल बारहवीं में ही था। हम लोग आपस में बात तो कर लेते थे.. पर कोई खास बात नहीं होती थी।
उस दिन मुझे पता नहीं क्या हो गया.. मैंने उससे कह दिया- बारहवीं में पास हो गए हो.. मुझे पार्टी कब दे रहे हो?
तो वो भी हँस कर बोला- बोलो क्या चाहिए?
तो मैंने कहा- जो सबको दिया हो.. उससे कुछ अलग..
बोला- ठीक है संडे को चलेंगे।
मैं ‘ठीक है..’ कह कर नीचे चली गई।
कुछ दिनों तक हम लोगों की कोई मुलाकात नहीं हुई.. पर एक दिन वो मुझे अपनी छत पर मिला।
मैं भी तुरंत उसके पास गई और सीधे कह दिया- मुझे अभी तक पार्टी नहीं मिली है..
उसने मुझसे कहा- आज शाम को 7 बजे ओम बेकरी पर आ जाना।
मैंने भी ‘ठीक है..’ कह दिया।
मैं शाम को 7 बजे ओम बेकरी की तरफ़ गई.. तो मुझे वो वहाँ पर दिखा। जैसे ही मैं उसके पास गई.. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोला- मैं तुम्हारा ही इन्तजार कर रहा था।
वो मुझे अन्दर ले गया, वहाँ पर उसके और दोस्त भी थे।
मैंने वहाँ पर काफ़ी मज़े किए, खूब खाया पिया..
फिर चलने पर उसने कहा- रात में दस बजे छत पर मिलना.. कोई ज़रूरी काम है..
मैंने ‘ठीक है..’ बोल दिया.. पर मेरा मन नहीं हुआ.. तो मैं नहीं गई।
पर पूरे दिन सोचने के बाद अगले दिन मैं गई.. तो देखा कि वो मेरा ही इन्तजार कर रहा था। उसने तुरंत मुझे अपनी छत पर बुलाया और बोला- आई लव यू..
मुझे कुछ समझ नहीं आया.. पर तब तक वो अपने होंठों को मेरे होंठ पर रख चुका था। मैंने उसको अपने से अलग किया.. तो वो एकदम से डर गया।
मैंने उससे बोला- ये सब क्या है?
तो बोला- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.. तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूँ।
मुझे लगा कि ये सच बोल रहा है.. तो मैंने भी बोल दिया- मैं भी..
फिर क्या था.. उसने फिर से मुझे किस करना चालू कर दिया।
इस बार मैंने सोचा कि जो करना है.. करने दो..
मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी।
फिर क्या था.. साथ-साथ वो मेरे मम्मे भी दबा रहा था।
मैं भी मस्त हो रही थी.. फिर वो मुझे अपने कमरे में ले गया जो कि छत पर ही था। एक छोटा सा कमरा उसमें एक खटिया थी.. जिस पर उसने मुझे लिटाया और मेरे ऊपर टूट पड़ा।
मैं भी उत्तेजित हो रही थी.. मैंने भी उसको कस कर पकड़ रखा था। फिर उसने मेरे टॉप पकड़ा और उतारने की कोशिश करने लगा।
मैंने भी उसको उतारने दिया।
फिर उसने मेरी कैपरी को भी उतार कर नीचे डाल दिया। अब मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी.. क्योंकि मैं रात के समय अन्दर कुछ भी नहीं पहनती हूँ।
फिर उसने मेरे बोबे अपने मुँह में भर लिए और उनको चूसने लगा, मैं भी पागल हुई जा रही थी।
फिर मैंने उसकी शर्ट के बटन खोले.. तो वो खड़ा हुआ और अपने सारे कपड़े उतार कर नीचे गिरा दिए।
मैं उसका लण्ड देख कर घबरा गई, तकरीबन 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा रहा होगा।
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वो उसे अपने हाथ से पकड़ कर मसल रहा था। फिर उसने अपना ‘वो’ मेरे हाथ में पकड़ा दिया, मैं भी उसको मसलने लगी।
फिर वो बोला- मुँह में लो..
तो मैंने उसे ‘गंदा है..’ बोल कर मना कर दिया।
उसने कोई ज़ोर नहीं डाला और मेरे नीचे की और हो गया। फिर उसने मेरी योनि को खूब चाटा.. मुझे मज़ा आ रहा था। मैं जोश में उसके बाल नोंच रही थी।
फिर वो अपना लिंग हाथ में लेकर मेरी योनि की तरफ़ आया।
मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं.. उसने अपने लिंग को मेरी योनि पर रखा.. कुछ देर रगड़ा.. फिर धीमे से अन्दर की ओर धक्का दिया। मुझे दर्द हुआ.. तो मैंने अपने मुँह पर हाथ रख लिया।
फिर वो भी मेरे ऊपर लेट गया और अन्दर की ओर धक्का देने लगा और मुझे किस करने लगा।
फिर उसने धीरे-धीरे अपना पूरा लिंग मेरी योनि में घुसा दिया.. मुझे अब दर्द कम हो रहा था। मैं भी उसको चूम रही थी फिर वो अपने लिंग को अन्दर-बाहर करने लगा।
तकरीबन दस मिनट बाद उसने मेरे अन्दर कुछ पानी सा छोड़ दिया, मैं भी पस्त हो गई थी, उसने अपना लिंग बाहर निकाला.. तो खून सा लगा था।
मैं भी लेटी रही.. वो भी अपना लिंग सहलाता रहा।
करीब 20 मिनट बाद उसका लिंग फिर सख़्त होने लगा।
उसने एक बार फिर मेरे साथ वो सब किया।
फिर मेरी योनि को एक कपड़े से पोंछ कर मुझे मेरे कपड़े दे दिए। मैंने कपड़े पहने और उसको बिना देखे.. वहाँ से चली आई।
अगले दिन जब वो मुझे मिला.. तो मुझे देख कर मुस्कराया.. मैं भी मुस्कराई.. पर उस दिन के बाद मैंने वो कोई काम दोबारा नहीं किया।
यह मेरी पहली कहानी है तो दोस्तो प्लीज़ बताना ज़रूर कि मेरी कहानी आपको कैसी लगी.. क्योंकि मैंने अपनी कहानी में कुछ भी ग़लत नहीं कहा है, जो मेरे साथ हुआ वो आप लोगों को सच-सच ही बताया है।
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