पहले प्यार ने दिया चुत चुदाई का प्यारा तोहफा
(Pahle Pyar Ne Diya Chut Chudai Ka Pyara Tohfa)
हेलो दोस्तो, सभी चुत लंड को मेरा प्रणाम!
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है, कोई गलती हो जाए तो माफ करना!
मेरा नाम है परवीन जांगड़ा, मैं हरियाणा के जींद जिले से हूँ, उम्र 26 साल, 5’10” की हाईट, गोरा रंग, दिखने में नार्मल हूँ, 7.5″ लम्बे और 2.5″ मोटे लंड का मालिक हूँ।
एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता हूँ, जिसकी वजह से बहुत ट्रेवल करना पड़ता है।
मेरी ताकत मेरी चोदने की शाक्ति है, जो लड़की, भाभी, आंटी एक बार अपनी चुत मेरे से चुदवा ले, वो बार बार मेरे को बुलाती है। आजकल टाइम पास के लिये जिगोलो का काम करता हूँ, जयपुर, जोधपुर, एनसीआर, चंडीगढ़, और बहुत सारे शहरों में अपनी सेवा देता हूँ, अक्सर यहाँ मेरा कंपनी का काम होता है, और साथ में मेरा भी काम निकल जाता है।
आज मैं आपको मेरे साथ हुई पहली घटना बताने जा रहा हूँ, आशा करता हूँ आप सबको पसंद आएगी।
बात है 2009 की, उस टाइम मेरी उम्र 19 साल थी, मैं इंजीनियर कॉलेज में पढ़ता था, वहाँ पर बहुत लड़कियाँ आती थी।
अब हम ठहरे कम्प्यूटर इंजीनियर, जहाँ लड़कियों की कोई कमी नहीं थी, वैसे भी इंजीनियरिंग कॉलेज में लड़कियों की कहाँ कमी होती है।
मेरी ही क्लास में एक लड़की आती थी, जिसका नाम था पूनम (बदला हुआ नाम), गोरा रंग, 5’5″ की हाईट, मोटी गांड, बड़े-बड़े चुचे, जब चलती थी तो लड़कों का दिल धड़कता था, 30-28-32 का साइज, जो किसी को भी पागल कर दे।
मुझे तो उसको पहले दिन देखते ही प्यार हो गया था, अब मैं उसको पटाने की कोशिश करने लगा, बहुत बार फ्रेंडशिप के लिए बोला पर हर बार निराशा ही हाथ लगती, वो किसी को भाव ही नहीं देती थी।
अब मैंने सोचा की किसी और पर ट्राई करनी पड़ेगी, ऐसे ही एक साल निकल गया।
अगले साल उसको ट्यूशन लगाना था, परन्तु घर की हालत ठीक नहीं थी जिसस वो टेंशन में रहने लग गई, मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा था, जिसका मुझे बाद में फायदा मिला।
एक दिन मैं और मेरे दोस्त कॉलेज के बगीचे में बैठे थे कि पीछे से किसी लड़की ने मुझे आवाज दी।
मेरे दोस्त उसे देख कर चले गए, मुझे कुछ समझ नहीं आया।
मैंने पीछे मुड़ के देखा तो पूनम खड़ी थी, ब्लैक सूट-सलवार, लंबे-लंबे खुले बाल, सच में किसी परी से कम नहीं लग रही थी, बस मन कर रहा था कि अभी पकड़ कर चोद दूँ!
उसने फिर आवाज दी, मैंने खुद को संभाला और ख्वाबी दुनिया से बाहर आया।
फिर उसने मुझे बताया- मुझे पढ़ने में दिक्कत आ रही है और घर की हालत भी ठीक नहीं है, वरना ट्यूशन कर लेती, आप मेरी हेल्प कर दो।
मैंने उसकी हेल्प करने की हाँ कर दी, जिससे उसके चेहरे पे खुशी छा गई और हमने अपने नंबर एक्सचेंज कर लिए।
अब हम अक्सर एक साथ रहते, क्लास में भी एक साथ बैठते, रात भर खूब बातें करते, स्टडी भी करते, कभी वो मेरे घर आ जाती तो कभी मेरे को अपने घर बुला लेती, वो अपने माँ-बाप की इकलौती बेटी थी, उसके घर वालों को भी मेरे ऊपर विश्वास हो गया कि लड़का अच्छा है।
हमारी दोस्ती ओर गहरी हो गई।
ऐसे ही एक सेमस्टर और निकल गया, उसके बहुत अच्छे नंबर आए, उसने इसका क्रेडिट मुझे दिया, धन्यवाद बोला।
मैंने उससे पार्टी मांगी तो उस दिन रात को हमने साथ में डिनर किया।
फिर आया प्यार वालों का दिन वैलेंटाइन डे… मैंने सोचा क्यों ना एक बार और कोशिश की जाए!
उस दिन मैं अच्छे से तैयार होकर गया।
कॉलेज में पहुँचा तो माहौल कुछ और था कॉलेज का, हर तरफ कपल ही कपल, मेरी निगाह तो बस मेरी जान को ढूंढ रही थी।
फिर पता चला कि वो तो केन्टीन में गई हुई है।
इतनी देर में उसका कॉल आ गया- तुम आज कॉलेज नहीं आए क्या?
मैंने उसे अपनी लोकेशन बता दी, थोड़ी देर में वो आ गई और मेरे दोस्तों ने हमें अकेले छोड़ दिया।
क्या लग रही थी वो सफ़ेद सूट सलवार में!
पूनम- मुझे आपसे कुछ कहना है।
मैंने कहा- कहो क्या कहना है?
पूनम- परवीन, मुझे तुमसे प्यार हो गया है, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती!
और गले से लग गई।
मैंने भी उसको जोर से अपनी बाहों में ले लिया, उसको प्यार का इज़हार किया, बताया कि मैं भी आज तुम्हें प्रपोज करने आया था।
फिर हमारे होंठ आपस में मिल गये, एक लंबा चुम्बन हुआ।
उस दिन तो जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो।
अब हम सेक्सी चैट करते थे, फ़ोन सेक्स करने लग गए, जब भी मौका मिलता, बस एक हो जाते।
एक दिन कॉलेज के बगीचे में बैठे थे, और हमारे सामने एक कपल चुम्बन कर रहा था, मैंने भी उसकी जाँघ पे हाथ रख दिया, धीरे धीरे सहलाने से वो थोड़ी गर्म हो गई और हम भी चुम्बन करने लग गए, होठों को होठों में लेकर खूब देर तक चूमता रहा।
मैंने उसको अपनी इच्छा बताई कि मुझे सेक्स करना है।
वो कुछ नहीं बोली, बस गले से लग गई।
फिर एक दिन उसकी सुबह सुबह कॉल आई- आज घर पे अकेली हूँ, मम्मी पापा बाहर गये हैं, रात को लेट आएँगे, आप आ जाना!
मैं कॉलेज के लिये तो तैयार ही था, बस अपनी बाइक घूमा दी पूनम के घर की तरफ!
उसके घर के सामने जाकर फ़ोन किया, तो उसने दरवाजा खोला।
क्या लग रही थी, वाइट टॉप, ब्लैक कैप्री, मैं तो बस देखे जा रहा था।
उसने कहा- अंदर आओ जनाब, या ऐसे ही देखते रहोगे?
अंदर जाते ही मैं शुरू हो गया, गले को चूमता हुआ, होंठों पे, गाल पे, आँखों पे, हर जगह पागलों की तरह चूम रहा था और वो मुझे चूम रही थी।
फिर उसने ही रोका- पहले कुछ खा-पी लेते हैं, फिर पूरा दिन अपना है, आज आपका जो मन करे वो करना, आज पूनम आपकी है।
मैंने जल्दी से खाना खाया और उसको भी खिलाया, बोला- अब तो खाना भी हो गया, अब क्या करें?
पूनम- जो आपका मन करे!
मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और चुम्बन करते हुए उसे उसके रूम में ले गया।
पूनम- परवीन बाबू, प्लीज आज मेरी खुल के चुदने की इच्छा है, यह साली चुत तेरा नाम ले ले कर मुझे बहुत परेशान करती है, फाड़ दो साली को आज, बहुत आग लगी है इसमें!
मैं ये सब सुन कर हैरान था कि यह तो साली रंडी है बिल्कुल! मैंने बोला- पूनम रानी, आज इस चुत का चितौड़गढ़ बना दूंगा, इसने मुझे भी बहुत सताया है।
पहले मैंने उसके होटों को खूब चूसा और उसका वाइट टॉप उतार दिया, नीचे लाल रंग की ब्रा देख कर पागल हो गया, फिर उसको गले से चूमता हुआ उसकी चूची पर पहुँच गया और धीरे से उसकी ब्रा को खोल दिया, 2 कबूतर फड़फड़ाते हुए मेरे सामने आ गए।
पूनम ने अपने हाथों से पकड़ के अपनी चूची मेरे मुंह में दे दी, वह सिसकारी लेने लग गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ बड़बड़ाने लग गई- सीईईई उईईईई परवीन बाबू मर गई, और जोर से चूसो। आआअ… आआह मजा आ गया बाबू ऐसे ही चूसो!
फिर मैंने उसकी कैप्री भी उतार दी, और देखा कि पेंटी भी लाल रंग की थी- बेबी, मेरी पसन्द का कलर पहन रखा है, आज चुदने का पूरा प्लान था क्या?
पूनम हाँ बाबू, इस चुत ने बहुत रुलाया है आपके बाबू को, आज इसको फाड़ दो।
इतना सुनते ही मैंने पेंटी भी उतार दी, अपने कपड़े भी उतार दिए, अब हम दोनों नंगे थे, वो बस मेरा लंड देख रही थी, बोली- बाबू यह तो बड़ा है, मैं तो मर जाऊँगी।
मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और वो सहलाने लग गई।
मैंने 69 की पोजीशन बनाई और उसकी चुत चाटने लग, चुत पे मुँह लगते ही वो बड़बड़ाने लगी- सीईईई उईईईई माँ उईईईई बाबूऊऊऊ मर्रर्र गईईई!
थोड़ी देर बाद वो भी मेरा लंड चूसने लग गई, मैं जैसे जन्नत में था, मैंने उसकी चुत चाट चाट कर उसका पानी निकाल दिया और सारा पी गया। क्या स्वाद था, नमकीन नमकीन चुत का पानी एक तरफ़ और दुनिया एक तरफ!
फिर उसके चुचे और होटों को चूस कर उसको दुबारा गर्म कर दिया।
पूनम- बाबू, और मत तड़पाओ, डाल दो अपना लंड मेरी छोटी सी चुत में और मुझे अपनी बना लो।
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मैंने देर ना करते हुए मौके को समझा और उसकी टांगों के बीच आ गया, गांड के नीचे तकिया रखा, चुत थोड़ी ऊपर आ गई और खुल भी गई, चुत और लंड पे तेल लगाया, दोनों टांगो को कंधे पे रखा, लंड को चुत पे सेट किया और जोरदार धक्का मारा, लेकिन चुत टाइट थी तो लंड फिसल गया।
फिर बहुत सारा तेल लगाया और तीसरी बारी में लंड का टोपा चुत में… पूनम जोर से चिल्लाई- उईईई माँ मर गईईई, मार दिया रे इस हरामी ने उफ्फ… उईईई… निकल साले अपना लंड, मुझे नहीं चुदवानी चूत!
घर में कोई नहीं था तो मैंने उसको चिल्लाने दिया।
फिर थोड़ी देर उसके होटों को चूसा, चुचों को चूसा, थोड़ी देर बाद उसने नीचे से गांड हिला के इशारा किया तो एक और धक्का… और आधा लंड चुत में!
पूनम फिर बोली- उईईईई माँ मर गईईईई!
और आँखों से आंसू आने लगे।
मुझे भी हल्का सा दर्द हो रहा था, वो बार बार छोड़ने की मिन्नत कर रही थी।
मैंने एक और धक्का मारा और पूरा लंड पूनम की चूत में उतार दिया, वो तो जैसे बेहोश ही हो गई थी।
थोड़ा होश आया तो दर्द से ‘उईईईई माँ मर गईईईईई…’ और आँखों से आंसू आने लग गये।
चुत की साइड से खून निकल रहा था, फिर कुछ देर मैंने उसको चूमा, जब तक वो नार्मल नहीं हुई।
उसने फिर नीचे से गांड हिला कर इशारा किया, मैंने धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ा दी और फिर टप टप, धप धप की आवाज़ से रूम गूंज उठा, वो दो बार झड़ चुकी थी।
फिर मैंने उसको घोड़ी बना कर चोदा, फिर हमने 2-3 आसन यूज़ किये, उस दिन 4 बार चोदा उसको!
हम दोनों पूरे थक गये थे तो मैं अपने घर आ गया।
उसके बाद तो बहुत बार चोदा उसको, उसकी सहेली को भी चोदा, उसकी गांड भी मारी।
अब उसकी शादी हो चुकी है, ओर जब भी घर आती है तो चुत और गांड चुदवा के जाती है।
उसने बताया- मेरा हस्बैंड मुझे सेक्स का असली मजा नहीं दे पाता, जो मजा तेरे साथ आता है वो किसी और के साथ नहीं आता!
आपको मेरी सेक्स स्टोरी कैसी लगी, मुझे जरूर लिखें।
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