स्नेहा और मैं

दोस्तों मेरा नाम रॉकी है, दिल्ली का रहने वाला हूँ। मैं आपके सामने एक घटना बताने जा रहा हूँ जो मेरे साथ घटी है, यह सब मुझसे गलती से हुआ था।

मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता था, जिसमें दो लड़कियाँ और एक लड़का था। दोनों लड़कियाँ लड़के से बड़ी थी, बड़ी वाली का नाम स्नेहा था। यह कहानी उसके और मेरे बारे में है।

अब मैं थोड़ा स्नेहा के बारे में बताता हूँ, वो लड़की एक दम गोरी थी, उसके आँखें नीली थी और होंठ गुलाबी ! उसका फिगर तो पूरा मस्त था यारो ! 36-26-36, और सबसे बड़ी बात वो मुझसे दो साल बड़ी थी। पर बड़ी लड़की के साथ ही सेक्स करने में मज़े आते हैं।

हम दोनों दस सालों से दोस्त थे मतलब बचपन से ही जब वो गयारह साल की थी और मैं नौ साल का ! और आज वो इक्कीस साल की है और मैं उन्नीस साल का और मेरा लंड 7″ लम्बा और 4″ मोटा है।

अब मैं आगे बताता हूँ-

हुआ ऐसे कि मेरे बड़े भाई की शादी हो रही थी तो उनके पूरे परिवार को भी आना था, इसलिए मम्मी ने स्नेहा को बुला लिया था काम करवाने के लिए।

सर्दियों के दिन थे, एक रात को उसने नीली जींस और गुलाबी टॉप पहना हुआ था, बहुत मस्त लग रही थी। हम दोनों एक ही रजाई में बैठे थे और स्नेहा मेरे मोबाइल में वीडियो गाने देख रही थी तो समय बिताने के लिए मैं भी देखने लगा उसके साथ।

अचानक मेरे मोबाइल में अगले वीडियो के बाद ब्लू फिल्म की क्लिप्पिंग शुरू हो गयी और मुझे डर लगने लगा कि कहीं यह अब मम्मी से न बोल दे।

मैंने उससे मोबाइल माँगा बंद करने के लिए पर उसने कहा- चलने दो ! अच्छा लग रहा है !

और मुझे क्या चाहिए था ! मैं खुश हो गया कि चलो आज काम बन जायेगा !

पर एक दो क्लिप्पिंग देखने के बाद मेरा भाई आकर मोबाइल ले गया। अब मैं अपनी किस्मत को गाली दे रहा था फिर हम दोनों लेट गए और करीब पन्द्रह मिनट बाद मैंने डरते हुए अपना एक पैर उसके पैर से लगाया। उसने कुछ नही बोला। फिर धीरे-धीरे मैंने अपना एक हाथ उसके चूचों पर लगा दिया और दूसरे हाथ से उसकी गर्दन पकड़ कर अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर चूमने लगा। बहुत मीठे होंठ थे यारो उसके !

फिर मैंने उसका टॉप कमर पर से पकड़ कर ऊपर दिया क्योंकि उतारने में डर था कि कोई आ न जाए ! फिर मैंने अपने होंठ उसके चूचों पर लगा कर उन्हें चूसने लगा। और चूसते-2 मैंने अपने एक हाथ से उसके जींस की बटन खोल कर उसका जींस घुटनों तक कर दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को रगड़ने लगा। उसकी पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी। फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी चूत के अन्दर डाल दी।

वो धीरे से चिल्ला पड़ी, बोलने लगी- लग रही है !

मैंने कहा- जान, अभी तो ऊँगली ही गई है, जब यह व्हार इन्च मोटा जायेगा तो क्या करोगी ?

वो मेरी इस बात से डरने लगी।

मैंने उससे कहा- डरो मत ! मैं दर्द नहीं होने दूंगा।

फिर मैंने उसके चूचों को चूसते हुए अपनी जींस भी उतार दी और उसका हाथ ले कर अपने लंड पर रख दिया।

वो बोली- रोक्स, बहुत मोटा और लम्बा है !

मैंने कहा- जान, तभी तो मज़ा आएगा !

और मैंने फिर उसको कमर से पकड़ कर अपने पेट से लगा लिया जिसकी वजह से मेरा लंड उसकी चूत को छूने लगा। और फिर मैंने उसकी पैंटी नीचे करके अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा। दोस्तो, आप सोच सकते हो जींस घुटने तक उतर कर कोई कैसे ये काम कर सकता है मैं उसके पैरों के बीच मैं आ गया जिसकी वजह से मेरे लंड का निशाना सीधे उसकी चूत हो गई। फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रख कर एक हल्का सा झटका मारा जिसकी वजह से वो दर्द की वजह से चीखने वाली थी पर नही चिल्लाई। फिर मैंने उसके मुँह पर हाथ रख कर एक ऐसा झटका दिया कि मेरा लंड पाँच इन्च तक चला गया और फिर वो मेरा हाथ अपने मुँह से हटाने की कोशिश करने लगी पर मैंने नहीं हटाया। और फिर मैं पाँच मिनट तक ऐसे ही रहा। जब लगा कि वो अब ठीक है, तब मैंने धीरे आगे-पीछे करना चालू कर दिया जिसकी वजह से स्नेहा को भी मज़े आने लगे।

मैंने कहा- जान, एक बार और सम्भाल लेना !

और मैंने एक और झटका दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और वो फिर दर्द से तड़पने लगी पर थोड़ी देर बाद वो ठीक हो गई और मेरा साथ देने लगी।

फिर मैं उसी अवस्था में उसको झटके मारने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। करीब दस मिनट बाद वो हड़ गई पर मैं अभी भी चालू था ।

वो बोली- तुम कब तक करोगे?

मैंने कहा- जान, मैं थोड़ा ज्यादा समय लेता हूँ !

और करीब 15 मिनट बाद मैंने उसकी जांघों पर वीर्यपात कर दिया और फिर मैंने उसको एक लम्बा चुम्बन दिया और फिर हमने अपने कपड़े ठीक किये पर उसने मेरा लंड नही छोड़ा और बोली- तुम्हारा लंड बहुत दमदार और अच्छा है।

दोस्तो, मेरे लंड पर वो फ़िदा हो गई।

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